Gandhi ji itna ek kiya hindu muslimo ka ki hindu masjid mein barish k waqt nahi reh sakte but hinduo ko bole ki Muslimo ko jaga do . Muslim hinduo ka hatya kiye toh bole ki Muslimo ka dil jitne k liye hume chup chap gale katwane padega
To gandhi ji me kra na iske khilaaf kuch aur kyuki khilafat movement mainly muslims ke khilafa ke liye tha to mai nahi samjhta dharmik slogan lgana koi badi ya bohe khadi kardene wali baat h agr koi andolan sarkar ke khilaaf hindu mandiro ko lekar hoga tab bhi aise dharmik nare lagenge ye tayy h magar ab sampradayik sohardya banane ke liye koi Gandhi Zinda nahi h isiliye batt te raho aur desh ko barbad hota hua dekh te raho
Ha lekin slogan koi dusra taiyar bhi to nahi tha musalman ki taraf se bolne ke liye aur ha allhuakbar kah ke bhi atyachar aur gulami se peecha chudane ke baat hi to kar rahe the Dusri baat aapne is ek point ko notice kiya lekin usko notice kyu nahi kiya ki ek buchadkhane se gaye ko chudhake gandhi ji ko gift kiya
@@curious_nameless aap bhi ek andhbhakt ki tarah hi baat kar rahe ho ek baar zara sprituality ko bhi to samjho ki allah hu akbar kahna ya parmatma ki jay kahna kitna alag hai ?
@@jvd2297there is lot of difference between bharat mata ki jai and Allah hu akbar two nation theory was right but with total population exchange which could not happened and saddened part too
He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
@@raunakmalviya3175 For god sake don't start this straw man arguments because every party has there it cells and do fake propaganda and second he has not said nothing new but repeating the same old stuff that most of gandhian is saying from many years
जिस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी थी उसके अध्यक्ष पद के चुनाव में पट्टाभिसीतरमैया की हार को अपनी हार बतला कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को पद छोड़ने के लिये विवश कर दिया उस पर कोई विचार देते ।
ये लोग ऐसे मामलों पर कुछ बोलने लगे तो इनको चमचागिरी का इनाम कैसे मिलेगा, इनका मकसद सच्चाई से लोगों को रूबरू कराने का नहीं बल्कि चरण वन्दना करके प्रसाद पाना है।
10:20 I don't know which textbook is he talking about. When I was a student, I hardly read any detailed account of Bose, Bhagat Singh or Ambedkar's chronicles in the NCERT books. No one has ever said that names like Bose, Azad, Bhagat Singh or Ambedkar did not space in the books. The problem is with the disproportionate space that was given to Gandhi or Congress at the cost of others. Gandhi was great but NCERT and other books tried to portray him as the greatest ever and that's where the problem seeped in. And Ambedkar's name is alive not due to any Congress or Gandhi but due to his followers. The sustained struggle of Ambedkarites over several decades and the rise of an Ambedkarite vote bank forced Congress to co-opt Ambedkar in its narrative. Otherwise, Nehru left no stones unturned in decimating Ambedkar's legacy. Sorry to say but the author seems to have stuck in a conservative Congressman frame of mind.
Sorry to dissappoint and with all due respect for babasaheb ambedkar he really got popular in masses in the 90s with the kanshiram movement otherwise the average really didnt know ambedkar and guess what he lost the first election in 1952 so yeah...
बहुत शानदार बौद्धिक चर्चा।ऐसी चर्चा आज के युवा जरूर सुने।अपने विवेक से सत्य के आधार पर निर्णय करे।आज के इंटरनेट के युग मे किताबे पढ़ने और समझने की जरूरत बहुत है।
ये महोदय पूर्वाग्रह से अत्यधिक ग्रसित लगे, बाकी मुझे लगता है गांधी को किसी शील्ड की अवश्यकता नहीं है और गांधी के बचाव के लिए गांधी के आलोचकों के तर्कों पर और अधिक स्पष्ट और प्रभावी रूप से उत्तर देने की आवश्यकता है!
एसी सेटिंग वाला इन्टरव्यू आज तक नहीं देखा। आपसे एसी उम्मीद नहीं थी सौरभ भाई। डा.अम्बेडकर जिस तल्ख भाषा का इस्तेमाल गांधी जी के लिए करते थे और उनकी विचारधारा की धज्जियां उड़ाते थे उस पर आप से एक सवाल भी ना पूछा गया? इस्लाम और मुसलमानों पर गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचार थे और गांधी जी क्यों गुरूदेव के विचारों के विरुद्ध कुछ नहीं बोलते थे। एक नितांत साधारण और अयोग्य लेखक को आपने इतना बड़ा मंच दे दिया यह हैरानी की बात है।
@@yoursetc kyun bhai jalan ho rahi hai Gand jal rahi hai teri jo sach hai woh sach e rahe ga thik or baba sahab kis bichar dhara ko virodh kar rahe the ek bar padh to lo andhbhakt 😂😂
He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
@@ajeyakrtripathi849 He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
गांधी की विरुदावली तो बहुत गायी जाती है लेकिन उन्होंने जो खुद अपने बारे में लिखा है उसको ही यदि जनता के सामने प्रचारित कर दिया जाए तो उन्हें गाली और नफ़रत के अतिरिक्त और कुछ न मिले।
Very superficial interview. The author is constrained by the politics of his masters. No question about the casteism of Mahatma Gandhi. Saurabh should educated himself about Jinnah by reading Professor Ishtiaq Ahmed who has written the most comprehensive book about Jinnah.
