महापुरुष का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में ही हुआ है !!! परंतु ज्ञान होने के बाद भी महापुरुष अपेक्षा का शिकार हो रहे हैं ! वे नरसिंह मानव हैं ! उनके मार्ग में बाधा बनना मंदबुद्धि ही कहा जाएगा ! राशि उनकी जल तत्व की है और स्वभाव त्रिगुणात्मक है ! - माइकल नास्त्रेदमस
@@akshaysingh._ Jo likha hai Uchit hi likha hai !!! nostradamus ko bhi padho !! Usne bhi MahaPurush ke baare mein hi likha hai !! Joki Satya hai !! Ho sakta hai kuch Mahatvapurn Clue mil jaaye ! Par hongey weh apni Tarah ke Eklote hi !❤🎉
सादर नमन 🙏🏻🙏🏻 इसका अर्थ है पांचवा वेद शिशु वेद भी लिखा जायेंगा या लिखा जा चुका है। ईश्वर स्वयं बाल रुप में आकर लिखवाये होंगे। आपकी सारी बातें अक्षर सत्य है, प्रतीक्षा करे।
देखो ईश्वर ने तुमको स्वस्थ शरीर दिए। मेहनत करो आज हजार रास्ते है पैसा कमाने का। कोई ईश्वर स्वांग नही आयेंगे तुम्हारी गरीबी दूर g करने। ई धर्म और ईश्वर और कल्की के फेरा में पड़ोगे तो जीवन के बहुमूल्य समय को नष्ट करोगे।
@@riteshjha-fq1qqwo toh gyani jo uss level Tak pahuncta hai toh iswar uske gun hote hue bhi phal nahi dete jaisse kunti ka hua tha...kunti na indraprashth ja saki apne putron ke pass ..aur dhritrashtra ko bura na Lage isiliye jis rashtra(hastinapur) mei Rani ke roop mei agaman hua tha wahan Raja ke bhiksha prarthi ho kar rahi...aur iswar se prarthana karti rahi meri dukh dur karo...kya wo chahti to apne Putron keh kar hastinapur pe Akram karwa nahi sakti thi..kar sakti thi..magar satva guno ke karan apne aapko hi galat manti rahi bhagwan Krishna unke bhatije the ...lekin kunti ne yehi awastha manga tha Prabhu se...taki dukh milega toh hamesha prabhu ko yaad karte rahe..isiliye bhakt kabhi kabhi apne adhyatmik parishtiti Jo ki bhagwan dwara nirdharit hua hai bhakt ke iccha anusar uss peeda ko sehen na kar sakta ho to wo bhagwan se bhik mangega...aisi awastha ko app kisi anya raah chalte bhikari ke saath compare karenge Jo apne tammo gun ke karan karm ke liye prayas nahi kar raha hai toh ye galti hai aapki...samaj mei Jo bhi karm ho raha hai wo manushya ke dwara vyapar hi ho raha hai ek dusre ko thagne ka...kuch padarth aur vastu bana kar sirf becha ja Raha hai...toh Saab ka karm vyapari Banna thodi na hai...kisi ko Brahman Banna hai kisi ko skshtriya...kisi ko vayshya...unke bhagya mei shayad bhrahman Banna hai isiliye unko bhagwan dukh ke awastha diye taki we antarmukhi ho kar dhyan kar sake ....shayad aapko woh mauka nahi diye hai aapko isiliye vaishya avastha dia hai...taki aap apne bahu bal pe ghamand karte rahe aur Maya se nirmit vyarth karm karke dhan ekatrit karte rahe aur Maya mei chit bhramit hote rahe...isiliye aapko dhan kamana sresth karya lag raha hai...magar Gyan Marg mei chalte hue bhrahman bhiksharthi Nazar nahi aa rahe hai...
