खोंईछा क्या होता है ? इसका क्या महत्व हैं ? खोंईछा कैसे भरा जाता हैं ?
HTML-код
- Опубликовано: 31 мар 2024
- खोंइछा❤️
बिहार में खोइंछा स्त्री को विदाई के समय ( मायके से ससुराल और ससुराल से मायके जाने के समय) माँ या भाभी या बहन द्वारा भरा जाता है। इसके पीछे ये भावना है कि माँ अपनी बेटी का आंचल धन-धान्य से भर कर, उसे लक्ष्मी और अन्नपूर्णा के रूप में ससुराल भेजती है । आँचल की गाँठ में यानी कहें तो 'खोइंछा' में मुठ्ठी भर चावल, हल्दी की पाँच गाँठ, दूब के कुछ तिनके और रुपये या सिक्के दिए जाते हैं । ।
मायके से विदा होती बेटी की भावनाओं में इसका महत्व अनमोल है । इस खोइंछा में भरा होता है माँ की ममता, भाई का स्नेह, बहनों का प्यार, पिता का गौरव भरा आशीर्वाद और परिवार का सम्मान। खोइंछा हमेशा बाँस के सूप से ही दिया जाता है, जो वंश वृद्धि का द्योतक है। हल्दी की पाँच गाँठें दी जाती हैं। वो इसलिए ताकि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा हमेशा बना रहे। गांठों की तरह ही कन्या पूरे परिवार को एक साथ बांधे रहे। हरी दूब - परिवार को संजीवनी देने के लिए । चाँदी की मछली या सिक्के - कन्या के साथ स्वश्रु गृह में लक्ष्मी की कृपा रहे ।
कन्या खोइंछा में से पाँच चुटकी वापस सूप में रखती है । आज फैशन के दौड़ में खोइंछा भी कहीं छूटता जा रहा है । भावनाओं का अश्रु सिक्त आदान - प्रदान अब स्मृति में ही रह गया है । जब बहू ससुराल से मायके जाती है तो उसके खोइछा में चावल, हल्दी, दूभ व रुपये दी जाती है, जबकि बेटी मायके से ससुराल जाये तो खोइचा में जीरा, हल्दी, दूभ व रुपये दिये जाते हैं।
#khoichha #खोईंछा
Bahut hi khubsurat ❤❤❤
बहुत बढिया लागल वीडियो के बतकही। सांचो खोंइछा के महत्व आज लोग भुलाइल जा रहल बा। बाकि अपने एकर विस्तार से जानकारी देहनी ई सराहनीय आ अनुकरणीय बा।
mere ghar me abhi bhi खोईछा bhrata hai vidai ke wqt ❤❤❤
Om Shanti ❤
जय श्री राधे कृष्ण, बिटिया को सस्नेह प्यार मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं
❤❤❤❤
Namaskar didi aap kaisen how app Koh gana boree sundur lagta ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
चैति छठ आ रहा है कोई गीत गाइये
Dii saran se Ho kya