हुज़ूर हीरे को कहा इल्म होता है की वो एक नायब हीरा हैं,वो तो अक्सर जिनके साथ वो रहता है शुरू में उन जैसा ही एक साध रन पत्थर समझ बैठ ता, धीरे धीरे उसकी कुछ अलग पाने कि ललक, तपस्या कठौर प्रयास और इस समाज के....v अपने पराए लोगों के समय और सहूलियत के साथ बदल ने वाले व्यवहार,इस कदर उसे तराश देते हैं कि सदियों तक उसकी चमक ना केवल बेकरार रहती हैं बल्की उसे रहने को अल्ला ताला सिर्फ़ दो ही जगह बक्शता हैं, अमीरो के सर ताज में और साधा रन लोगों के ज़हन में।
Bilkul.Shi 👌👌
गुलजार साहब छोटी छोटी बातों को भी कितना गहरा अर्थ दे देते हैं
Thank you
Kanch ke Shishe Mein Shakal dikhti hai khire Mein Daulat
हुज़ूर हीरे को कहा इल्म होता है की वो एक नायब हीरा हैं,वो तो अक्सर जिनके साथ वो रहता है शुरू में उन जैसा ही एक साध रन पत्थर समझ बैठ ता, धीरे धीरे उसकी कुछ अलग पाने कि ललक, तपस्या कठौर प्रयास और इस समाज के....v अपने पराए लोगों के समय और सहूलियत के साथ बदल ने वाले व्यवहार,इस कदर उसे तराश देते हैं कि सदियों तक उसकी चमक ना केवल बेकरार रहती हैं बल्की उसे रहने को अल्ला ताला सिर्फ़ दो ही जगह बक्शता हैं, अमीरो के सर ताज में और साधा रन लोगों के ज़हन में।