@@sudarshan3883 bhai Tum to shiv drohi bakramundi iskconite ho na.... Jo shiv ko moksh dayi nhi mante.. Jo bhagban shiv ko krishna se doyam darze ka mante ho.. Equal nhi mante.
shivansh bhaiya aap in anarya samajiyon ki vajah se apna swasthya kharab na karen ye 200 salon se yahi kar rahe h .inki utpatti hi sanatan ke mul teen siddhant ke vipreet pralap karne ke liye hui h.dharam ko in jaise logon se hi khatra h hum sab mil ke in ka samna karenge . gurudev ke hi to vachan h ki "karmaney vadhikarasthe mafaleshu kadachana" humare sath paramatma shree ram h hum satya sanatan me guru ,govind or granth ko stapit milkar karenge .jai shree ram bhaiya .narayan.
शिवांश भैया❤ जय श्री राम🗿 . . वो मै कह रहा था की, आप वो वाला डायलॉग बोल दिया करो बीच-बीच में की😅, “जिसकी भी मां ने निष्ठापूर्वक ..............." . अलंकार समाजियो के ऊपर ये बयान थोड़ा ज़्यादा ही प्रासंगिक लगता है😂
।श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में स्पष्ट रूप से बताया है कि ज्ञान का यह स्वरूप (योग) कोई नया ज्ञान नहीं है, बल्कि यह सनातन और प्राचीन ज्ञान है, जो परम्परा से चलता आ रहा था। लेकिन समय के प्रभाव से यह ज्ञान लुप्त हो गया था। इसलिए उन्होंने अर्जुन को इसे पुनः बताया। यह बात भगवद्गीता के अध्याय 4, श्लोक 1-3 में स्पष्ट की गई है: श्लोक 1 श्री भगवानुवाच: इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्। विवस्वान् मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्॥ अनुवाद: श्रीकृष्ण ने कहा: “मैंने यह अविनाशी योग सबसे पहले विवस्वान (सूर्य) को दिया। विवस्वान ने इसे मनु को बताया और मनु ने इसे इक्ष्वाकु को प्रदान किया।” श्लोक 2 एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदुः। स कालेनेह महता योगो नष्टः परन्तप॥ अनुवाद: “इस प्रकार यह ज्ञान परम्परा से प्राप्त होता रहा, और राजर्षियों ने इसे जाना। लेकिन, समय के प्रभाव से यह योग इस संसार में लुप्त हो गया।” श्लोक 3 स एवायं मया तेऽद्य योगः प्रोक्तः पुरातनः। भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम्॥ अनुवाद: “आज वही प्राचीन योग मैंने तुम्हें कहा है, क्योंकि तुम मेरे भक्त और सखा हो। यह (ज्ञान) महान रहस्य है।” कृष्ण द्वारा परम्परा का वर्णन: इन श्लोकों से स्पष्ट है कि भगवद्गीता का ज्ञान आदिकाल से चला आ रहा है। • श्रीकृष्ण ने कहा कि उन्होंने यह ज्ञान सबसे पहले विवस्वान (सूर्य) को दिया। • फिर सूर्य ने यह ज्ञान मनु (मानवता के आदिपुरुष) को प्रदान किया। • इसके बाद यह ज्ञान इक्ष्वाकु (सूर्य वंश के प्रथम राजा) को दिया गया। • इस प्रकार यह ज्ञान राजर्षियों (धर्मात्मा राजाओं) द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचित हुआ। लेकिन समय के साथ, इस ज्ञान का पालन करना बंद हो गया और यह लुप्त हो गया। महर्षि दयानन्द का ज्ञान पुनः देना: यदि श्रीकृष्ण इस लुप्त ज्ञान को अर्जुन को पुनः दे सकते हैं, तो महर्षि दयानन्द भी 5,000 वर्षों से लुप्त वेदज्ञान को पुनः दे सकते हैं। • श्रीकृष्ण ने स्वयं स्वीकार किया कि समय के प्रभाव से ज्ञान लुप्त हो सकता है (श्लोक 2)। • महर्षि दयानन्द ने भी इसी सनातन ज्ञान को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया, जो वेदों में संचित है। • वेद ज्ञान शाश्वत है और इसे युग-युग में पुनः प्रकाशित करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि श्रीकृष्ण ने किया। निष्कर्ष: श्रीकृष्ण ने यह ज्ञान पुनः दिया क्योंकि यह समय के साथ खो गया था। इसी प्रकार, महर्षि दयानन्द ने वेदों के प्राचीन और शाश्वत ज्ञान को पुनः प्रकाशित किया। यह कार्य वेद और गीता की परम्परा के अनुरूप ही है। श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए श्लोक यह सिद्ध करते हैं कि प्राचीन ज्ञान समय-समय पर पुनः प्रकाशित करने की आवश्यकता होती है। आह्वान परमपरा की बात करते हैं, मैं पूछना चाहता हूँ कि गीता की परंपरा किस आधार पर पाई जाती है?”
