हाय हुसैन प्यासे हुसैन..(4) 1) दमिश्क में जो असीरो का ख़फ़ेला पहोंचा यज़ीदे नहेस ने दरबार में बुला भेजा बहन से शेह की शहादत का वाक़िया पूछा तड़प के बिन्ते अली ने यज़ीद से ये कहा ज़मीं की ख़ुदा में इस्लाम का सितारा है..(2) मेरे ग़रीबों को लाखो ने मिलके मारा है हाय हुसैन प्यासे हुसैन 2)कहा यज़ीद से ज़ैनब ने ऐ सितम आरा ग़ज़ब किया तेरे लश्कर ने रोज़े अशोरा मेरे हुसैन को जंगल में घेर कर मारा अली का करदिया बरबाद घर का घर सारा जो बेकफां है अभी तक नबी का प्यारा है मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है हाय हुसैन प्यासे हुसैन 3) सुहाग उजड़ा किसी का कूक जली किसी का जलगया दामन छुड़ा किसी की चीनी किसी की मांग में करबोबला की कख मिली नबी की आल है जिंदा मैं या अली मदादी लाई ने सिब्ते पेयम्बर का घर उजड़ा है मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है हाय हुसैन प्यासे हुसैन 4) वो मेरे आओनो मोहम्मद वो मेरे नूरे नज़र माई तुझको ढूंढो कहाँ बेज़बान अली असगर बताओ बिबियो रौन माई आज किसकी पर शहीद होंगे अब्बास ख़ासीम ओ अकबर जहाँ मैं ज़ैनब दिलगीर हो सहारा है मेरे ग़रीबों को लाखो ने मिलके मारा है हाय हुसैन प्यासे हुसैन 5) ये रंजो ग़म सितमोज़ोर और जफ़ा कबतक रसूल ज़दियां बलवे में बेरीदा कबतक रहेगी क़ैद में औलादे मुर्तुज़ा कबतक नबी की आल पे ये ज़ुल्म नरेवा कबतक मुझे तो मौत ही आलम है अब गवारा है मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है हाय हुसैन प्यासे हुसैन 6) ना मरते किसी को एक को मिला पानी ना बेकसो के करीब आया बेवफा पानी तड़प के रह गए बचे ना मिल सका पानी वो तड़पे पानी को अनपे तड़पगया पानी ज़मीन जलती है और ज़रा एक शरारा है मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है
damishq may jo ghareebon ka kaarwan pahuncha yazeed neyst ne darbaar may bula bheja behan se sheh ki shahadat ka waqia poocha tadap ke binte ali ne yazeed se ye kaha zameen ki godh may islam ka sitara hai mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai haaye hussain pyase hussain kaha yazeed se zainab ne sitam aara ghazab kiya tere lashkar ne roze ashoora mere hussain ko jangal may ghayr kar maara ali ka kardiya barbaad ghar ka ghar saara jo bekafan hai abhi tak nabi ka pyara hai mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai haaye hussain.... suhaag ujda kisi ka kisi ki kokh jali kisi ka jalgaya daman rida kisi ki chini kisi ki maang may karbobala ki khaak padi nabi ki aal hai zindan may ya ali madadi jahan may zainabe dilgeer be-sahara hai mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai haaye hussain.... ye ranjo gham ye sitam jor aur jafa kab tak rasool zadiyan balwe may berida kab tak rahegi qaid may aulaade murtuza kab tak nabi ki aal par ye zulm naarwa kab tak mujhe to maut hi aalam may ab gawara hai mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai haaye hussain....
