Law Ministry Accepts Recommendation to Establish Regional Benches of Supreme Court

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  • Опубликовано: 24 янв 2025

Комментарии • 750

  • @studyiqjudiciary
    @studyiqjudiciary  2 месяца назад

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  • @shivbhansingh4299
    @shivbhansingh4299 11 месяцев назад +62

    जज तनख्वाह लेते हैं सरकार से , फिर कोर्ट फीस क्यों ली जाती है जनता से ? मुकदमा एक जज तेरह !
    स्पष्ट है कि जज अयोग्य हैं और कानून अंधा , अधकचरा और अपर्याप्त है ।

    • @satinaro4525
      @satinaro4525 11 месяцев назад +1

      😅😅😅 fees judge ki salary ke liye nhi hoti

    • @shivbhansingh4299
      @shivbhansingh4299 11 месяцев назад

      @@satinaro4525 मुझे पता है मित्र । प्रश्न यह है कि वह धनराशि जाती कहां है?

    • @gulshanbatra5670
      @gulshanbatra5670 9 месяцев назад

      😅 2:17 ​

    • @NandKishore-ps1of
      @NandKishore-ps1of 9 месяцев назад

      L

    • @MadhuMadhu-uo2oq
      @MadhuMadhu-uo2oq 8 месяцев назад

      मोदी के सारे गंदे कारनामों को सही साबित करने के लिए एक भाजपा सुप्रीम कोर्ट भी होना चाहिए ,😭😭🤣🤣

  • @satyadevsharma8629
    @satyadevsharma8629 11 месяцев назад +40

    सही निर्णय है ताकि मोनोपली समाप्त हो इसके साथ ही न्यायाधीशों के लिए भी आईएएस,आईपीएस की तर्ज़ पर भर्ती बोर्ड बनाना चाहिए।

  • @bajpaivn
    @bajpaivn 11 месяцев назад +32

    All Govt public functionaries need to declare their assets and liabilities before taking over the position and annually there after.

    • @ajaymamoriya9989
      @ajaymamoriya9989 11 месяцев назад

      This provision of declaration of assets already there.

    • @sailendrakumarpandey2252
      @sailendrakumarpandey2252 11 месяцев назад

      This rule is already there. Before buying any asset/ durable assets. permission is/ intimation is needed to be given to controling authority. For buying 150/- bicycle my father intimated in 1956.

    • @spbansal5863
      @spbansal5863 8 месяцев назад

      All judges should declare their assets

  • @drathore2624
    @drathore2624 11 месяцев назад +18

    जनता के उचित, शीघ्र और सहूलियत के हिसाब से लोकल बेंच बहुत जरूरी है और उसका मॉनिटर दिल्ली से होना चाहिए। ज्यादा डिफिकल्ट मैटर ही दिल्ली जन चाहिए और वहा जनता को जाने की जररोरत न पड़े ज्यादा जरूरी या ऐक्षिक व्यक्ति जा सके

  • @AdvSatendraKumar
    @AdvSatendraKumar 11 месяцев назад +58

    भारत में जितने सांसद है सुप्रीम कोर्ट के उतने जज हो तभी भारत देश का कल्याण होगा।

  • @arunchoudhari2978
    @arunchoudhari2978 11 месяцев назад +28

    सर्वोच्च न्यायालय के तीन बेंच बनाना बेहद जरुरी है. कोलकाता, मुंबई और चेन्नई.

    • @sailendrakumarpandey2252
      @sailendrakumarpandey2252 11 месяцев назад +1

      Aur Delhi ke dangal ke liye? Sab se bada bench vahin jaruri hai. Aaye din do jhagde Delhi V/s Central bante hain. Aur Election ke mausam mein breathing time bhi nahi milta. Vahan SUPREME COURT ki jagah "SUPER COMPUTER( A.I) ki jarurat hogi.

    • @sailendrakumarpandey2252
      @sailendrakumarpandey2252 11 месяцев назад

      Ideally One supreme court for every panchayat.

    • @Ajityelave
      @Ajityelave 11 месяцев назад

      Case USA jaise 15 din me result hona chahiye

  • @bhagwanmishra7243
    @bhagwanmishra7243 11 месяцев назад +19

    बहुत अच्छा है। आवश्यकता है। दिल्ली सेन्ट्रल सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त साउथ नार्थ ईस्ट वेस्ट रिजनल सुप्रीम कोर्ट की पीठ होनी चाहिए। हैदराबाद जयपुर या जम्मू कलकत्ता या गोहाटी बाम्बे या भोपाल में। धन्यवाद

    • @anandkishorpandey6900
      @anandkishorpandey6900 11 месяцев назад +1

      हर गरीब सुप्रीम कोर्ट के लिये दिल्ली नहीं पहुंच सकता

  • @Jagbirkaushiksamchana
    @Jagbirkaushiksamchana 10 месяцев назад +3

    कोर्ट के जजों की नियुक्ति में सरकार की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। वकील केस हारता है तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए। इससे यह होगा कि वकील पैसे के लालच में झूठे मुकदमे नही लेंगे। झूठे मुकदमे बनाने वालों को भी सजा मिलनी चाहिए