द्वितीय विश्व युद्ध में इन्गलैंड आर्थिक और सामरिक शक्ति क्षीण हो रही थी उसमें नौसैनिक विद्रोह अंग्रेजों को जल्दी बोरिया-बिस्तर बांधकर इज्जत से जाने में भलाई नजर आई न कि चर्खा की आवज से । आज नौसैनिक विद्रोह की चर्चा कर दिल खुश कर दिया ।
सवाल है कि गांधी जी की राजनीतिक पहचान मुशलमान के बीच हिन्दूवादी ही रहे। आजादी के पहले बहुसंख्यक मुशलमान ने कभी कांग्रेस को वोट नहीं दिया। कांग्रेस भी इस बात से सहमत होकर ही विभाजन पर तैयार हुए।
कोई कितना भी बदनाम करना चाहे लेकिन नाथूराम गोडसे को हत्यारा एवम गांधी को महात्मा ही कहा जायेगा। परंतु विचार करने की बहुत संभावना रह जाती है इसके बाद भी। कुछ मूल प्रश्न यह उठते है की, * क्या हिंदुत्व को हिंदू तत्व यानी सनातन से भिन्न ठहराना उचित होगा? * क्या कोई भी बाहर से आया व्यक्ति यह निर्णय करने में सक्षम है कि एक पंथ विशेष जो की सदियों से प्रताड़ना सेह रहा हो उसे सब तयाग्ने एवम भूलने के लिए कहा जाए? * अपने मानदंडों से एक बहुसंप्रदायिक राष्ट्र पे विचार थोपने चाहिए? - भले ही विचार जनकल्याण की भावना से प्रेरित हो, परंतु अंततः यह केवल ऊपरी संवेदना का ही प्रतिबिंब बन कर रह जायेंगे। अगर भारतवर्ष कि स्वंत्रता की कहानी सिर्फ गांधी जी के आगमन से ही शुरु हो, तब तो यह अधूरा सत्य ही मान्य होगा। अतः पूरी कहानी पढ़ने या लिखने से पहले भारत 1915 की स्तिथि पर कैसे पहुंचा, इसपे विचार करना बहुत आवश्यक बन जाता है। वर्तमान और पूर्व के कई लेखक अपने विचारों को इसी वजह से एक संकुठित समयसीमा में ही बांधकर रह जाते हैं।
Congress failed to preserve the Gandhi as an ideology and diverted in lust of continuing with power giving space to discuss and rediscover the Gandhi as an ideology
लंदन टॉप भाई को कहां से पकड़ कर लाये ..एक तरफ तो ये कह रहा है सुकरात सत्य के लिए जहर पी गये थे और फिर कह रहा है कि गांधी जी झूठ के आधार पर समाज को जोड़ ने कार्य कर रहे थे..😮😮
The guy is quoting Dr. B.R. Ambedkar in his interview, but I think he should also refer to Dr. B.R. Ambedkar's writings about the Moplah Revolt, as covered in his book 'Pakistan or The Partition of India'. And if you watch his entire interview carefully and focus on Hindus and Muslims you will realise his intention and inclination. Ok, let me give you more details, according to govt records 2337 Moplah Rebellions died by police action and according to non-government data around 10000-12000 people died in the action including Hindus and Moplah Rebellions. But the most horrific thing was that the Moplah Rebellions crossed all kinds of barbarisms killing pregnant women and other innocents who didn't have any connection to oppress the Rebellions. And for authentic data someone should go through C. Gopalan's (Deputy collector of that time) 'The Moplah Rebellion' that is considered authentic by most people.
Pehle comedian Ravi Gupta wala episode dekha phir ye dekh raha hoon 😁 Ye jyada funny hai 🤣🤣 Par fayda koi nahi bichara koshish to puri kar raha hai par congress ticket degi nahi 🤣🤣🤣 Chatiye chat chat ke laal kar dijiye 🤣🤣
मेरे मन मे प्रश्न उठते है कि जैसे हर हत्या के पीछे कोई मोटिव होता है , गाँधी जी कि हत्या को एक हत्या के रूप मे समझने कि: प्रश्न 1: क्यूँ एक 36 वर्ष के युवक को एक 78 वर्ष के वृद्ध कि हत्या करना आखिरी विकल्प लगा? इसी से जुड़ा है ,उसे इस बात का पूरा आभास होगा कि इस कृत्य के बाद उसका जिवित रहना असंभव है, फिर भी उसे अपने जीवन से जायदा गाँधी जी कि हत्या महत्तवपूर्ण लगी ? प्रश्न 2: आरोपी को इस अपराध से क्या लाभ हासिल करना था या हुआ? गांधी जी जैसे जन नायक कि हत्या करने के बाद उसे तो मृत्युदंड मिलना निश्चित था साथ ही उसका वा उसके परिवार को सदियों तक घृणा के पात्र के रूप मे देश देखेगा..क्या नाथूराम को इसका आभास था अगर हाँ तो उसे इस हत्या से अखिर क्या हासिल करना था? एक 78 वर्ष का व्यक्ती लगभग अपनी पूरा जीवन जी चुका था हमारे यहां कहते है कि अब जीवन के आखिरी पायदान पर है वह 4-8 साल और जिवित रहते शायद अगर हत्या न होती तो ऐसे मे ठीक उस समय गांधी जी ऐसे किस काम मे लगे थे जिसे कुछ लोग या आरोपी उन्हें किसी भी कीमत पर करने नहीं देना चाहता था? जब कोई हत्या जैसा अपराध होता है..तो आम मानस के मन मे..यह जानने कि उत्सुकता रहती है..कि किस हथियार से किया..किस लाभ के लिए किया..कैसी बनी योजना और आरोपी किस मानोदशा में था क्या उसने हत्या के बाद भागने कि छुपने कि कोशिश कि..या उसे कोई राजनीतिक लाभ हुआ..यह अर्थिक लाभ हुआ..etc . इन विषयों पर किसी ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर कोई विद्वान प्रकाश डाले तो समझने मे असानी हो मुझे भी औऱ आने वाली युवा पीढ़ी को भी!!|
हर चीज विचार से उत्पन होती है गांधी जी को हमरे समाज के विचार ने मरा न कि नाथू राम गोडसe ने जैसे हमारे मन विचार आया कि मेरे माता पिता हमारे दुश्मन है तो हम माता पिता को तकलीफ देना सुरु कर देते हैं अपनी ताकत के अनुसार उसी तरह भाई भाई के मन विचार आता है कि मेरा भाई मेरा दुश्मन है कभी कभी हमरे बीबी को भी दुशान्म मानने लगाते हैं यह सब अपने विचारो का खेल है जो कि सच कुछ और है माता पिता कभी भी अपने बच्चे के दुश्मन नही होते अगर आप को सही विचार चाहिए तो राम के कर्म को देखो जानो और समझो राम माता पिता वचन के लिए वन गए जो कि सुबह राजा बनने वाले थे राम हमेश कमजोर गरीब लाचार का साथ दिए सच का
Nathuram to pyada tha. Gandhi hatya toh pura ek sangathan chahta tha per safalta godse ko mili kyunki Gandhi ne security lene se mana kiya tha aur marna aasan tha. 36 varshiya yuvak ki koi majburi nathi thi Gandhi ko marne ke liye. Agar desh prem tha toh Jinnah ko mar diye hote. Yeh pehli dafa tha ki Gandhi ki hatya me safalta hasil hui. Gandhi hatya ki koshish 1932 se hoti aa rahi thi.
