संत रामपाल जी महाराज के 11 सतलोक आश्रमों में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाया जा रहा है। जिसमे संत गरीबदास जी की अमरवाणी का तीन दिवसीय अखंड पाठ व अखंड ज्योति यज्ञ किया जाएगा व निःशुल्क देसी घी युक्त विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अनमोल महासमागम में संपूर्ण विश्व आमंत्रित है।
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था। इसी उपलक्ष्य में नि:शुल्क विशाल भंडारा व कई धार्मिक आयोजन किये जायेंगे। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले इस महासमागम में पूरा विश्व सादर आमंत्रित है।
आया है आया है बंजारा केशव आया है काशी ल्याया माल अपारा, केशो आया है। 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने 18 लाख साधु संतों को दिव्य भंडारा कराया था। उसी दिन के उपलक्ष्य पर संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हो रहे 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 16 नवंबर को सुबह 9:15 से ॥ साधना ॥ टीवी पर अवश्य देखिए।
खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव ।। परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
आया है, आया है बनजारा केशव आया है, काशी ल्याया माल अपारा, केशो आया है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे Sant Rampal Ji Maharaj RUclips Channel व Spiritual Leader Saint Rampal Ji Facebook
Sant Rampal Ji Maharaj pure Vishva mein aise sant hai Jo ved shastron ke Anusar ki Bhakti Bata rahe hain unse Naam Diksha lekar apna Kalyan karaye sat saheb ji jai ho Bandi chhod ki 🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏🙏
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा (व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस सन 1513 में 18 लाख लोगों को काशी में कबीर परमात्मा ने तीन दिन तक भोजन भंडारा कराया। जिसमें 9 लाख बैल और एक लाख सेवादार सतलोक से आए थे। 9 लाख बैलों पर भंडारे की पूरी सामग्री लाए थे।
आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन "दिव्य धर्म यज्ञ" का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है। 14 से 16 नवंबर 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 'दिव्य धर्म यज्ञ दिवस' का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
कबीर परमेश्वर केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
511 दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 14 से 16 नवंबर 2024 तक चलने वाले इस भंडारे में संत गरीबदास जी की जी की अमृतवाणी का पाठ ,दहेज मुक्त विवाह नशा मुक्ति कार्यक्रम रक्तदान शिविर जैसे अनमोल कार्यक्रम संपन्न होते हैंl
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था। Sant Rampal Ji Maharaj
"पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 511 वर्ष पूर्व 18 लाख लोगों को दिव्य मोहन भंडारा करवा कर न केवल सत्य की शक्ति का प्रमाण दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि सेवा ही सच्चे धर्म का आधार है। उनकी कृपा और अद्भुत चमत्कार आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। यह घटना सभी को सत्य और मानवता के मार्ग पर चलने का संदेश देती है।"
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 511वर्ष पूर्व 18लाख लोगों को दिव्य मोहन भंडारा करवा कर न केवल सत्य की शक्ति का प्रमाण दिया बल्कि यह भी दिखाया की सेवा ही सच्चे धर्म का आधार है । उनकी कृपा और अद्भुत चमत्कार आज भी हमे प्रेरणा देते है।यह सभी को सत्य और मानवता के मार्ग पर चलने का संदेश देती हैं।
Significance of DIVYA DHARMA YAGYA DIWAS Divya Dharma Yagya Diwas commemorates the miraculous feast organized by Lord Kabir where He served food to 1.8 million saints free of cost. Currently, in remembrance of this event, Sant Rampal Ji Maharaj organizes this event in all Satlok Ashrams on 14th, 15th, and 16th of November, where lakhs of devotees gather.
