क्या एक बालक का पैदा, अच्छे या बुरे हालत में होने से ही हम यह जान लेते हैं कि ये ऊपर वाले की यह एक लीला है या कार्य विधि है, क्या यह ही कर्म फल का प्रत्यक्ष होना है? क्या प्रत्यक्ष शब्द में कुछ अनुमान की जहां रहती है। क्योंकि कई स्थिति हों सकती है, 1: भगवान हैं ही नहीं, 2: भगवान है, पर भावना इंसान की बात हैं और वो भावना से ऊपर है, जिसे कोई माने या न माने कोई फर्क नहीं पड़ता, वो स्थिर है, जो हों रहा है सो हो रहा है 3: वो भी मानव भाव वाला है जिसको हिसाब पसंद है, जैसे को तैसा। या कुछ और बाते भी हो सकती है इस प्वाइंट में। 4: की वो था जब दुनिया बनाई पर अब नहीं है। 5: वो हैं, और वो अपनी ताकत का प्रदर्शन प्रकृति के रूप में तो कर ही रहा है पर वो जीवो के लिए भी काफी नियम बनाता है पर स्पष्टता से कोई नियम बताता भी नहीं। मेरा प्रश्न दोबारा से यह है कि प्रत्यक्ष होने की क्या मानक है, और क्या कोई एक बात एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल एक दम प्रत्यक्ष और दूसरे के लिए अप्रत्यक्ष हो सकती है, या ऐसा जिसके बारे में ठीक से जानना नामुमकिन हो।
आपने इन मान्यवर जी की एक { प्रत्यक्ष ज्ञान} वाली बात को अपनी बुद्धि की शक्ति से कुछ विस्तार देकर अपनी तार्किकता दर्शाने का प्रयास किया है,{इसी बात को और भो विस्तारित शब्द दिए जा सकते हैं},हमारे अनुभव एवं समझ मे तो यही आया है कि,सहजता/सरलता से समझ एवं विवेक जाग्रत हुआ जातक किसी भी विषय के मूल को आसानी से समझ एंव यथायोग्य रूप से जान लेता है, यहा इतना कहना भी आवश्यक होगा कि वह जातक/ प्राणी सौभाग्यशाली है,जिसने अपने माता पिता ,गुरूजनो या उनके समकक्ष जनो का आशीष पाया है, उसे शनै शनै समस्त प्रत्यक्ष एंव अप्रत्यक्ष क्या है ,सभी का अनुभव समय समयानुसार होता रहता है। भूल-चूक क्षमादान { ॐ }
@@AadhyatmikPratyakshGyan गुरुजी जैसे कुछ लोग तंत्र का उपयोग दूसरों की अवनति या मारण के लिये जलन वश या कुछ भी लोभ वश या मोहवश करते हैं उसकी वजह से निर्दोष व्यक्ति परेशान होता है । क्या इसका परिणाम या दंड ऐसा करने वाले को मिलता है और मिलता है तो कब मिलता है ।
Hari Bol
Jai Gurudev
शत् शत् नमन महात्मा जी
अदृत अनुभव है आपका
बहुतही अमूल्य ज्ञान देनेवाला सत्संग है!
आप को कोटी कोटी प्रणाम 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
धन्य है यह धरती जहां पर ऐसे संतों ने manm liya..sadar naman..narmde har
Narmade har guruji.
🙏🙏♥️Maat Narmday har Guruji koti koti parnaam dhanyawaad karti♥️🙏🙏💯✔️👌👌Bahut badhiya satsang hua ♥️🙏🙏
Pranam Guruji ❤
N A M A N 🌺👏🌺👏
Koti koti pranam
Guru Ji ko koti koti pranam
Namade har AApka satsang snke sabhi khatpat band ho gai jai ho Guruji
Dhanyawad Yogi Maharaj Guruji maa narmde har apke charno me koti koti vandan OM SHREE SADGURU SAI MALIK
Atyant labhdayi pravachan..guruvar ko koti koti pranaam🙏
Pranam guruji Wonderful explanning god bless u
This is gem and so under-appreciated content. Dhanyawad Guruji.
Adbhut gyan diya pranam guruji sat sat naman
नर्मदे हर 🙏 कोटी कोटी प्रणाम 🙏
आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत बहुत आभार गुरु जी प्रश्ननो के उत्तर को सुनकर के दिल खुश हो गया
नर्मदे हर
Narmade Har
Jay sri schidannd
Sahihai
Shat shat naman gurudev.