@@dm-tq2sx यही तो मूल प्रश्न है मोटिव उस हत्या से होने वाला लाभ.. हत्या किसी पुरानी खानदानी रंजिश के लिए होती है या फिर जर , जोरु या जमीन का कोई विवाद हो..या फिर हत्यारा साइको हो सिर्फ मजे के लिए हत्या करने का कोई इतिहास हो | आपने कहा कि सामुह का काम था तब भी सामुह किस प्रकार के लाभ को पाना चाहता था या उसे क्या लाभ मिला हत्या के बाद | कोई बिना लाभ या स्वार्थ के अपराध क्यों करेगा |
@@Ravisharma-qk5kl yehi to jawab hai. Bahot se aise log the jinko Gandhi ki political ideology se matbhed tha. Nathuram ne hatya ki uske pehle bhi Gandhi hatya ki koshish Hui thi. Aur tab partition ki baat bhi India me nahi thi. Jab aap kisi vichar se kattar ban jate hai to woh extreme point hinsa me tabdil ho jata hai. Jab terrorist attack hota hai to woh sare paise ya ladkiyon ke liye nahi hote bas ek kattar dimag ki bajah se apko dusre log jinki ideology alag hai woh dushman lagne lagte hai. Terrorist dusre dharm ke logo kon kyun marte hai? Kyunki unke mutabik har kisi ko ek hi dharm( yani ki ideology) ko follow karna chahi ye. Aur agar aapki ideology alag hai to phir aap sahi nahi ho. Yeh bhi ek psychology hai.
My congratulations to Lallantop for healthy discussion on this book. Thanks to Mr. Bhaghel for bringing facts and presenting to the world through this book.
Saurabh tum knowledge mai apne Baap tulya but age wise younger scholar Prakhar Sirivastva ki Gandhi pur books paro.Iss say tumari awareness increase hogi.
तुम किस आधार पर गांधी को विभाजन का दोषी मान सकते हो नाथूराम गोडसे इतिहास में न होता तो आज हमारा भारत अखंड भारत होता में इसे गांधी कि कुछ कहानियां से सिद्ध कर सकता हूं
दीपक जी के नेतृत्व में सौरभ जी ने जो गौरवान्वित महसूस किया है वही गौरव की अनुभूति हम दर्शको को भी हो रही है 😄 बाकी गांधी के विचारों से नित तरीके से हम रोज सीख रहे हैं किताब भी पढ़ी जायेगी
Has this writer written in his book about M K Gandhi's well documented advice to Hindus: 1) Writing in Young India in May 1921, Mahatma Gandhi declared: “Hindus should never be angry against the Muslims even if the latter might make up their minds to undo even their existence” and Hindus “should not be afraid of death. After all, the killers will be none other than our Muslim brothers.” 2) Speech at Prayer Meeting New Delhi April 6, 1947 (From the Collected Works of Mahatma Gandhi, Vol.87 pages 217-229) "We should dispassionately think where we are drifting. Hindus should not harbour anger in their hearts against Muslims even if the latter wanted to destroy them. Even if the Muslims want to kill us all we should face death bravely. If they established their rule after killing Hindus we would be ushering in a new world by sacrificing our lives." 3) When a group of Punjabis reached Delhi(out of 1000 who started out, only 16 made it to Delhi alive) his advice to them was this- "If all the Punjabis were to die to the last man without killing, the Punjab would become immortal. But you take up arms and when you are worsted you come to me. Of what help can I be to you in the circumstance? If you cared to listen to me, I could restore calm in the Punjab even from here. One thousand lost their lives of course, but it was not like brave men. The more is the pity. What a difference it would have made if they had bravely offered themselves as a non-violent, willing sacrifice. Oppose with Ahimsa if you can but go down fighting by all means if you have not the nonviolence of the brave. Do not turn cowards. " 4) When asked to clarify his advice to whether Sindhi Hindus should migrate in the event of partition, he said- "I said that you should suffer bravely, but non-violently unto death. But if you cannot do that and must make a disgraceful surrender of all including honour, your womenfolk and religion, in that case, the only safe and proper course for you to take is migration, not singly, but of all the Hindus and other non-Muslims." 5) He criticised refugees fleeing the Pakistani jihad, and told them to go back and die: “I am grieved to learn that people are running away from the West Punjab and I am told that Lahore is being evacuated by the non-Muslims. I must say that this is what it should not be. If you think Lahore is dead or is dying, do not run away from it, but die with what you think is the dying Lahore.”
सौरभ भईया,,, आपसे बस एक अनुरोध है,, एक बार upsssc की कार्य प्रणाली पर चर्चा कर दीजिए,,, कभी 4, कभी 5 कभी 6 कभी 7 साल तक ये भर्ती कंप्लीट नही कर पाते है,, ऐसी क्या मजबूरी है इनकी,, केवल 16 पदो की भर्ती upsssc राजस्व मंडी परिषद का फाइनल रिजल्ट देने में इन्हे 5 साल लग गए,,, क्यों,,, कृपया इसपर जरूर चर्चा कीजिए,,, अनुरोध है, आपकी वजह से हम जैसे को ओवर एज होने को है उनका भला भी हो जाएगा,, दयनीय स्तिथि है हम जैसों की,, कृपया आप तो समझिए🙏🙏🙏🙏🙏
In my view book written by Prakhar Srivastva, hei Ram on Gandhi is very near to the truth as almost all the facts presented in this book are backed by evidence .
Why is the author or anyone discussing about where from MKG landed in India and what was he doing for Britishers before becoming an overnight star in India?
@@UK-ph8zv bhai kyu bich me ghus raha hai.. jab kuch maloom nahi to kyu bich me koodna hai tujhe.. mene search kr liya hai aur proper source nahi mil raha hai isiliye source ke baare me puch rha hu..
Pranam: we need to have open mind to accept strengths and weaknesses inherent in every personality. At the same time, we must be cautious that while analyzing, the balance should not unduly tilt towards one side by the unseen force of our prejudices. Also, it should be discussed with opem mind why a particular point of view was being stressed. This would make debate healthy based on facts and also enable possible course correction by all concerned in the present context.
Read the biography of shubhash chandra bose publish by pigeon where written that when shubhash chandra bose won the election in 1940 then gandhi told that this is my lose not only aiyyer and he went for fasting till bose leave congress (which godse told )
I watched interview of Istiaq Muhammad who said Muslims never had anything to do with independence movement but only with khilafat and their own nation..