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव।। परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी - बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
तीन दिवसीय अखंड पाठ, संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं
संत रामपाल जी महाराज के११ सतलोक आश्रमों में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संत गरीब दास जी महाराज कुछ अमृतवाणी का तीन दिवसीय अखंड पाठ किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व सादर आमंत्रित है।
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर" पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
511 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 सतलोक आश्रमों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। निःशुल्क भंडारे के साथ ही बाहर से आने वाले साधनों के लिये पार्किंग की बहुत भी शानदार व्यवस्था है जो निःशुल्क रहेगी।
आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन दिव्य धर्म यज्ञ' का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है।
आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतो को मोहन भंडारे से तृप्त किया था। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
💫आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतों को मोहन भंडारे से तृप्त किया था। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 आश्रमों में विशाल धर्म भंडारे का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आप सभी परिवार सहित सादर आमंत्रित हैं।
कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ? विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य "धर्म यज्ञ दिवस" संपूर्ण हुआ। जिसमें विशाल भंडारा, दहेज मुक्त विवाह, आध्यात्मिक प्रदर्शनी, विशाल सत्संग व और भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जो कि संत रामपाल जी महाराज जी की दया से पूर्ण हुआ।🙏
Satguru Dev ki Jay Bandi chodn Sat guru tatvadarshi sant guru Ram pal Maharaj ji ke charn kamlo me das ka koti koti dandvat pranm Sat saheb ji ramhit Das
511वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार। मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार।। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर। 🙏🙏 Sant Rampal Ji Maharaj
व्रत करना , पितृ व मृतकों की पूजा(श्राद्धकर्म) , अन्य देवी देवताओं की पूजा , वेद के विरुद्ध है । परंतु पुराणों में करने को कहा गया है । हमें वेद के आधार पर चलना है नाकि 18 पुराणों या ११ उपनिषद् के आधार पर ।
केशो आया है बनजारा, काशी ल्याया माल अपारा।। नौलख बोडी भरी विश्म्भर, दिया कबीर भण्डारा। 510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी 18 लाख लोगों के लिए भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। इसी को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है।
Purpose of the 511th Divine Dharma Yagya Day The Divine Dharma Yagya, organized under the guidance of Sant Rampal Ji Maharaj, is held to commemorate the historic event when God Kabir Sahib fed 1.8 million sadhus (after a false invitation letter was written by Sheikh Taki).
गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार। मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार।। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से ॥ साधना ।। टीवी पर ।
"कबीर साहेब ने इस घटना से यह दिखा दिया कि सच्चा धर्म मानवता की सेवा में है। 18 लाख लोगों को भोजन कराना न केवल उनकी शक्ति का प्रमाण था, बल्कि यह भी संदेश था कि हर व्यक्ति ईश्वर की दृष्टि में समान है। यह घटना आज भी हमें भक्ति का वास्तविक अर्थ सिखाती है।"
"जो लोग कबीर साहेब को झूठे आरोपों से बदनाम करना चाहते थे, वे उनके चमत्कारी कार्यों के सामने फीके पड़ गए। यह घटना न केवल उनके दिव्य व्यक्तित्व को साबित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि झूठ के अंधेरे को सत्य का प्रकाश हमेशा मिटा देता है।"
रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ
"दुनिया के इतिहास में ऐसी घटना दुर्लभ है, जहां बिना किसी भेदभाव के लाखों लोगों को भोजन कराया गया हो। कबीर साहेब ने यह करिश्मा कर दिखाया और यह साबित किया कि वे सच्चे परमात्मा हैं। उनकी कृपा आज भी समर्पित भक्तों के जीवन को आलोकित करती है।"
विक्रमी संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ•प्र•) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम(प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय शुद्ध देसी घी से निर्मित निःशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन 11 सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है
511वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस आज से 511 वर्ष पूर्व काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था।जिसके उपलक्ष्य में या दिव्य धर्म यज्ञ दिवस बनाया जा रहा है जिसमें निःशुल्क विशाल भंडारा व कई धार्मिक आयोजन किये जायेंगे
