🌹जगत को लेकर आप जितना अनाग्रही बनेंगे उतना आप सबके साथ रह सकते हैं। महात्मा का एक लक्षण है कि वह सबके साथ ख़ुशी के साथ रह पाता है। 🌹जो रागी होता है वह बहुत दुखी रहता है क्योंकि वह अपने मन को कई जगह से जोड़कर रखता है | द्वेष भी एक प्रकार का राग ही है | 🌹जो माया को ना जाने, ईश्वर को ना माने उसे जीव कहते है | 🌹राग होने पर या द्वेष होने पर आपको बहुत तिरस्कार झेलना पड़ता है |
🌸🙏🙏🙏पुज्य स्वामीजी को सादर प्रणाम 🙏🙏🙏🌸
🌹जगत को लेकर आप जितना अनाग्रही बनेंगे उतना आप सबके साथ रह सकते हैं। महात्मा का एक लक्षण है कि वह सबके साथ ख़ुशी के साथ रह पाता है।
🌹जो रागी होता है वह बहुत दुखी रहता है क्योंकि वह अपने मन को कई जगह से जोड़कर रखता है | द्वेष भी एक प्रकार का राग ही है |
🌹जो माया को ना जाने, ईश्वर को ना माने उसे जीव कहते है |
🌹राग होने पर या द्वेष होने पर आपको बहुत तिरस्कार झेलना पड़ता है |
🙏🙏🙏🙏