Zabardast noha
Zameen Ki Godh Me Islam Ka Sirata Hai Mere Gharib Ko Lakho Ne Milke Mara Hai 😭😭😭😭😭
Mashallah 😭🥺❤️
Well Recited😭😭😭
💖💖💖
😢
हाय हुसैन प्यासे हुसैन..(4)
1) दमिश्क में जो असीरो का ख़फ़ेला पहोंचा
यज़ीदे नहेस ने दरबार में बुला भेजा
बहन से शेह की शहादत का वाक़िया पूछा
तड़प के बिन्ते अली ने यज़ीद से ये कहा
ज़मीं की ख़ुदा में इस्लाम का सितारा है..(2)
मेरे ग़रीबों को लाखो ने मिलके मारा है
हाय हुसैन प्यासे हुसैन
2)कहा यज़ीद से ज़ैनब ने ऐ सितम आरा
ग़ज़ब किया तेरे लश्कर ने रोज़े अशोरा
मेरे हुसैन को जंगल में घेर कर मारा
अली का करदिया बरबाद घर का घर सारा
जो बेकफां है अभी तक नबी का प्यारा है
मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है
हाय हुसैन प्यासे हुसैन
3) सुहाग उजड़ा किसी का कूक जली
किसी का जलगया दामन छुड़ा किसी की चीनी
किसी की मांग में करबोबला की कख मिली
नबी की आल है जिंदा मैं या अली मदादी
लाई ने सिब्ते पेयम्बर का घर उजड़ा है
मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है
हाय हुसैन प्यासे हुसैन
4) वो मेरे आओनो मोहम्मद वो मेरे नूरे नज़र
माई तुझको ढूंढो कहाँ बेज़बान अली असगर
बताओ बिबियो रौन माई आज किसकी पर
शहीद होंगे अब्बास ख़ासीम ओ अकबर
जहाँ मैं ज़ैनब दिलगीर हो सहारा है
मेरे ग़रीबों को लाखो ने मिलके मारा है
हाय हुसैन प्यासे हुसैन
5) ये रंजो ग़म सितमोज़ोर और जफ़ा कबतक
रसूल ज़दियां बलवे में बेरीदा कबतक रहेगी
क़ैद में औलादे मुर्तुज़ा कबतक
नबी की आल पे ये ज़ुल्म नरेवा कबतक
मुझे तो मौत ही आलम है अब गवारा है
मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है
हाय हुसैन प्यासे हुसैन
6) ना मरते किसी को एक को मिला पानी
ना बेकसो के करीब आया बेवफा पानी
तड़प के रह गए बचे ना मिल सका पानी
वो तड़पे पानी को अनपे तड़पगया पानी
ज़मीन जलती है और ज़रा एक शरारा है
मेरे गरीबों को लाखो ने मिलके मारा है
Need lyrics of this noha please
damishq may jo ghareebon ka kaarwan pahuncha
yazeed neyst ne darbaar may bula bheja
behan se sheh ki shahadat ka waqia poocha
tadap ke binte ali ne yazeed se ye kaha
zameen ki godh may islam ka sitara hai
mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai
haaye hussain pyase hussain
kaha yazeed se zainab ne sitam aara
ghazab kiya tere lashkar ne roze ashoora
mere hussain ko jangal may ghayr kar maara
ali ka kardiya barbaad ghar ka ghar saara
jo bekafan hai abhi tak nabi ka pyara hai
mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai
haaye hussain....
suhaag ujda kisi ka kisi ki kokh jali
kisi ka jalgaya daman rida kisi ki chini
kisi ki maang may karbobala ki khaak padi
nabi ki aal hai zindan may ya ali madadi
jahan may zainabe dilgeer be-sahara hai
mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai
haaye hussain....
ye ranjo gham ye sitam jor aur jafa kab tak
rasool zadiyan balwe may berida kab tak
rahegi qaid may aulaade murtuza kab tak
nabi ki aal par ye zulm naarwa kab tak
mujhe to maut hi aalam may ab gawara hai
mere ghareeb ko lakhon ne milke maara hai
haaye hussain....
@@GhamEHussain_as shukriya bhai
@@GhamEHussain_asBhai pura nehi hain a
Nahi hai bhai. Itna hi mila tha mujhe
Bhai apna namvar do
9700702608