Chamunda Sthan, Katra, Muzaffarpur
HTML-код
- Опубликовано: 29 янв 2025
- जिले के कटरा प्रखंड में बागमती व लखनदेई नदी के संगम तट पर माता का 52वां शक्ति पीठ है। यहां मां चामुण्डा का स्वरूप पिंडनुमा है जिसे स्व अंकुरित बताया जाता है। मान्यता है कि यहीं पर मां दुर्गा ने चंड-मुंड नामक राक्षस का वध किया था। मां चामुण्डा के दरबार में वैसे तो पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्र में यह संख्या काफी बढ़ जाती है। अपनी मन्नतें पूरी होने पर महिलाएं देवी को खोइछा भरने आती हैं। देवी पूजन के लिए सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है। नवरात्र में सप्तमी व नवमी को यहां काफी भीड़ उमड़ती है।
यह जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर पूर्वोत्तर भाग में कटरा-मझौली मुख्य सड़क पर स्थित है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, राजा जनक की पुत्री सीता यहां संगम तट पर प्रात: स्नान कर प्रतिदिन देवी चामुण्डा की उपासना करती थीं। कटरा गढ़ के महत्व को देखते हुए पुरातत्व विभाग की टीम ने वर्ष 1975 से 1980 के बीच दो बार खुदाई कर कुषाण कालीन सभ्यता का पता लगाया।
Jai Mata di 🙏 ❤❤❤🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️
Jay maa chamunda🙏❤️
Jai mata di 🙏
जय माता दी
Jai mata di🙏🙏
Jai Mata Di🙏🙏
🙏🙏
Jay maa chamunda
Actually goddess Chamunda killed Chanda and Munda ij vaindhachalya according to markadya purana btw thank u for providing this information
🙏
Jai maa bhagwati
Jai Chamunda Maa
Jai Maa Chamunda