सिर्फ़ मुआवजा ही नही ।लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी के ऊपर कानूनी कारवाई भी होनी चाहिए।अगर किसी साजिश के तहत बेगुनाह को जेल में रखा गया है तो इनके लिए जिम्मेदार लोगो से अधिकारी से मुआवजे की वसूली भी होनी चाहिए।
मला अनुभव आहे. अनेक ठिकाणी भ्रष्टाचार आणि खोटे व्यवसाय चालू आहेत. जी माणसं प्रामाणिक पणे काम करू इच्छितात त्यांना कामावरून काढले जाते. भ्रष्टाचार ही लागलेली कीड आहे. मालक आणि अधिकारी स्वतःला सत्यवान समजतात हीच माणसे लबाड, भामटे असतात. ते सत्तेचा गैरवापर करून कित्येक लोकांच जीवन उध्वस्त करतात.
उन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई बिल्कुल होना चाहिए। चूंकि जिन अधिकारियों ने एक साज़िश के तहत एक "बेगुनाह" को सलाखों में कैद रखा। उसने कितनी-कितनी यातनाएं झेलीं ? यह तो वही व्यक्ति जानता है।
मुकदमा दायर करने वाले से एक सपथपत्र लिखवाना चाहिए कि अगर यह केस झूठ निकला तब वही दण्ड जो दोषी को मिलना चाहिए था केस करने वाले को मिलेगा। फिर देखो क्या होता है।
बेगुनाह को कमपनसेट मिलना चाहिए। जज साहेब जो हल्के में केस देकर गलत निर्णय देते हैं उनके भी सर्विस रिकार्ड पर निगेटिव रिमार्क आना चाहिए।जैसे केजरीवाल जी जमानत पर निचली अदालतें भेदभाव की। सूरत में राहुल पर मानहानि का गलत केस आदि
विषय बहुत ही उत्तम है अगर ऐसा हो जाये to अपराध भी कम हो जायेंगे. निरापराधी तो निश्चय ही गरीब एवं जातिय शोषण का शिकार इंसान ही होता है फिर तो न्याय कि उम्मीद बढ़ जायेगी जो सादियों से सताया हुआ है उसको भी न्याय का लाभ मिलने लगेगा और अपराधियों को कुछ कानून का भय जरूर पैदा हो सकेगा. बहुत उत्तम वीडियो।
यह बहुत ही अच्छा ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। मुआवजे के साथ साथ जो भी IO हो उस की ACR में एंट्री भी की जानी चाहिए। जिससे उस की फ्यूचर में प्रमोशन न हो सके।
सर आपकी बात सही है कुछ रेप के केसेस हैं उसमें एव्हीडेंन्स नहीं होने पर छुटते हैं भारत में कानून कायदे संविधान हैं लेकिन उसमें रस्ते बोहोत हैं जिसमें छोटी छोटी मछलियां तो फंसती है और मगरमच्छ कायदे फाड़कर बाहर निकल जाते हैं जानकारी बोहोत अच्छी है धन्यवाद
बेगुनाह लोगों. की. रिहाई. पर कम से. कम. 50 लाख. रूपये का. हर्जाना. कोर्ट. को. देने का. फैसला. करते हुए ,. फर्जी. मुकदमा. करने. वालों से. वसूली. होनी. चाहिए.!!
कोर्ट जब अपराधिको जमानत देकर दस दस साल तक बाहर रखती है और वह व्यक्तिओको या समाजको नुकसान पहुंचाते है तब क्या यह कोर्टकी जिम्मेदारी होगी की वह पीड़ितों को नुकसान भरपाई दे ?
कभी-कभी वकील और न्यायमूर्ति मिली भगत से अपने अपने स्वार्थों से वशीभूत होकर न्याय की हत्या करते हैं। इससे आमजन के विश्वास को ठेस पहुंचाती है।इस संदर्भ में भी ठोस पहल होना चाहिए।
झूठे केस दर्ज कराया जाने वाले अभिभाषक़ों ( वकीलों,को भी अपराधियों के समान दोषी माना जाएगा का प्रावधान भी होना जरुरी है,। पैसे के लालची वकीलों ने झूठे केस दाखिल करने का धंधा वना लिया है।
झूठे बेबुनियाद केस वकीलों की वजह से ही लंबे समय तक चलने की भी जांच होनी चाहिए और वकीलों से मुवावजा कोर्ट भी दोषी वकीलों से वसूल किया जाना चाहिए मेरे साथ 12 साल तक झूठे वकीलों की वजह से लाखों रुपये अदालत में खर्च करने पडे़ और जब झूठे वकील को पता चला कि उसका मुवक्किल गलत और झुठा है तो वह समझोता करने के लिए मेरे वकील के पास आया और सरैंडर करने की बात कर रहा था
बिल्कुल सही कहा आपने, फर्जी केस में जीवन बर्बाद कर दिया जाता है उसका सबसे विश्वसनियता खत्म हो जाती है पर जब सरकार इस पर कुछ अच्छा करेगी तो जीवन में खुशियां लौट सकती है पर ईमानदार होना चाहिए सभी को ❤❤❤
आप का यह विडियो बहुत महत्वपूर्ण हैं । सुप्रीम कोर्ट को अपने देश वासियों को न्याय दिलाने की सही प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए अर्थात दोनों संसद भवन में इस विषय पर चर्चा करके ऐसे कानूनन निर्णय को रजामंदी होनी चाहिए । पिछले ७८ वर्षों से हमारे देश में बहुत कम नागरिकों को न्याय मिला है लेकिन उनके खोए हुए भुतकाल को कौन संवारेगा ? यह नाइंसाफी कई लोगों पर हुई है / थी । इसका कोई लेखा-जोखा किसी कोर्ट-कचहरी या पुलिस डायरी में नहीं है यह स्पष्ट है । अब सुप्रीम कोर्ट के जज साहेब के ध्यान में आया है , तब इस अन्याय की कमी को दूर करने की सख्त जरूरत है । सीजेआई और सभी जजों ने मिलकर नागरिकों के अधिकार को लेकर आगे की जिम्मेदारी को बखूबी निभानी चाहिए ।
बहुत महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है,कोर्ट ने जिस प्रकार टिप्पणी की है उसे अमल लाने के कानून लाया जाना चाहिए,ऐसे किसी भी कंपेंशेशन!क्षतिपूर्ति जो भी दोषी हों चाहे जांघ अधिकारी हो,जांच एजेंसी हो या वह व्यक्ति या संस्था जिसने झूठे आरोप में फंसाने का प्रयास किया।
Dear Sardana ji, जैसे कि हम आज कल सुन रहे हैं के वकील अपने मन मुताबिक फैसले करवा रहे हैं, और कल को गुनाह करने वाले भी ऐसे छूटने लगे तो compensation देते देते सरकारों का तो दीवाला निकलना शुरू हो जाएगा। गुलशन कुमार हत्याकांड में भारत सरकार को उस समय 9 करोड रुपए देना पड़ा था।
न्यायिक हिरासत का कंसेप्ट ही ग़लत है और सारी बुराइयों की जड़ है जो इस व्यवस्था को अन्यायी और भृष्ट बना रहा है । जमानत किसलिए ? जब न्यायालय बुलाएइ और कोई ना जाये तब जमानत की बात सामने आना चाहिए । लेकिन धंधा बना दिया ज़मानत को
ऐसे लोगो को हरजाना सरकारी खजाने एसडी नहीं देना चाहिए क्योंकि वो पैसा जनता का है, मुवक्वजा जांच एजेंसियों से वसूली करना चाहिए, ऐसे फैसले के लिए कोर्ट का बहुत धन्यवाद।
@@ArunGupta-mf7py we have a weak judiciary and SC. Crimesters crimes against minorities are legal, the bulldozer maniac's criminal activities are legal too, and for small crimes by common man it's jail for them. Why ?
