शोक दिवस बोलते हो बाबु और बोलते हो कि पुरा मस्ती कर रहे हैं 😢ऐ तो बड़ी ही दुःख की बात है। ऐतिहासिक स्थलों में उस दिन क्या हुआ था और क्या करना चाहिए ये बताना आप जैसा युवा को बताना चाहिए परन्तु आप तो खुद गुमराह हैं और लोगों को भी गुमराह कर रहे हो 🙏
@@mundavlogproduction9979- भारत की आज़ादी के मतवालों शहीद भगत सिंह, शहीद चंद्रशेखर, अशफाक उल्लाह खान ... की फांसी पर कहा गया है - " शहीदों की चिता पर लगेंगे हर वर्ष मेले "। इसका यह मतलब नहीं है कि ऐसे मेले मौज -मस्ती के लिये होना चाहिये। यह उस शहीदों, जिनकी बलिदान के बदौलत हम सभी स्वतंत्रता की फिजा में सांस ले पाते है, उन शहीदों को स्मरण, आदर और श्रंद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होना है। इस पावन और गंभीर अवसर को नेतृत्वकर्ता लोग गलत दिशा दे रहे हैं। जनता तो " भेड़ " होती है, जिधर और जैसा हांको, उसी ओर चल देगी।
Nice video
Thanks 👍
बहुत सुन्दर वीडियो भईया जी ❤😊
धन्यवाद 🙏
हम नव युवा एसा एतिहासिक महत्व को समझने की जरूरत है जोहर ❤❤
🙏🙏🙏
Gam bhare Guru dungarpur jawahar
Bahut sunder video ❤❤👌👌🙏🙏
Thank you 💯
ulgulan joar..🙏🙏🙏
Johar 🙏🙏
Bahut accha video
धन्यवाद 🙏🙏
Aunga bhai my vi ek din❤❤
👍
AÂj ka din masti mảrne ka din nâhi hai babu Aaj ka din saykdo adivasi es stan par sahid huwe bahut duke ki bat hai,
😥😢😰
Johar dada aindo assam ren han
धन्यवाद 🙏🙏🙏
ଭାଗ ଆନ ବିର୍ସା ମୁଣ୍ଡା ଆମରାୟର👌👍🙏🏹🏹🏹
So nice video bro ❤❤❤
Thanks 👍
Super bro ❤❤❤❤❤❤❤❤
✌ thanks
शोक दिवस बोलते हो बाबु और बोलते हो कि पुरा मस्ती कर रहे हैं 😢ऐ तो बड़ी ही दुःख की बात है। ऐतिहासिक स्थलों में उस दिन क्या हुआ था और क्या करना चाहिए ये बताना आप जैसा युवा को बताना चाहिए परन्तु आप तो खुद गुमराह हैं और लोगों को भी गुमराह कर रहे हो 🙏
Sahi bhat hai 😢😢
हम मानते हैं मुझसे गलती हो गई है लेकिन क्या करें,
इस बार डोम्बारी बुरु में कुछ चेंजिंग हुआ है। पहले मेंला के रूप में ही लोग आया करते थे ।
🙏🙏🙏🙏
@@mundavlogproduction9979- भारत की आज़ादी के मतवालों शहीद भगत सिंह, शहीद चंद्रशेखर, अशफाक उल्लाह खान ... की फांसी पर कहा गया है - " शहीदों की चिता पर लगेंगे हर वर्ष मेले "। इसका यह मतलब नहीं है कि ऐसे मेले मौज -मस्ती के लिये होना चाहिये। यह उस शहीदों, जिनकी बलिदान के बदौलत हम सभी स्वतंत्रता की फिजा में सांस ले पाते है, उन शहीदों को स्मरण, आदर और श्रंद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होना है। इस पावन और गंभीर अवसर को नेतृत्वकर्ता लोग गलत दिशा दे रहे हैं। जनता तो " भेड़ " होती है, जिधर और जैसा हांको, उसी ओर चल देगी।
Aap khunti kaha se hain
Sirum (maranghada)
आम लो जापगार मोद टुग हाया ताना रिपलाई रे आमगा फोन नाम्बर जारुड़ ओल ताम दादा
Eusu sugada
Dhanyvad 🙏🙏🙏