Chittorgarh Fort history l चित्तौड़गढ़ का किला l Padmavati Ka Johar Kund l Chittorgarh Rajasthan l

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  • Опубликовано: 9 сен 2024
  • Chittorgarh Fort history l चित्तौड़गढ़ का किला l Padmavati Ka Johar Kund l Chittorgarh Rajasthan l
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    चित्तौड़गढ़ किला भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है। इसे भारत के सबसे बड़े किलों में से एक माना जाता है। यहां इस किले के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:
    इतिहास
    चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में मौर्य वंश के राजा चित्रांगद मौर्य द्वारा करवाया गया था। किले का नाम भी उनके नाम पर पड़ा। इसके बाद, किला मेवाड़ के गुहिलोत (सिसोदिया) वंश के राजपूत शासकों के अधिकार में आया और उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया।
    किले का इतिहास बहादुरी, बलिदान और राजपूताने की अद्वितीय संस्कृति से भरा है। यहाँ तीन प्रमुख शाखा (घेराबंदी) हुए:
    1. 1303 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी** द्वारा।
    2. 1535 ईस्वी में बहादुर शाह जफर** द्वारा।
    3. 1567-68 ईस्वी में अकबर** द्वारा।
    संरचना
    चित्तौड़गढ़ किला लगभग 700 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। किले में सात बड़े दरवाजे हैं:
    1. *पाडन पोल*
    2. *भैरव पोल*
    3. *हनुमान पोल*
    4. *गणेश पोल*
    5. *जोडला पोल*
    6. *लक्ष्मण पोल*
    7. *राम पोल*
    प्रमुख आकर्षण
    1. **विजय स्तंभ**: महाराणा कुम्भा द्वारा 1440 ईस्वी में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष्य में बनवाया गया।
    2. **कीर्ति स्तंभ**: यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है।
    3. **पद्मिनी महल**: रानी पद्मिनी का निवास स्थान, जो अपनी अद्वितीय सुंदरता के लिए प्रसिद्ध थीं।
    4. **कुंभा महल**: महाराणा कुम्भा का महल।
    5. **कालिका माता का मंदिर**: 14वीं शताब्दी का एक मंदिर, जो मूल रूप से सूर्य देवता को समर्पित था और बाद में कालिका माता को समर्पित किया गया।
    सांस्कृतिक महत्व
    चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान की राजपूत संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। यह किला बहादुरी, त्याग और सम्मान की कहानियों का केंद्र है। यहाँ की वास्तुकला और कला में राजपूत शैली की अद्वितीय छाप देखने को मिलती है।
    विश्व धरोहर स्थल
    चित्तौड़गढ़ किला यूनेस्को द्वारा 2013 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। इसे राजस्थान के अन्य किलों के साथ "राजस्थान के पहाड़ी किले" नामक समूह के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
    चित्तौड़गढ़ किला आज भी अपने गौरवशाली इतिहास और अद्वितीय स्थापत्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय का साक्षी है और भारतीय संस्कृति के गौरव को प्रतिबिंबित करता है।

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