Dharm kewal ek hai woh hai Satya sanaatan Dharm baki majhab hai Jain Baudh aur Sikh dharm to sanaatan Dharm se hi nikale hai inhein alag nhi samajhna chahiye Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan shambhu Narayan Ramakrishnai Kalki Mahakaaleshwarai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai shree hanuman jai Gurudev Jai hind koti naman 🙏 ❤️❤️🙏❤️❤️🙏❤️
सद्भावना,,, मैत्री,,, करुणा,,, चेतना योग विज्ञान,, का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है।। जय विश्व गुरु भारत।।
सनातन मानव धर्म संस्कृति चेतना विज्ञान योग का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है।। जय विश्व गुरु भारत।।
Brader100000satya bola mera pita laxman ram pichhle janam me vishakarama bhagawan the mai rajendra pandit jaganath mahaprabhu vikrampur me janam liya chamar jati hai kamalpur nahi
प्रिय नरेंद्र मोदी जी और योगी आदित्यनाथ जी, यह पत्र मैं एक चिंतित और जागरूक नागरिक के रूप में लिख रहा हूँ, जो आज के समय में हो रही प्रगति और समाज की दिशा को लेकर गहरे विचारों में डूबा है। आपने दोनों ने भारत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत की वैश्विक स्थिति, अर्थव्यवस्था, और विकास की रफ्तार बढ़ी है, परंतु क्या हम सच में सही दिशा में जा रहे हैं? आज का इंसान प्रकृति और मानवता से दूर होता जा रहा है। जिस धरती पर हमारा अस्तित्व टिका है, उसी को हम भौतिक उन्नति और लालच की अंधी दौड़ में नष्ट कर रहे हैं। पर्यावरणीय विनाश, प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन इस बात का प्रतीक हैं कि हम अपने सच्चे जीवन मूल्यों को भूल रहे हैं। हमारी पारंपरिक शिक्षाएं, जो सत्य, प्रेम, करुणा, और मानवता पर आधारित थीं, आज की आधुनिक शिक्षा प्रणाली में कहीं खो गई हैं। आज की शिक्षा ने बच्चों को प्रतिस्पर्धा और आर्थिक लाभ की ओर धकेल दिया है। आध्यात्मिकता और नैतिकता का स्थान अब रटने और भौतिक उपलब्धियों ने ले लिया है। आपने भी देखा होगा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में A for Apple, B for Ball जैसी चीजें अधिक महत्व पा रही हैं, जबकि सच्चा ज्ञान-जो मानवता, सत्य और करुणा की ओर ले जाए-वह अब गौण हो गया है। आप दोनों के पास शक्ति और सामर्थ्य है कि आप इस धारा को बदल सकते हैं। भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है, जो हमेशा से पूरी दुनिया को सत्य, प्रेम, और करुणा का संदेश देता आया है। आज, जब पूरी दुनिया प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है और मानवता संकट में है, ऐसे में भारत की आध्यात्मिक नेतृत्व की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। प्रिय मोदी जी और योगी जी, प्रकृति के संरक्षण और मानवता की सेवा ही आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आधुनिक विकास और विज्ञान जरूरी हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रकृति और आत्मा के संतुलन को न भूलें। आपके नेतृत्व में, भारत दुनिया को दिखा सकता है कि सच्ची उन्नति केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक उन्नति में है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप अपने नेतृत्व के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण, मानवता के उत्थान, और आध्यात्मिक पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त करें। आज का समय हमें यह सिखाता है कि हमें न केवल पृथ्वी को बचाना है, बल्कि मानवता और उसकी मूलभूत शिक्षाओं को पुनः स्थापित करना है। यह एक ऐसा अवसर है, जिसमें भारत विश्वगुरु बन सकता है, न केवल तकनीकी विकास में, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता में भी। आशा करता हूँ कि आप इस दिशा में गंभीरता से विचार करेंगे और भारत को एक नई, उज्जवल दिशा की ओर लेकर जाएंगे। सादर नमन, सारांश द्विवेदी एक जागरूक नागरिक
