सत्य को जानने वाला ही आत्मसाक्षात्कार करके ब्रह्म पद पाता है।सत्य एक होकर बहुत रूपों में दिखता है।

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • सत्य को जानने वाला ही आत्मसाक्षात्कार करके ब्रह्म पद पाता है।सत्य एक होकर बहुत रूपों में दिखता है।,@सफल जीवन की‌ यात्रा,#आचार्य#यात्रा#187
    सत्य एक है, परन्तु वह बहुत रूपों में दिखता है,यह यथार्थ में उन्हीं को समरूप में भाषित होता है,जो अहंकार शून्य होकर आत्मसाक्षात्कार प्राप्त कर लेते हैं।
    प्रकृति के इस मायावी स्वरूप का प्रस्तुत वीडियो अंक में वैदिक रूप में परिभाषित करने का प्रयास किया गया है।
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    वीडियो को समझने के लिए प्रारम्भ से अंत तक देखें।
    समस्त मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित
    ह्वाट्स एप न.9919890312
    राजन आचार्य
    motivational n spiritual speaker
    @ सफल जीवन की‌ यात्रा
    ‌ # आचार्य # यात्रा # 187

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