एक कांग्रेसी कैसे तटस्थ भाव से गांधी जी के बारे में लिख सकता है । वह गांधी जी को भगवान माने बिना नहीं रह सकता है । जबकि गांधी जी इसी लोक के एक व्यक्ति थे जिन्होंने अच्छे काम किये गलतियां भी कीं और बुरे काम भी किए होंगे।
कांग्रेसी ने लिखा है विनोबा भावे ने कहा था ये शब्द कहे थे वो कोट कर रहे थे नाथूराम गोडसे ने जो अदालत में भाषण दिया था उसको सुनकर कहा था विनोबा भावे ने कहा था और अंग्रेज लेखकों ने तो गांधी को इसा मसीहा के बाद का दूसरा महान व्यक्ति कहा था ये बात आपको बीबीसी में मिल जाएगी और पुस्तको में भी और भारत के दूसरे राष्ट्रपति सरवोपाली राधाकृष्ण जब विदेश में थे तब लदंन टाइम्स ने यह छापा था कि हिन्दू धर्म के शिवाय कोई धर्म नहीं जो गांधी जैसी शख्सियत पैदा कर सके राजीव दीक्षित - मैने बहुत लोगो की जीवनी पड़ी पर मेरा ऐसा मानना है कि 500 सालो के इतिहास में महात्मा गांधी जैसा व्यक्ति ने धरती में जन्म नहीं लिया महात्मा गांधी के जो गुरु थे वो श्री मद रामचंद्र जी थे जिन्हें अपने सभी जन्म याद थे और ये जैनों के 25 वे तीर्थंकर थे
Gandhi ji itna ek kiya hindu muslimo ka ki hindu masjid mein barish k waqt nahi reh sakte but hinduo ko bole ki Muslimo ko jaga do . Muslim hinduo ka hatya kiye toh bole ki Muslimo ka dil jitne k liye hume chup chap gale katwane padega
25:00 while hindus were giving slogans "bharat mata ki jay" musalmans were saying "Allah hu akhabar" . That's exactly the point.
To gandhi ji me kra na iske khilaaf kuch aur kyuki khilafat movement mainly muslims ke khilafa ke liye tha to mai nahi samjhta dharmik slogan lgana koi badi ya bohe khadi kardene wali baat h agr koi andolan sarkar ke khilaaf hindu mandiro ko lekar hoga tab bhi aise dharmik nare lagenge ye tayy h magar ab sampradayik sohardya banane ke liye koi Gandhi Zinda nahi h isiliye batt te raho aur desh ko barbad hota hua dekh te raho
Bharat Mata Ki Jai vs Alahh hu Akber aapas mein takrate hue dikh rahe the. And they say never to question Muslims loyalty for the country 🤣🤣
Ha lekin slogan koi dusra taiyar bhi to nahi tha musalman ki taraf se bolne ke liye aur ha allhuakbar kah ke bhi atyachar aur gulami se peecha chudane ke baat hi to kar rahe the
Dusri baat aapne is ek point ko notice kiya lekin usko notice kyu nahi kiya ki ek buchadkhane se gaye ko chudhake gandhi ji ko gift kiya
@@curious_nameless aap bhi ek andhbhakt ki tarah hi baat kar rahe ho ek baar zara sprituality ko bhi to samjho ki allah hu akbar kahna ya parmatma ki jay kahna kitna alag hai ?
@@jvd2297there is lot of difference between bharat mata ki jai and Allah hu akbar two nation theory was right but with total population exchange which could not happened and saddened part too
Piyush Bable ji बधाई के पात्र हैं। आपके इंटरव्यू से बिल्कुल स्पष्ट है कि लेखक विषय-वस्तु और अपने विचारों में पूर्णतः स्पष्ट हैं। Keep it up dear.
I have listen same arguments on Gandhi again and again and this man can become NCERT Book writer in future if Congress comes to power
ruclips.net/video/4tEjSUXcwJA/видео.html&pp=ygUecHJha2hhciBzcml2YXN0YXZhIGtoYXJpIGJhYXQg
Dl
कूटनीति और मनुष्यता दो क्षेत्र है
देश के अंदर मनुष्यता और बाहर कूटनीति
दुष्टों से अच्छाई मनुष्यता हो सकती
He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
@@raunakmalviya3175 For god sake don't start this straw man arguments because every party has there it cells and do fake propaganda and second he has not said nothing new but repeating the same old stuff that most of gandhian is saying from many years
Left leaning Lallantop walas will never invite Prakhar Shrivastav , Author of well researched Book Hey Ram
They call only people who are genuine , not what’s app university graduates. Whether you like him or not , but you can’t ignore him. 😂😂
They've already invited Vikram Sampath (admirer of Savarkar) now cry hard😂
@@pzende WhatsApp University Graduate ,
Vaise tum jaise tuchiyo ke liye Dallantop walo ka har shabd hi Gospel truth hai ...
जिस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी थी उसके अध्यक्ष पद के चुनाव में पट्टाभिसीतरमैया की हार को अपनी हार बतला कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को पद छोड़ने के लिये विवश कर दिया उस पर कोई विचार देते ।
ये लोग ऐसे मामलों पर कुछ बोलने लगे तो इनको चमचागिरी का इनाम कैसे मिलेगा, इनका मकसद सच्चाई से लोगों को रूबरू कराने का नहीं बल्कि चरण वन्दना करके प्रसाद पाना है।
@@RajeshKumar-ds7ff 100% सच कहा आपने।भाई।
10:20 I don't know which textbook is he talking about. When I was a student, I hardly read any detailed account of Bose, Bhagat Singh or Ambedkar's chronicles in the NCERT books. No one has ever said that names like Bose, Azad, Bhagat Singh or Ambedkar did not space in the books.
The problem is with the disproportionate space that was given to Gandhi or Congress at the cost of others. Gandhi was great but NCERT and other books tried to portray him as the greatest ever and that's where the problem seeped in.
And Ambedkar's name is alive not due to any Congress or Gandhi but due to his followers. The sustained struggle of Ambedkarites over several decades and the rise of an Ambedkarite vote bank forced Congress to co-opt Ambedkar in its narrative. Otherwise, Nehru left no stones unturned in decimating Ambedkar's legacy.
Sorry to say but the author seems to have stuck in a conservative Congressman frame of mind.
Very true
Read History text book of std 8th. SSC Board Maharashtra
@@judyfernandes6669 Kindly share the pdf link
And some people say Modi has andh bhakts
Sorry to dissappoint and with all due respect for babasaheb ambedkar he really got popular in masses in the 90s with the kanshiram movement otherwise the average really didnt know ambedkar and guess what he lost the first election in 1952 so yeah...
प्रखर श्रीवास्तव की पुस्तक " हे राम " पर भी किताबवाला में चर्चा होनी चाहिए
@@hemantmahulikar235 भाई ये वामपंथी दल्ले कभी प्रखर जी को नही बुलाने वाले
दीपक का अध्ययन विस्तृत है। दुनिया भर के किताबों, लेखों से ज़िक्र इस बात का परिचायक है। बहुत स्नेह, सुनना ज्ञानवर्धक है आप दोनों को।❤
तीसरे को भूल गए या जिक्र के काबिल न समझा....