  • @sunilmishrain
    @sunilmishrain 11 месяцев назад +17

    यह तो बहुत अच्छी बात है देश के हर प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट की बांच होनी चाहिए जहां कम से कम तीन जज होने चाहिए।

    • @Krishanpal1212
      @Krishanpal1212 11 месяцев назад +1

      Minimum 38 branches should be made
      That is in every state & ut

  • @ramashankarpandey-mn3el
    @ramashankarpandey-mn3el 11 месяцев назад +87

    एक नही सौ सुप्रीम कोर्ट बने कुछ नहीं होगा जब तक सुप्रीम कोर्ट में परिवार वाद खत्म होना चाहिए जजों के ऊपर गुप्त चर बैठना चाहिए जजों की भी जाच होनी चाहिए तभी न्याय होगा

    • @kcnautiyal
      @kcnautiyal 11 месяцев назад

      हमारा प्रजातंत्र एक लूटतंत्र है। यहाँ सारी व्यवस्थाएं, शैक्षिक ,न्यायिक, प्रशासनिक जनता को लूटने के लिए पश्चिमी व्यवस्था की बेकल नक़ल पर हमारी संस्कृति व मान्यताओं के अनुरूप नहीं बनी है l
      प्रजातंत्र में इन संस्थाओं का केंद्रीयकरण का कोई स्थान नहीं हैl केंद्रीकरण करना प्रजातंत्र की हत्या है l उच्च व निम्न श्रेणी में बाँटना अमानवीय है। उचित वह अनुचित आदर्शों का अपमान है।
      न्याय के लिए उच्च , निम्न व उच्चतर न्यायालय (कोर्टों ) की आवश्यकता नहीं है।बल्कि उपयुक्त स्तर - जिला स्तर पर सर्वमान्य न्यायालय की आवश्यकता हैI
      न्याय न्याय है , सर्वमान्य है । इसमें lower court, upper court, High court, Supreme court आदि हमारी न्याय व्यवस्था, वेअक़्ल नक़ल पर आधारित , एक कुरुर उपहास है।
      स्थानीय लोगों को, धरती के कण कण को, हवा के पत्ते पत्ते को पता है कि कौन निर्दोष है और कौन दोषी है। परंतु हमारे काले कोट वकीलों व आँखों में पट्टी बाँधे न्यायाधीशों को नहीं।
      स्वंतंत्रता के 75 वर्ष उपरांत हमारा संविधान, शैक्षिक , प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था का ढांचा पश्चिमी देशों की वेअक़्ल नक़ल पर आधारित है।
      यही भारत महान है। जय श्री सियाराम !

    • @raminderbindra499
      @raminderbindra499 11 месяцев назад +1

    • @shaanmohammad8610
      @shaanmohammad8610 11 месяцев назад +1

      😂 Pandey g apko sansad m hona chahiye

    • @KCPandey-p1i
      @KCPandey-p1i 11 месяцев назад

      आपने सही बात उठाई है ये जरूरी है जज साहब भी गडबड करते हैं

    • @kamalprajapati4325
      @kamalprajapati4325 11 месяцев назад +1

      Neta ke upar police honi chahiye, sab kuch theek ho jayega.

  • @theexposer9483
    @theexposer9483 11 месяцев назад +11

    There is need for high court extension in every district court of Bharat, Supreme Court bench in every state capital . All courts need to open 24x7 . No holidays for courts like any other essential services in country.

    • @Krishanpal1212
      @Krishanpal1212 11 месяцев назад

      Atleast every commissiony of country

  • @virendersingh7790
    @virendersingh7790 11 месяцев назад +5

    सुप्रीम कोर्ट कम से कम नौ होने चाहिए पूरे देश में और इन सब के ऊपर एक हैड क्वार्टर दिल्ली में होना चाहिए जो इन जजों की नियुक्ति और इनकी कार्य सैली पर नजर रखे न्याय तेजी से कम समय में अपना रिजल्ट घोषित करे , और परिवार वाद बिल्कुल खत्म हो केवल योग्यता के आधार पर जजों की नियुक्ति होती रहे भविष्य में भी धन्यवाद

  • @ArvindGupta-ow1yp
    @ArvindGupta-ow1yp 11 месяцев назад +5

    यदि देश में भ्रष्टाचार मुक्त न्याय और अतिथि न्याय देना है तो सभी जज चाहे वह न्याय अधिकारी कोई भी हो सभी रोबोट होना चाहिए रोबोट कभी भी भ्रष्टाचार नहीं करेगा और न्याय में देरी नहीं करेगा और न्यायिक पैनल के थ्रू इंटरनेट पर मुकदमे का निशान विदीन 7 डेज होना चाहिए चाहे वह सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट हो या लोअर कोर्ट।

  • @FieldWarrior
    @FieldWarrior 11 месяцев назад +22

    Supreme court judges should be under constant surveillance.
    Those who disagree should come out of the system

    • @sitaramkhada5997
      @sitaramkhada5997 11 месяцев назад

      Supreme Court ki sikha, Jaipur ,indore, Banglore aur mein bhi Hona chahie jai hind modiji.