सावधान।। कल्कि अवतार का आविष्कार,, विधान,,, संविधान,,, धर्म,,, विज्ञान,,, चेतना योग विज्ञान,, का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन।। जय विश्व गुरु ए।।
Sorry, मेरा जन्म क्षत्रिय जाति पर हुआ है,ओर में मेरे गुरुजी से परम वैष्णव दीक्षा लिया हूं । अब में वैष्णव जात का हूं,मेरा गोत्र अच्युत गोत्र है,जिस गोत्र के बारे में रामशुख दास जी ने श्रीमद गीता को वर्णन करते समय लिखे है,ओर श्रीजगन्नाथ संप्रदाय से हूं । एक तुच्छ शिष्य हूं, सुशिष्य होने की कोशिश में लगा हूं । 2/- - चार जाति में शुद्र जाति एक सर्वश्रेष्ठ जाति कहलाते है ,क्यूं की बो भगवान के श्रीपाद से श्रुष्टि हुए है । इसीलिए उनके पास सेवा कला रहता है । सेवा भाव के द्वारा बो भगवान को भी खुश कर के मुक्ति प्राप्त कर लेते है,जब की अन्य जाति को इसीलिए बोहोत परिश्रम करना पड़ता है,अध्यात्मिक जगत मे । क्यूं की अन्य सभी जाति भगवान के अन्य अंग से श्रुष्टि हुए है,जिनको मुक्ति पाने के लिए झुक कर भगवान के श्रीपाद तक आना पड़ेगा । सभी जाति अपने आप पर श्रेष्ठ है, मगर जो अन्य जाति को घटिया कहता हो, बो जरूर ही एक अज्ञानी घटिया संप्रदाय की ही होगा,ये सूचित करता है ।
Har har mahadev
❤👁️🕉️👁️❤🌷🌷🇮🇳
जगदीश जी को ओर श्रि सत्य गाथा को हारदिक सुभकामना हे आपकि हर मनो कामना पुरी करे कलकि प्रभुजी 🌷🌷❤️🙏🙏❤️🇮🇳🚩
Jay jaggnath Jay shree Satya Anant Kalki Ram
बिल्कुल सही कहा आपने।
🕉️नमः शिवाय 🌹🕉️🙏🕉️🌹राम राम जय श्रीराम जय सनातन जय शिवशक्ती हर हर महादेव 🚩🚩🚩
Hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram hare Ram ❤❤❤❤
Jai ho maharaj ki.
Jai kalki jai jagatpate padmapati jai ramapate jai Dada parshuram wait mahavinash is coming after Diwali ❤
Prabhu Sri Jagannath maha Prabhu ji ki jai ho pranam prabhu ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jay tara mata di
जय सनातन धर्म की
Apne brahman ki sahi paribhasha di hai .ap uchh koti ke byaktitva hai
Hari ki lila. 🌏
चरण स्पर्श सीता राम ❤
Jai shri krishna
जय जय जगरनाथ, हर हर महादेव 🙏
Jay jagannath
100% True
Kalki ji kshayriya ghar me janm lengey shayad
Wo Brahmin kon hai jiske Ghar kalki bhgwan Janam lenge.
Pulin panda bol raha tha ...cyclone puri mei aayega aur ye second warning hai bhagwan ka...lekin cyclone to jajpur aur bhadrak chala gaya...
🙏🙏🙏
❤❤❤
👌👌👌👍👍👍👍
Namaste mahoday, kya aap ye bata sakte hain ki aap jis pustak se padhkar batate hain, wo Hindi me hai ya Odiya me.
Aapke uttar ki pratiksha rahegi
केबल ओड़िआ में
@kevalya-Ram जैसे सागर से एक बूंद पानी उसी तरह है उनका पुस्तक
@@sandeeptiwari7614 प्योर हिंदी में
महापुरुष का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में ही हुआ है !!! परंतु ज्ञान होने के बाद भी महापुरुष अपेक्षा का शिकार हो रहे हैं ! वे नरसिंह मानव हैं ! उनके मार्ग में बाधा बनना मंदबुद्धि ही कहा जाएगा ! राशि उनकी जल तत्व की है और स्वभाव त्रिगुणात्मक है ! - माइकल नास्त्रेदमस
@@akshaysingh._ kya ho gaya bhai ??? Sadma lag gaya kya sunke kuch naya !
kuchh nahi ,galti se type ho gaya..@@dikshantnirwan7350
@@akshaysingh._ Jo likha hai Uchit hi likha hai !!! nostradamus ko bhi padho !! Usne bhi MahaPurush ke baare mein hi likha hai !! Joki Satya hai !! Ho sakta hai kuch Mahatvapurn Clue mil jaaye ! Par hongey weh apni Tarah ke Eklote hi !❤🎉
Unke shareer me krishna bhi aaenge aur kalki bhi? Matlab krishna aur kalki alag alag hai??
@@Soulfire11 MahaVishnu Aayengey !! Joki ParamBrahm hain aur Adi SANATAN Purush hain !!