🕉🕉🕉 श्रीराम। सर्वशक्तिमान के अलावा सर्वव्यापकता पर विशेष रूप से प्रमाण मांगा जाना चाहिये। सर्वशक्तिमान तो अपनी तरफ से वे सिद्ध कर ही चुके हैं कि वह सतलोक में बैठा है लेकिन उसकी शक्ति सर्वत्र व्याप्त है। लेकिन एक स्थान पर बैठे ईश्वर कॊ वे सर्वव्यापी कैसे सिद्ध कर पाएंगे ? अतः उनसे उनके ईश्वर का सर्वव्यापकता का प्रमाण मांगना ज्यादा उचित है।
शिवांश भाई, जो इस लेटर में 3 अहसान वाली बाते लिखी है न - इससे मैं कन्फर्म कर सकता हु कि ये बाते कुरूतेश पटेल / मिलावट उवाच ने ही लिखी है । 😂😂😂क्योंकि उससे ज्यादा मूर्खता पूर्ण ऐसी अहसान वाली बाते कोई नहीं लिख सकता। भाषा शैली से ही समझ आ गया । 😂😂😂
पूरे अलंकार समाज में वह सामर्थ्य नहीं की आपकी एक भी बात का सही तथ्यात्मक तरीके से भी खंडन कर सके। बस इधर उधर की बात करेंगे शास्त्रार्थ शास्त्रार्थ करेंगे पर आयेंगे नहीं।😂😂
भैया , आप धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज ने जो आदेश हमारे गुरुदेव पुरी वाले शंकराचार्य जी को दिए थे , भविष्य में नास्तिकता का भयंकर तांडव होगा। पर नदी की धारा में बहना मत मुर्दे बहते है। जीवित हाथ पांव मारते रहते है। नास्तिकता का खंडन कर धर्म स्थापना में सहयोग देना। श्री राम की कृपा से आप वह कार्य कर रहे है। धर्म सम्राट जी अप्रत्यक्ष रूप से सदैव आपके साथ है।
तुम्हारे पास लेटर लिखने का समय नही है लेकिन दो घंटे वीडियो बनाने का समय है विज्ञान दर्शन वाले भाई से डिबेट करने में क्यों डर गए क्योंकि उसके पॉडकास्ट देखकर तुम्हारी हवा निकल गई होगी😂😂परंपरा वाड़ी😂
Unka kaam hi hai video banana aur logo ko jagruk karna , aur uske uppar se 1 ghante letter likhne ka time vo bhi Arya namajiyo ke liye sbke pas nhi hota... Har video ke liye bhi alag se time lgta hai research, camera, set, telecasting etc. Dusari baat, bhaga tumhara vigyan darshna hai debate se😂, kyuki pahle kisi live me jakr ahvaan ko galat bola tha usne aur baad jb mafi mangne ko bola gya to uski phat gyi... Isliye jake boldo apne vigyan darshan se, mafi mange aur turant diye gye number pe contact krke aa jaye charcha krne, pura bhram utar jayega❤
शंकरो शंकर: साक्षात्। जगद्गुरू आद्यशंकराचार्य सदा विजयतेतराम। शांकर संप्रदाय सदा विजयतेतराम।
कोई नहीं है टक्कर में 💪💪
Bhai tum to Arya samaj ka vichardhara ka follower tha na?
@@sudarshan3883 bhai Tum to shiv drohi bakramundi iskconite ho na....
Jo shiv ko moksh dayi nhi mante..
Jo bhagban shiv ko krishna se doyam darze ka mante ho..
Equal nhi mante.