Pranam guruji ji
नर्मदे हर
शरीर छूट ने के बाद
संचित कर्म नया शरीर
मिलने तक कहां ओर
किस अवस्था में रहता है!
Koti koti naman h apko 🎉🎉
Pranam guruji
Pranam babaji 🙏
🙏
❤
🙏🙏
नर्मदे हर
क्या एक बालक का पैदा, अच्छे या बुरे हालत में होने से ही हम यह जान लेते हैं कि ये ऊपर वाले की यह एक लीला है या कार्य विधि है, क्या यह ही कर्म फल का प्रत्यक्ष होना है?
क्या प्रत्यक्ष शब्द में कुछ अनुमान की जहां रहती है। क्योंकि कई स्थिति हों सकती है, 1: भगवान हैं ही नहीं, 2: भगवान है, पर भावना इंसान की बात हैं और वो भावना से ऊपर है, जिसे कोई माने या न माने कोई फर्क नहीं पड़ता, वो स्थिर है, जो हों रहा है सो हो रहा है 3: वो भी मानव भाव वाला है जिसको हिसाब पसंद है, जैसे को तैसा। या कुछ और बाते भी हो सकती है इस प्वाइंट में।
4: की वो था जब दुनिया बनाई पर अब नहीं है।
5: वो हैं, और वो अपनी ताकत का प्रदर्शन प्रकृति के रूप में तो कर ही रहा है पर वो जीवो के लिए भी काफी नियम बनाता है पर स्पष्टता से कोई नियम बताता भी नहीं।
मेरा प्रश्न दोबारा से यह है कि प्रत्यक्ष होने की क्या मानक है, और क्या कोई एक बात एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल एक दम प्रत्यक्ष और दूसरे के लिए अप्रत्यक्ष हो सकती है, या ऐसा जिसके बारे में ठीक से जानना नामुमकिन हो।
आपने इन मान्यवर जी की एक { प्रत्यक्ष ज्ञान} वाली बात को अपनी बुद्धि की शक्ति से कुछ विस्तार देकर अपनी तार्किकता दर्शाने का प्रयास किया है,{इसी बात को और भो विस्तारित शब्द दिए जा सकते हैं},हमारे अनुभव एवं समझ मे तो यही आया है कि,सहजता/सरलता से समझ एवं विवेक जाग्रत हुआ जातक किसी भी विषय के मूल को आसानी से समझ एंव यथायोग्य रूप से जान लेता है, यहा इतना कहना भी आवश्यक होगा कि वह जातक/ प्राणी सौभाग्यशाली है,जिसने अपने माता पिता ,गुरूजनो या उनके समकक्ष जनो का आशीष पाया है, उसे शनै शनै समस्त प्रत्यक्ष एंव अप्रत्यक्ष क्या है ,सभी का अनुभव समय समयानुसार होता रहता है। भूल-चूक क्षमादान { ॐ }
YOGI JI ! PRANAAM. KYA AAP KE PRAVACHAN KE BEECH ME BAR BAR AANE VALE COMMERCIAL ADVERTISEMENT KO NUND KAR SAKTE HO KYA
Be original banane ke liye nikle to adha kaam finish hota hoga kyoki sari baat original nature me Jane ki hi baat end me ati he
AAP mere dost banogey mujhe app jaise dost ki bohot jarurat hai please ha bol dijiye :)
मटोल?
Saf kara na hogha
ईश्वर को प्राप्त कर सकते हो, दिखाया भी जा सकता है l केवल संत निरंकारी मंडळ ही दिखाता है l आप का निरंकारी सत्संग भवन मे स्वागत है l
नर्मदे हर
आप सत्य को बहूत अच्छे से समझाते है. आपका धन्यवाद।
🇲🇰 ओम शांती 🇲🇰
Baba ka phone number kya hai unse baat karne ke liye
guruji aapse kaise sawal poochun
यही पूछ लो
अभी गुरुजी आए है आपके सवाल हो तो कमेंट करिए
@@AadhyatmikPratyakshGyan
गुरुजी जैसे कुछ लोग तंत्र का उपयोग दूसरों की अवनति या मारण के लिये जलन वश या कुछ भी लोभ वश या मोहवश करते हैं उसकी वजह से निर्दोष व्यक्ति परेशान होता है । क्या इसका परिणाम या दंड ऐसा करने वाले को मिलता है और मिलता है तो कब मिलता है ।
@@unbeatable1338 इस का उत्तर तो वही दे सकता है जो दंड देता हो । दूसरा कोई नहीं दे सकता ।
नर्मदे हर गुरुजी
He needs to study biology 😂😂 not dharmik granth😅