    • @chandarsegran641
      @chandarsegran641 11 месяцев назад

      At the moment Prashant Bhushan, Singhvi , sibal the congress lawyers known for defending notorious criminals, rapists, murderous, riots, violence and protests are entertained by CJI and Supreme Court every now and then?

  • @Saddam..Hussein
    @Saddam..Hussein 11 месяцев назад +16

    चाहे जितने भी suprem court बन जाए, गरीबों की अर्थी उठना ही उठना है ।
    😊😊😊😊

  • @ShashishekharTrivedi
    @ShashishekharTrivedi 7 месяцев назад +1

    सुप्रीम कोर्ट की एक बैन्च मनमाने फैसले देने वालों को कड़ा सबक सिखाने वाली भी होनी चाहिए।

  • @angadparwar5733
    @angadparwar5733 11 месяцев назад +3

    देश में जितनी बेंच बनानी है बना लो, लेकिन जब तक पदों पर बैठने वालों में ईमान नहीं होगा, ढांचागत विस्तार तो हो जाएगा, लेकिन गुणवत्तापूर्ण इंसाफ मिलना संदिग्ध ही रहेगा। इसलिए इंसानों को फौलादी ईमान वाला बनाने की खास जरूरत है।

  • @debiprasaddas1829
    @debiprasaddas1829 11 месяцев назад +6

    If CJI is not agreed for four benches ,then amend the article in constitution. CJI is not god or head of country. Why south people travel to delhi. Why not in Chennai and kolkata.

    • @rudrasahoo9020
      @rudrasahoo9020 7 месяцев назад

      CJI is nothing but is a public servant like any other Govt. Employee taking salary from we tax payer...he is answerable to his masters..

    • @killingmachinee
      @killingmachinee 6 месяцев назад

      Not enough seats to amend any constitution

  • @fakirasirsath9166
    @fakirasirsath9166 11 месяцев назад +10

    Dignity of the supremacy of the supreme Court should be maintained while granting benches of the supreme Court.

    • @rudrasahoo9020
      @rudrasahoo9020 7 месяцев назад

      What dignity do they have today in common man's eye..they themselves have destroyed it by being highly PARTIAL & biased judgment by taking money...and also enjoying cozy life by eating tax payer's money..taking decades to disposer cases...

  • @lrbharti6677
    @lrbharti6677 11 месяцев назад +11

    At least 5 Regional benches should be established for speedy disposal of pending cases.

  • @Saddam..Hussein
    @Saddam..Hussein 11 месяцев назад +5

    खर्चे को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट बनाया जाना चाहिए ताकि लोगों को उनके ही राज्य में लूटा जा सके ।

  • @SatyanarayanaNaik
    @SatyanarayanaNaik 11 месяцев назад +9

    It is essential to update the constitution of India, with the experience of 75 years.

  • @dharmdev7351
    @dharmdev7351 11 месяцев назад +3

    हर राज्य में एक सुप्रीम कोर्ट हो, हर मंडल में एक हाई कोर्ट हो और हर तहसील में एक जिला अदालत हो तभी न्याय सुलभता से प्राप्त हो सकता है दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट सिर्फ दिल्ली से संबंधित एवं अन्य राज्यो के आपसी झगड़ो राजनेतिक पार्टियों के आपसी झगड़ो का निपटारा करे

  • @prempalkhokhar
    @prempalkhokhar 11 месяцев назад +1

    सुप्रीम कोर्ट के जजों के उपर भी कोई संगघटन होना चाहिए वो भी सेना की कोर्ट को अधिकर देना चाहिए जिससे ये जज ठीक तरह से काम कर सके

  • @binduprakash6443
    @binduprakash6443 6 месяцев назад

    बहुत अच्छा विषय। गरीबों तथा असहाय लोगों को सही समय पर आसानी से सहज तरीके से दिलाना ही लोक कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य होना चाहिए और इस दृष्टि से देश के हर प्रदेश में सर्वोच्च न्यायालय तथा हर जिले में उच्च न्यायालय की स्थापना होने से न्याय के लिए आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी तथा समस्त न्यायालयों के नियमन व नियंत्रण हेतु केन्द्र में एक सर्वोच्च न्यायालय रहे। । इसके साथ पारदर्शी न्याय के लिए योग्यता अनिवार्य रहे न कि कोई जाति या सम्प्रदाय। जय हिन्द

  • @satishbhangar2678
    @satishbhangar2678 10 месяцев назад +1

    This is the best reccommendation we must have access to justice Not more than 3 adjournements not more than 50 matters per day hearing of not more than 30 minutes per case

  • @Ravinderjain-y3n
    @Ravinderjain-y3n 8 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट के काउंटर करने के लिए एक 7 या 9 सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज की एक टरबियुनल बैंच होनी चाहिए जिनका काम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सुन सके और फेयर फैसला मिल सके। इन टरबियुनल जजों की 1साल की ही अवधि होनी चाहिए

  • @studyiqjudiciary
    @studyiqjudiciary  5 месяцев назад +2

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  • @gopaljisingh3088
    @gopaljisingh3088 11 месяцев назад +9