सादर नमन 🙏🏻🙏🏻
इसका अर्थ है पांचवा वेद शिशु वेद भी लिखा जायेंगा या लिखा जा चुका है। ईश्वर स्वयं बाल रुप में आकर लिखवाये होंगे। आपकी सारी बातें अक्षर सत्य है, प्रतीक्षा करे।
ସଚୋଟ୍ ଶକ୍ତି ଙ୍କୁ ଭକ୍ତି କଲେ ପ୍ରକୃତ ସତ ଯାଣି ପାରିବେ ଅନେକ ମତ ରଖିଥିବା ଶାସ୍ତ୍ର କୁ ତ୍ୟାଗ କରିଦେବା ଉଚିତ କେବଳ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଶରଣ ଯିବା ଆବଶ୍ୟକ ❤️କଳ୍କୀ ତ ଜଣେ ତାଙ୍କ ବାପା ମା ଙ୍କ ନାମ ସେମ୍ ହେବା କଥା ହଜାର ମତ କ'ଣ ପାଇଁ କି ପ୍ରହସନ ଚଲେଇଛନ୍ତି
ମୁଁ ଏଯାବତ୍ ଭବିଷ୍ୟ ମାଳିକା ରୁ ଗୋଟିଏ କଥା କହି ଆସିଛି । ଗୋଟିଏ ମହାପୁରୁଷ ଅଙ୍ଗରେ ଅବତାର ନେଇ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ ମହାପ୍ରଭୁ କିପରି କଳ୍କୀ ଲୀଳା କରିବେ,କିପରି ମହା ପ୍ରେମାମୃତ ମହା ଲୀଳା କୁ ରଚିବେ ,ତାହାକୁ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଛି । ଆମର କଥା ଗୋଟିଏ,ବାର୍ତ୍ତା ଗୋଟିଏ,କେନ୍ଦ୍ରବିନ୍ଦୁ ଗୋଟିଏ । ତତ୍ତ୍ଵ ଜ୍ଞାନ ତ ନିଶ୍ଚିତ ଅସୀମ । ସେହି ଅସୀମ ସାଗର ରୁ କିଞ୍ଚିତ ମାତ୍ର ବର୍ଣ୍ଣନା କରୁଛୁ । ଆମ କଥା ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଶୁଣି ବୁଝି ମନ୍ତବ୍ୟ ଦୀୟନ୍ତୁ । ଆମକୁ ଅନ୍ୟ ସହିତ ତୁଳନା କରନ୍ତୁ ନାହିଁ । କାରଣ ଆମେ ଓ ଆମ କଥା ସମସ୍ତିଙ୍କ ଠାରୁ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଅଲଗା ।
ସଚ୍ଚୋଟ ଭାବରେ ଏଯାବତ୍ ଅଛୁ ଓ ସଚ୍ଚୋଟ ଶକ୍ତି ଙ୍କ ଆଶ୍ରା ରେ ଅଛୁ ନା ନାହିଁ ,ନିଜ ଇଷ୍ଟ ଙ୍କୁ ପଚାରି ବୁଝନ୍ତୁ । ସମର୍ଥ ଓ ସାମର୍ଥ୍ୟ ଥିବ ଯଦି ସୁନିଶ୍ଚିତ ଜାଣି ପାରିବେ । ନାଇଁ ତ ଆମ ପାଖକୁ ଆସି ଦେଖି ଜାଣି ପାରିବେ ।
@@srisatyagatha ମୁଁ ବୁଝି ସାରିଚି ଆପଣ ଠିକ୍ ଅଛନ୍ତି ଆପଣ କହୁଥିବା ବାଣୀ କେତେ ଠିକ୍ ଆପଣ ପଚାରନ୍ତୁ ମତେ ଠିକ୍ ଲାଗୁନି
@@BanamaliBaba ପୁରା ପୁସ୍ତକ ପ୍ରମାଣ ସହିତ କହିବା ପୁଣି 250 episode କରିବା ପରେ ଅର୍ଥାତ୍ 200 ପରେ point ଗୋଟିଏ କଥାବସ୍ତୁ ଉପରେ,ତାହା ଭୁଲ୍ ହୋଇଥିବ ବୋଲି ଭାବି ପାରୁଛନ୍ତି ।
@@srisatyagatha ମୁଁ କିଛି ନୁହେଁ ମୁଁ ନିଜକୁ କେବେ ବଡ଼ ବୋଲି ଭାବେ ନି ମୋ ପାଖକୁ ଆସ ମୁଁ ସବୁ କରିଦେବି କେବେ କାହାକୁ କହିନି ଚିନ୍ତା ମଧ୍ୟ କରିନି ନିଜ କୁ ତୁଛ ଭାବେ ତା ଛଡା ମୁଁ ଅନ୍ୟ ଜାଣିନି କେବଳ ଇଶ୍ଵର ବିଶ୍ଵାସ ଆଉ ସବୁ ରଙ୍ଗ
हे ईश्वर मेरी गरीबी बेरोजगारी दुख बाधाएं दूर कीजिए।
देखो ईश्वर ने तुमको स्वस्थ शरीर दिए। मेहनत करो आज हजार रास्ते है पैसा कमाने का। कोई ईश्वर स्वांग नही आयेंगे तुम्हारी गरीबी दूर g
करने। ई धर्म और ईश्वर और कल्की के फेरा में पड़ोगे तो जीवन के बहुमूल्य समय को नष्ट करोगे।
@@riteshjha-fq1qq bhai aap unko bhasan Dene se pehle unka Gyan bhi dekh le...we toh apni bhakti ki bakhan kar rahe hai...kisi se bheek nahi maang rahe hai...