बहुत शानदार बौद्धिक चर्चा।ऐसी चर्चा आज के युवा जरूर सुने।अपने विवेक से सत्य के आधार पर निर्णय करे।आज के इंटरनेट के युग मे किताबे पढ़ने और समझने की जरूरत बहुत है।
the tone of author is accusing how Sangh wasn't interested in freedom movement and opposing it? more like a congress politician than a author.
Dhanyavad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ये महोदय पूर्वाग्रह से अत्यधिक ग्रसित लगे, बाकी मुझे लगता है गांधी को किसी शील्ड की अवश्यकता नहीं है और गांधी के बचाव के लिए गांधी के आलोचकों के तर्कों पर और अधिक स्पष्ट और प्रभावी रूप से उत्तर देने की आवश्यकता है!
सत्य👍
Right wing ki kuntha se jyada writer ki kuntha hai in mahashay ki kitaab😅
उत्कृष्ट वार्तालाप और बहुत ही सार गर्भित जानकारी होती हैं ऐसी चर्चाओ से। धन्यवाद के पात्र है आप।
एसी सेटिंग वाला इन्टरव्यू आज तक नहीं देखा। आपसे एसी उम्मीद नहीं थी सौरभ भाई।
डा.अम्बेडकर जिस तल्ख भाषा का इस्तेमाल गांधी जी के लिए करते थे और उनकी विचारधारा की धज्जियां उड़ाते थे उस पर आप से एक सवाल भी ना पूछा गया?
इस्लाम और मुसलमानों पर गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचार थे और गांधी जी क्यों गुरूदेव के विचारों के विरुद्ध कुछ नहीं बोलते थे।
एक नितांत साधारण और अयोग्य लेखक को आपने इतना बड़ा मंच दे दिया यह हैरानी की बात है।
@@yoursetc kyun bhai jalan ho rahi hai Gand jal rahi hai teri jo sach hai woh sach e rahe ga thik or baba sahab kis bichar dhara ko virodh kar rahe the ek bar padh to lo andhbhakt 😂😂
@@yoursetc chale aye ho lumbe lumbe coment karne se kuchh nhi hone wala kyun ki andhbhakt aadha padha hai or aadha tere jaise gobar bhakt hai 😂🤣
Gandhi try to unite hindus and muslims but he did not understand muslim religion's idiology.
क्या समझ नहीं आई
Great sir ..your are outstanding writer
Wonderful discussion and I just loved it. This kind of High quality discussion is completely missing from all mainstream TV news channel.
इसे राजनीतिक साक्षात्कार की फ्रेम में डाले , यह किताब समीक्षा नहीं है। सिर्फ गांधी जी महान इसका कोई वाजिब तर्क नहीं है लेखक कम कांग्रेसियाई के पास
नाथुराम गोडसे जी अमर रहे।
Yeah chappal chaatne me Amar h godse
And some people say Modi has andh-bhakts.
Is author se bada andhbhakt to koi ho hi nahi sakta.
Ye to jab khula kah raha he ki me cong ke kamal nath ka papu hun to is admi se kya ummeed kar sakte ho...bahut neech lekhak
He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
@@ajeyakrtripathi849 He is not neutral but atleast his arguments are objective & based on authentic knowledge unlike bjp whatsapp forwards which are neither authentic nor neutral nor objective ,but only sensational and rumors
Shut up not a single argument of his is objective@@raunakmalviya3175
गांधी की विरुदावली तो बहुत गायी जाती है लेकिन उन्होंने जो खुद अपने बारे में लिखा है उसको ही यदि जनता के सामने प्रचारित कर दिया जाए तो उन्हें गाली और नफ़रत के अतिरिक्त और कुछ न मिले।
Very superficial interview.
The author is constrained by the politics of his masters.
No question about the casteism of Mahatma Gandhi.
Saurabh should educated himself about Jinnah by reading Professor Ishtiaq Ahmed who has written the most comprehensive book about Jinnah.
बहोत अच्छा इंटरव्ह्यू रहा.. शांती से सारे सवाल जवाब हुए बिना किसी नोक झोंक के. कई सारी बातें नए से पता चली।
Veer Savarkar and Subhash Bose Zindabad
Veer savarkar MAAFI MAGNE WALA 🤔DAARI GYA THA BRITISH SE...
KAM SE KAM GANDHI JI NE ESA TO NHI KARA
Subhash Bose leftist the itna to pata hi hoga aapko!
@@RAJABABU99501 Gandhi aur nehru ne kitni baar maafi maagi itihas me dekh lena..kala Pani ki saja Savarkar ko mili Gandhi Nehru ko nahi ...
@@gajendersharma5433to jail me tum rah kar aye the kya ? un time
@@lovekeshmishra4761 To tum kya kala pani ki saja kaat kar aaya hai...
बातचीत जानकारी से भरी हुई है .
महात्मा गांधी अमर रहे
श्रधानन्द के हत्या पर गाँधी का क्या विचार था कभी लेखक महोदय बतलाते ।
you can see a video on this on the credible history channel.
अब्दुल उनका भाई थे। मोहन का।
Are waah deepak ji aaj saurabh bhaiya ke sath, big fan of Tenguria ji
द्वितीय विश्व युद्ध में इन्गलैंड आर्थिक और सामरिक शक्ति क्षीण हो रही थी उसमें नौसैनिक विद्रोह अंग्रेजों को जल्दी बोरिया-बिस्तर बांधकर इज्जत से जाने में भलाई नजर आई न कि चर्खा की आवज से । आज नौसैनिक विद्रोह की चर्चा कर दिल खुश कर दिया ।
Good deepak bhai ❤
सवाल है कि गांधी जी की राजनीतिक पहचान
मुशलमान के बीच हिन्दूवादी ही रहे। आजादी के पहले बहुसंख्यक मुशलमान ने कभी कांग्रेस को वोट नहीं दिया।
कांग्रेस भी इस बात से सहमत होकर ही विभाजन पर तैयार हुए।
1937 का चुनाव क्या था तो 4% ही मुसलमान ने जिन्ना को वोट दिया था और उतने ही गए थे सरदार पटेल का भाषण भी था ईमानदारी से किया गया चुनाव
गांधी पर बात करने के लिए कभी प्रखर को भी बुलाए अपना ज्ञान परखने के लिए ज्ञानी का होना जरूरी होता है😂😂
कितना आसान है हिंदू मुस्लिम को जमींदार और मजदूर के रूप मै व्याख्या कर दिया गया। कितना आसान है 😂😂😂😂😂
सब जगह तो ऐसा नहीं कहा गया, जहां ऐसा था वहां बोला गया, कही मुस्लिम पावरफुल थे कही हिंदू, नेतागिरी हमेशा नासमझ लोगो को शिकार बनाती हैं
I love this guy , who love gandhiji
बहुत शानदार प्रस्तुति दी है
Me gujrat se hu a bat achhe lgi
Loved the questions and answers. Please keep up the good work!!