    न्याय की सुलभता और सुगम्यता के लिए क्षेत्रीय उच्चतम न्यायालय का होना आवश्यक प्रतीत होता है।

  • @johnminj4166
    @johnminj4166 11 месяцев назад

    जितना केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं उससे कहीं अधिक गरीबी और बेरोज़गारी दिनों दिन बढ़ती जा रही है केन्द्र सरकार इसे दूर नहीं कर पा रही है इसलिए सुप्रीम कोर्ट के साथ -साथ लोकसभा और राज्यसभा को भी क्षेत्रीय स्तर पर बांटना चाहिए।

  • @omprakashdwivedi3293
    @omprakashdwivedi3293 11 месяцев назад +9

    Regional benches of the Supreme Court are necessary now. The government must be serious to make it at the earliest possible.

  • @balwansingh6846
    @balwansingh6846 11 месяцев назад +2

    सही हल ये होगा जज बढ़ाने पड़ेंगे जो बेंच साप्ताहिक होंगी जल्दी फैसला आएगा

  • @naveenkumar-law
    @naveenkumar-law 11 месяцев назад +9

    In विधायको और मंत्रियों k assets k बारे में भी pta chlna chahiye har sal ,khud to करोड़ो अरबों रुपए गटक जाते है

  • @LikeBundelkhand
    @LikeBundelkhand 11 месяцев назад +2

    सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय बैंच होनी चाहिए

  • @BinodKumar-hl9gw
    @BinodKumar-hl9gw 7 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट को अपने यहां पेंडिंग केश को देखते हुए तीन अन्य क्षेत्रीय कोर्ट के लिए अनुमति दे देना चाहिए।जहां तक सबाल है उम्र सीमा बढ़ाने का , बेरोजगारी और यूबा एडवोकेट को देखते हुए, उम्र सीमा नही बढ़ानी चाहिए।

  • @VikasSaini-rv2co
    @VikasSaini-rv2co 11 месяцев назад +3

    जजों को भी जवाब दाईं होनी चाहिए इनकी मनमर्जी और परिवार वाद खतम हो

  • @123xyzabccba
    @123xyzabccba 11 месяцев назад +2

    It’s a matter of utter shame that the job that was to be done in the 50’s is not even done till this date.

  • @NirmalKumar-cj7lh
    @NirmalKumar-cj7lh 8 месяцев назад +1

    प्रत्येक प्रांत में सुप्रीम कोर्ट की बैंच होनी चाहिए इसके साथ ही हाई कोर्ट की बैंच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। जनपद न्यायालय में भी सिबिल और क्रिमिनल केस के लिए अलग-अलग जिला जज हों तभी य

  • @yeshwantpande2238
    @yeshwantpande2238 6 месяцев назад

    संभव नहीं है। इसके लिए सरकार कुछ भी नहीं कर सकती। क्या देश में दो प्रधानमंत्री कौन राष्ट्रपति हो सकते हैं ? सुप्रीम सिर्फ एक ही होता है

  • @Upenderpathak-s7t
    @Upenderpathak-s7t 11 месяцев назад +1

    के सरकार इस पर ध्यान नहीं देते थे जस्टिस की भी देश हित में काम नहीं कर रहे थे जो घुस बैठे जो है जिला से लेकर स्टेट तक स्टेट से लेकर राजधानी तक यह पैसे के जो घोटाला है इस पर जो है देश यह काफी घटना जो है बढ़ते जा रहा है सच्चाई बहुत कम होता है और जो दो नंबर आदमी है वह पैसे के बल पर निकल जाता है यह देश हित में नहीं है कानून व्यवस्था चेंज होना चाहिए कानून

  • @ajay9146
    @ajay9146 11 месяцев назад +1

    न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर लगाम लगे । अमीर मुक़दमों की जाँच हो की उनके पास पैसा ग़लत कार्य के लिए तो नहीं आ रहा ।
    नेताओ के आर्थिक अपराध 50 करोड़ से ज़्यादा होने पर बेल राशि नए हो ।

  • @malabikamandal1165
    @malabikamandal1165 11 месяцев назад +7

    This is the highest time for setup few regional SC (minimum four numbers)for civil cases and criminal cases for which the pending civil cases can be finalised earliest.
    Second thing - holiday of all courts should be followed as per the holiday roster of central government.
    Third thing - For condolences court should allow only one hour in first half or tiffin time of that concern court. Courts should not be allowed holiday for the full day.

  • @shrikantdhumal4651
    @shrikantdhumal4651 5 месяцев назад

    जहाँ जहाँ हायकोर्ट है वहाँ वहाँ सुप्रीम कोर्ट होने जरूरी हो गया है।

  • @DhirendraKumarSingh-i4j
    @DhirendraKumarSingh-i4j 11 месяцев назад +1

    हर राज्य में सुप्रीम कोर्ट का बेंच होना चाहिए

  • @narendrasinghsolanki2315
    @narendrasinghsolanki2315 11 месяцев назад +1

    बहुत सही लेक्चर मैं न्यायपालिका का विकेंद्रीकरण होना ही चाहिए हाई कोर्ट के भी संभाग स्तर पर ब्रांच होनी चाहिए

  • @bajpaivn
    @bajpaivn 11 месяцев назад +2

    If CJI doesn't concede to the need of the time, why not to then ammend the art 130 of the constitution itself to scrap the approval of CJI.

