आत्मा और शरीर - 15 महत्पूर्ण बातें । इस video में 15 points के द्वारा यह समझने का प्रयास है कि आत्मा और शरीर अलग अलग हैं या एक ही है. बात को logically समझने का प्रयास है.
कोटी कोटी धन्यवाद भाई साहब, आपके आध्यात्मिक अनुभवों को सुनते ही कुछ अलग ही उर्जा प्रवाहित होने लगती है,भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में ❤❤🙏🏻🙏🏻
हे गुरु निस्फिक्रि साेचाे कि 100% साेचेा ग्यान दिजिय गुरु भगवान कसम मां कसम आपका बिस्वास दिलाता हु तुमारा कसम आँप बहुत सत्य साेच ते हाे गुरु य बात कपाेकल्पित, मनाेगढन्ते नहि साेचाे गुरु आपका लिय आबस्य बिस्वास हे गुरु ॐ ब्रमा देबाय नमाहा
शरीर में स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर होते हैं योग विज्ञान के अनुसार मृत्यु के समय सूक्ष्म शरीर ही अलग होता है तब सारी क्रियाएं बन्द हो जाती है दोनो शरीर को जोड़ने का काम प्राण का होता है जब प्राण की शक्ति शरीर में नहीं रहती तब दोनो शरीर अलग-अलग होने से स्थूल शरीर के कार्यक्रम बन्द अर्थात मृत्यु होना माना जाता है सूक्ष्म शरीर की मृत्यु नहीं होती जैसा मैंने योग में पढ़ा है
सादर प्रणाम जी । आपने पढ़ा है, आत्म अनुभूति नहीं की जबकि मेरी बात practical अनुभूति पर आधारित है. परमात्मा की कृपा से परमात्मा का direct एहसास हुआ है. आप please सारी videos देखो. किताबी ज्ञान से परमात्मा का एहसास नहीं होता.
भाई साहब, फिर ये दर्द होता किसको है,शरीर जड़त्व है,आत्मा को दर्द हो नही सकता, तो ये तीसरा कोन है,जिसे दर्द होता है,किरपा कुछ अनुभव हो शेयरिंग जरुर करना, 🙏🏻🙏🏻
सर क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे शरीर में दुख दर्द ना आए या फिर जैसे प्रेतात्मा परेशान कर रही है और तीन पीढ़ियों से एक ही बात बोलती है,, बर्बाद करुंगा बर्बाद करुंगा मुझे घर से मत निकालो
सादर प्रणाम जी. मेरी भगवान से प्रार्थना है कि आपका दुख दूर हो जाए. ये सारे खेल स्वयं परमात्मा के ही हैं. आप किसी doctor को दिखाते रहे और जब भी ऐसी बात हो तो परमात्मा का रूप समझ कर उसी समय हाथ जोड़ कर माफ़ी मांग ले . परमात्मा जल्दी आपकी समस्या दूर करेंगे.
