भारत माता चैनल में आपका स्वागत है! इस वीडियो में स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज के द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता की कथा का अनुभव करें। भगवद गीता न केवल एक शास्त्र है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू को समझने और सही मार्ग पर चलने की दिशा दिखाने वाली अमूल्य धरोहर है।
जय श्री कृष्ण! 🙏 आपकी आत्मनिवेदन की भावना अत्यंत प्रशंसनीय है। भगवान श्रीकृष्ण का गीता उपदेश हमें यही सिखाता है कि समर्पण और भक्ति से ही हम जीवन की कठिनाइयों का समाधान पा सकते हैं। स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज के शब्दों के माध्यम से आप तक यह दिव्य ज्ञान पहुंच रहा है, यही भगवान की कृपा है। आपकी यह भावना आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएगी। जय भारत माता!
धन्यवाद! 🙏 आपका ध्यान छठे अध्याय के 17वें श्लोक की ओर ले जाना अत्यंत सराहनीय है। 'युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा॥' इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने योग साधना के लिए संतुलित जीवन की महत्ता पर जोर दिया है। स्वामी सत्यमीत्रानंद जी महाराज के प्रवचनों का उद्देश्य भी यही है कि हमारे जीवन में आध्यात्मिकता और संतुलन का समावेश हो। आपका प्रोत्साहन हमें प्रेरित करता है कि हम भगवद गीता के गूढ़ ज्ञान को और अधिक गहराई से आपके समक्ष प्रस्तुत करें। कृपया चैनल से जुड़े रहें और अपने सुझाव साझा करते रहें। जय भारत माता! 🙏
धन्यवाद आपका हार्दिक प्रशंसा के लिए! 🙏 स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने भगवद्गीता के 3rd अध्याय के 22वें श्लोक को अद्भुत तरीके से समझाया है, जो कर्मयोग और निःस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाता है।
भारत माता चैनल में आपका स्वागत है! इस वीडियो में स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज के द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता की कथा का अनुभव करें। भगवद गीता न केवल एक शास्त्र है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू को समझने और सही मार्ग पर चलने की दिशा दिखाने वाली अमूल्य धरोहर है।
आत्म निवेदन भगवन 🙏 🕉 🙏
जय श्री कृष्ण! 🙏 आपकी आत्मनिवेदन की भावना अत्यंत प्रशंसनीय है। भगवान श्रीकृष्ण का गीता उपदेश हमें यही सिखाता है कि समर्पण और भक्ति से ही हम जीवन की कठिनाइयों का समाधान पा सकते हैं। स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज के शब्दों के माध्यम से आप तक यह दिव्य ज्ञान पहुंच रहा है, यही भगवान की कृपा है। आपकी यह भावना आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएगी। जय भारत माता!
जय श्री गुरुदेव सादर प्रणाम
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Jai Sachidanand Ji 🙏🙏🌹🌹
🙏
युक्ताहारविहारस्य~~दुखहां
छठे अध्याय का १७ श्लोक
अति सुंदर वर्णन
धन्यवाद! 🙏 आपका ध्यान छठे अध्याय के 17वें श्लोक की ओर ले जाना अत्यंत सराहनीय है। 'युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा॥' इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने योग साधना के लिए संतुलित जीवन की महत्ता पर जोर दिया है। स्वामी सत्यमीत्रानंद जी महाराज के प्रवचनों का उद्देश्य भी यही है कि हमारे जीवन में आध्यात्मिकता और संतुलन का समावेश हो।
आपका प्रोत्साहन हमें प्रेरित करता है कि हम भगवद गीता के गूढ़ ज्ञान को और अधिक गहराई से आपके समक्ष प्रस्तुत करें। कृपया चैनल से जुड़े रहें और अपने सुझाव साझा करते रहें। जय भारत माता! 🙏
Namaskar Swamiji 🙏🙏🙏
प्रणाम
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हरि ऊँ
जय भारत माता
pranam🙏🙏🌷🌷🙏🙏
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२२ श्लोक का सुंदर उपयोग
करना सिखाया ।
धन्यवाद आपका हार्दिक प्रशंसा के लिए! 🙏
स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने भगवद्गीता के 3rd अध्याय के 22वें श्लोक को अद्भुत तरीके से समझाया है, जो कर्मयोग और निःस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाता है।
Sacche darbar ki sada hi jai ho jai ho prabhu jee hari 🕉 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑
स्वामी जी को मेरा को को प्रणाम स्वीकार हो बहुत सुंदर प्रवचन है धन ्य वाद धन ्य वाद
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Sacche darbar ki sada hi jai ho jai ho prabhu jee hari 🕉 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐👑👑👑👑👑
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