    • @saritamishra380
      @saritamishra380 8 месяцев назад

      Absolutely right comments, as of now this CJ, SC completely anti modi government. Therefore all deshbasi appeal before President to amend article 130 .

    • @jyotirmayamuduli3510
      @jyotirmayamuduli3510 7 месяцев назад

      @@saritamishra380 WHAT A JOKE

  • @subhashbagle8757
    @subhashbagle8757 11 месяцев назад +1

    सच हैं हमारे पास हर राज्य स्तर पर सुप्रीम कोर्ट होना चाहिए.... जो भी देश के नागरिकों को सुविधा जनक हो वहां तो मैं कहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट होना चाहिए ही..... हां सुप्रीम कोर्ट को ए आय जैसे नई टेक्नोलॉजी ( कानटम कामपुटर टेक्नोलॉजी भी आए तो उसका भी ) से भी जुडा जा सकता है जिससे केसेस को कौन सा जजमेंट लागूं हो वह जल्दी तय हो सकेगा....???..... जैसें भारत में रेल नेटवर्क है वैसे इसको हाय टेक करना आवश्यक बना है.... सद्गुरु जी आपको मेरा शत शत नमन ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें यही प्रार्थना करता हूं भारत माता कि जय वंदेमातरम् वंदेमातरम् वंदेमातरम्....

  • @jagdishsingh2362
    @jagdishsingh2362 11 месяцев назад +2

    EXCELLENT.

  • @sureshshandil7883
    @sureshshandil7883 10 месяцев назад

    जब सजा पॉलिटिशियन को संबिधान में नही फिर आम आदमी गरीब के लिये है बानी कोर्ट। इंसाफ कब होगा?

  • @rameshnandwani6710
    @rameshnandwani6710 11 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली में नहीं और कहीं शिफ्ट किया जाए दिल्ली से बिल्कुल हटा दो

  • @SukhjinderSingh-yl8sl
    @SukhjinderSingh-yl8sl 11 месяцев назад +6

    Given that all matters of law,are essentially related to logic as per laid. down law's in upcoming,cr pc,crpc ie a et al mutatis mutandis,hence the legal system can have assisted robotic derivative logic thus judiciously assisting higher levels of judges in arriving at a conclusion faster reducing the ependency of cases

  • @sujoypal4500
    @sujoypal4500 11 месяцев назад +9

    Great decision. Welcome to Hon'ble Supreme Court's bench in different parts of Bharat.

  • @kshetrapalsharma4105
    @kshetrapalsharma4105 8 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट एक से ज्यादा की जरूरत है, सच यह है कि यह ठीक वैसा ही है कि सरकार ने शेषन के समक्ष अन्य चुनाव आयुक्त बैठा दिए ,जो कोई किसी से कम नहीं ।

  • @SUBODHRAY-qv8fw
    @SUBODHRAY-qv8fw 7 месяцев назад

    कलकत्ता, मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, पटना में भी सुप्रीम कोर्ट का ब्रांच होना चाहिए ।

  • @shishir1954
    @shishir1954 10 месяцев назад

    अधिकतम 1 करोड़ की आबादी पर सुप्रीम कोर्ट में एक जज अवश्य होना चाहिये। इसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 150 जज होने चाहिये तभी सुनवाई में तेज़ी आयेगी।

  • @anjanikumar7555
    @anjanikumar7555 11 месяцев назад +2

    Reorganization of Judiciary - A Suggestion:
    Let there be four Benches of the Supreme Court, one each in North, South, East and West of India with one Constitutional Bench at New Delhi. Each Bench can have nine judges making a total of 45 judges almost equal to the present strength. As said by some eminent jurist, the judgment of the Supreme Court is supreme not because the judgement is supreme but because the court is supreme. Therefore, the judgments of the Four Benches would be final and no appeal against it could be filed in the Constitutional Bench. However, it can decide on References from the President, Prime Minister and the Speaker. It can also take up on its own any judgment given by any lower court and the constitutional issues.
    This will make justice all India-based. The local practitioners of law will have greater experience and the local citizens greater satisfaction. Everyone doesn't have to come to Delhi. The litigation expenses will be reduced and the cases will be decided expeditiously.