सही बात है, बेगुनाह को कंपलसेशन तो हर हाल में मिलना ही चाहिए, शिर्ष अदालत ने जब इस विषय को चुना है तो उसी ने इस विषय से संबंधित गाइडलाइंस जारी करनी चाहिए!
जिन लोगोँ के खिलाफ़, सदियों से लोग कहते हैं कि इनके DNA मे न्यायिक चरित्र ही नहीं है, अगर वही न्यायालयों में होंगे तो क्या होगा, इसलिए हर जगह विविधता जरूरी है, विविधता के लिए जाती जनगड़ना जरूरी है, तभी कुछ हो सकता है अन्यथा ऐसे ही चलता रहेगा.
हिंदुस्तान की अदालतें न्याय नहीं अन्याय करती हैं! दुनियाँ की सबसे निकम्मी और विवेकहीन न्यायपालिका है ये जहाँ अमीर और गरीब के लिए न्यायधीशों द्वारा अलग अलग व्यवस्थाएँ हैं !
In justice mahoday ki padhai sari videsh me hoti he.. isliye inka dimag hi Bharat ki mool bhavna ke saath nhi judti.. Bharat ka judge Bharat ka hi padha likha hona chahiye..videsh se nhi..
आर एस एस +विहिप +बीजेपी+संघीय ब्राह्मण, पेशवाई ब्राह्मण और सवर्ण मनुवादी जजों न्यायिक चरित्र नही होता इसलिए संविधान, लोकतंत्र व मानवाधिकार को कुचलवाते है।
सरदाना साहब, आपके पोस्ट तथ्यपरक,समयसन्दर्भीक, मननयोग्य व अनुकरणीय होते हैं,मै आपके प्रत्येक पोस्ट हेतु प्रतिक्षारत रहता हूँ और समय निकाल कर भी अवश्य सुनता(देखता) हूँ. आपको, उत्तरोत्तर प्रगति की हार्दिक शुभकामनाएं❣️🥰
आप के सभी सबलों का एकमात्र उपाय, कठोर कानून, कठोर दण्ड, लम्बी सजायें,और मृत्युदंड का प्रावधान किया जाना चाहिए।जिस देश में इन कठोर कानूनों का पालन होता है, वहां अपराध ना के बराबर होता है।
Ager koi bhi IAS,IPS, Police officers gujrati dakait bhrataachari dangai naferati chor-uchakka berbola jumlabaz nalayak modi and Taripar Amit Shah ke esare pergalat tarika se giraftar kerta hai to aise officers ke sampatti begunah ke naam kar dena chahiye
इसके विपरीत यदि न्यायालय की "देरी/डेट संस्कृति" की वजह से किसी को हानि हो रही हैं तो स्पष्ट आदेश हो कि कंपंशेसन और हैवी पैनाल्टी वसूल की जाय। चूंकि देरी का कारण दोनों पार्टियां नहीं न्यायालय है।
Excellent analysis 👏 sirji, very true 👍, this will help all citizens of India, we have to show the world 🌎 that India is secular and justice oriented country . We are undhawishwasi, but our law respect every human , we worship stone or ideology but our th8nk8ng is equally to the world , we stand for justice and accept equality ❤️
75साल बाद, बार बार police , थाने साथ चलने को कहते हैं,और थाने में ग़ैर क़ानूनी घंटो बैठा लेते हैं …यह भी नाजायज़ और क़ानून ख़िलाफ़ है आगे ….. यह पहला step लिया जाता है, culmination की आप ( श्री Sardhana )ने व्याख्या की है….. 2.इस पर भी guideline क्या इशू होगी ?
Inki jimmedari kya..inka to gathjod rahta he bhai..nhi to dusra case beech me chhod kar dusra case kese sunte hen..uska bachaav krte hen..vo chudail Teesta kese raat ko jamanat pa gai..sab mile huve hen..bhrast ...
विजय सरदाना जी ,को सलाम। आपने हमलोग जैसे व्यक्ति तक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रावधानों एवं सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा की व्याख्या को रखा है इसके लिए आपको प्रणाम।
सुप्रीम कोर्ट भारतीय जनता के लिए विपक्षी दल है। भारतीय न्यायिक व्यवस्था चरमरा गई है और जनता का भारतीय न्यायिक व्यवस्था से पूर्णतया भरोसा उठ गया है।😢😢😢😢😢😢😢😢
In judges ke bache videsh me padhte hen.. unke kharche or unko videsh me establish krne ko paise chahiye or iske liye judge/ vakeel ka gathjod hota he..
सड़ा हुआ सिस्टम हे इंडियन न्यायालय का सिर्फ हुकम करते है और हुकम का पालन भी होता है की नही उसका भी ध्यान भी नही और उसको कितना compentation देना हे उसका भी कोई उल्लेख ऑर्डर में नही होता हे रियल में इसका उल्लेख ऑर्डर में होना जरूरी हे
Your say is very much correct and full compensation along with interest must be paid to the accused who will be released as innocent. Plus the compensation of his life years which spend in custody.
जजों को भी अपना फैसला सम्बिधान के अंतर्गत बने कानूनों के अंतर्गत करना चाहिए और हर फैसले में उन कानूनों का भी उल्लेख करना चाहिए कि फलां कानून के अंतर्गत वादी या प्रतिवादी के खिलाफ या माफिक मैं यह फैसला फला कानूनों के तहत प्राप्त अधिकारों के तहत कर रहा हूं। यह नहीं कि जो मन आया फैसला सुना दिया दूसरे यदि निचली कोर्ट के फैसले के विरुद्ध ऊपरी कोर्ट फैसला करती है तो निचली कोर्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करके उसको दण्डित करना भी चाहिये।
सारगर्भित पोस्ट आजकल एससी एसटी कानुन का आजकल बहुत ज्यादा दुरूपयोग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बहुत अच्छी व्यवस्था दी थी पर सरकार ने वोट के लालच में पलट कर कानुन का दुरूपयोग करने वालों को महिमामंडन ही किया।
जब तक judge's की ट्रांसफेर् पोस्टिंग सत्ता में बैठे नेता करते रहेंगे इस देश की जनता को न्याय कभी नहीं मिलेगा कौन लोग parliament मे बैठकर ऐसा कानून बनायेगा यह आपने नहीं बताया क्या ऐसे लोग इस देश में हैं क्या.
श्री मान जी नमस्कार देश का न्याय प्रणाली दोषपूर्ण है,कोई अगर बरसो जेल काटने के बाद जज निर्दोष मान बाई इज्जत बरी करता है तो केस बंद कर देता है लेकिन कौन दोषी है यह अनुत्तरित रहता है जुर्म हुआ लेकिन अपराधी कौन ??यानि जिस किसी ने अपराध किया निर्दोष????वाह रे न्याय जय श्रीराम
फिर तो अपराधी पकड़ में नहीं आएंगे और अगर निर्दोष होने पर हर्जाना दिया गया तो उसका भुगतान तो पब्लिक को ही उठाना पड़ेगा ।और देश का बंटाधार हो जाएगा सरदाना जी आप गलत सलाह दे रहे हैं सोचिए
Jab court ke galat judgement ke kaaran koi aparaadhi ko aparaadh mukta kar diye jaate hain aur koi nirdosh byakti ka saja hote hai ,in sabke liye bhi judges ko responsibility lena chahiye. Sawal uthta hai, judges ke galtiyon ka bichar kaun karega?