@@rajnayak0604 इतना आंतरिक ज्ञान तो आप जैसे महापुरुष ही जान सकते है ? गरीबी और भुखमरी दूर करने में कौन सी भक्ति है ?
@@riteshjha-fq1qqwo toh gyani jo uss level Tak pahuncta hai toh iswar uske gun hote hue bhi phal nahi dete jaisse kunti ka hua tha...kunti na indraprashth ja saki apne putron ke pass ..aur dhritrashtra ko bura na Lage isiliye jis rashtra(hastinapur) mei Rani ke roop mei agaman hua tha wahan Raja ke bhiksha prarthi ho kar rahi...aur iswar se prarthana karti rahi meri dukh dur karo...kya wo chahti to apne Putron keh kar hastinapur pe Akram karwa nahi sakti thi..kar sakti thi..magar satva guno ke karan apne aapko hi galat manti rahi bhagwan Krishna unke bhatije the ...lekin kunti ne yehi awastha manga tha Prabhu se...taki dukh milega toh hamesha prabhu ko yaad karte rahe..isiliye bhakt kabhi kabhi apne adhyatmik parishtiti Jo ki bhagwan dwara nirdharit hua hai bhakt ke iccha anusar uss peeda ko sehen na kar sakta ho to wo bhagwan se bhik mangega...aisi awastha ko app kisi anya raah chalte bhikari ke saath compare karenge Jo apne tammo gun ke karan karm ke liye prayas nahi kar raha hai toh ye galti hai aapki...samaj mei Jo bhi karm ho raha hai wo manushya ke dwara vyapar hi ho raha hai ek dusre ko thagne ka...kuch padarth aur vastu bana kar sirf becha ja Raha hai...toh Saab ka karm vyapari Banna thodi na hai...kisi ko Brahman Banna hai kisi ko skshtriya...kisi ko vayshya...unke bhagya mei shayad bhrahman Banna hai isiliye unko bhagwan dukh ke awastha diye taki we antarmukhi ho kar dhyan kar sake ....shayad aapko woh mauka nahi diye hai aapko isiliye vaishya avastha dia hai...taki aap apne bahu bal pe ghamand karte rahe aur Maya se nirmit vyarth karm karke dhan ekatrit karte rahe aur Maya mei chit bhramit hote rahe...isiliye aapko dhan kamana sresth karya lag raha hai...magar Gyan Marg mei chalte hue bhrahman bhiksharthi Nazar nahi aa rahe hai...
@@rajnayak0604 दूसरों के उत्तर झेलने शक्ति है नही और ज्ञानी बनते हैं। उत्तर क्यों डिलीट करते हो भाई ?
Ek baat aajtak samajh man nahi aya , bhagwan ka bhi jaat hota hai ?! 🤔
🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🇮🇳☝️
ଆମ ଏଠି ଦୁଇ ଜଣ ନିଜକୁ କଳ୍କୀ କହୁଛନ୍ତି ନିଜେ କଳ୍କୀ ବୋଲି ମନେ ଆଣ୍ଟ କରି ବସିଛନ୍ତି ସମୟ ଆସିଲେ ଖେଳ କରିବେ କହୁଛନ୍ତି
ଆପଣ ଓଡ଼ିଶା ର କେଉଁ ସ୍ଥାନ ରେ ଅଛନ୍ତି । ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ଯୋଗାଯୋଗ ହୋଇ ପାରିବ my whatsapp number 8018013703
बढ़ाई के घर
Difficult to understand.