  • @melaram6890
    @melaram6890 8 месяцев назад

    बिचारे तो बहुत अच्छा है, अगर हमारी lower Court,Sessions court,High Court में ही बिना सिफारिश या अन्य किसी साधन के बिना निष्पक्ष न्याय करे, तो इतने Case Supreme court पहुंचे ही नहीं।हमने पंचतंत्र की कहानी को पढ़ा था,बह जब दोनों दोस्त थे, और उनका फैसला कैसा हुआं था। हमारी न्याय पंचायतों में ही सही फैसले होते थे, क्योंकि लोगों में सच्चाई होती थी।आज हम खुद ही भ्रष्ट हो चुकें हैं तो न्याय कहा मिलेगा।

  • @studyiqjudiciary
    @studyiqjudiciary  8 месяцев назад +16

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  • @chandraji1366
    @chandraji1366 8 месяцев назад

    देश मे एक Super Supreme Court होना चाहिए ।
    इस Super Supreme Court मे 11वैसे जज रहना चाहिए जो High Courts and Supreme court से retired हैं ।
    इनकी बहाली संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए ।
    Super Supreme Court सिर्फ Supreme Court द्वारा दिए गए फैसलों की विवेचना करे और अपना निर्णय दे ।

  • @RamYadav-n9x5q
    @RamYadav-n9x5q 8 месяцев назад

    की सुप्रीम कोर्ट बनाना है तो कई लोकसभा भी होगी। ऐसा होने का मतलब है देश को बांटना चाहते हैं। जिसे चाहेगें उसे जज को प्रभावित करके जेल में डालते रहेंगे।

  • @Upenderpathak-s7t
    @Upenderpathak-s7t 8 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट है पॉलिटिशियन जो कहता है उसे वापस लौट के बाद यह बांटने में काम करता है आज तक 40 साल 50 साल का कैसे चलता रहता है यह सुप्रीम कोर्ट के मतलब क्या होता है जो भी ग्राउंड तो पोजीशन एंड क्लाइंट तो क्रिमिनल सिचुएशन तो पब्लिक ग्राउंड यह कब कैसे क्यों किस लिए वहां पर जज कभी जाते नहींहै 19000 में कैसे बनता है और वोट में पेश होता है यह तो दिल्ली और पूरे भारत के हर स्टेट में ऐसे लीडर बना हुआ है जो देश के लिए दुर्भाग्य

  • @Swaruppatange
    @Swaruppatange 11 месяцев назад +1

    भारत मे लोक संख्या 145 करोड है इतने लोक संख्यकॊ खाली एकही सुप्रीम कोर्ट उसमेभी राजकर्णियोका केस पहिली सामान्य जनताके केस का कब नंबर लगेगा कोयी पत्ता नही तो कामसेकम आठ कोर्ट चाहिये इसका विचार होना चाहिये

  • @jaynarayanbhardwaj8234
    @jaynarayanbhardwaj8234 7 месяцев назад +1

    The time has come to establish a SUPER SUPREME COURT to eleminate the monopoly of the present supreme court for example the verdict of bail plea of kejriwal .-----J N Bhardwaj

  • @taranathrege164
    @taranathrege164 7 месяцев назад

    ये अचछा किया। बॅलेंसशीट हर साल बंधन कारक करना चाहिए।

  • @rakeshchoudhari7476
    @rakeshchoudhari7476 8 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट पर जनता का विश्वास उठाता जा रहा है यह बहुत चिंता का विषय है

  • @CorneliusMarandi-kc5ht
    @CorneliusMarandi-kc5ht 8 месяцев назад

    प्रधानमंत्री भी दो ( 2 ) और राष्ट्रपति भी दो (2) होना चाहिए। राज्यसभा (2) और लोकसभा भी दो (2) ही होना चाहिए

  • @Bajrung.12
    @Bajrung.12 11 месяцев назад +14

    Supreme courts need to stand all in one judiciary capital place, otherwise it will corrupted, same like what Mamta is pressuring the Bengal High court Judges to get their involvement.

    • @hariomgupta3899
      @hariomgupta3899 11 месяцев назад +1

      I totally agree with you

    • @rekhakale7
      @rekhakale7 11 месяцев назад

      Dear all ,
      These Extended benches can be called Regional supreme court.
      And then today's Supreme court can be called as Supreme Supreme court..
      Think differently

    • @Bajrung.12
      @Bajrung.12 11 месяцев назад

      @@rekhakale7 First listen, what she is talking about

  • @Upenderpathak-s7t
    @Upenderpathak-s7t 8 месяцев назад

    हम तो यही कहेंगे कि हमारे सामने यही नजर आता है सुप्रीम कोर्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट है आज हजारों करोड़ लूटने वाले को भेज देना रिश्वत लेना यह दुर्भाग्य है यह कौन से कानून है कौन सी जजमेंटल है कौन सी किताब है यह पढ़े हैं और कहां का यह नियम है यह देश के लिए प्रश्न चाहिए

  • @Saurabh_Verma_Ujjayini
    @Saurabh_Verma_Ujjayini 11 месяцев назад +8

    Thanks for this detailed session!!

  • @rozamaury2565
    @rozamaury2565 11 месяцев назад +2

    आप के बात सहि है तो गरिबों के लिए क्या कर रही है कि किसी व्यक्ति के पास 100रु देने का औकात नहीं हैं उनका सालो साल मुकदमा चलता हैं वे कैसे लडे उनका जद बहस करवा कर खत्म करे तो हर जज के पास अतिभार खत्म होग

  • @pankajroyalkumar1087
    @pankajroyalkumar1087 8 месяцев назад

    सरकार का काम सिर्फ किसी आदेश को एक्जीक्यूट या पालन कराने का होता है, इस लिए सरकार के हाथो में पुलिस को आदेश देने की शक्ति नहीं होनी चाहिएं इसका अधिकार सिर्फ न्यायालय के पास ही होना चाहिए।🇮🇳

  • @kamalsinghchandel8363
    @kamalsinghchandel8363 9 месяцев назад

    सुप्रीम को बाद देखे पहले शिछा स्वास्थ रोजगार पर ध्यान देने चाहिये ओर भ्रष्टाचार खतम होना चाहिये ।गरीब पर काम होना चाहिये ।

  • @mallikarjunbhoyare527
    @mallikarjunbhoyare527 7 месяцев назад

    Very nice and well good. The said decision of the Modi government is very good and well wishes to all ministers for the same.