आदरणीय सरदाना जी, आपने बहुत अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं , हार्दिक शुभकामनाएं व धन्यवाद। बेगुनाह का सपरिवार जीवन तबाह करनेवाले की जवाबदेही तय होनी चाहिए और बेगुनाह का compensation सम्बंधित agency से वसूल की जानी चाहिए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय अविलम्ब संज्ञान लें,यही अपेक्षा है ।यह निर्णय भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।
बिल्कुल सही विचार विमर्श इस इस सुप्रिया कोर्ट या सरकार इस सख्त कानून बनाये हर्जाना मिलना चाहिये साथ ही दोषियों शड़न्त्रकारी के उपर कार्यवाही भी होनी चाहिये अच्छी जानकारी शेयर करने के आपको धयवाद
मेरे विचार से अगर कोई किसी का मर्डर करता है तो स्टेट को उसके परिवार को अच्छा मुआवजा देना चाहिए। क्योंकि ये स्टेट का फेल्योर है। जहां तक हो ये सारा पैसा मर्डर करने वाले से वसूलना चाहिए पर मुआवजा तुरंत मिलना चाहिए।
If any one is arrested without reason and proper proof in hand by investigating agencies or by any person any case is reported only out of revenge as a false , then investigating agency be heavily punished with proper compensation tothe effected party or person The lawyer be also punished . Lawyer knows the truth of the case but for his income misguided . All connected people and agencies be punished in false cases
Who is responsible for delay in delivery of justice. Our police may be responsible for arresting an innocent person but who allowed detention. It is the Court and not the police who are mainly responsible for delay.
सर, वहत अच्छा निर्णय है। इसमें arresting agency के साथ साथ जो वकील उसके खिलाफ कोर्ट में फर्जी दस्तावेज और सबूत पेश किया है, उसको भी जिम्मेदार बनाना चाहिए। ताकि कोई वकील या अधिवक्ता किसी झूठे केस को लढने से पहले ये सुनिश्चित करले की कहीं ये लेने के देने न पड़ जाए।
नमस्कार इस के लिये न्यायालय जिम्मेदार है आज तीन शिफ्ट मे न्यायालय चालणे चाहिए . Fir तक पोलिस का काम हिना चाहिए ऊस के बाद investigative agency under जुडी शरी होनी चाहिए कोई भी बगैर दबाव के एक साल मे फैसला आना चाहिए. कॉम्प्युटर and technology ka jamana है. मंदिर दीखता तो भी 30 साल लागते है .. बोगस
Very very Important topic. If someone is acquitted after a very long period even in some cases the accused will be in jail 3/4th of life span, the authorities should be accountable particularly the police department. Strict accountabily should be laid against the erring rather corrupt officials .
Bhut khoob accha lga iska ilaj ye hae ke ji adhi Kari ke hato jine bi kes hue haen us ki penshn aor fnt ka paesa gvrmint apne pas dipozt ke btor rkhe jb tk uske haton ke kes fainal nhin ho jate
Very good discussion and view point by Sh Vijay sardana.I suggest that that before filing case against a person,affidavit should be taken from the appellent,all police officials, witnesses and in case ,the case proves to be false, strong penality,fine should be imposed on all people involved in the such false appellent.
बेगुनाहों को जेल में बंद करने वाली पुलिस को तुरंत जेल में डालो और इन से ही बिगहा आदमी की नुकसान भरपाई होनी चाहिए कियू की पुलिस बेगुनाहों को फसाने के लिए किसी ना किसी से पैसे लेती हैं ❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓
हमारे देश में कोई भी संस्था स्वतंत्र नही है सब पर राजनिती हाबी है जबतक संसथाये नेताओं के हाथ में रहेगा तब तक जनता को सही न्याय नहीं मिलेगा और इस देश मे यह होने वाला नही!
जिन आरोपियों को लम्बे लम्बे समय तक जेल में डाले रख़ते रहते हैं और बाद में उन्हें आरोप मुक्त कर दिया जाता है, पर अब """ कट्टर ईमानदार और दिल्ली के राजा"" के लिए यह फैसला दिया जाता है कि ज़मानत इनका अधिकार है और ज्यादा समय तक जेल में नहीं रख़ा जा सकता, पर जो पहले आरोपियों को लम्बे लम्बे समय तक अन्तिम फैसले देने तक ज़मानत नहीं दी और क्या उनके ज़मानत पाने का अधिकार नहीं था जो कि""कट्टर ईमानदार और दिल्ली के राजा"" के लिए बताया गया है, ऐसा फ़र्क क्यों 12:16
कम्पनशेसन तो मिलना चाहिए लेकिन जो मास्टर अपराधी जिनका सब को पता होता है कि उसी ने अपराध किया है यहां तक कि कई बार जज को भी पता होता है मगर उनके खिलाफ सबूत नहीं मिल पाते ऐसी कंडीशन में उसकी तो मौज हो जायेगी।
हमारे भारत में "जज" ज्यादातर आक्सफोर्ड से पढ़कर आए और "जज" बने हैं। भारतीयता को समझा ही नहीं इससे भारतीय जनता के परिप्रेक्ष्य में न्याय नहीं मिल पा रहा है। झूठा मुकदमा साबित होने पर मुकदमा दायर करने वालों को जरुरी सजा स्वत: मिलनी चाहिए।
व्यवस्था तो ठीक है लेकिन जिस तबके को इस परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है उसे अभी भी न्याय मिलेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता लेकिन केजरीवाल जैसे रसूख वाले निर्लज्ज भ्रष्टाचारी और मनु अभिषेक सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे वकील जो वकालत और दलाली दोनों कर लेते है को engage करने की क्षमता रखने वाले भ्रष्टाचारियों और क्रिमिनल को निश्चित मुआवजा मिल जाएगा l
सबसे बड़ी बात कानूनी रूप से अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए , वही भरस्टाचारी नेता अधिकारियों से दबाव बना कर भरस्टाचार करवाते हैं जो कानूनो में बदलाव बिल्कुल भी नही चाहेंगे
It is most appreciated judgement of SC. Slightly changed in article 21 is essential, it should be reviewed and rectify. Loss of life is never returnable of victims but as per insurance laws in absence of earning family members or any person emotions for others members is resumbered by those department
जिस दिन से उसके सजा दी जाती है उसको जेल में रखा जाता है अगर वह बेगुनाह है तो उसको कंपलसरी मिलना चाहिए क्योंकि उसका जो नुकसान हो गया इज्जत भी गई इसलिए उसका जितना भी नुकसान हुआ उसको मिलना चाहिए जो उसे लेवल के हिसाब से बनता है अगर
I thanks and salute to the supreme court decision compensation should be given to the innocent victim by the state this is a historic decision in 75 years in the Indian history
INDIAN COURTS DOESN'T TAKE RIGHT AND QUICK DICISIONS IN RIGHT TIME . COURTS AND JUDGES ARE SOLD HERE IN WRONG HANDS. HOW SHAMEFUL ACT OF JUDICIARY. WHO WILL CONTROL AND IMPROVE THIS CORRUPT SYSTEM. THANKS GOD BLESS .
