यह बहुत ही सच्ची कहानी थी आजकल की बहुएं ऐसा ही करती हैं अपना ऐसो राम करने के लिए ससुराल वालों को झूठ केशव में फंसा देती हैं और उनके मायके भी भरपूर साथ देते हैं ऐसा कभी नहीं होना चाहिए
1-भगवान ने दो हाथ सबको दिए हैं,किसी को 4,किसी को 8 नहीं,सबको बराबर दिए हैं।और जब एक ही बहु पर सारे काम का बोझ होगा,कोई सास बनकर,कोई,जेठानी बनकर,कोई ननद बनकर बैठी रहेगी तो लड़ाई-झगड़े- मन-मुटाव होंगे ही। यदि लोंग श्रीराम के चरित्र से कुछ सीखते,श्रीराम जी के चरित्र को अपनाते तो सबका घर बना रहता,किसी का घर नहीं टूटता। भगवान राम ने वन जाना स्वीकार किया लेकिन राजगद्दी स्वीकार नहीं किया,क्यों ? जिससे चारों भाईयों में और उनकी पत्नियों में मनभेद-मनमुटाव ना हो। 2- आदर्श -पुरूष,मर्यादा पुरूषोत्तम वो जंगल जाने के बाद नहीं बने,आदर्श और मर्यादा की शुरूआत उन्होने घर से ही करी। 3- जब घर के बड़े आदर्श और मर्यादा का पालन करते हैं तो छोटे भी उनका अनुकरण करते हैं।चारों भाईयों ने आदर्श और मर्यादा का पालन किया। 4- हर माता -पिता चाहते हैं कि उनका परिवार एक रहे लेकिन जैसे - जैसे सबकी शादी हो जाती है ,परिवार बड़ा होता जाता है,एक कुनबा बन जाता है 5-कुनबे के सब लोग ज्यादा दिन तक एक -साथ नहीं रह सकते ,यह सम्भव ही नहीं है क्योंकि सबका खान -पान,सबकी पसंद अलग होती है। 6- किसी एक की पसंद की ही सब कुछ हो और बाकी की ना हो तो यह सबके साथ गलत होता है और रोज अलग -अलग सबकी पसंद का होना संभव ही नहीं हो सकता।कोई -ना -कोई नाखुश ही रहेगा। 7- चारों भाई भगवान श्रीराम,भरत,लक्ष्मण,शत्रुघ्न ने तो निभा लिया, क्योंकि चारों भाई की पत्नियां एक ही घर से आयी थीं। एक ही तरह का खान -पान,रीति -रिवाज थे तो निभ गया। 8- इसका एक ही इलाज है, एक ही सल्यूशन है - " अब समाज पुरूष -प्रधान नहीं, मातृप्रधान समाज होना चाहिए" सारी समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। क्योंकि "ना सास को बहु से लगाव होता है और ना बहु को सास से लगाव होता है" इसलिए शादी -ब्याह के बाद लड़कियों की बिदाई नहीं वरन् लड़कों की बिदाई होनी चाहिए। तब ना सास अपनी बहु को दुःख दे पाएगी और ना बहु अपनी सास को दुःख दे पाएगी। और कोई माँ अपनी बेटी को दुःख देती नहीं और कोई बेटी अपनी माँ को दुःख नहीं देती है,ना दे पाएगी। 9- श्रीराम जी ने अपने सामने अपने चारों भाईयों में राज्य का बंटवारा करने के बाद,जिम्मेदारी देने के बाद ही धरती से प्रस्थान किया,स्वर्ग -गमन किया था जिससे उनके जाने के बाद उनके और उनके भाईयों के बच्चे आपस में लड़े-मरें -कटे नहीं। 10- भगवान श्रीराम ने ही एक पत्नी -ब्रत का पालन नहीं किया उनका अनुकरण करते हुए चारों भाई ने भी एक पत्नी -ब्रत का पालन किया था, इसलिए उनका परिवार चला,लेकिन भगवान श्रीकृष्ण का परिवार - खानदान-कुनबा नहीं चला,सब खत्म हो गये----------- धन्यवाद
अति सुन्दर शिक्षा प्रद रचना धन्यवाद 😂😢🎉
जो माँ बाप सास ससुर बनने वाले हैं उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है
Very good story
Thanks for sharing
अति शिक्षाप्रद
Nice and beautifully fabricated
❤ Bahut hi badhiya story
Bhut hi achi kahani hai
Bahut hi shikshaprd kahani
Great thought.aapki kahani bahut logon ke liye sabak banegi
बहुत सुंदर
Buhat sundar story❤❤❤
Very interesting and informative story
बहुत बढिया ❤❤❤
Think before any decision , good story
Very nice story thanks
Nice story ❤
Good lesson to this type of families
Very nice story❤❤❤❤❤
सही निर्णय लिया जनक जी ने, लेखक को बहुत बहुत धन्यबाद.
very lmmotional story
Good story
😂kahani bahut achhi lagi
बहुत सुंदर और शिक्षा प्रद ❤❤
Very very nice Story Hamesha Must Kahaniya Likha Kare
V nice story 👌
बहुत-बहुत धन्यवाद! 🙏
😢🎉में में @@shilpakiawaaz
B bahut barhia sahi fasla hua good
Good store. ..