हे गुरु हाेरि जेन्टल वा लम्ब गति मे उचाइ, चाैडाइ गतिमे गाेल पृर्थिबिमे आत्मा काे चुम्बक गति आकर्सन लम्ब लाइन ,उचाइ कयाै मिटर उचाइ और चाैराइ गति पृर्थिबिमे राज मार्ग वा स्थिर अबस्था शरिर मे कैसा रहेता हे आत्माका प्रति सेकेन्ड गति आते जाते शक्ति राजमार्ग आकासिय राेड लेफ्ट यन्ड राइट राेड वा यकि लाइन राेड लिफ्टिङ्ग सिस्टम स्वाेचालित सिस्टम काम कर्ने तरिका यन्त्रि क बैज्ञ्यानिक तरिका
जीव जन्म लेता है।शरीर में आग लगती है,तो जीव को दर्द होता है।आप क्यों आत्मा की बात करते है।आत्मा इन सबसे परे,।आप जीव की बाते कर रहे है।आपने जीव को ही आत्मा समझ कर वीडियो बना रहे है।बिल्कुल गलत।जो जन्म लेता है मरता है, सब प्रकृति हैं।आत्मा एक दिव्य अवस्था (दशा) हे जो जीव ध्यान साधना करके अपने अंदर अनुभव करता है।उसी को कहते है आत्मस्वरुप की प्राप्ति।जीव कितने भी जन्म ले सकता है,वह भी कभी नहीं मारता।❤❤
कोटी कोटी धन्यवाद भाई साहब, आपके आध्यात्मिक अनुभवों को सुनते ही कुछ अलग ही उर्जा प्रवाहित होने लगती है,भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में ❤❤🙏🏻🙏🏻
🙏
Satya kaha apne.... ye subject hi bahut alag hai
कोटी कोटी धन्यवाद भाई साहब, आपके आध्यात्मिक अनुभवों को सुनते ही कुछ अलग ही उर्जा प्रवाहित होने लगती है,भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में ❤❤🙏🏻🙏🏻
Om Namah Shivay Jai Shree Radhe Krishna Radhe Radhe 🙏👋🌹💯♥️🩸🙏
❤
इन्सान एक बार जन्म फिर मृत्यु न्याय अन्त स्वर्ग नर्क
100% प्रसेन्ट हे गुरु ॐ हरि ॐ नम शिबाय
❤❤😊❤
स्वाेप्न, सुसुप्ति, जागृत 5 सेन्सर गुरु सत्य हे गुरु
Very true ji
😊😊😊
Pranaam Sir
सादर प्रणाम जी
Parmatma ki shakti hi sarva jagah vyaapak hai jese suraj apne jagah par hote hue b uski urja shakti sab jagah par hai
Sorry sir, परमात्मा सब जगह स्वयं ही है । सूर्य की तरह एक जगह पर नहीं
हे गुरु निस्फिक्रि साेचाे कि 100% साेचेा ग्यान दिजिय गुरु भगवान कसम मां कसम आपका बिस्वास दिलाता हु तुमारा कसम आँप बहुत सत्य साेच ते हाे गुरु य बात कपाेकल्पित, मनाेगढन्ते नहि साेचाे गुरु आपका लिय आबस्य बिस्वास हे गुरु ॐ ब्रमा देबाय नमाहा
हे गुरूदेव मरने के बाद ही आत्मा क्यों निकलती है ऐसा नहीं है बल्कि जब आत्मा निकल जाती है उसी को मरना कहते है।
सादर प्रणाम जी. आप please सारी videos देखो फिर बात करते है.
If we all are single divine entity then why each and every individual has different nature, intellect, ability, hobby etc.
To get its answer, please see all the videos one by one completely and patiently.
शरीर में स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर होते हैं योग विज्ञान के अनुसार मृत्यु के समय सूक्ष्म शरीर ही अलग होता है तब सारी क्रियाएं बन्द हो जाती है दोनो शरीर को जोड़ने का काम प्राण का होता है जब प्राण की शक्ति शरीर में नहीं रहती तब दोनो शरीर अलग-अलग होने से स्थूल शरीर के कार्यक्रम बन्द अर्थात मृत्यु होना माना जाता है सूक्ष्म शरीर की मृत्यु नहीं होती जैसा मैंने योग में पढ़ा है
सादर प्रणाम जी । आपने पढ़ा है, आत्म अनुभूति नहीं की जबकि मेरी बात practical अनुभूति पर आधारित है. परमात्मा की कृपा से परमात्मा का direct एहसास हुआ है. आप please सारी videos देखो. किताबी ज्ञान से परमात्मा का एहसास नहीं होता.
