कहानी है बिलवा मंगल यानी सूरदास जी की ||

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  • Опубликовано: 7 фев 2025
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    यह कहानी है बिलवा मंगल यानी सूरदास जी की है, जो अपने जीवन में मोह और वासना के जाल में फंसकर भगवान से दूर हो गए थे। लेकिन एक वेश्या, चूड़ामणि के ज्ञान से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी भूल सुधारी और भगवान की भक्ति में लीन हो गए। इस कथा में देखिए, कैसे बिल्व मंगली ने अपनी आंखों को खुद ही चुभा लिया ताकि उनका मन फिर से कभी भी वासना के मोह में ना फंसे। यह कथा हमें सिखाती है कि इस दुनिया के भौतिक सुखों में फंसना हमें हमारे वास्तविक उद्देश्य से भटका सकता है। पूर्ण भक्ति और त्याग का मार्ग ही सच्चा मार्ग है। इस पूरी प्रेरणादायक कथा को जानने के लिए वीडियो जरूर देखें।कहानी है बिलवा मंगल यानी सूरदास जी की//

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