Nice story
Very nice 👍
Very nice
Ati sundar
यह बहुत ही सच्ची कहानी थी आजकल की बहुएं ऐसा ही करती हैं अपना ऐसो राम करने के लिए ससुराल वालों को झूठ केशव में फंसा देती हैं और उनके मायके भी भरपूर साथ देते हैं ऐसा कभी नहीं होना चाहिए
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
काश सब कुछ सुलझना इतना आसान हो लोग अपनी गलती महसूस कर सके पर ऐसा होता कहा है
बहुत सुंदरकहानी
Good night sweet dreams take care
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤l.@@KamleshJain-i5w
शिल्पाजी की कहानियां सराहनीय होती है। धन्यवाद
बहुत बहुत शुक्रिया आपका🙏
@@shilpakiawaaz❤❤0⁰00000⁰⁰
Nice Story❤❤❤
Didi ap ye kahaniya kaha Se purchase krte ho?
Super story
Bahut. Hi. Sahi. Ati. Sunder
Good Sinap sey sub theek ho jata hai.
Nyc. Story
Bahut Sundar
Nice story 👌
Bahut hi Sundar kahani Radhe Radhe ji
Sasural vale bahut achhe hain komal v uske mata pita ki galti bahut badi hai
Kaĥaniĝindgì ki sacchi ĥai kuch maa baap komal ke maa baap ki terh hote hai
👌🏻👌🏻
Bahutaachaha
घरकी बहू क्यानौकरानी होती है।घर की सारी औरतें मिलजुलकर काम नहीं कर सकतीं ??
1-भगवान ने दो हाथ सबको दिए हैं,किसी को 4,किसी को 8 नहीं,सबको बराबर दिए हैं।और जब एक ही बहु पर सारे काम का बोझ होगा,कोई सास बनकर,कोई,जेठानी बनकर,कोई ननद बनकर बैठी रहेगी तो लड़ाई-झगड़े- मन-मुटाव होंगे ही।
यदि लोंग श्रीराम के चरित्र से कुछ सीखते,श्रीराम जी के चरित्र को अपनाते तो सबका घर बना रहता,किसी का घर नहीं टूटता।
भगवान राम ने वन जाना स्वीकार किया लेकिन राजगद्दी स्वीकार नहीं किया,क्यों ?
जिससे चारों भाईयों में और उनकी पत्नियों में मनभेद-मनमुटाव ना हो।
2- आदर्श -पुरूष,मर्यादा पुरूषोत्तम वो जंगल जाने के बाद नहीं बने,आदर्श और मर्यादा की शुरूआत उन्होने घर से ही करी।
3- जब घर के बड़े आदर्श और मर्यादा का पालन करते हैं तो छोटे भी उनका अनुकरण करते हैं।चारों भाईयों ने आदर्श और मर्यादा का पालन किया।
4- हर माता -पिता चाहते हैं कि उनका परिवार एक रहे लेकिन जैसे - जैसे सबकी शादी हो जाती है ,परिवार बड़ा होता जाता है,एक कुनबा बन जाता है
5-कुनबे के सब लोग ज्यादा दिन तक एक -साथ नहीं रह सकते ,यह सम्भव ही नहीं है क्योंकि सबका खान -पान,सबकी पसंद अलग होती है।
6- किसी एक की पसंद की ही सब कुछ हो और बाकी की ना हो तो यह सबके साथ गलत होता है और रोज अलग -अलग सबकी पसंद का होना संभव ही नहीं हो सकता।कोई -ना -कोई नाखुश ही रहेगा।
7- चारों भाई भगवान श्रीराम,भरत,लक्ष्मण,शत्रुघ्न ने तो निभा लिया, क्योंकि चारों भाई की पत्नियां एक ही घर से आयी थीं। एक ही तरह का खान -पान,रीति -रिवाज थे तो निभ गया।
8- इसका एक ही इलाज है, एक ही सल्यूशन है - " अब समाज पुरूष -प्रधान नहीं,
मातृप्रधान समाज होना चाहिए"
सारी समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी।
क्योंकि "ना सास को बहु से लगाव होता है और ना बहु को सास से लगाव होता है"
इसलिए शादी -ब्याह के बाद लड़कियों की बिदाई नहीं वरन् लड़कों की बिदाई होनी चाहिए।
तब ना सास अपनी बहु को दुःख दे पाएगी और ना बहु अपनी सास को दुःख दे पाएगी।
और कोई माँ अपनी बेटी को दुःख देती नहीं और कोई बेटी अपनी माँ को दुःख नहीं देती है,ना दे पाएगी।
9- श्रीराम जी ने अपने सामने अपने चारों भाईयों में राज्य का बंटवारा करने के बाद,जिम्मेदारी देने के बाद ही धरती से प्रस्थान किया,स्वर्ग -गमन किया था जिससे उनके जाने के बाद उनके और उनके भाईयों के बच्चे आपस में लड़े-मरें -कटे नहीं।
10- भगवान श्रीराम ने ही एक पत्नी -ब्रत का पालन नहीं किया उनका अनुकरण करते हुए चारों भाई ने भी एक पत्नी -ब्रत का पालन किया था, इसलिए उनका परिवार चला,लेकिन भगवान श्रीकृष्ण का परिवार - खानदान-कुनबा नहीं चला,सब खत्म हो गये-----------
धन्यवाद
खूबसूरत
Khani ache lagi
दीदी आप कहानी कहा से लेते हैं 3:39
Koi bta sakta hai ki story channel me kitne views par ek doller bnta hai????
Aaaaaàa
QA kit
L
L
L
Lll
Galti Insan se Hoti hai😊😅
यह तो कोई बड़ी बात नहीं बोली बहू ने कई बहू इतने BAD WORD बोलती है अपने मायके की पहचान बता देती है
O ion
𝚂𝚊𝚖𝚊𝚓𝚑𝚍𝚊𝚛𝚒 𝚜𝚎 𝚜𝚊𝚋 𝚔𝚊𝚊𝚖 𝚝𝚑𝚎𝚎𝚔 𝚑𝚘 𝚓𝚊𝚝𝚊 𝚑
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
Nice story
Very nice