भाई साहब, फिर ये दर्द होता किसको है,शरीर जड़त्व है,आत्मा को दर्द हो नही सकता, तो ये तीसरा कोन है,जिसे दर्द होता है,किरपा कुछ अनुभव हो शेयरिंग जरुर करना, 🙏🏻🙏🏻
सूक्ष्म शरीर यानी मैं को दर्द होता है. Please सारी videos एक एक कर के देखो । आशा है बात समझ आ जाएगी
@@rajeshahuja4901 जी जरुर देखूंगा,,धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सर क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे शरीर में दुख दर्द ना आए या फिर जैसे प्रेतात्मा
परेशान कर रही है और तीन पीढ़ियों से एक ही बात बोलती है,, बर्बाद करुंगा बर्बाद करुंगा मुझे घर से मत निकालो
सादर प्रणाम जी. मेरी भगवान से प्रार्थना है कि आपका दुख दूर हो जाए. ये सारे खेल स्वयं परमात्मा के ही हैं. आप किसी doctor को दिखाते रहे और जब भी ऐसी बात हो तो परमात्मा का रूप समझ कर उसी समय हाथ जोड़ कर माफ़ी मांग ले . परमात्मा जल्दी आपकी समस्या दूर करेंगे.
Phir Batai sir parmatma kaise prapt hoga
आप जी please सारी videos शुरू से एक एक करके देखो और थोड़ा चिंतन करो । अगर फिर भी नहीं समझ आ रहा तो फिर मुझसे बात कर लेना.
Parmatma aur aatama ek hi noor jahor beech mein karm ki jaye tate laage hai door
राजेश जी सूक्ष्म शरीर का ट्रांसफर होता है आत्मा का नहीं आत्मा समुद्र जैसी लहरें ली हो जाती हैं
सादर प्रणाम जी. मैं भी तो यही कह रहा हूं जो आप कह रहे हैं.
हे गुरु हाेरि जेन्टल वा लम्ब गति मे उचाइ, चाैडाइ गतिमे गाेल पृर्थिबिमे आत्मा काे चुम्बक गति आकर्सन लम्ब लाइन ,उचाइ कयाै मिटर उचाइ और चाैराइ गति पृर्थिबिमे राज मार्ग वा स्थिर अबस्था शरिर मे कैसा रहेता हे आत्माका प्रति सेकेन्ड गति आते जाते शक्ति राजमार्ग आकासिय राेड लेफ्ट यन्ड राइट राेड वा यकि लाइन राेड लिफ्टिङ्ग सिस्टम स्वाेचालित सिस्टम काम कर्ने तरिका यन्त्रि क बैज्ञ्यानिक तरिका
आत्मा की थ्योरी साइंटिस्ट,नास्तिक और डॉक्टर नहीं मानते।
सिर्फ कुछ धार्मिक लोग ही
मानते है।
हे गुरु भर्टिकल लाइन उचाइ और हाेरिजेन्टल लाइन गाेल पृर्थिबि मे आता जाता कैसा काम कर्ता हे डिट्याज,याट्याज चुम्बक कैसे काम कर्ता हे
आत्मा हे
आत्मा होती ही नहीं,,, ऐसा मानने वालों के लिए आप का ये निबंध काम का नहीं
जीव जन्म लेता है।शरीर में आग लगती है,तो जीव को दर्द होता है।आप क्यों आत्मा की बात करते है।आत्मा इन सबसे परे,।आप जीव की बाते कर रहे है।आपने जीव को ही आत्मा समझ कर वीडियो बना रहे है।बिल्कुल गलत।जो जन्म लेता है मरता है, सब प्रकृति हैं।आत्मा एक दिव्य अवस्था (दशा) हे जो जीव ध्यान साधना करके अपने अंदर अनुभव करता है।उसी को कहते है आत्मस्वरुप की प्राप्ति।जीव कितने भी जन्म ले सकता है,वह भी कभी नहीं मारता।❤❤
सादर प्रणाम जी. मैंने आत्मा को जीव नहीं कहा. . Please see all the videos completely.
कोटी कोटी धन्यवाद भाई साहब, आपके आध्यात्मिक अनुभवों को सुनते ही कुछ अलग ही उर्जा प्रवाहित होने लगती है,भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में ❤❤🙏🏻🙏🏻
सादर प्रणाम जी और दिल से धन्यवाद