आप का विश्लेष १००% सही है।भारत की प्रगति को गर्त में पहुंचाने का श्रेय का बहुत बड़ा हिस्सा न्याय पालिका की भी है पर इसे लोग Lord मानते और बोलते है,फलस्वरूप दोनों हाथ जोड़े खड़े रहते है पर न्यायधीश भी अपने को अन्तिम ईश्वर मान कर न्याय नहीं फैसला सुना देते है जो न्यायिक अभिशाप है।
सिर्फ़ मुआवजा ही नही ।लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी के ऊपर कानूनी कारवाई भी होनी चाहिए।अगर किसी साजिश के तहत बेगुनाह को जेल में रखा गया है तो इनके लिए जिम्मेदार लोगो से अधिकारी से मुआवजे की वसूली भी होनी चाहिए।
मला अनुभव आहे. अनेक ठिकाणी भ्रष्टाचार आणि खोटे व्यवसाय चालू आहेत. जी माणसं प्रामाणिक पणे काम करू इच्छितात त्यांना कामावरून काढले जाते. भ्रष्टाचार ही लागलेली कीड आहे. मालक आणि अधिकारी स्वतःला सत्यवान समजतात हीच माणसे लबाड, भामटे असतात. ते सत्तेचा गैरवापर करून कित्येक लोकांच जीवन उध्वस्त करतात.
400 seat ayi hoti to sab sahi kar dete modi ji par
Gatar k kido ko saf Pani pasand nai
उन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई बिल्कुल होना चाहिए। चूंकि जिन अधिकारियों ने एक साज़िश के तहत एक "बेगुनाह" को सलाखों में कैद रखा। उसने कितनी-कितनी यातनाएं झेलीं ? यह तो वही व्यक्ति जानता है।
@@भारतीय68 I support you n struggle until insaf qayem ho
@@indian9400 Ak ko fasane wale se nyay ki umeed
मुकदमा दायर करने वाले से एक सपथपत्र लिखवाना चाहिए कि अगर यह केस झूठ निकला तब वही दण्ड जो दोषी को मिलना चाहिए था केस करने वाले को मिलेगा। फिर देखो क्या होता है।
👍👍👍👌😁
Bilkul yahi baat maine bhi bahut pahle likhi thi ? Ap is baat ko jyada se jyada # tag laga kar share karen pl.
Jis par bhi jhoothe arop ho vo apne advocate se ek stamp paper par likhva kar Same yahi baat other party ke sine ke sath rakh lena chahiye,😇👁️
Court se sabhi log milkar is ki demand karen 😇
जज गलत केस पर जुर्माना लगा सकते है। लेकिन ऐसा शायद ही करते है। अधिकांस केस में जुर्माना लगाए तब बात बन सकती है।
बेगुनाह को मुआवजा बिल्कुल मिलना चाहिए ,और दोषी कर्मचारी,अधिकारी को सजा होनी चाहिए।न्यायालयों के न्यायाधीशों को फैसला ही नहीं न्याय करना चाहिए।
बेगुनाह को कमपनसेट मिलना चाहिए। जज साहेब जो हल्के में केस देकर गलत निर्णय देते हैं उनके भी सर्विस रिकार्ड पर निगेटिव रिमार्क आना चाहिए।जैसे केजरीवाल जी जमानत पर निचली अदालतें भेदभाव की। सूरत में राहुल पर मानहानि का गलत केस आदि
आपके विचारों से मैं सहमत हूँ।, बेगुनाहों को कंपनसेशन मिलना चाहिए।
विषय बहुत ही उत्तम है अगर ऐसा हो जाये to अपराध भी कम हो जायेंगे. निरापराधी तो निश्चय ही गरीब एवं जातिय शोषण का शिकार इंसान ही होता है फिर तो न्याय कि उम्मीद बढ़ जायेगी जो सादियों से सताया हुआ है उसको भी न्याय का लाभ मिलने लगेगा और अपराधियों को कुछ कानून का भय जरूर पैदा हो सकेगा. बहुत उत्तम वीडियो।
मान्यवर
जिसने झूठी रिपोर्ट लिखवाई उसके खिलाफ भी तो कार्य वाही होनी चाहिए ।
Es mudy me sarkari kramchary men gunha gaar he inhye bhy dand milna chaie
@@ashoksisodiya7347 sahi kaha sir
@@royalrar-bm4rf ज्यादा तर पुलिस ही फर्जी केस की दोषी पायीं जाती है
यह बहुत ही अच्छा ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। मुआवजे के साथ साथ जो भी IO हो उस की ACR में एंट्री भी की जानी चाहिए। जिससे उस की फ्यूचर में प्रमोशन न हो सके।
क्या यही फैसला निचली अदालतों पर भी लागू नहीं होना चाहिए निचली अदालतों के फैसले भी फैसले भी गलत हो जाते है
Nichli Adalat me to fir bhi nyaay hota he.. SC to bade logon ko bachane ka adda bana hua he..
सर आपकी बात सही है कुछ रेप के केसेस हैं उसमें एव्हीडेंन्स नहीं होने पर छुटते हैं भारत में कानून कायदे संविधान हैं लेकिन उसमें रस्ते बोहोत हैं जिसमें छोटी छोटी मछलियां तो फंसती है और मगरमच्छ कायदे फाड़कर बाहर निकल जाते हैं जानकारी बोहोत अच्छी है धन्यवाद
बेगुनाह लोगों. की. रिहाई. पर कम से. कम. 50 लाख. रूपये का. हर्जाना. कोर्ट. को. देने का. फैसला. करते हुए ,. फर्जी. मुकदमा. करने. वालों से. वसूली. होनी. चाहिए.!!
Begunahlogokorihaiorpysakirukumorsuvidhabhimilnichahiyvdeshiyoejailklogooysekpdebhidetehya
ਕੰਮ ਸੇ ਕੰਮ ੫ ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੀ ਸੱਜਾ
कोर्ट जब अपराधिको जमानत देकर दस दस साल तक बाहर रखती है और वह व्यक्तिओको या समाजको नुकसान पहुंचाते है तब क्या यह कोर्टकी जिम्मेदारी होगी की वह पीड़ितों को नुकसान भरपाई दे ?