महात्मा गांधी आने वाली सदियों तक मानवता को रोशनी दिखाते रहेंगे। सांप्रदायिक ताकतें उनको बदनाम करने की नाकाम कोशिशें करती रहेंगी।
कोई कितना भी बदनाम करना चाहे लेकिन नाथूराम गोडसे को हत्यारा एवम गांधी को महात्मा ही कहा जायेगा।
परंतु विचार करने की बहुत संभावना रह जाती है इसके बाद भी।
कुछ मूल प्रश्न यह उठते है की,
* क्या हिंदुत्व को हिंदू तत्व यानी सनातन से भिन्न ठहराना उचित होगा?
* क्या कोई भी बाहर से आया व्यक्ति यह निर्णय करने में सक्षम है कि एक पंथ विशेष जो की सदियों से प्रताड़ना सेह रहा हो उसे सब तयाग्ने एवम भूलने के लिए कहा जाए?
* अपने मानदंडों से एक बहुसंप्रदायिक राष्ट्र पे विचार थोपने चाहिए?
- भले ही विचार जनकल्याण की भावना से प्रेरित हो, परंतु अंततः यह केवल ऊपरी संवेदना का ही प्रतिबिंब बन कर रह जायेंगे। अगर भारतवर्ष कि स्वंत्रता की कहानी सिर्फ गांधी जी के आगमन से ही शुरु हो, तब तो यह अधूरा सत्य ही मान्य होगा। अतः पूरी कहानी पढ़ने या लिखने से पहले भारत 1915 की स्तिथि पर कैसे पहुंचा, इसपे विचार करना बहुत आवश्यक बन जाता है।
वर्तमान और पूर्व के कई लेखक अपने विचारों को इसी वजह से एक संकुठित समयसीमा में ही बांधकर रह जाते हैं।
वो राष्ट्र पिता नही बन सकते।
लाखो हिंदू के हत्या का कारण मोहन है।
Dhanyawad sir ji❤❤❤❤❤❤
सदी का महान व्यक्तित्व गांधी अमर रहे
Amar rahe shat shat naman❤
गांधी महान भी था और मजबूर भी। गांधी ने कहाँ था कि बटवारा मेरी लाश पर होगा। गांधी जिंदा रहा और देश का बटवारा भी हो गया।
साहसिक व सटीक वक्तव्य.
legend video
Congress failed to preserve the Gandhi as an ideology and diverted in lust of continuing with power giving space to discuss and rediscover the Gandhi as an ideology
लंदन टॉप भाई को कहां से पकड़ कर लाये ..एक तरफ तो ये कह रहा है सुकरात सत्य के लिए जहर पी गये थे और फिर कह रहा है कि गांधी जी झूठ के आधार पर समाज को जोड़ ने कार्य कर रहे थे..😮😮
क्यों इतना सरल है क्या गांधी को समझना और ये कोई महान व्यक्ति है क्या जो गांधी को एक ही बार में समझ ले की गांधी क्या कर रहा है क्यू
First time kisi news channel par ek achchhi discussion sunane ko mili thanks lallantop news God bless lallantop and you prosperous in life
जो कांग्रेस से जुड़ा है वो गांधी पर निष्पक्ष नहीं लिख सकता
Bahut sundar ❤❤❤❤
Bahut bahut dhanyawad aapke iss platform se itni acchi jankari mili 🙏🙏🙏🙏🙏
The guy is quoting Dr. B.R. Ambedkar in his interview, but I think he should also refer to Dr. B.R. Ambedkar's writings about the Moplah Revolt, as covered in his book 'Pakistan or The Partition of India'.
And if you watch his entire interview carefully and focus on Hindus and Muslims you will realise his intention and inclination.
Ok, let me give you more details, according to govt records 2337 Moplah Rebellions died by police action and according to non-government data around 10000-12000 people died in the action including Hindus and Moplah Rebellions. But the most horrific thing was that the Moplah Rebellions crossed all kinds of barbarisms killing pregnant women and other innocents who didn't have any connection to oppress the Rebellions.
And for authentic data someone should go through C. Gopalan's (Deputy collector of that time) 'The Moplah Rebellion' that is considered authentic by most people.
Everything is right but definitely our Modern history is Gandhi centric💯
Pehle comedian Ravi Gupta wala episode dekha phir ye dekh raha hoon 😁 Ye jyada funny hai 🤣🤣 Par fayda koi nahi bichara koshish to puri kar raha hai par congress ticket degi nahi 🤣🤣🤣 Chatiye chat chat ke laal kar dijiye 🤣🤣
Lajabab sandaar jabardast🎉
मेरे मन मे प्रश्न उठते है कि जैसे हर हत्या के पीछे कोई मोटिव होता है , गाँधी जी कि हत्या को एक हत्या के रूप मे समझने कि:
प्रश्न 1: क्यूँ एक 36 वर्ष के युवक को एक 78 वर्ष के वृद्ध कि हत्या करना आखिरी विकल्प लगा? इसी से जुड़ा है ,उसे इस बात का पूरा आभास होगा कि इस कृत्य के बाद उसका जिवित रहना असंभव है, फिर भी उसे अपने जीवन से जायदा गाँधी जी कि हत्या महत्तवपूर्ण लगी ?
प्रश्न 2: आरोपी को इस अपराध से क्या लाभ हासिल करना था या हुआ? गांधी जी जैसे जन नायक कि हत्या करने के बाद उसे तो मृत्युदंड मिलना निश्चित था साथ ही उसका वा उसके परिवार को सदियों तक घृणा के पात्र के रूप मे देश देखेगा..क्या नाथूराम को इसका आभास था अगर हाँ तो उसे इस हत्या से अखिर क्या हासिल करना था?
एक 78 वर्ष का व्यक्ती लगभग अपनी पूरा जीवन जी चुका था हमारे यहां कहते है कि अब जीवन के आखिरी पायदान पर है वह 4-8 साल और जिवित रहते शायद अगर हत्या न होती तो ऐसे मे ठीक उस समय गांधी जी ऐसे किस काम मे लगे थे जिसे कुछ लोग या आरोपी उन्हें किसी भी कीमत पर करने नहीं देना चाहता था?
जब कोई हत्या जैसा अपराध होता है..तो आम मानस के मन मे..यह जानने कि उत्सुकता रहती है..कि किस हथियार से किया..किस लाभ के लिए किया..कैसी बनी योजना और आरोपी किस मानोदशा में था क्या उसने हत्या के बाद भागने कि छुपने कि कोशिश कि..या उसे कोई राजनीतिक लाभ हुआ..यह अर्थिक लाभ हुआ..etc .
