नि:संतान दंपति के लिए किराए की कोख कैसे मिलती है ? Surrogate Mother kya hoti hai. surrogacy system
HTML-код
- Опубликовано: 1 окт 2024
- नि:संतान दंपति के लिए किराए की कोक कैसे मिलती है ? Surrogate Mother kya hoti hai. surrogacy system.
New light with Deepak,
sukanya samriddhi yojana,
hectare in bigha,
पुराने जमाने में जिनका कोई संतान नहीं होती थी वह अनाथ बच्चों को गोद ले लिया करते थे लेकिन अब किराए की कोख से स्वयं बच्चा पैदा कर लेते हैं।
यह विज्ञान का एक बहुत बड़ा चमत्कार है लेकिन सामाजिक विसंगतियां भी हैं इसमें।
सरोगेट सिस्टम में कड़ाई से नियम कानून बनाए जाने चाहिए।
#surrogacy
Amin ka course -
/ @newdehatigyan5734
🙏🙏🙏❤️❤️💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💐💐❤️❤️🙏🙏🙏
हो सकता है कि मैं आपके विचारों से सहमत न हो पाऊँ, परन्तु विचार प्रकट करने के आपके अधिकार की रक्षा करूँगा।
~ वाल्तेयर
Thankyou sir.aap.bhut.aache.se.samjhate
अच्छी जानकारी दी सर आपने
बाकी तर्क वितर्क तो हर बात में है
नमस्कार दीपक जी आप बहुत ही अच्छी सोच के साथ काम कर रहे हैं ।
आपके सभी विडियोज से समाज में लाए गए प्रभावों की और आप की सराहना की जानी चाहिए...
और मैं समझता हूं आप सिर्फ इसे वैज्ञानिक जानकारी के तौर पर ही समझा रहे हैं लेकिन आपको यह भी समझना चाहिए कि इतनी जनसंख्या लेकर करेंगे क्या हम, जब हर कोई इतने संसाधनों की कमी से जूझ रहा है ऊपर से और संतान लेकर करेंगे क्या, और बेचैनी और अवसाद का कारण ही बढ़ाएंगे...
यह टॉपिक मैं कक्षा बारहवीं में पढ़ा था
Can you please give contact of this type of person to help,,,a person suffering from severe illness
थैंक यू धन्यवाद बहुत अच्छे हो जो आपने यह वीडियो बनाकर वायरल किया
Sarogrse ki aar mey baysya berti chala raha hai
Aap phones no dho Maine Asha karwana Hain
* ज्ञानी को ज्ञानी मिलै, रस की लूटम लूट |
ज्ञानी अज्ञानी मिलै, हौवे माथा कूट ||
* ज्ञानी से ज्ञानी मिले करे ज्ञान की बात और गधे से गधे मिले होय रे लाताम लात
जहाँ दो ज्ञानी मिलते हैं, वहाँ सद्ज्ञान की चर्चा से चारों ओर खुशी छा जाती है | सभी लोग ज्ञानपान से तृप्त हो जाते हैं | लेकिन जहाँ ज्ञानी और अज्ञानी मिलते हैं वहाँ तर्क-कुतर्क से वातावरण खराब हो जाता है |
IVF Ke bare me bhi btaia
दरअसल मैं समझता हूं कि आज का युवा शिक्षा में किसी तरह के कमी या जिसे कहें कि समाज और शिक्षकों द्वारा समझाइए ना जा सकने की दुर्भाग्य का शिकार होकर छपरी कल्चर की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है इसके पीछे भी एक तर्क है जैसे कि दिमाग को तो अपना पूर्णता हासिल करनी ही है बस वह सही चीजों को नहीं पकड़ पता तो बुरी चीजों के प्रति ज्यादा आकर्षित हो जाता है
मैं हमेशा से ही यूट्यूब को एक अच्छी और सार्थक जानकारी युक्त प्लेटफार्म समझा है लेकिन आजकल का यह छापरी कलर बिल्कुल भी सराहनीय नहीं है अतः इसकी पूर्णतया निंदा करनी चाहिए सभी बुद्धिजीवियों को इग्नोर कर देने की प्रक्रिया ही इन लोगों को और बढ़ावा देती है छपरीगिरी करने में।
Very useful jankari
Good help for many people.
आध्यात्मिक दृष्टिकोण * अहम ही होता है जो खुद को अपूर्ण और बेचैन होता है और अपनी अपूर्णता और बेचैनी खत्म करने के लिए दुनिया की चीजों का भोग करता है और यही सोच कर वह भ्रामक विचारों या सिद्धांतों की तरफ आकर्षित होता है, क्या पता इसी से मेरी अपूर्णता मिट जाए या बेचैनी खत्म हो जाए।
ruclips.net/video/s_yDA97r4Ws/видео.html
ruclips.net/video/HoUmlSxoX9M/видео.html
ruclips.net/video/gtkjSu1gO3A/видео.html