भारत में सबसे बड़ा अंधविश्वास सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करना है। 😅
Bilkul sahi bola
निर्दोषी को दोषी सावित न करने वाले अधिकारी को नोकरी से निकाल कर,बनी संपति बेचकर मानहानि+मानसिक पीङा+आर्थिक हानि का हर्जाना देना चाहिए।
कभी-कभी वकील और न्यायमूर्ति मिली भगत से अपने अपने स्वार्थों से वशीभूत होकर न्याय की हत्या करते हैं। इससे आमजन के विश्वास को ठेस पहुंचाती है।इस संदर्भ में भी ठोस पहल होना चाहिए।
@@MohanLal-yi1obउन राजनीतिक नेता और वरिष्ठ अफसरों को भी कटघरे में खड़े करना चाहिए जिनके कहने और इसारे पर यह सब कृत्यों को अंजाम दिया जाता है।
जूठे लोग और वगदार गुनहगारका केस लेनेवाले वकीलों के बारेमेभी प्रोविजन होना चाहिए।
झूठे केस दर्ज कराया जाने वाले अभिभाषक़ों ( वकीलों,को भी अपराधियों के समान दोषी माना जाएगा का प्रावधान भी होना जरुरी है,। पैसे के लालची वकीलों ने झूठे केस दाखिल करने का धंधा वना लिया है।
मेरे साथ अभी अभी जून महिने में हुआ है और सारा कुछ खत्म कर दिया लगभग 60 लाख का नुकसान हो गया है और कंप्लेन केस किया है
Isme wakil ki bhumika bahut jyada hai
झूठे बेबुनियाद केस वकीलों की वजह से ही लंबे समय तक चलने की भी जांच होनी चाहिए और वकीलों से मुवावजा कोर्ट भी दोषी वकीलों से वसूल किया जाना चाहिए मेरे साथ 12 साल तक झूठे वकीलों की वजह से लाखों रुपये अदालत में खर्च करने पडे़ और जब झूठे वकील को पता चला कि उसका मुवक्किल गलत और झुठा है तो वह समझोता करने के लिए मेरे वकील के पास आया और सरैंडर करने की बात कर रहा था
@@HermanBains-f3nHa
संविधान बड़ा ना लोकतंत्र,😢 सबसे बड़ा धनतंत्र😢😢
बिल्कुल सही कहा आपने, फर्जी केस में जीवन बर्बाद कर दिया जाता है उसका सबसे विश्वसनियता खत्म हो जाती है पर जब सरकार इस पर कुछ अच्छा करेगी तो जीवन में खुशियां लौट सकती है पर ईमानदार होना चाहिए सभी को ❤❤❤
आप का यह विडियो बहुत महत्वपूर्ण हैं । सुप्रीम कोर्ट को अपने देश वासियों को न्याय दिलाने की सही प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए अर्थात दोनों संसद भवन में इस विषय पर चर्चा करके ऐसे कानूनन निर्णय को रजामंदी होनी चाहिए । पिछले ७८ वर्षों से हमारे देश में बहुत कम नागरिकों को न्याय मिला है लेकिन उनके खोए हुए भुतकाल को कौन संवारेगा ? यह नाइंसाफी कई लोगों पर हुई है / थी । इसका कोई लेखा-जोखा किसी कोर्ट-कचहरी या पुलिस डायरी में नहीं है यह स्पष्ट है । अब सुप्रीम कोर्ट के जज साहेब के ध्यान में आया है , तब इस अन्याय की कमी को दूर करने की सख्त जरूरत है । सीजेआई और सभी जजों ने मिलकर नागरिकों के अधिकार को लेकर आगे की जिम्मेदारी को बखूबी निभानी चाहिए ।
बहुत महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है,कोर्ट ने जिस प्रकार टिप्पणी की है उसे अमल लाने के कानून लाया जाना चाहिए,ऐसे किसी भी कंपेंशेशन!क्षतिपूर्ति जो भी दोषी हों चाहे जांघ अधिकारी हो,जांच एजेंसी हो या वह व्यक्ति या संस्था जिसने झूठे आरोप में फंसाने का प्रयास किया।
Dear Sardana ji,
जैसे कि हम आज कल सुन रहे हैं के वकील अपने मन मुताबिक फैसले करवा रहे हैं, और कल को गुनाह करने वाले भी ऐसे छूटने लगे तो compensation देते देते सरकारों का तो दीवाला निकलना शुरू हो जाएगा। गुलशन कुमार हत्याकांड में भारत सरकार को उस समय 9 करोड रुपए देना पड़ा था।
न्यायिक हिरासत का कंसेप्ट ही ग़लत है और सारी बुराइयों की जड़ है जो इस व्यवस्था को अन्यायी और भृष्ट बना रहा है । जमानत किसलिए ? जब न्यायालय बुलाएइ और कोई ना जाये तब जमानत की बात सामने आना चाहिए । लेकिन धंधा बना दिया ज़मानत को
गलती कोई करे, तो हर्जाना tax-payers के पैसे से क्यों चूकाया जाए। मेरी तो राय है कि जिसकी गलती हो हर्जाना उससे वसूला जाए।
ऐसे लोगो को हरजाना सरकारी खजाने एसडी नहीं देना चाहिए क्योंकि वो पैसा जनता का है, मुवक्वजा जांच एजेंसियों से वसूली करना चाहिए, ऐसे फैसले के लिए कोर्ट का बहुत धन्यवाद।
Bilkul sahi kaha aapne 👍
@@ArunGupta-mf7py we have a weak judiciary and SC. Crimesters crimes against minorities are legal, the bulldozer maniac's criminal activities are legal too, and for small crimes by common man it's jail for them. Why ?
सही बात है, बेगुनाह को कंपलसेशन तो हर हाल में मिलना ही चाहिए, शिर्ष अदालत ने जब इस विषय को चुना है तो उसी ने इस विषय से संबंधित गाइडलाइंस जारी करनी चाहिए!
जिन लोगोँ के खिलाफ़, सदियों से लोग कहते हैं कि इनके DNA मे न्यायिक चरित्र ही नहीं है, अगर वही न्यायालयों में होंगे तो क्या होगा, इसलिए हर जगह विविधता जरूरी है, विविधता के लिए जाती जनगड़ना जरूरी है, तभी कुछ हो सकता है अन्यथा ऐसे ही चलता रहेगा.
@@UmakantYadav-f6c bahut sahi
@@UmakantYadav-f6c यानी न्याय केवल आपके सजातीय लोग ही कर सकते हैं?
हिंदुस्तान की अदालतें न्याय नहीं अन्याय करती हैं! दुनियाँ की सबसे निकम्मी और विवेकहीन न्यायपालिका है ये जहाँ अमीर और गरीब के लिए न्यायधीशों द्वारा अलग अलग व्यवस्थाएँ हैं !
महा भ्रष्टाचारी न्याय व्यवस्था भारत की
In justice mahoday ki padhai sari videsh me hoti he.. isliye inka dimag hi Bharat ki mool bhavna ke saath nhi judti..
Bharat ka judge Bharat ka hi padha likha hona chahiye..videsh se nhi..
भारत में सबसे बड़ा अंधविश्वास सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करना है 😅
आर एस एस +विहिप +बीजेपी+संघीय ब्राह्मण, पेशवाई ब्राह्मण और सवर्ण मनुवादी जजों न्यायिक चरित्र नही होता इसलिए संविधान, लोकतंत्र व मानवाधिकार को कुचलवाते है।
@@hukmaram5810 Yeh sahi nahin hai saboot?
सरदाना साहब,
आपके पोस्ट तथ्यपरक,समयसन्दर्भीक, मननयोग्य व अनुकरणीय होते हैं,मै आपके प्रत्येक पोस्ट हेतु प्रतिक्षारत रहता हूँ और समय निकाल कर भी अवश्य सुनता(देखता) हूँ.
आपको,
उत्तरोत्तर प्रगति की हार्दिक शुभकामनाएं❣️🥰
Satyavachan
भ्रस्ट नयायलय, भ्रस्ट जज, भ्रस्ट क़ानून।
सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार और एजेंसी है।सरकार को ज्यादा लोगो को जॉब देना चाहिए जिससे ईडी सीबीआई और पुलिस जल्दी से जल्दी केस को स्ट्रॉन्ग बनाए।
आप के सभी सबलों का एकमात्र उपाय, कठोर कानून, कठोर दण्ड, लम्बी सजायें,और मृत्युदंड का प्रावधान किया जाना चाहिए।जिस देश में इन कठोर कानूनों का पालन होता है, वहां अपराध ना के बराबर होता है।
Ager koi bhi IAS,IPS, Police officers gujrati dakait bhrataachari dangai naferati chor-uchakka berbola jumlabaz nalayak modi and Taripar Amit Shah ke esare pergalat tarika se giraftar kerta hai to aise officers ke sampatti begunah ke naam kar dena chahiye
Barat may vakel bektay hai aur pules bekte hay zaz bektay hai
सभी को भ्रष्ट कहना उचित नहीं होगा। हां भ्रष्टाचारियों की संख्या अधिक बढ़ती जा रही है।
I became very happy hearing the fair judgement of the honorable JUDGE for this many many thanks O.K
अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक विचार है, बेगुनाह के बर्बादी कीमत वास्तविक बर्बादी से कई गुना अधिक होकर मिलनी चाहिए ।
इसके विपरीत यदि न्यायालय की "देरी/डेट संस्कृति" की वजह से किसी को हानि हो रही हैं तो स्पष्ट आदेश हो कि कंपंशेसन और हैवी पैनाल्टी वसूल की जाय। चूंकि देरी का कारण दोनों पार्टियां नहीं न्यायालय है।
“ तारीख़ पे तारीख़” के लिए कोर्ट्स की क्या जवाबदेही ?