  • @intzarkhan2873
    @intzarkhan2873 9 месяцев назад +1

    Supreme Court Shuru Se Lekar ab tak Ek Tha Aur Ek Hi Rahega

  • @madhavankuttyk
    @madhavankuttyk 8 месяцев назад

    Inn Kerala public demanding Highcourt bunch demanding in State Head quarter at Thiruvanandapuram years back why not allowing by authority. Why?

  • @sachchidanandsingh4814
    @sachchidanandsingh4814 10 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट का अर्थ समझना निहायत आवश्यक है ।यह राष्ट्रीय कोर्ट है जहां राष्ट्र का राज्यों की हाई कोर्ट की न्याय की परिमार्जित सुनवाई होती है और अंतिम न्याय की प्रधानता को राष्ट्रीय स्तर पर एक न्याय प्रदान खुलकर करती है। यह देश की एकमात्र आधार और सारे गुण और दोष की पहचान सुनिश्चित कर फैसला देती है। अतः देश मे सुप्रीम कोर्ट का बटवारा निसंदेह आत्म घातक हथियार बनकर उभरेगी जो राष्ट्रीय न होकर हाई कोर्ट जैसा ही बनी रहेगी और जनतांत्रिक पद्दति को नुकसान की भी घोतक बनेगी ।

  • @jagabandhuthakur3294
    @jagabandhuthakur3294 11 месяцев назад +2

    सब से पैहला प्रयास संविधान संशोधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण बिषय है ❤कठोर दण्ड बेवस्था कानून बनाना अत्यंत जरूरी है ❤वकिल और जज आपस में मिलकर भ्रष्टता का प्रयास कर रहे हैं (निसंदेह )किसी भी तरह मामलों को लंबीत करते हुए अपना बर्चस्व बनाए रखना मूल अधिकार समझ रहे हैं...!!! जिसका लाठी उसिका भैंस... वाह वाह रे दुनियां... (ज्वलंत उद्‌धारण )जगबन्धु ठाकुर बनाम झाड़खण्ड सरकार जिसका केस नंबर सीएमपी ४०३/२०२२देख लिया जाय... सन.

  • @studyiqjudiciary
    @studyiqjudiciary  5 месяцев назад +3

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  • @bhaskarcharkhe282
    @bhaskarcharkhe282 6 месяцев назад

    ऐसा होना ही चाहिए और मोदीजी शासन है तो मुमकिन ही है

  • @shashankbhushan8585
    @shashankbhushan8585 11 месяцев назад +1

    सुप्रीम कोर्ट के ब्रांच प्रत्येक राज्य की राजधानी मे होनी चाहिए और प्रत्येक मे जजों की संख्या कम से कम 8 होनी चाहिए क्योंकि एक या दो जज के होने से फैसलों मे मनमानी या पक्षपाती होने का डर रहेगा. साथ ही देश के हरेक राज्यों से कम से कम 1-1 प्रबुद्ध, स्वतंत्र, कानून की बारीकी जानने वाले व्यक्तियों की एक कमिटी होनी चाहिए जो सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का अपने-अपने स्तर से त्वरित (time bound) रिव्यू करे और फिर majority के आधार पर कोर्ट के फैसले को सही या गलत बताये. ऐसे मे सुप्रीम कोर्ट की मनमानी भी बंद होगी.

  • @ganeshgiri968
    @ganeshgiri968 11 месяцев назад +1

    Job are all over the India it's should be the same like army,Doctors, engineers & bureaucrats like wise upto High court 60yrs and like special and some type of voting suprime court should be 65yrs compalsary. Note it common people wants.

  • @taranathrege164
    @taranathrege164 7 месяцев назад

    जीतनी छुट्टियां अॉफिसेस मे होती है, उतनी हि देनी चाहिए।

  • @mkvaradaraj
    @mkvaradaraj 11 месяцев назад

    It is very much essential to have regional Supreme courts to alleviate difficulties of litigatants to save money n time .