इन विषयों पर किसी ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर कोई विद्वान प्रकाश डाले तो समझने मे असानी हो मुझे भी औऱ आने वाली युवा पीढ़ी को भी!!|
Usne gandhi ko kyu mara kitaab h ashok kumar pandey ki aapke questions ka uttar vaha milega aapko
हर चीज विचार से उत्पन होती है गांधी जी को हमरे समाज के विचार ने मरा न कि नाथू राम गोडसe ने जैसे हमारे मन विचार आया कि मेरे माता पिता हमारे दुश्मन है तो हम माता पिता को तकलीफ देना सुरु कर देते हैं अपनी ताकत के अनुसार उसी तरह भाई भाई के मन विचार आता है कि मेरा भाई मेरा दुश्मन है कभी कभी हमरे बीबी को भी दुशान्म मानने लगाते हैं यह सब अपने विचारो का खेल है जो कि सच कुछ और है माता पिता कभी भी अपने बच्चे के दुश्मन नही होते अगर आप को सही विचार चाहिए तो राम के कर्म को देखो जानो और समझो राम माता पिता वचन के लिए वन गए जो कि सुबह राजा बनने वाले थे राम हमेश कमजोर गरीब लाचार का साथ दिए सच का
Nathuram to pyada tha. Gandhi hatya toh pura ek sangathan chahta tha per safalta godse ko mili kyunki Gandhi ne security lene se mana kiya tha aur marna aasan tha. 36 varshiya yuvak ki koi majburi nathi thi Gandhi ko marne ke liye. Agar desh prem tha toh Jinnah ko mar diye hote. Yeh pehli dafa tha ki Gandhi ki hatya me safalta hasil hui. Gandhi hatya ki koshish 1932 se hoti aa rahi thi.
@@dm-tq2sx यही तो मूल प्रश्न है मोटिव उस हत्या से होने वाला लाभ..
हत्या किसी पुरानी खानदानी रंजिश के लिए होती है या फिर जर , जोरु या जमीन का कोई विवाद हो..या फिर हत्यारा साइको हो सिर्फ मजे के लिए हत्या करने का कोई इतिहास हो |
आपने कहा कि सामुह का काम था तब भी सामुह किस प्रकार के लाभ को पाना चाहता था या उसे क्या लाभ मिला हत्या के बाद | कोई बिना लाभ या स्वार्थ के अपराध क्यों करेगा |
@@Ravisharma-qk5kl yehi to jawab hai. Bahot se aise log the jinko Gandhi ki political ideology se matbhed tha. Nathuram ne hatya ki uske pehle bhi Gandhi hatya ki koshish Hui thi. Aur tab partition ki baat bhi India me nahi thi.
Jab aap kisi vichar se kattar ban jate hai to woh extreme point hinsa me tabdil ho jata hai.
Jab terrorist attack hota hai to woh sare paise ya ladkiyon ke liye nahi hote bas ek kattar dimag ki bajah se apko dusre log jinki ideology alag hai woh dushman lagne lagte hai. Terrorist dusre dharm ke logo kon kyun marte hai? Kyunki unke mutabik har kisi ko ek hi dharm( yani ki ideology) ko follow karna chahi ye. Aur agar aapki ideology alag hai to phir aap sahi nahi ho.
Yeh bhi ek psychology hai.
Sanjeev saniyal, Rajiv Malhotra, j Sai Deepak ko bhi bula lo.
Hum bhi dekhe aap ka discussion.
My congratulations to Lallantop for healthy discussion on this book. Thanks to Mr. Bhaghel for bringing facts and presenting to the world through this book.
Babele not Bhagel
@the Lallantop sir could you please provide subtitle in English because many word in hindi is difficult to understanding
बहुत सुंदर❤
सौरभ जी आप और आपकी वास्तव जो काम कर रही वह अद्भुत और सराहनीय है
a true authentic effort commendable
मेरा एक सवाल है, हम भगवान राम और कृष्ण के ऊपर टिप्पणी कर सकते है, लेकिन इस देश मै आप गांधी पे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
Kar sakte ho lekin aapko suruat gandhi ka photo ko tyagkar suri karni chahiye
Saurabh tum knowledge mai apne Baap tulya but age wise younger scholar Prakhar Sirivastva ki Gandhi pur books paro.Iss say tumari awareness increase hogi.
जो आजादी दिलाने के जिम्मेदार वो विभाजन के लिए इनोसेंट 😂😊
Gr8 🎉🎉
what a comment
तुम किस आधार पर गांधी को विभाजन का दोषी मान सकते हो नाथूराम गोडसे इतिहास में न होता तो आज हमारा भारत अखंड भारत होता में इसे गांधी कि कुछ कहानियां से सिद्ध कर सकता हूं
@@premdaheriya8455 lol.what r talking. Do you know anything about history? Gandhi died after independence ok
@@premdaheriya8455Naturam Godse jindabad, Nathuram godse amar rahein,
Very good ❤❤❤❤
Very nice discussion! Was gonna watch it just for the starting 5 minutes but got hooked till last.
Truly a good initiative Saurabh bhaiya with Deepak bhai and your confidence was really good Deepak bhai..
दीपक जी के नेतृत्व में सौरभ जी ने जो गौरवान्वित महसूस किया है वही गौरव की अनुभूति हम दर्शको को भी हो रही है 😄 बाकी गांधी के विचारों से नित तरीके से हम रोज सीख रहे हैं किताब भी पढ़ी जायेगी
MG is a great personality
Very very informative information please do listen till end
Dour Hinsa ki hai, Lekin hmm Ahinsa ko Chata hai ❤❤
Has this writer written in his book about M K Gandhi's well documented advice to Hindus:
1) Writing in Young India in May 1921, Mahatma Gandhi declared:
“Hindus should never be angry against the Muslims even if the latter might make up their minds to undo even their existence” and Hindus “should not be afraid of death. After all, the killers will be none other than our Muslim brothers.”
2) Speech at Prayer Meeting New Delhi April 6, 1947 (From the Collected Works of Mahatma Gandhi, Vol.87 pages 217-229)
"We should dispassionately think where we are drifting. Hindus should not harbour anger in their hearts against Muslims even if the latter wanted to destroy them. Even if the Muslims want to kill us all we should face death bravely. If they established their rule after killing Hindus we would be ushering in a new world by sacrificing our lives."