Right
भारत में कानून ही नहीं है,जो भी है वह बेहद कमजोर और सड़ा गला है।
तो फिर लोग जो कहते हैं की अम्बेडकर भारतीय संविधान के निर्माता है वह क्या है?😮
@@OmprakashDhuriya-i6f कानून चलाने बाले सडे गले हो गये है।क्योकि संविधान गलत लोगों के हाथ में है।कानून निर्माता-निर्देशकों ने भी यही कहा था।
Kanoon me compansesan saja sahit jodane ki jarurat hai.
AUR JIS DESH ME QANOON NAHI WO DESH DESH NAHI RAHTA AUR AAJ BHARAT ME KUCH AESA HI CHAL RAHA HAI EK BAAT HO TO BATAUN
@@HARPRASAD-l7pBILKUL AAPKI BAAT ME JAAN HAI
Excellent thinking really millions Salute you sir. LAJAWAB SOCH. REALLY THIS 100%CORRECT
Excellent analysis 👏 sirji, very true 👍, this will help all citizens of India, we have to show the world 🌎 that India is secular and justice oriented country .
We are undhawishwasi, but our law respect every human , we worship stone or ideology but our th8nk8ng is equally to the world , we stand for justice and accept equality ❤️
75साल बाद,
बार बार police , थाने साथ चलने को कहते हैं,और थाने में ग़ैर क़ानूनी घंटो बैठा लेते हैं …यह भी नाजायज़ और क़ानून ख़िलाफ़ है आगे …..
यह पहला step लिया जाता है, culmination की आप ( श्री Sardhana )ने व्याख्या की है…..
2.इस पर भी guideline क्या इशू होगी ?
क्या एक केस पर करोडो रुपये कमानेवाले वकीलोकी और न्यायाधिशोकी कोई जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए?
Inki jimmedari kya..inka to gathjod rahta he bhai..nhi to dusra case beech me chhod kar dusra case kese sunte hen..uska bachaav krte hen..vo chudail Teesta kese raat ko jamanat pa gai..sab mile huve hen..bhrast ...
भारत में सबसे बड़ा अंधविश्वास सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करना है 😅
@@shekharjoshi7292अबे सुप्रीम कोर्ट मैं तो केवल 70 se 80 हजार केस है केवल।
निचली अदालतों मैं तो 4 करोड़ केस है।और हाई कोर्ट के पास 70 लाख केस।
Jimewari aap ka hai unki jimmewari sirf aap se case ke naam par paisa lene ka hai
This is right (thanks)this is right
कोटॅ लमबे समय तक सुनवाई नही करता तो कया होगा
विजय सरदाना जी ,को सलाम। आपने हमलोग जैसे व्यक्ति तक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रावधानों एवं सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा की व्याख्या को रखा है इसके लिए आपको प्रणाम।
BEST and perfect discuss. 200% true and needful. Respected Suprime Court Be Real, True, perfect approach before Deep Sleep.
सुप्रीम कोर्ट भारतीय जनता के लिए विपक्षी दल है। भारतीय न्यायिक व्यवस्था चरमरा गई है और जनता का भारतीय न्यायिक व्यवस्था से पूर्णतया भरोसा उठ गया है।😢😢😢😢😢😢😢😢
In judges ke bache videsh me padhte hen.. unke kharche or unko videsh me establish krne ko paise chahiye or iske liye judge/ vakeel ka gathjod hota he..
भारत में सबसे बड़ा अंधविश्वास सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करना है।
U are right sir
Not only the law the judiciary is also responsible. Even the Supreme Court has lost all its credibility.
Aaj jo bipakchh me baitha hai o kal to shashan me tha us samay sudhar kyo nahi kiya tha
Thanks Vijay Sardana Insights for the programme. Such programme is the need of the hour.Thanks.
सड़ा हुआ सिस्टम हे इंडियन न्यायालय का सिर्फ हुकम करते है और हुकम का पालन भी होता है की नही उसका भी ध्यान भी नही और उसको कितना compentation देना हे उसका भी कोई उल्लेख ऑर्डर में नही होता हे रियल में इसका उल्लेख ऑर्डर में होना जरूरी हे
जनाब- दुनिया की सबसे बडीया न्याय व्यवस्था भारत की है , जजों की सेवा करो ओर जीवन भर के लिए ज़मानतें या मोटा माल दे कर बरी हो जाए
सुप्रीम कोर्ट बायस है, इसका ग्लेरिंग उदाहरण है "केजरीवाल" | बिना मांगे जमानत दी गयी है |
Your say is very much correct and full compensation along with interest must be paid to the accused who will be released as innocent. Plus the compensation of his life years which spend in custody.
आप ने बिल्कुल सही कहा है।
अगर सुप्रीम कोर्ट अब भी प्रभावी कदम नहीं उठाया है तो इस संबंध में पी आई एल डालना चाहिए ।
जजों को भी अपना फैसला सम्बिधान के अंतर्गत बने कानूनों के अंतर्गत करना चाहिए और हर फैसले में उन कानूनों का भी उल्लेख करना चाहिए कि फलां कानून के अंतर्गत वादी या प्रतिवादी के खिलाफ या माफिक मैं यह फैसला फला कानूनों के तहत प्राप्त अधिकारों के तहत कर रहा हूं। यह नहीं कि जो मन आया फैसला सुना दिया दूसरे यदि निचली कोर्ट के फैसले के विरुद्ध ऊपरी कोर्ट फैसला करती है तो निचली कोर्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करके उसको दण्डित करना भी चाहिये।
सारगर्भित पोस्ट आजकल एससी एसटी कानुन का आजकल बहुत ज्यादा दुरूपयोग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बहुत अच्छी व्यवस्था दी थी पर सरकार ने वोट के लालच में पलट कर कानुन का दुरूपयोग करने वालों को महिमामंडन ही किया।
अन्याय मे भी अन्याय है,लेकिन गूण्डो को पुलिस रिमांड मे नही लेगी और रिश्वत मे बङोतरी होगी....
सभी की जवाबदेही तय होनी चाहिए तभी हम को न्याय मिलेगा
आप 100%सही हैं और संबंधित संस्थाओं को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए और सरकार को बेगुनाह को क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।
जब तक judge's की ट्रांसफेर् पोस्टिंग सत्ता में बैठे नेता करते रहेंगे इस देश की जनता को न्याय कभी नहीं मिलेगा
कौन लोग parliament मे बैठकर ऐसा कानून बनायेगा यह आपने नहीं बताया क्या ऐसे लोग इस देश में हैं क्या.
