लाल्टू की नयी किताब 'अधूरी रहना कविता की नियति है' पर परिचर्चा

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  • Опубликовано: 22 ноя 2024

Комментарии • 1

  • @rajkumarrakesh8504
    @rajkumarrakesh8504 9 дней назад

    लाल्टू की कविताएँ जन सरोकारों से जुड़ी हैं।
    इनकी कविताओं से मेरी वाकफ़ियत बहुत पुरानी है। जब वे पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में रसायन विभाग में
    पढ़ाते थे तब उनकी कवि ताओं से रूबरू होना आरंभ हुआ था।
    एक अनवरत सिलसिला है।