सांचे गुरु के पक्ष में, मन को दे ठहराय। चंचल से निश्चल भया, नहिं आवै नहिं जाय।। कबीर साहेब जी कहते हैं कि सच्चे सद्गुरु के पक्ष में मन को एकाग्र कर दो अर्थात सद्गुरु की शिक्षा ग्रहण कर मन चंचलता यानी अशांति से छूटकर निश्चल हो जाएगा, फिर कहीं आना-जाना नहीं होगा अर्थात जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाओगे।
खुल्या भंडारा गैब का, बिन चिट्ठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुलै, धन्य केशो बलि जाँव मैं।। 511 पूर्व की ऐतिहासिक घटना को संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में पुनः दोहराया जा रहा है। इस अवसर पर होने वाले विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 16 नवंबर को सुबह 9:15 बजे से अवश्य देखिए साधना टीवी पर।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 511 वें के पावन अवसर पर 16 नवम्बर 2024 को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर । सीधा प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देख सकते हैं। LIVE STREAMING ☑ Sant Rampal
"कबीर साहेब को बदनाम करने के लिए नकली पत्रों और आरोपों का सहारा लेने वालों को यह समझना चाहिए था कि सत्य को कभी हराया नहीं जा सकता। जब पूर्ण परमात्मा ने स्वयं 18 लाख लोगों को भोजन कराया, तो यह सिद्ध हो गया कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। यह घटना मानवता और ईश्वर की अद्वितीय शक्ति का प्रतीक है।"
"जब लाखों लोग कबीर साहेब के द्वारा किए गए दिव्य मोहन भंडारे के गवाह बने, तो यह स्पष्ट हो गया कि वे पूर्ण परमात्मा हैं। उनके हर कार्य में सत्य, दया और करुणा झलकती है।"
"कबीर साहेब की यह घटना हमें सिखाती है कि झूठे आरोप और अन्याय के खिलाफ हमेशा सत्य और दया से काम लें। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित करती हैं कि सेवा, सत्य और समानता से ही समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।"
🪷🪷आज से लगभग 600 साल पहले 18 लाख लोगों को मोहन-भोजन भंडारा कबीर परमेश्वर जी किया गया था उन्हीं को संत रामपाल जी महाराज जी ने दोहरा कर लाखों-करोणों लोगों को 24 घंटे मोहन-भोजन खिलाया जा रहा है 🪷🪷
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
"18 लाख लोगों को भोजन कराना केवल चमत्कार नहीं था, यह समाज के लिए एक बड़ा संदेश था कि ईश्वर के दरबार में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। यह घटना हमें बताती है कि भेदभाव छोड़कर सभी की सेवा करनी चाहिए और सत्य को अपनाना चाहिए।"😊
वाणी:- कबीर, जान बूझ साची तजै, करैं झूठे से नेह। जाकि संगत हे प्रभु, स्वपन में भी ना देह।। सरलार्थ:- सूक्ष्मवेद में परमेश्वर कबीर जी की वाणी में भी कहा है कि शिष्य वही होता है जो गुरुजी को तथा उनके भक्ति ज्ञान को उत्तम मानकर दीक्षा लेता है। फिर लालच या अभिमानवश गुरु जी को त्यागकर चला आता है जहाँ उसको सम्मान मिलता है। जो कुछ दान कर देता है, नकली गुरु उसको विशेष सम्मान देते हैं। जिस कारण से वह मंदभागी व्यक्ति गुरु जी को त्यागकर झूठे गुरु तथा झूठे ज्ञान को स्वीकार कर लेता है।
परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा (व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी शहर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा के रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था। देखिए Sant Rampal Ji Maharaj RUclips channel
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है? विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
संत रामपाल जी महाराज
के 11 सतलोक आश्रमों में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाया जा रहा है। जिसमे संत गरीबदास जी की अमरवाणी का तीन दिवसीय अखंड पाठ व अखंड ज्योति यज्ञ किया जाएगा व निःशुल्क देसी घी युक्त विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अनमोल महासमागम में संपूर्ण विश्व आमंत्रित है।
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था। इसी उपलक्ष्य में नि:शुल्क विशाल भंडारा व कई धार्मिक आयोजन किये जायेंगे। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले इस महासमागम में पूरा विश्व सादर आमंत्रित है।
आया है आया है बंजारा केशव आया है
काशी ल्याया माल अपारा, केशो आया है।
511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने 18 लाख साधु संतों को दिव्य भंडारा कराया था। उसी दिन के उपलक्ष्य पर संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हो रहे 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 16 नवंबर को सुबह 9:15 से ॥ साधना ॥ टीवी पर अवश्य देखिए।
खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव ।। परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
आया है, आया है बनजारा केशव आया है,
काशी ल्याया माल अपारा, केशो आया है।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर।
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कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
📙गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा (व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
सन 1513 में 18 लाख लोगों को काशी में कबीर परमात्मा ने तीन दिन तक भोजन भंडारा कराया।
जिसमें 9 लाख बैल और एक लाख सेवादार सतलोक से आए थे। 9 लाख बैलों पर भंडारे की पूरी सामग्री लाए थे।
तीन गुणों की भक्ति में ये भूल पड़ी संसार l
कह कबीर निज नाम बिना कैसे उतरे पार l👏👏👏..
आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन "दिव्य धर्म यज्ञ" का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है। 14 से 16 नवंबर 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 'दिव्य धर्म यज्ञ दिवस' का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर जी के अवतार है संत रामपाल जी महाराज।
गीता में प्रमाण है कबीर साहेब जी भगवान है 🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷
कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
Bandi chhour satguru santRampal mharaj ki jay ho sat sahib ji❤❤❤❤❤❤
511 दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
14 से 16 नवंबर 2024 तक चलने वाले इस भंडारे में संत गरीबदास जी की जी की अमृतवाणी का पाठ ,दहेज मुक्त विवाह नशा मुक्ति कार्यक्रम रक्तदान शिविर जैसे अनमोल कार्यक्रम संपन्न होते हैंl
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी
परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
Sant Rampal Ji Maharaj
"पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 511 वर्ष पूर्व 18 लाख लोगों को दिव्य मोहन भंडारा करवा कर न केवल सत्य की शक्ति का प्रमाण दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि सेवा ही सच्चे धर्म का आधार है। उनकी कृपा और अद्भुत चमत्कार आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। यह घटना सभी को सत्य और मानवता के मार्ग पर चलने का संदेश देती है।"
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 511वर्ष पूर्व 18लाख लोगों को दिव्य मोहन भंडारा करवा कर न केवल सत्य की शक्ति का प्रमाण दिया बल्कि यह भी दिखाया की सेवा ही सच्चे धर्म का आधार है । उनकी कृपा और अद्भुत चमत्कार आज भी हमे प्रेरणा देते है।यह सभी को सत्य और मानवता के मार्ग पर चलने का संदेश देती हैं।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
Significance of DIVYA DHARMA YAGYA DIWAS
Divya Dharma Yagya Diwas commemorates the miraculous feast organized by Lord Kabir where He served food to 1.8 million saints free of cost. Currently, in remembrance of this event, Sant Rampal Ji Maharaj organizes this event in all Satlok Ashrams on 14th, 15th, and 16th of November, where lakhs of devotees gather.
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम।
गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव।।
परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी - बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
तीन दिवसीय अखंड पाठ, संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं
बन्दी छोड़ सत गुरू रामपाल जी भगवान के चरणो मे मुरली दास का कोटी कोटी दंडवत प्रणाम,दया बनाए रखियेगा मालिक, सत् साहेब जी
संत रामपाल जी महाराज के११ सतलोक आश्रमों में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संत गरीब दास जी महाराज कुछ अमृतवाणी का तीन दिवसीय अखंड पाठ किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व सादर आमंत्रित है।
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
511 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 सतलोक आश्रमों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। निःशुल्क भंडारे के साथ ही बाहर से आने वाले साधनों के लिये पार्किंग की बहुत भी शानदार व्यवस्था है जो निःशुल्क रहेगी।
कबीर,एक साधे सब सधे,सब साधे सब जाव ।
माली सिंचे मूल को,फलै फूलों अघाया।।
Puran parmeshwar Satguru rampalji bhagvan ki jay ho 🙏
आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन दिव्य धर्म यज्ञ' का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है।
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की जय
बंदी छोड़ सतगुरु देव रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏
हे परमात्मा अपने नीच आत्माओ पर दया रखना प्रभु
Satya kripa paramatma Sad Guru Rampalji Moharaj ki 🙏🙏
Supreme God Kabir Saheb ji
आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतो को मोहन भंडारे से तृप्त किया था।
इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
Bahut acchi Vani
Koti koti dandwatm parnam parmatma ke charno me
बहुत ही अनमोल ज्ञान❤
💫आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतों को मोहन भंडारे से तृप्त किया था।
इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 11 आश्रमों में विशाल धर्म भंडारे का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आप सभी परिवार सहित सादर आमंत्रित हैं।
सच्चे परमात्मा का सच्ची ज्ञान का अमृत वर्षा हो रहा है
Bandi Chor Satguru Rampal Ji Bhagwan Ji Ki Jai Ho 🙏 🙏🙏
कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
🙏🙏 Koti Koti Sidha Karu Koti Koti Pranam Charan Kamal mein rakhiyo mein Bandhi Jaam Gulam🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य "धर्म यज्ञ दिवस" संपूर्ण हुआ। जिसमें विशाल भंडारा, दहेज मुक्त विवाह, आध्यात्मिक प्रदर्शनी, विशाल सत्संग व और भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जो कि संत रामपाल जी महाराज जी की दया से पूर्ण हुआ।🙏
Sat sahib ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Satguru Dev ki Jay Bandi chodn Sat guru tatvadarshi sant guru Ram pal Maharaj ji ke charn kamlo me das ka koti koti dandvat pranm Sat saheb ji ramhit Das
Satguru Aaye Daya Kari Aise Din Dayal Bandi Chhod Virasat ka Jatt Ragini pratipal😊😊
अद्वितीय भण्डारा दिया संत रामपाल जी महाराज ने ❤❤
समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों
511वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार।
मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार।।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर। 🙏🙏
Sant Rampal Ji Maharaj
Parmatma sant Rampal Ji Maharaj apna Naam Diksha lekar Apne jivan ka Kalyan karvave
व्रत करना , पितृ व मृतकों की पूजा(श्राद्धकर्म) , अन्य देवी देवताओं की पूजा , वेद के विरुद्ध है । परंतु पुराणों में करने को कहा गया है । हमें वेद के आधार पर चलना है नाकि 18 पुराणों या ११ उपनिषद् के आधार पर ।
Sat Guru Dev Ji ki jay ho 🙏🙏🙏🙏
केशो आया है बनजारा, काशी ल्याया माल अपारा।।
नौलख बोडी भरी विश्म्भर, दिया कबीर भण्डारा।
510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी 18 लाख लोगों के लिए भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। इसी को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है।
Purpose of the 511th Divine Dharma Yagya Day
The Divine Dharma Yagya, organized under the guidance of Sant Rampal Ji Maharaj, is held to commemorate the historic event when God Kabir Sahib fed 1.8 million sadhus (after a false invitation letter was written by Sheikh Taki).