Sanvidhan virodhi Rajnetao kahiye
श्री मान जी नमस्कार
देश का न्याय प्रणाली दोषपूर्ण है,कोई अगर बरसो जेल काटने के बाद जज निर्दोष मान बाई इज्जत बरी करता है तो केस बंद कर देता है लेकिन कौन दोषी है यह अनुत्तरित रहता है जुर्म हुआ लेकिन अपराधी कौन ??यानि जिस किसी ने अपराध किया निर्दोष????वाह रे न्याय जय श्रीराम
फिर तो अपराधी पकड़ में नहीं आएंगे और अगर निर्दोष होने पर हर्जाना दिया गया तो उसका भुगतान तो पब्लिक को ही उठाना पड़ेगा ।और देश का बंटाधार हो जाएगा सरदाना जी आप गलत सलाह दे रहे हैं सोचिए
पढ़ो पढ़ो और पढ़ो ।
सोचकर देखो कि जो मुद्दे तुमने उठाई है उसमें दोषी कौन है ?
Is ka example Babri Maszid ka torna hai
Maszid tori gyi or sarey bari bhi
To fir maazid tomriro usey torney ka jimmeywar kon huya ?
Jab court ke galat judgement ke kaaran koi aparaadhi ko aparaadh mukta kar diye jaate hain aur koi nirdosh byakti ka saja hote hai ,in sabke liye bhi judges ko responsibility lena chahiye. Sawal uthta hai, judges ke galtiyon ka bichar kaun karega?
इसका जिम्मेदार तो खुद ही कोर्ट है। तारीख पर तारीख
आदरणीय सरदाना जी, आपने बहुत अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं , हार्दिक शुभकामनाएं व धन्यवाद। बेगुनाह का सपरिवार जीवन तबाह करनेवाले की जवाबदेही तय होनी चाहिए और बेगुनाह का compensation सम्बंधित agency से वसूल की जानी चाहिए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय अविलम्ब संज्ञान लें,यही अपेक्षा है ।यह निर्णय भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।
बिल्कुल सही विचार विमर्श इस इस सुप्रिया कोर्ट या सरकार इस सख्त कानून बनाये हर्जाना मिलना चाहिये
साथ ही दोषियों शड़न्त्रकारी के उपर कार्यवाही भी होनी चाहिये
अच्छी जानकारी शेयर करने के आपको धयवाद
मेरे विचार से अगर कोई किसी का मर्डर करता है तो स्टेट को उसके परिवार को अच्छा मुआवजा देना चाहिए। क्योंकि ये स्टेट का फेल्योर है। जहां तक हो ये सारा पैसा मर्डर करने वाले से वसूलना चाहिए पर मुआवजा तुरंत मिलना चाहिए।
If any one is arrested without reason and proper proof in hand by investigating agencies or by any person any case is reported only out of revenge as a false , then investigating agency be heavily punished with proper compensation tothe effected party or person
The lawyer be also punished . Lawyer knows the truth of the case but for his income misguided . All connected people and agencies be punished in false cases
तारीख पे तारीख पर भि कोर्ट खुद के फंड से compensation दे.
@@vijaydakhole4237
खुद पढ़े नहीं लेकिन बच्चों को तो पढ़ा लो । देश पर मेहरबानी होगी ।
तारीख पर तारीख के जिम्मेदार कौन है ?
भारत में सबसे बड़ा अंधविश्वास सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करना है 😅
Who is responsible for del
Who is responsible for delay in delivery of justice. Our police may be responsible for arresting an innocent person but who allowed detention. It is the Court and not the police who are mainly responsible for delay.
Aisa kanoon agar ban jaye to date pe date dekar case ko tanna bund ho jayega or garib kamjore ko nyay milna challu ho jayega
Supreme court न्याय नहीं निर्णय दे रही है।
यह बहुत जरूरी वार्ता है। नागरिक के अधिकार के प्रति जागरूक बनाने की बातों को सामने लाना बड़ी बात है।बधाई।
You are absolutely right brother.
It is rather unfortunate for innocent people.
सर, वहत अच्छा निर्णय है। इसमें arresting agency के साथ साथ जो वकील उसके खिलाफ कोर्ट में फर्जी दस्तावेज और सबूत पेश किया है, उसको भी जिम्मेदार बनाना चाहिए। ताकि कोई वकील या अधिवक्ता किसी झूठे केस को लढने से पहले ये सुनिश्चित करले की कहीं ये लेने के देने न पड़ जाए।
नमस्कार
इस के लिये न्यायालय जिम्मेदार है आज तीन शिफ्ट मे न्यायालय चालणे चाहिए .
Fir तक पोलिस का काम हिना चाहिए ऊस के बाद investigative agency under जुडी शरी होनी चाहिए कोई भी बगैर दबाव के एक साल मे फैसला आना चाहिए. कॉम्प्युटर and technology ka jamana है.
मंदिर दीखता तो भी 30 साल लागते है .. बोगस
मुआवजा मिलना चाहिए तथा दोषी कार्मिकों पर भी कार्यवाई होनी चाहिए।
Very very Important topic. If someone is acquitted after a very long period even in some cases the accused will be in jail 3/4th of life span, the authorities should be accountable particularly the police department. Strict accountabily should be laid against the erring rather corrupt officials .
Bhut khoob accha lga iska ilaj ye hae ke ji adhi Kari ke hato jine bi kes hue haen us ki penshn aor fnt ka paesa gvrmint apne pas dipozt ke btor rkhe jb tk uske haton ke kes fainal nhin ho jate
न्यायपालिका में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।
सैद्धांतिक रूप से यह विचार बहुत अच्छा है लेकिन पोलिस की निष्क्रियता और अपराधियों के बेलगाम होने का खतरा भी बढ़ जायेगा।
In fact, the concerned officers should compensate such penal action , in terms of physical as well as substantial fine.
Kejriwal begun ahead nikla 15 saal baad to uska rajnitik nuksaan kya PM care fund se dega😂😂
तो मतलब फरजी आदमी को उठा कर केस करने से tatprtaa निभाई जा रही है वो सही।
Compensation should be paid at the cost of wrong doer's income, not at cost of tax payers. Such decesion shall be part of AQUITTAL
Very good discussion and view point by Sh Vijay sardana.I suggest that that before filing case against a person,affidavit should be taken from the appellent,all police officials, witnesses and in case ,the case proves to be false, strong penality,fine should be imposed on all people involved in the such false appellent.
बेगुनाहों को जेल में बंद करने वाली पुलिस को तुरंत जेल में डालो और इन से ही बिगहा आदमी की नुकसान भरपाई होनी चाहिए
कियू की पुलिस बेगुनाहों को फसाने के लिए किसी ना किसी से पैसे लेती हैं ❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓
हमारे देश में कोई भी संस्था स्वतंत्र नही है सब पर राजनिती हाबी है जबतक संसथाये नेताओं के हाथ में रहेगा तब तक जनता को सही न्याय नहीं मिलेगा और इस देश मे यह होने वाला नही!
What if a lower court convicts an accused and the higher court sets aside the lower courts conviction, who will be PUNISHED & HOW???
भाई साहेब अभी यूपी में एक रेप के आरोपी को कोर्ट ने छोड़ दिया बेल पर और उसने बाहर आ कर लड़की का मर्डर कर दिया । इस केस में आपका क्या विचार है।
बेल देने वाले उस जज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल में डालना चाहिए |
मर्डर के लिए न्यायालय ही उत्तरदाई है
Court repiston apradhiyon Teny and company Pragya Singh Thakur and company ko bail deti hai bekasooron ko jail bhejte hai without hearing
@@hafeezurrahman3847sab se ziada bail to sooer ko hi milta hai
@@parasrampanwar4274रेप क्या जज को पुछ कर किया था? और अधिकतर अपराधी तो पुलिस और जांच एंजेसी की लचर जांच के कारण बच निकलते हैं
Deir aaye drust aaye, Guide line MUST be initiated,There SHOULD be no malice.Jai BHARAT.