Dharm kewal ek hai woh hai Satya sanaatan Dharm baki majhab hai Jain Baudh aur Sikh dharm to sanaatan Dharm se hi nikale hai inhein alag nhi samajhna chahiye Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan shambhu Narayan Ramakrishnai Kalki Mahakaaleshwarai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai shree hanuman jai Gurudev Jai hind koti naman 🙏 ❤️❤️🙏❤️❤️🙏❤️
अनन्त श्री विभुषित महायोगी महाज्ञानी महापंडित श्री रावण जी के कुल में जन्म लेंगे।
@@kaukabquazi1144 AAASHAARYAN khush huaa
विश्व गुरु भारत का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन।। सत्यमेव जयते।।
पवित्र धर्म जैन में
Janam kabhi ka ho chuka h pia guru baraspati.. maa Ganga bhai Hanuman aadi devta jude h kalki se
सद्भावना,,, मैत्री,,, करुणा,,, चेतना योग विज्ञान,, का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है।। जय विश्व गुरु भारत।।
सनातन मानव धर्म संस्कृति चेतना विज्ञान योग का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन जो कि भारत सरकार से पेटेंट सस्तुति है।। जय विश्व गुरु भारत।।
Liya kiya hai mera jati chamar hai kamalpur nahi vikrampur aarihar saidpur gazipur u. P. India me mera janam huaa hai coty coty pranam
Brader100000satya bola mera pita laxman ram pichhle janam me vishakarama bhagawan the mai rajendra pandit jaganath mahaprabhu vikrampur me janam liya chamar jati hai kamalpur nahi
प्रिय नरेंद्र मोदी जी और योगी आदित्यनाथ जी,
यह पत्र मैं एक चिंतित और जागरूक नागरिक के रूप में लिख रहा हूँ, जो आज के समय में हो रही प्रगति और समाज की दिशा को लेकर गहरे विचारों में डूबा है। आपने दोनों ने भारत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत की वैश्विक स्थिति, अर्थव्यवस्था, और विकास की रफ्तार बढ़ी है, परंतु क्या हम सच में सही दिशा में जा रहे हैं?
आज का इंसान प्रकृति और मानवता से दूर होता जा रहा है। जिस धरती पर हमारा अस्तित्व टिका है, उसी को हम भौतिक उन्नति और लालच की अंधी दौड़ में नष्ट कर रहे हैं। पर्यावरणीय विनाश, प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन इस बात का प्रतीक हैं कि हम अपने सच्चे जीवन मूल्यों को भूल रहे हैं। हमारी पारंपरिक शिक्षाएं, जो सत्य, प्रेम, करुणा, और मानवता पर आधारित थीं, आज की आधुनिक शिक्षा प्रणाली में कहीं खो गई हैं।
आज की शिक्षा ने बच्चों को प्रतिस्पर्धा और आर्थिक लाभ की ओर धकेल दिया है। आध्यात्मिकता और नैतिकता का स्थान अब रटने और भौतिक उपलब्धियों ने ले लिया है। आपने भी देखा होगा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में A for Apple, B for Ball जैसी चीजें अधिक महत्व पा रही हैं, जबकि सच्चा ज्ञान-जो मानवता, सत्य और करुणा की ओर ले जाए-वह अब गौण हो गया है।
आप दोनों के पास शक्ति और सामर्थ्य है कि आप इस धारा को बदल सकते हैं। भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है, जो हमेशा से पूरी दुनिया को सत्य, प्रेम, और करुणा का संदेश देता आया है। आज, जब पूरी दुनिया प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है और मानवता संकट में है, ऐसे में भारत की आध्यात्मिक नेतृत्व की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रिय मोदी जी और योगी जी, प्रकृति के संरक्षण और मानवता की सेवा ही आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आधुनिक विकास और विज्ञान जरूरी हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रकृति और आत्मा के संतुलन को न भूलें।
