अस्कोट रियासत व ऐतिहासिक मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर की विस्तृत जानकारी देने हेतु धन्यवाद। मेरा गांव भी अस्कोट रियासत के अंर्तगत कनालीछीना विकास खण्ड में पड़ता है।⚘️⚘️⚘️❤❤
अस् कोट का मूल नाम सतकोट यानि सतीकोट रहा होगा....उच्चारण से यह नाम आया होगा....अस्सी कोट नाम साम्य से कल्पना कर ली गयी होगी....पाल उपनाम नाम आदिगुरु शंकराचार्य के अनुयायी परम ब्रह्मण कार्तिकेयपुरम साम्राज्य शासकों ( उत्तर मध्यकालीन कत्यूरी नहीं ) की मूल शाखा से सम्बन्धित करता है...जो अलकनंदा घाटी की मुख्य धारा श्री बद्रीनाथ धाम से दूर होने से स्थानीय रंग में ढल कर अन्य मूल ब्राह्मणों विशेषता छोड़कर राज घराना मात्र रह गया है....और उसी तरह के स्थानीय सम्बन्धों में रच गया...मल्लिकार्जुन मंदिर इसका संबंध श्री शैल मल्लिकार्जुन आंध्र से यह भी जोड़ता है और यह भी संकेत करता है कि नेपाल का यह हिस्सा भी कार्तिकेय पुरम साम्राज्य का भाग रहा होगा ....दूसरी तरफ की पहाड़ी पर गोरखा आधिपत्य होने से यहां मल्लिकार्जुन महादेव की स्थापना हुई होगी...जैसे ज्योतिर्मठ का नृसिंह मंदिर भी आंध्र से सम्बन्ध स्थापित करता है....उत्तर-मध्य काल में कात्.यूरी, पंवार और चंद प्रभाव से कार्तिकेय पुर म शासकों की परंपरा अनवरत न रह सकीं और उसका अनुमान लगाना आसान नहीं और खासकर एटकिंसन , विल्सन, टेंपलटन , डबराल बाद मे बाम पंथियों के अनुकरण में तो भ्रमित ही हुआ है...
अत्यंत सराहनीय कार्य 💕
सुंदर प्रस्तुति । ॐ नमः शिवाय
अस्कोट रियासत व ऐतिहासिक मल्लिकार्जुन महादेव मंदिर की विस्तृत जानकारी देने हेतु धन्यवाद। मेरा गांव भी अस्कोट रियासत के अंर्तगत कनालीछीना विकास खण्ड में पड़ता है।⚘️⚘️⚘️❤❤
बहुत सुन्दर जानकारी भाईजी❤❤❤
Awesome presentation with lot of information about the askot
Thanx a lot sir
बहुत बहुत धन्यवाद आपका जो आपने इतने सुन्दर ढंग से जानकारी दी बहुत अच्छा लगा जै मल्लिका र्जुन महादेव की
Jai hind
जय मल्लिकार्जुन महादेव 💐🙏🙏
जय मल्लिकार्जुन महादेव
बहुत बढिया आज 44साल पुरानी याद ताजा कर दी. 80 में यहां से i t i की थी.
Aap Jo bolate Hain vah bahut achcha bolate Hain
पान्डे जी आपने तो हमै घर बैठे बैठे अस्कोट सहित अनेक नगर और कस्बे दिखा दिये है बहुत बहुत धन्यबाद ।
❤❤ very big thanks to you Pandey Ji 🙏🙏🙏
रमणीक स्थल,सुंदर प्रस्तुति ।
Jai dev bhumi utrakhand 😊
🙏हर हर महादेव, जय खैरलिंग महादेव, जय हिमाळ 🙏🇮🇳🚩आप के द्वारा जानकारी अद्भुत, हमारी विरासत हमारा अभिमान, स्वाभिमान.. आपका साधुवाद ........✍️
JAI MATA DI 🌻🙏🌻
सुंदर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
हर हर महादेव बहुत अच्छी जानकारी दी आपने बहुत अच्छा लगा ❤🎉❤
भाई आपके विडीओ अछे रहते है मै मुंबई से देखता रहता
Many many thanks for your vedeo efforts related oldest culture of hill area of kumoun
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपका आभार।🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut Sundar
Bahut bahut dhanyawad Bhai ji ye sab jankari ke liye
Jay Mallikarjun Bhagwan ki Jay
Bahut Bahut Dhanyawad 👏
🌺🙏🙏Har har mahadev 🌺🌺🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌸🌸
Bahut sundar video 📷
Very nice vlogging Pandey ji. Keep it up.
बहुत सुंदर।
❤ bahut hi sundar ❤❤
Very nice video
मैं भी रजवार हूं
Very good information 🙏🙏
🎉🎉 kuap Chan thanks 🙏 nice
Mast jankari Pandey ji
पांडे जी एक कहावत कहो मैंने सूना कि गीत झोड़ा चांचरी में भी कहा जाता है कि अस्कोट के बंगले से धारचुला दिखता है वो नहीं दिखाया आपने
Thanks
नमस्कार पांडे जी
मै भी 1965 मे असकोट मे कुछ दिन वन विभाग के रेंजर निवास मे रहा था।जो आज इस वीडिओ मे नही दिखाई दिया।
Askot me awasti log rehte the
Mai bhi rehi hu p w d calony mai
सर नमस्कार मैं विजय गोस्वामी जरा अपना नंबर तो दे दीजिए छबीलो पहाड़ से
90277
45814
90 se start hai 14 par end
अस् कोट का मूल नाम सतकोट यानि सतीकोट रहा होगा....उच्चारण से यह नाम आया होगा....अस्सी कोट नाम साम्य से कल्पना कर ली गयी होगी....पाल उपनाम नाम आदिगुरु शंकराचार्य के अनुयायी परम ब्रह्मण कार्तिकेयपुरम साम्राज्य शासकों ( उत्तर मध्यकालीन कत्यूरी नहीं ) की मूल शाखा से सम्बन्धित करता है...जो अलकनंदा घाटी की मुख्य धारा श्री बद्रीनाथ धाम से दूर होने से स्थानीय रंग में ढल कर अन्य मूल ब्राह्मणों विशेषता छोड़कर राज घराना मात्र रह गया है....और उसी तरह के स्थानीय सम्बन्धों में रच गया...मल्लिकार्जुन मंदिर इसका संबंध श्री शैल मल्लिकार्जुन आंध्र से यह भी जोड़ता है और यह भी संकेत करता है कि नेपाल का यह हिस्सा भी कार्तिकेय पुरम साम्राज्य का भाग रहा होगा ....दूसरी तरफ की पहाड़ी पर गोरखा आधिपत्य होने से यहां मल्लिकार्जुन महादेव की स्थापना हुई होगी...जैसे ज्योतिर्मठ का नृसिंह मंदिर भी आंध्र से सम्बन्ध स्थापित करता है....उत्तर-मध्य काल में कात्.यूरी, पंवार और चंद प्रभाव से कार्तिकेय पुर म शासकों की परंपरा अनवरत न रह सकीं और उसका अनुमान लगाना आसान नहीं और खासकर एटकिंसन , विल्सन, टेंपलटन , डबराल बाद मे बाम पंथियों के अनुकरण में तो भ्रमित ही हुआ है...
क्या होता है ये बामपंथी?
mera ghar bhi usi site hai ,pithragad 🩵
सुन्दर प्रस्तुति