  • @sridharansrinivasan2619
    @sridharansrinivasan2619 11 месяцев назад +1

    That’s why I was asking everyone keep voting BJP in every election all the problems will be 100% solved

  • @melaram6890
    @melaram6890 8 месяцев назад

    मुझे एक कहानी याद आई,एक राजा के सलाहकारों ने सलाह दी कि दूध अच्छा नहीं आ रहा, अपनी गायें रखी जाय। गायें रख दी गई, दुसरे दो चार दिन के बाद दूध सही नहीं था, इसलिए उस पर एक निगरानी के लिए और रख दिया, कुछ दिन के बाद एक और चैकर रख दिया,हाल फिर बही, राजा ने आख़िर में मंत्री की ड्यूटी लगाई। मंत्री ने कहा मेरा हिस्सा तो जबाब मिला कि पहले ही तीन हिस्से पानी है तो अब हम कैसे करें। मंत्री ने कहा यह मेरी जिम्मेदारी दारी है, जब राजा सो गये मंत्री ने राजा की मूछों पर मलाई लगा दी, सुबह राजा उठे तो मंत्री पहले ही शीशा लेकर खड़ा था, राजा ने पूछा रात को मैंने दूध पिया था, उसने फटाफट शीशा आगे कर दिया और कहा कि देखो अभी भी मूछों पर मलाई लगी है। यही हमारे क़ानूनी सलाहकार हैं।"मेरा भारत फिर भी महान्"।

  • @jenabdr
    @jenabdr 11 месяцев назад +2

    An ideal and welcome step

  • @ramashankerpremi8238
    @ramashankerpremi8238 11 месяцев назад

    It's a very nice proposal to have five to six supreme courts in our country as our population increased in many folds from the time we got independence jai Hind Jai Bharat

  • @astariyal6161
    @astariyal6161 6 месяцев назад

    Why can't we have 340 supreme court judges instead of just 34, who have no time to clear pendency of lakhs of cases. Have benches of S.C. in all 4 metropolitan cities of mumbai, calcutta, chennai. WHY ARROGANCE in giving justice near the litigants.❤

  • @Rajtantra-sd7he
    @Rajtantra-sd7he 9 месяцев назад

    अरे भाई कुल मिलाकर मतलब यह हुआ कि न्याय होगा ही नहीं अब केवल जजों और न्यायालय की संख्या बढ़ाई जाएगी मगर व्यवस्था को अभिशाप नहीं वरदान बनाया जाना चाहिए

  • @harshadpatel3179
    @harshadpatel3179 11 месяцев назад

    ये सरकार ऐक सुप्रिम कोर्ट में पूरे जजकी नीमणुं नहीं करपाती है तो चार+ऐक पुरानी कुल पांचके लिए जज कहां से लायेगी।

  • @mangilalmarmit8797
    @mangilalmarmit8797 9 месяцев назад

    सुप्रीम कोर्ट तो एक हो ,प्रधान मन्त्री पांच !
    सुप्रीम करता रहे ,बस घोटालों की जांच !!
    (sc,st,obc,mit ,gen)पांच प्रधान मन्त्री हों !

  • @bsjadaun5012
    @bsjadaun5012 8 месяцев назад

    हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट की जरूरत ही नहीं है।केवल हाईकोर्ट ही काफी हैं।

    • @mohanbajpai938
      @mohanbajpai938 7 месяцев назад

      हर किसी को न्यायालय की देहरी चढ़ने से परहेज़ करना चाहिए जी 🙏

    • @mohanbajpai938
      @mohanbajpai938 7 месяцев назад

      न्यायालय के पास दिल, दिमाग,आंख,कान, मुंह नहीं होता है अर्थात न्यायालय भावनाशून्य होकर एवं विचारों पर नहीं सबूतों और गवाहों पर निर्भर है जी 🙏

  • @dwarikanathtrivedi5441
    @dwarikanathtrivedi5441 6 месяцев назад

    भारत की देश काल और परिस्थितियों को देखते हुए राष्ट्र की शानदार न्याय व्यवस्था लागू करने के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अधिकार प्राप्त करने की जरूरत है किन्तु भीतरी क्षेत्र की गन्दगी का भी ध्यान रखना होगा और पूर्ण रूप से सफाई अभियान चलाया जाए

  • @GaneshMishra101
    @GaneshMishra101 8 месяцев назад

    Yes, my daughter has refused to attend the court proceedings because of exorbitant cost , days consumed and leave required posed loss of job and thus right to live with dignity.

  • @peetamsharma7749
    @peetamsharma7749 10 месяцев назад

    Court मे reservation नहीं होना चाहिए, IAS IPS की तरह exam लेकर ही high court, supreme Court मे judge appoint hone चाहिए

  • @swapankantabosechowdhury677
    @swapankantabosechowdhury677 10 месяцев назад +1

    Excellent decision indeed.

  • @RatanGupta-dt5dd
    @RatanGupta-dt5dd 11 месяцев назад +1

    Court ka diwaliya pan hai ki ek ek cases pe 20 ; 25 years intejar karke nyay ke siba khud diwala hota hai -- sharam aana chahiye

  • @maheshpant556
    @maheshpant556 8 месяцев назад

    SC से पूछने की क्या जरूरत सरकार को और क्यों, मोनोपोली चलाने के लिए इस लिए परमिशन नहीं देता है। 130 को सरकार को बदलने की सख्त जरूरत है, इसका मतलब आज भी अंग्रेजो का राज्य चल रहा है।

  • @shashank2825
    @shashank2825 6 месяцев назад

    Even President of India should give an power to constitute 5 judges for the Supreme court once CJI fails. The government should make a new amendment in the Constitution