बिहार प्रांतीय किसान सभा का कल्पना सबसे पहले 1929 में सारण जिले के सोनपुर में हुआ था । 1929 के महामंदी के बाद भारतीय कृषि में लगातार समस्याओं के बाद बिहार प्रांतीय किसान सभा की स्थापना स्वामी सहजानंद सरस्वती, यदुनंद शर्मा, कार्यनंद शर्मा और अन्य नेताओं ने की थी।। Sir please ek bar bihar ki current minister ke bare me bta dijiye please 🙏🙏❤❤
बिहार प्रांतीय किसान सभा का गठन 1929 में सोनपुर मेले के अवसर पर किया गया इसके गठन का निर्णय मुजफ्फरपुर के रामदयालु सिंह और यमुना करजी द्वारा लिया गया इसके अध्यक्ष स्वामी सहजानंद सरस्वती एवं सचिव श्री कृष्णा सिंह को नियुक्त किया गया इस सभा में यह निर्णय लिया गया कि राजनीतिक मामलों में किसान सभा कांग्रेस की नीतियों का विरोध नहीं करेगी
बिहार प्रांतीय किसान सभा (Bihar Provincial Kisan Sabha) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किसानों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन था। यह संगठन मुख्य रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के समय बिहार के किसानों के शोषण और समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बना था। यहां इसके प्रमुख तथ्यों का उल्लेख है: 1. स्थापना: बिहार प्रांतीय किसान सभा की स्थापना 1929 में हुई थी। इसे मुख्य रूप से स्वामी सहजानंद सरस्वती ने स्थापित किया था, जो किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 2. उद्देश्य: इस सभा का उद्देश्य बिहार के किसानों को संगठित करना, जमींदारों और ब्रिटिश शासन द्वारा किसानों पर लगाए गए अत्यधिक करों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करना था। 3. स्वामी सहजानंद सरस्वती: किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने किसान सभा को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। 4. किसान आंदोलन: बिहार प्रांतीय किसान सभा ने किसानों के बीच जागरूकता फैलाने, उन्हें संगठित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई आंदोलन चलाए। इसने किसानों को जमींदारी प्रथा, अत्यधिक कर, और ब्रिटिश सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया। 5. विस्तार: यह संगठन केवल बिहार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे अन्य राज्यों में भी हुआ। राष्ट्रीय किसान सभा (अखिल भारतीय किसान सभा) की स्थापना में भी बिहार प्रांतीय किसान सभा का महत्वपूर्ण योगदान था। 6. समाजवादी और साम्यवादी प्रभाव: किसान सभा के आंदोलनों पर समाजवादी और साम्यवादी विचारधाराओं का गहरा प्रभाव पड़ा, जिसने किसानों के शोषण को रोकने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर संघर्ष की रणनीतियों को अपनाया। 7. महत्वपूर्ण योगदान: बिहार प्रांतीय किसान सभा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर किया बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी किसानों की भूमिका को प्रमुखता से रखा। यह संगठन भारतीय किसान आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
बिहार prantiye किसान (BPKS) का गठन 17 nov 1929 ko sabse phale swami shjanand saraswati k duaara किया गया था। बिहार prantiye किसान सभा (BPKS) ki शुरुआत बिहार के सारण जिले से sonpur मेले से kiya gaya था। 1929 ki महामंदी के बाद भारतीये किसानो पर😊😊😊 लगतार हो रहे बढ़ रही samsayao ki प्रति kiriyao k sorup BPkS ki asthapna Swami शहजानंद saraswati, jadunandan शर्मा , kariyenand शर्मा, our अन्ये नेताओ के doaara kiya gya था। 🙏🙏🙏🙏❤❤🌹🌹
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बिहार प्रांतीय किसान सभा का कल्पना सबसे पहले 1929 में सारण जिले के सोनपुर में हुआ था । 1929 के महामंदी के बाद भारतीय कृषि में लगातार समस्याओं के बाद बिहार प्रांतीय किसान सभा की स्थापना स्वामी सहजानंद सरस्वती, यदुनंद शर्मा, कार्यनंद शर्मा और अन्य नेताओं ने की थी।।