सत्य की सदा ही जय हो
सनातन धर्म के अतिरिक्त आर्यसमाज आदि कोई भी धर्म नहीं है।ये सभी तथाकथित धर्माभास हैं। सत्यमेव जयते।
न डर कोई हैवान का न राक्षस शैतान का और न डर कोई बारिश आंधी तूफान का जिसके दिल मैं " राम " बसे वोही पर्वत चटान सा | " जय श्री राम "
शुक्रिया आपका ये मैंने आपके लिए ही लिखा है
ज्ञानी आदमी कभी आप जैसा नहीं हो सकता
हर हर महादेव 🙏🚩
जय श्री राम 🏹
जय श्री कृष्ण 🙏
हर हर महादेव 🔱
Jai shri radhe Krishna
हर दिन तेरा जा रहा व्यर्थ जन्म अनमोल हर घड़ी हर पल दास तू नाम हरी का बोल प्यारे नाम राम का बोल | " जय श्री राम "
जय हो🎉❤
बहुत बढ़िया भैया। जय श्री राम ❤
Jai shree Narayana sabhi ko ,Har har mahadev ❤
shivansh bhaiya aap in anarya samajiyon ki vajah se apna swasthya kharab na karen ye 200 salon se yahi kar rahe h .inki utpatti hi sanatan ke mul teen siddhant ke vipreet pralap karne ke liye hui h.dharam ko in jaise logon se hi khatra h hum sab mil ke in ka samna karenge . gurudev ke hi to vachan h ki "karmaney vadhikarasthe mafaleshu kadachana" humare sath paramatma shree ram h hum satya sanatan me guru ,govind or granth ko stapit milkar karenge .jai shree ram bhaiya .narayan.
Jay Shri Krishna
जय श्री राम कृष्ण हरि हर नारायण।।
शिवांश भैया❤
जय श्री राम🗿
.
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वो मै कह रहा था की, आप वो वाला डायलॉग बोल दिया करो बीच-बीच में की😅,
“जिसकी भी मां ने निष्ठापूर्वक ..............."
.
अलंकार समाजियो के ऊपर ये बयान थोड़ा ज़्यादा ही प्रासंगिक लगता है😂
जय श्री राम भैया
जय श्री राम
अपनी बौखलाहट प्रदर्शित करता है अलंकारी समाज पत्र के माध्यम से
😊
Jai shré ❤ram
जय श्री राम, हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏
आज नमाजी अधर्म का प्रचार कर रहे है।
Jay Sharee Krishna
पुरी पीठाधीश्वर की सतत जय
।श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में स्पष्ट रूप से बताया है कि ज्ञान का यह स्वरूप (योग) कोई नया ज्ञान नहीं है, बल्कि यह सनातन और प्राचीन ज्ञान है, जो परम्परा से चलता आ रहा था। लेकिन समय के प्रभाव से यह ज्ञान लुप्त हो गया था। इसलिए उन्होंने अर्जुन को इसे पुनः बताया। यह बात भगवद्गीता के अध्याय 4, श्लोक 1-3 में स्पष्ट की गई है:
श्लोक 1
श्री भगवानुवाच:
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्।
विवस्वान् मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्॥
अनुवाद:
श्रीकृष्ण ने कहा: “मैंने यह अविनाशी योग सबसे पहले विवस्वान (सूर्य) को दिया। विवस्वान ने इसे मनु को बताया और मनु ने इसे इक्ष्वाकु को प्रदान किया।”
श्लोक 2
एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदुः।
स कालेनेह महता योगो नष्टः परन्तप॥
अनुवाद:
“इस प्रकार यह ज्ञान परम्परा से प्राप्त होता रहा, और राजर्षियों ने इसे जाना। लेकिन, समय के प्रभाव से यह योग इस संसार में लुप्त हो गया।”
श्लोक 3
स एवायं मया तेऽद्य योगः प्रोक्तः पुरातनः।
भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम्॥
अनुवाद:
“आज वही प्राचीन योग मैंने तुम्हें कहा है, क्योंकि तुम मेरे भक्त और सखा हो। यह (ज्ञान) महान रहस्य है।”
कृष्ण द्वारा परम्परा का वर्णन:
इन श्लोकों से स्पष्ट है कि भगवद्गीता का ज्ञान आदिकाल से चला आ रहा है।