3) When a group of Punjabis reached Delhi(out of 1000 who started out, only 16 made it to Delhi alive) his advice to them was this-
"If all the Punjabis were to die to the last man without killing, the Punjab would become immortal. But you take up arms and when you are worsted you come to me. Of what help can I be to you in the circumstance? If you cared to listen to me, I could restore calm in the Punjab even from here. One thousand lost their lives of course, but it was not like brave men. The more is the pity. What a difference it would have made if they had bravely offered themselves as a non-violent, willing sacrifice. Oppose with Ahimsa if you can but go down fighting by all means if you have not the nonviolence of the brave. Do not turn cowards. "
4) When asked to clarify his advice to whether Sindhi Hindus should migrate in the event of partition, he said-
"I said that you should suffer bravely, but non-violently unto death. But if you cannot do that and must make a disgraceful surrender of all including honour, your womenfolk and religion, in that case, the only safe and proper course for you to take is migration, not singly, but of all the Hindus and other non-Muslims."
5) He criticised refugees fleeing the Pakistani jihad, and told them to go back and die:
“I am grieved to learn that people are running away from the West Punjab and I am told that Lahore is being evacuated by the non-Muslims. I must say that this is what it should not be. If you think Lahore is dead or is dying, do not run away from it, but die with what you think is the dying Lahore.”
Bahut Sahi good
Lallantop पर देखकर अच्छी रूचिकर बुक लगी आशा है, सत्य जानकारी मिलेगी इसलिए इसको अभी क्रय कर ली है।। धन्यवाद।।।
सौरभ भईया,,, आपसे बस एक अनुरोध है,, एक बार upsssc की कार्य प्रणाली पर चर्चा कर दीजिए,,, कभी 4, कभी 5 कभी 6 कभी 7 साल तक ये भर्ती कंप्लीट नही कर पाते है,, ऐसी क्या मजबूरी है इनकी,, केवल 16 पदो की भर्ती upsssc राजस्व मंडी परिषद का फाइनल रिजल्ट देने में इन्हे 5 साल लग गए,,, क्यों,,, कृपया इसपर जरूर चर्चा कीजिए,,, अनुरोध है, आपकी वजह से हम जैसे को ओवर एज होने को है उनका भला भी हो जाएगा,, दयनीय स्तिथि है हम जैसों की,, कृपया आप तो समझिए🙏🙏🙏🙏🙏
In my view book written by Prakhar Srivastva, hei Ram on Gandhi is very near to the truth as almost all the facts presented in this book are backed by evidence .
Superb debate !
लेखक के बयान सुन कर ऐसा लग रहा है की वे कांग्रेस के प्रवक्ता हैं
Kamalnath ke advisor hai
Why nobody asks about moplah massacre which came outcome of khilafat?
An objective discussion on Mahatma Gandhi who could not understand British imperialism and its stooge Jinnah.
❤🙏🏻thanks
प्रखर श्रीवास्तव की नई पुस्तक "हे राम " पर चर्चा करवाइये।
He's cherry picking facts for his convenience.
You are free to Challenge his arguments rationally.. make a video, we will share it and we will try to send u to lallantop
Mere jivan me gandhi nehru ko BLACK se grey or WHITE tk yahi leke aaye hai... thank you.. 💪❤️
सादर प्रणाम आदरणीय भाईसाहब
वाह पियूष जी, बहुत अच्छा तार्किक वर्णन किया ,😴👍
बेहतरीन
Why is the author or anyone discussing about where from MKG landed in India and what was he doing for Britishers before becoming an overnight star in India?
इतना तथास्त विवरण प्रांशनीय है
I respect Gandhi
।।।
Mopallah riot nahi hindu ka genocide hai...
where did you read this exactly?? can you please share.
@@rahulmehrx tera common sence hai to use karke dhundlaaa
@@UK-ph8zv bhai kyu bich me ghus raha hai..
jab kuch maloom nahi to kyu bich me koodna hai tujhe..
mene search kr liya hai aur proper source nahi mil raha hai isiliye source ke baare me puch rha hu..
@@rahulmehrx research karne ke liya common sence nhi ha tera.....
@@UK-ph8zv bhai tu pehle jaake common sense likhna sikh kar aa..
क्या सौरभजी आप भी कैसे कैसे लोगो की किताबों की चर्चा करते है और ऐसे सनातन द्रोही लोगो को बुलाते है
Pranam: we need to have open mind to accept strengths and weaknesses inherent in every personality. At the same time, we must be cautious that while analyzing, the balance should not unduly tilt towards one side by the unseen force of our prejudices. Also, it should be discussed with opem mind why a particular point of view was being stressed. This would make debate healthy based on facts and also enable possible course correction by all concerned in the present context.
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@@deveshkumar2619 Namaskar: your reply is not readable.
"Generations to come will scarce believe that such a one as this ever in flesh and blood walked upon this earth."❤
These are the people who confuse public.
Read the biography of shubhash chandra bose publish by pigeon where written that when shubhash chandra bose won the election in 1940 then gandhi told that this is my lose not only aiyyer and he went for fasting till bose leave congress (which godse told )
WhatsApp university😂
@@krishnachaudhari830haa tum jo pappu University se jo pdd ke aaye 😂😂😂
I watched interview of Istiaq Muhammad who said Muslims never had anything to do with independence movement but only with khilafat and their own nation..
do keep your guy always in kitabwala his questions are very good
મહાત્મા ગાંધી આભાર 🙏
नथुराम गोडसे जी अमर रहे।
एक कांग्रेसी कैसे तटस्थ भाव से गांधी जी के बारे में लिख सकता है । वह गांधी जी को भगवान माने बिना नहीं रह सकता है । जबकि गांधी जी इसी लोक के एक व्यक्ति थे जिन्होंने अच्छे काम किये गलतियां भी कीं और बुरे काम भी किए होंगे।
कांग्रेसी ने लिखा है विनोबा भावे ने कहा था ये शब्द कहे थे वो कोट कर रहे थे नाथूराम गोडसे ने जो अदालत में भाषण दिया था उसको सुनकर कहा था विनोबा भावे ने कहा था और अंग्रेज लेखकों ने तो गांधी को इसा मसीहा के बाद का दूसरा महान व्यक्ति कहा था ये बात आपको बीबीसी में मिल जाएगी और पुस्तको में भी
और भारत के दूसरे राष्ट्रपति सरवोपाली राधाकृष्ण जब विदेश में थे तब लदंन टाइम्स ने यह छापा था कि हिन्दू धर्म के शिवाय कोई धर्म नहीं जो गांधी जैसी शख्सियत पैदा कर सके
राजीव दीक्षित - मैने बहुत लोगो की जीवनी पड़ी पर मेरा ऐसा मानना है कि 500 सालो के इतिहास में महात्मा गांधी जैसा व्यक्ति ने धरती में जन्म नहीं लिया
महात्मा गांधी के जो गुरु थे वो श्री मद रामचंद्र जी थे जिन्हें अपने सभी जन्म याद थे और ये जैनों के 25 वे तीर्थंकर थे
क्या आपने कभी कोई बुरा काम नहीं किया
Ek bahas noval harrari ki books par honi chahiye