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बिहार प्रांतीय किसान सभा का गठन 1929 में सोनपुर मेले के अवसर पर किया गया इसके गठन का निर्णय मुजफ्फरपुर के रामदयालु सिंह और यमुना करजी द्वारा लिया गया
इसके अध्यक्ष स्वामी सहजानंद सरस्वती एवं सचिव श्री कृष्णा सिंह को नियुक्त किया गया
इस सभा में यह निर्णय लिया गया कि राजनीतिक मामलों में किसान सभा कांग्रेस की नीतियों का विरोध नहीं करेगी
Sir me hajipur se hu ❤
बिहार प्रांतीय किसान सभा (Bihar Provincial Kisan Sabha) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किसानों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन था। यह संगठन मुख्य रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के समय बिहार के किसानों के शोषण और समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बना था। यहां इसके प्रमुख तथ्यों का उल्लेख है:
1. स्थापना: बिहार प्रांतीय किसान सभा की स्थापना 1929 में हुई थी। इसे मुख्य रूप से स्वामी सहजानंद सरस्वती ने स्थापित किया था, जो किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।
2. उद्देश्य: इस सभा का उद्देश्य बिहार के किसानों को संगठित करना, जमींदारों और ब्रिटिश शासन द्वारा किसानों पर लगाए गए अत्यधिक करों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करना था।
3. स्वामी सहजानंद सरस्वती: किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने किसान सभा को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई।
4. किसान आंदोलन: बिहार प्रांतीय किसान सभा ने किसानों के बीच जागरूकता फैलाने, उन्हें संगठित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई आंदोलन चलाए। इसने किसानों को जमींदारी प्रथा, अत्यधिक कर, और ब्रिटिश सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
5. विस्तार: यह संगठन केवल बिहार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे अन्य राज्यों में भी हुआ। राष्ट्रीय किसान सभा (अखिल भारतीय किसान सभा) की स्थापना में भी बिहार प्रांतीय किसान सभा का महत्वपूर्ण योगदान था।
6. समाजवादी और साम्यवादी प्रभाव: किसान सभा के आंदोलनों पर समाजवादी और साम्यवादी विचारधाराओं का गहरा प्रभाव पड़ा, जिसने किसानों के शोषण को रोकने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर संघर्ष की रणनीतियों को अपनाया।
7. महत्वपूर्ण योगदान: बिहार प्रांतीय किसान सभा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर किया बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी किसानों की भूमिका को प्रमुखता से रखा।
यह संगठन भारतीय किसान आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
Sir economy ka bihar se question har set me ak ak kra diya kriyr
प्रिय विद्यार्थी, आपके सुझाव के लिए धन्यवाद !
बिहार prantiye किसान (BPKS) का गठन 17 nov 1929 ko sabse phale swami shjanand saraswati k duaara किया गया था। बिहार prantiye किसान सभा (BPKS) ki शुरुआत बिहार के सारण जिले से sonpur मेले से kiya gaya था। 1929 ki महामंदी के बाद भारतीये किसानो पर😊😊😊 लगतार हो रहे बढ़ रही samsayao ki प्रति kiriyao k sorup BPkS ki asthapna Swami शहजानंद saraswati, jadunandan शर्मा , kariyenand शर्मा, our अन्ये नेताओ के doaara kiya gya था। 🙏🙏🙏🙏❤❤🌹🌹
Belong from dalmianagar🥲
Sir aap geography ka class le lijiye na ek class marathon pyq ka please 🙏
प्रिय विद्यार्थी, आपके सुझाव के लिए धन्यवाद ! आपके सुझाव पर अवश्य विचार किया जाएगा ।