Sant Rampal Ji Maharaj ji purn Parmatma Kabir Sahib Ji ke Avatar Hain
गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार। मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार।।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से ॥ साधना ।। टीवी पर ।
"कबीर साहेब ने इस घटना से यह दिखा दिया कि सच्चा धर्म मानवता की सेवा में है। 18 लाख लोगों को भोजन कराना न केवल उनकी शक्ति का प्रमाण था, बल्कि यह भी संदेश था कि हर व्यक्ति ईश्वर की दृष्टि में समान है। यह घटना आज भी हमें भक्ति का वास्तविक अर्थ सिखाती है।"
दिव्य धर्म यज्ञ की दिव्य झलक।
"जो लोग कबीर साहेब को झूठे आरोपों से बदनाम करना चाहते थे, वे उनके चमत्कारी कार्यों के सामने फीके पड़ गए। यह घटना न केवल उनके दिव्य व्यक्तित्व को साबित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि झूठ के अंधेरे को सत्य का प्रकाश हमेशा मिटा देता है।"
रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ
"दुनिया के इतिहास में ऐसी घटना दुर्लभ है, जहां बिना किसी भेदभाव के लाखों लोगों को भोजन कराया गया हो। कबीर साहेब ने यह करिश्मा कर दिखाया और यह साबित किया कि वे सच्चे परमात्मा हैं। उनकी कृपा आज भी समर्पित भक्तों के जीवन को आलोकित करती है।"
विशाल भंडारा
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब जी भगवान हैं
❤सतसाहबजी ❤
विक्रमी संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ•प्र•) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम(प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय शुद्ध देसी घी से निर्मित निःशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन 11 सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है
Sant Rampal ji Maharaj eak Purna Satya sant hai easliya sant rampalji Maharajke Satsang sunna chahiya 🎉
511वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था।जिसके उपलक्ष्य में या दिव्य धर्म यज्ञ दिवस बनाया जा रहा है जिसमें निःशुल्क विशाल भंडारा व कई धार्मिक आयोजन किये जायेंगे
आया है, आया है बनजारा केशव आया है,
काशी ल्याया माल अपारा, केशो आया है।
सांचे गुरु के पक्ष में, मन को दे ठहराय।
चंचल से निश्चल भया, नहिं आवै नहिं जाय।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि सच्चे सद्गुरु के पक्ष में मन को एकाग्र कर दो अर्थात सद्गुरु की शिक्षा ग्रहण कर मन चंचलता यानी अशांति से छूटकर निश्चल हो जाएगा, फिर कहीं आना-जाना नहीं होगा अर्थात जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाओगे।
खुल्या भंडारा गैब का, बिन चिट्ठी बिन नाम।
गरीबदास मुक्ता तुलै, धन्य केशो बलि जाँव मैं।।
511 पूर्व की ऐतिहासिक घटना को संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के रूप में पुनः दोहराया जा रहा है। इस अवसर पर होने वाले विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 16 नवंबर को सुबह 9:15 बजे से अवश्य देखिए साधना टीवी पर।
जय हो बंदी छोड़ जी की
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में
511 वें के पावन अवसर पर
16 नवम्बर 2024
को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर ।
सीधा प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देख सकते हैं।
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☑ Sant Rampal
"कबीर साहेब को बदनाम करने के लिए नकली पत्रों और आरोपों का सहारा लेने वालों को यह समझना चाहिए था कि सत्य को कभी हराया नहीं जा सकता। जब पूर्ण परमात्मा ने स्वयं 18 लाख लोगों को भोजन कराया, तो यह सिद्ध हो गया कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। यह घटना मानवता और ईश्वर की अद्वितीय शक्ति का प्रतीक है।"