• श्रीकृष्ण ने कहा कि उन्होंने यह ज्ञान सबसे पहले विवस्वान (सूर्य) को दिया।
• फिर सूर्य ने यह ज्ञान मनु (मानवता के आदिपुरुष) को प्रदान किया।
• इसके बाद यह ज्ञान इक्ष्वाकु (सूर्य वंश के प्रथम राजा) को दिया गया।
• इस प्रकार यह ज्ञान राजर्षियों (धर्मात्मा राजाओं) द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचित हुआ।
लेकिन समय के साथ, इस ज्ञान का पालन करना बंद हो गया और यह लुप्त हो गया।
महर्षि दयानन्द का ज्ञान पुनः देना:
यदि श्रीकृष्ण इस लुप्त ज्ञान को अर्जुन को पुनः दे सकते हैं, तो महर्षि दयानन्द भी 5,000 वर्षों से लुप्त वेदज्ञान को पुनः दे सकते हैं।
• श्रीकृष्ण ने स्वयं स्वीकार किया कि समय के प्रभाव से ज्ञान लुप्त हो सकता है (श्लोक 2)।
• महर्षि दयानन्द ने भी इसी सनातन ज्ञान को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया, जो वेदों में संचित है।
• वेद ज्ञान शाश्वत है और इसे युग-युग में पुनः प्रकाशित करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि श्रीकृष्ण ने किया।
निष्कर्ष:
श्रीकृष्ण ने यह ज्ञान पुनः दिया क्योंकि यह समय के साथ खो गया था। इसी प्रकार, महर्षि दयानन्द ने वेदों के प्राचीन और शाश्वत ज्ञान को पुनः प्रकाशित किया। यह कार्य वेद और गीता की परम्परा के अनुरूप ही है। श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए श्लोक यह सिद्ध करते हैं कि प्राचीन ज्ञान समय-समय पर पुनः प्रकाशित करने की आवश्यकता होती है।
आह्वान परमपरा की बात करते हैं, मैं पूछना चाहता हूँ कि गीता की परंपरा किस आधार पर पाई जाती है?”
Bahut badhiya 🎉🎉
आ जाओ सामने बोलती बंद हो जाएगी।मूर्खता की हद पार कर दी।कुछ बुद्धि बची है तो सत्य को स्वीकार करना सीखो।
🕉🕉🕉
श्रीराम।
सर्वशक्तिमान के अलावा सर्वव्यापकता पर विशेष रूप से प्रमाण मांगा जाना चाहिये। सर्वशक्तिमान तो अपनी तरफ से वे सिद्ध कर ही चुके हैं कि वह सतलोक में बैठा है लेकिन उसकी शक्ति सर्वत्र व्याप्त है। लेकिन एक स्थान पर बैठे ईश्वर कॊ वे सर्वव्यापी कैसे सिद्ध कर पाएंगे ? अतः उनसे उनके ईश्वर का सर्वव्यापकता का प्रमाण मांगना ज्यादा उचित है।
शिवांश भाई, जो इस लेटर में 3 अहसान वाली बाते लिखी है न - इससे मैं कन्फर्म कर सकता हु कि ये बाते कुरूतेश पटेल / मिलावट उवाच ने ही लिखी है । 😂😂😂क्योंकि उससे ज्यादा मूर्खता पूर्ण ऐसी अहसान वाली बाते कोई नहीं लिख सकता। भाषा शैली से ही समझ आ गया । 😂😂😂
Shri Nigrahacharya ji par aapke kya vichaar hain?
Jay Sharee ram
पूरे अलंकार समाज में वह सामर्थ्य नहीं की आपकी एक भी बात का सही तथ्यात्मक तरीके से भी खंडन कर सके। बस इधर उधर की बात करेंगे शास्त्रार्थ शास्त्रार्थ करेंगे पर आयेंगे नहीं।😂😂
@@chillboy6406 मुंगेरीलाल के हसीन सपने 🤡
5 baar भागने ka record to करपात्री ne भी नहीं तोड़ा जो उनकी परंपरा वाले ने तोड़ दिया 🤣🤣
Bhagoda he, ahvaan saabit ho gaya
जय श्री राम भाइयों
आज विश्व में संत रामपाल जी महाराज के अलावा कोई सतगुरु नही है। कबीर जी के अलावा कोई परमात्मा नही है।
भैया , आप धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज ने जो आदेश हमारे गुरुदेव पुरी वाले शंकराचार्य जी को दिए थे , भविष्य में नास्तिकता का भयंकर तांडव होगा। पर नदी की धारा में बहना मत मुर्दे बहते है। जीवित हाथ पांव मारते रहते है। नास्तिकता का खंडन कर धर्म स्थापना में सहयोग देना। श्री राम की कृपा से आप वह कार्य कर रहे है। धर्म सम्राट जी अप्रत्यक्ष रूप से सदैव आपके साथ है।