बहुत अच्छा सुझाव. परंतु सर्वोच्य न्यायाधीश निर्णय देनेके लिये भगवान से प्रार्थना करता है ऐसी परिस्थिती मे आपके सुझाव पर विचार होना मुश्किल है.
जिन आरोपियों को लम्बे लम्बे समय तक जेल में डाले रख़ते रहते हैं और बाद में उन्हें आरोप मुक्त कर दिया जाता है, पर अब """ कट्टर ईमानदार और दिल्ली के राजा"" के लिए यह फैसला दिया जाता है कि ज़मानत इनका अधिकार है और ज्यादा समय तक जेल में नहीं रख़ा जा सकता, पर जो पहले आरोपियों को लम्बे लम्बे समय तक अन्तिम फैसले देने तक ज़मानत नहीं दी और क्या उनके ज़मानत पाने का अधिकार नहीं था जो कि""कट्टर ईमानदार और दिल्ली के राजा"" के लिए बताया गया है, ऐसा फ़र्क क्यों 12:16
Sir aap hi to kahte hai jail ya bail court hi deti hai, kya judges ki bhi accountability hogi
होनी चाहिए
कम्पनशेसन तो मिलना चाहिए लेकिन जो मास्टर अपराधी जिनका सब को पता होता है कि उसी ने अपराध किया है यहां तक कि कई बार जज को भी पता होता है मगर उनके खिलाफ सबूत नहीं मिल पाते ऐसी कंडीशन में उसकी तो मौज हो जायेगी।
ऐसे ऐसे विडियो की जो आम आदमी को शिक्षित करें इनकी सख्त जरूरत है । यह एक सराहनीय प्रयास है । Kudos
सभी लोगों ने बहुत अच्छा सुझाव दिए है। परंतु,,,, काश? हमारे सुझाव से व्यवस्था सुधर जाती तो किसी बेगुनाह को सजा ही ना मिलती
सिस्टम ही पोल्लूट हो गया है क्योंकि पुलिस ही भ्रष्ट है जब झूठ और फ़रेब चल रहा है उसे क़ाबू कैसे किया जय?
सबसे ज्यादा JUDICIARY ही भ्रष्ट है, पुलिस तो JUDICIARY की तुलना में बहुत निष्पक्ष है.
अरे भाई नेता को ऐसी ही police चाहिए होती है अंग्रेज के time से
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कानून मानना कानूनन गलत है.
एक directive principle माना जा सकता है अधिकतम.
पहले कोर्ट वकीलों की दलील व पुलिस का रवैया समझनें लग जायेगा और खुद किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होगा तो आधी समस्या स्वत: ही समाप्त हो जायेगी।
II humbly appreciate the Honourable Judge of Supreme Court for his remarkable judgement.
अगर कोई व्यक्ति बेगुनाह साबित होता है तो उसे तुरंत मुआवजा मिलना अतिआवश्यक है । धन्यवाद सरदाना जी ।
Isake liye judge jyada jimmedar hai kyoki judge wakil ko koi last limit nhi dete. Aur wakil date par date mangata rahata hai.
Judge.. vakeel mile huve hen bhai..bhrast..
Jadge ek case mey 2 bar date deney key bad or date pr dete hi kio hai
हमारे भारत में "जज" ज्यादातर आक्सफोर्ड से पढ़कर आए और "जज" बने हैं। भारतीयता को समझा ही नहीं इससे भारतीय जनता के परिप्रेक्ष्य में न्याय नहीं मिल पा रहा है। झूठा मुकदमा साबित होने पर मुकदमा दायर करने वालों को जरुरी सजा स्वत: मिलनी चाहिए।
Compensation should be like that for negligence in medical field
A very nice Initiative taken by the Supreme Court, Well done, I fully support this decision.
Thank you.
ईसतरह कानुन बहुत जरूरी है.बिना वजहासे किसीकोबी आरेस्ट नही कर सकेंगे .किसीका दबाव मे पोलिस काम नही करेंगे.
व्यवस्था तो ठीक है लेकिन जिस तबके को इस परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है उसे अभी भी न्याय मिलेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता लेकिन केजरीवाल जैसे रसूख वाले निर्लज्ज भ्रष्टाचारी और मनु अभिषेक सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे वकील जो वकालत और दलाली दोनों कर लेते है को engage करने की क्षमता रखने वाले भ्रष्टाचारियों और क्रिमिनल को निश्चित मुआवजा मिल जाएगा l
सबसे बड़ी बात कानूनी रूप से अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए , वही भरस्टाचारी नेता अधिकारियों से दबाव बना कर भरस्टाचार करवाते हैं जो कानूनो में बदलाव बिल्कुल भी नही चाहेंगे
माननीयजी आजतक जो सरकारे बनी वो बदमाश और गुंडोकी , चोरोकी ! तो सामान्य नागरिकको न्याय कहासे मिलेगा ! 🙏🙏
Thank you very much. Compensation should be must as it is in U. K. too and responsible officers be punished accordingly.
It is most appreciated judgement of SC. Slightly changed in article 21 is essential, it should be reviewed and rectify. Loss of life is never returnable of victims but as per insurance laws in absence of earning family members or any person emotions for others members is resumbered by those department
जिस दिन से उसके सजा दी जाती है उसको जेल में रखा जाता है अगर वह बेगुनाह है तो उसको कंपलसरी मिलना चाहिए क्योंकि उसका जो नुकसान हो गया इज्जत भी गई इसलिए उसका जितना भी नुकसान हुआ उसको मिलना चाहिए जो उसे लेवल के हिसाब से बनता है अगर
Compansation milna chahiye
Big criminals & corrupt leaders are considered on top priority in courts.Why other pending cases of general public are not finalized on top priority?
Very good Kudgement.Supreme Court is to issue guidelines.Sir,Super Explaination and advice to Supreme Court. Thanking you sir.
I thanks and salute to the supreme court decision compensation should be given to the innocent victim by the state this is a historic decision in 75 years in the Indian history
INDIAN COURTS DOESN'T TAKE RIGHT AND QUICK DICISIONS IN RIGHT TIME . COURTS AND JUDGES ARE SOLD HERE IN WRONG HANDS. HOW SHAMEFUL ACT OF JUDICIARY. WHO WILL CONTROL AND IMPROVE THIS CORRUPT SYSTEM. THANKS GOD BLESS .
Motor Accident case me compensation.milta hai, usi Tarah diya jana chahiye.
NOT ONLY..COMPLSASHAN...JAB...AND .. SHELTER.... GOOD.. DEESHAN.... JAI HO... SUPREME COURT
आप का विश्लेष १००% सही है।भारत की प्रगति को गर्त में पहुंचाने का श्रेय का बहुत बड़ा हिस्सा न्याय पालिका की भी है पर इसे लोग Lord मानते और बोलते है,फलस्वरूप दोनों हाथ जोड़े खड़े रहते है पर न्यायधीश भी अपने को अन्तिम ईश्वर मान कर न्याय नहीं फैसला सुना देते है जो न्यायिक अभिशाप है।
ATI SUN DAR ADEQUATE COMPENSATION MUST BE GIVEN TO AFFRIEVED PARTY N PRO SECUTIONAGENCY MUST BE PUNISHED BY COURTS. RADHE RADHE