आपके नेतृत्व में, भारत दुनिया को दिखा सकता है कि सच्ची उन्नति केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक उन्नति में है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप अपने नेतृत्व के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण, मानवता के उत्थान, और आध्यात्मिक पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त करें।
आज का समय हमें यह सिखाता है कि हमें न केवल पृथ्वी को बचाना है, बल्कि मानवता और उसकी मूलभूत शिक्षाओं को पुनः स्थापित करना है। यह एक ऐसा अवसर है, जिसमें भारत विश्वगुरु बन सकता है, न केवल तकनीकी विकास में, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता में भी।
आशा करता हूँ कि आप इस दिशा में गंभीरता से विचार करेंगे और भारत को एक नई, उज्जवल दिशा की ओर लेकर जाएंगे।
सादर नमन,
सारांश द्विवेदी
एक जागरूक नागरिक
Hum aapke vicharo se ati prasann hai
@@JGDsatyug 😊
ये चारों वर्ण हर घर मे जन्म लेते हैं । उनकेबीपीता तो ब्राह्मण होंगे पर कल्कि शुद्र हैं । अवतार हमेसा यदुवंश में होता हैं ।
@@Rravishekh जैन धर्म में अवतरित हुए हैं
राजुल मती वीरा मां
जैन कुल में जन्म कहो या अवतार हो चुका मां का नाम कमला देवी जैन बताया पिता का नही
सावधान।। कल्कि अवतार का आविष्कार,, विधान,,, संविधान,,, धर्म,,, विज्ञान,,, चेतना योग विज्ञान,, का आविष्कार ही है कल्कि अवतार श्री 13 हंस योग दर्शन।। जय विश्व गुरु ए।।
କାଶୀନାଥ ମିଶ୍ର ନିଜେ କହୁଛନ୍ତି ତାଙ୍କ ପୁତ୍ର କଳ୍କୀ ବୋଲି କିଛି କହୁଛନ୍ତି ଶୁଦ୍ର ଘରେ କିଛି କହୁଛନ୍ତି ବ୍ରାହ୍ମଣ ଘରେ କିଛି କହୁଛନ୍ତି କେଶବ କଳ୍କୀ ଥିଲେ କେହି କହୁଛନ୍ତି ମାଧବ ବାବା କଳ୍କୀ କି ପ୍ରହସନ ଚଲେଇଚ 😜😜😜😜😜😜😜😜😜😜😜😜
😂😂😂
आपकी हंसी कि कारण 😮😮
Asuri pravritti ke kaaran hansi aayi hogi@@yograjsthivir5673
😂😂😂😂
Swamiji,
Aap shudra jaati me janme huve lagte hai, isliye aise ghuma rahe hai, aap hi vo Kalki hai, nisandeh..
Swamiji,
Aap ko dekh kehi maalum padta hai , ki aap ghatiya shudra jaati me janam liye hai, aur aap hi Kalki hai...
Sorry, मेरा जन्म क्षत्रिय जाति पर हुआ है,ओर में मेरे गुरुजी से परम वैष्णव दीक्षा लिया हूं । अब में वैष्णव जात का हूं,मेरा गोत्र अच्युत गोत्र है,जिस गोत्र के बारे में रामशुख दास जी ने श्रीमद गीता को वर्णन करते समय लिखे है,ओर श्रीजगन्नाथ संप्रदाय से हूं । एक तुच्छ शिष्य हूं, सुशिष्य होने की कोशिश में लगा हूं ।
2/- - चार जाति में शुद्र जाति एक सर्वश्रेष्ठ जाति कहलाते है ,क्यूं की बो भगवान के श्रीपाद से श्रुष्टि हुए है । इसीलिए उनके पास सेवा कला रहता है । सेवा भाव के द्वारा बो भगवान को भी खुश कर के मुक्ति प्राप्त कर लेते है,जब की अन्य जाति को इसीलिए बोहोत परिश्रम करना पड़ता है,अध्यात्मिक जगत मे । क्यूं की अन्य सभी जाति भगवान के अन्य अंग से श्रुष्टि हुए है,जिनको मुक्ति पाने के लिए झुक कर भगवान के श्रीपाद तक आना पड़ेगा ।
सभी जाति अपने आप पर श्रेष्ठ है, मगर जो अन्य जाति को घटिया कहता हो, बो जरूर ही एक अज्ञानी घटिया संप्रदाय की ही होगा,ये सूचित करता है ।
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