बचपन मे मोहर्रम देखने के दीवाने थे मगर जैसे ही समझदार हुए अफसोस होने लगा कि हम क्यो साल भर साल मस्जिद नुमा ताज़िया बनाकर अपने हाथों से शहीद कर देते है 😢 इमाम हुसैन जिंदा है और जिंदा लोगो का मातम नही बनाया जाता है बल्कि उनकी तरह तीन दिन रोजा रख कर उनकी तकलीफ भरी जिंदगी को महसूस करना चाहिए , कैसे उन्होंने अल्लाह की राह में सब्र किया
🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤️
Good job bhai mr IMJ
Sir, Ji Jaipur Main KL Ka Timing Kya Rhanga... ? Julus Ka
Kidar Sa Niklaga ?
Bhai sham 6 se subhe 6 Tak or badi chopad se niklega
मैं इस्लाम धर्म को कबूल करता हूं कि
बचपन मे मोहर्रम देखने के दीवाने थे मगर जैसे ही समझदार हुए अफसोस होने लगा कि हम क्यो साल भर साल मस्जिद नुमा ताज़िया बनाकर अपने हाथों से शहीद कर देते है 😢
इमाम हुसैन जिंदा है और जिंदा लोगो का मातम नही बनाया जाता है बल्कि उनकी तरह तीन दिन रोजा रख कर उनकी तकलीफ भरी जिंदगी को महसूस करना चाहिए , कैसे उन्होंने अल्लाह की राह में सब्र किया
मैं इस्लाम धर्म को कबूल करता
मैं इस्लाम धर्म को कबूल करता हूं कि मैं
❤❤❤❤❤
Mohalla chini ki Burj ❤❤❤❤