दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय यह पाठ शक्ति, भक्ति और विजय का प्रतीक है,

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  • Опубликовано: 9 фев 2025
  • दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय देवी महालक्ष्मी के महात्म्य और असुरों पर उनकी विजय को दर्शाता है। इस अध्याय में देवताओं की स्तुति, महिषासुर के अत्याचार और माँ दुर्गा के प्रकट होकर उसे पराजित करने की गाथा वर्णित है। यह पाठ शक्ति, भक्ति और विजय का प्रतीक है, जो हर भक्त को माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
    आप इसे आध्यात्मिक उन्नति, शक्ति साधना और नकारात्मकता पर विजय प्राप्त करने के लिए पढ़ सकते हैं। जय माता दी!
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