संत रामपाल जी महाराज के अलावा किसी के पास मोक्ष मार्ग आज की तारीख में नही है।
Sat purush purnbrahm Kabir soheb zi par bhi video banaye ji 😁
😂😂😂😂😂😂
@FARJIPOLKHOL tum bhi mere sath bolo gut soheb 🤓☝️
Vedo mai praman hai Kobir soheb bhagwan hai🤓☝️
🙏😃
56:13 😩😩😩युधिष्ठिर मीमांसक जीत गया था करपात्री जी से .... क्या नकल की है शिवांश भाई 😂😂😂😂😂😂
कृपया स्वंम के स्वार्थ के लिए सनातन वैदिक धर्म को तोड़ने की कोशिश न करे ।हिन्दु - हिन्दु को न तोडे ।
गुरुडम परम्परा को लिये बैठे हो या सत्य को ग्रहण करते हैं । शिवांस बड़ेना लायक हो ।
आर्य समाज वैदिक परम्परा को मानता हैं ईश्वर ही पहला गुरु हैं और जो वेदों के अनुकूल बात करता हैं उसे ही गुरु (आचार्य) मानता हैं। अन्य को नहीं।
मूर्ख है आर्य समाज, अंग्रेजों के गुलाम हैं आर्य नमाज़ी।
tum muje kuch jyada hi dukhi lag rahe ho
Siiwansh bhai jinhe apni manmani karni hai unke liye sashtr pramanik nahi ho sakte
कुल मिला कर सब के सब फर्जी ही है बेकार की बहस करने वाले ,फिर वो अपने आप को आर्य कहते हो या पौराणिक कोई फर्क नहीं पड़ता👍🚩
आर्य ही पौराणिक है भाई, ये आर्यसमाज के लोग खुद को सबसे अलग समझ रहे है वह गलत है.
तुम कहां से आए हो ?आ जाओ सामने सारी पोल खुल जाएगी।😊😊😊
Ek din sab tay tay krne vale hath pair patakar sant ho jayenge 😂
Thakna nehin sir dharya rakhna hai
Kabir is supriem God
तुम्हारे पास लेटर लिखने का समय नही है लेकिन दो घंटे वीडियो बनाने का समय है
विज्ञान दर्शन वाले भाई से डिबेट करने में क्यों डर गए क्योंकि उसके पॉडकास्ट देखकर तुम्हारी हवा निकल गई होगी😂😂परंपरा वाड़ी😂
तेरे पास कोई प्रमाण है? शिवांश जी डर गए की नहीं??? अगर प्रमाण है तो दिखा अन्यथा तेरे जैसे मुगल सेना के साथ चर्चा नहीं सिर्फ़ युद्ध ही होता है.
Unka kaam hi hai video banana aur logo ko jagruk karna , aur uske uppar se 1 ghante letter likhne ka time vo bhi Arya namajiyo ke liye sbke pas nhi hota...
Har video ke liye bhi alag se time lgta hai research, camera, set, telecasting etc.
Dusari baat, bhaga tumhara vigyan darshna hai debate se😂, kyuki pahle kisi live me jakr ahvaan ko galat bola tha usne aur baad jb mafi mangne ko bola gya to uski phat gyi...
Isliye jake boldo apne vigyan darshan se, mafi mange aur turant diye gye number pe contact krke aa jaye charcha krne, pura bhram utar jayega❤
Vigyan darshan wala kabhi vedo me गुरुत्वाकर्षण घुसेड़ देता है कभी कुछ कभी कुछ बाद में फजीहत सनातनियों की ही होती है
@@Omprakash-dz9jj Vedo mai Dharti ko achla aisa bolne mai Fajihat nahi hoti uske liy noble prize milta hai 😂😂😂
तुझ जैसे मूर्ख को क्या जवाब दूं, आगे तू जवाब ही नहीं देगा।
Tumhara Krishna sarba sakti Maan ha .Jodi hai to .tumhara Krishna ushka deh kiyun sor diya
जय हो अलंकारी पैराणिक परंपरा वादी समाज के कुतर्कों की।
Tujhe dakhkor mujhe ayisa lagta hai .tum Bharat ki no 1 comedians hai
kyu
comedian to tera maskhari khor dayanand tha jate jate niyog se tumhare samaj ko paida kar gaya jo is duniya ka sabse bada joke and comedy h.
आर्य गुण नमाज
न कि पाखण्ड समाज
Jai shree Ram