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संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन नाम तिहारो | Jai Hanuman

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  • Опубликовано: 18 фев 2024
  • संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन नाम तिहारो | Jai Hanuman
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    ► Album - Sankatmochan Hanuman Ashtak
    ► Song - Sankatmochan Hanuman Ashtak
    ► Singer - Sourajay Dev (Sourajoy Dev)
    ► Music - Sohini Manoj Mishra (Sohini Mishra)
    ► Lyrics - Traditional
    ➤ Label - Vianet Media
    ➤ Sub Label - Ambey
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    Bhajan Lyrics :-
    बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
    तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
    ताहि सों त्रास भयो जग को,
    यह संकट काहु सों जात न टारो ।
    देवन आनि करी बिनती तब,
    छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
    जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
    चौंकि महामुनि साप दियो तब,
    चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
    कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
    सो तुम दास के सोक निवारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    अंगद के संग लेन गए सिय,
    खोज कपीस यह बैन उचारो ।
    जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
    बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
    हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
    लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    रावण त्रास दई सिय को सब,
    राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
    ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
    जाए महा रजनीचर मारो ।
    चाहत सीय असोक सों आगि सु,
    दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    बान लग्यो उर लछिमन के तब,
    प्राण तजे सुत रावन मारो ।
    लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
    तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
    आनि सजीवन हाथ दई तब,
    लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    रावन युद्ध अजान कियो तब,
    नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
    श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
    मोह भयो यह संकट भारो ।
    आनि खगेस तबै हनुमान जु,
    बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    बंधु समेत जबै अहिरावन,
    लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
    देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
    देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
    जाय सहाय भयो तब ही,
    अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    काज किये बड़ देवन के तुम,
    बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
    कौन सो संकट मोर गरीब को,
    जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
    बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
    जो कछु संकट होय हमारो ॥
    को नहीं जानत है जग में कपि,
    संकटमोचन नाम तिहारो ॥
    ॥ दोहा ॥
    लाल देह लाली लसे,
    अरु धरि लाल लंगूर ।
    वज्र देह दानव दलन,
    जय जय जय कपि सूर ॥
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