कबीर, सुख के माथे पत्थर पड़ो, नाम हृदय से जावै।
बलिहारी वा दुख के, जो पल-पल नाम रटावै।।
Hey bandi chhod Bhagvaan
"जब लाखों लोग कबीर साहेब के द्वारा किए गए दिव्य मोहन भंडारे के गवाह बने, तो यह स्पष्ट हो गया कि वे पूर्ण परमात्मा हैं। उनके हर कार्य में सत्य, दया और करुणा झलकती है।"
आज से 511बर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर परमेश्वर ने तीन दिन तक 18 लाख साधु संतो को मोहन भडंरे से तृप्त किया था
"कबीर साहेब की यह घटना हमें सिखाती है कि झूठे आरोप और अन्याय के खिलाफ हमेशा सत्य और दया से काम लें। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित करती हैं कि सेवा, सत्य और समानता से ही समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।"
🪷🪷आज से लगभग 600 साल पहले 18 लाख लोगों को मोहन-भोजन भंडारा कबीर परमेश्वर जी किया गया था उन्हीं को संत रामपाल जी महाराज जी ने दोहरा कर लाखों-करोणों लोगों को 24 घंटे मोहन-भोजन खिलाया जा रहा है 🪷🪷
World bigeest🎉
खुल्या भंडारा गैब का,बिन चिठ्ठी बिन नाम l
गरीब दास मुक्ता तुले, धन्य केशो बलि जांव मैं ll
समर्थ परमात्मा की अमृत ज्ञान वर्षा
Bahut hi Anmol vani h parmatma ki
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये उनके मूल मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है जिसकी जानकारी इस धरती पर पूर्ण संत प्रदान करता है। पूर्ण संत यानी तत्वदर्शी संत जो भक्ति विधि और मर्यादाएं बताता है उन पर चलने और भक्ति करने से दुर्गा माता एवं अन्य देवी देवताओं तथा ब्रह्मा, विष्णु, महेश को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
Sat saheb ji maalik ko koti koti pranam ji
"18 लाख लोगों को भोजन कराना केवल चमत्कार नहीं था, यह समाज के लिए एक बड़ा संदेश था कि ईश्वर के दरबार में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। यह घटना हमें बताती है कि भेदभाव छोड़कर सभी की सेवा करनी चाहिए और सत्य को अपनाना चाहिए।"😊
बहुत अनमोल सत्संग
Gajab yagya 🙏
Very nice gyan
वाणी:- कबीर, जान बूझ साची तजै, करैं झूठे से नेह।
जाकि संगत हे प्रभु, स्वपन में भी ना देह।।
सरलार्थ:- सूक्ष्मवेद में परमेश्वर कबीर जी की वाणी में भी कहा है कि शिष्य वही होता है जो गुरुजी को तथा उनके भक्ति ज्ञान को उत्तम मानकर दीक्षा लेता है। फिर लालच या अभिमानवश गुरु जी को त्यागकर चला आता है जहाँ उसको सम्मान मिलता है। जो कुछ दान कर देता है, नकली गुरु उसको विशेष सम्मान देते हैं। जिस कारण से वह मंदभागी व्यक्ति गुरु जी को त्यागकर झूठे गुरु तथा झूठे ज्ञान को स्वीकार कर लेता है।
Sat saheb parmatma ji ke charno me das ka koti koti dandvat pranam sat saheb ji🙏🙏🙏🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🌹
Very nice
परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा (व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
आज से 511 वर्ष पूर्व काशी शहर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपने अन्य केशो बंजारा के रूप में 18 लाख साधु संतों को तीन दिनों तक खुला भंडारा कराया था।
देखिए Sant Rampal Ji Maharaj RUclips channel
💕 जय हो,🙏🇮🇳🍁
अद्भुत भंडारा
Almighty God is Kabir
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में कबीर परमेश्वर
केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानी सतलोक से नौ लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
बहुत ही अनमोल भण्डारा