🟡 *जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* - *लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -* *लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -* *इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* - *इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -* *शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -* *दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -* *यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -* *लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -* *लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -* *लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है* 🟡
🟡 *जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* - *लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -* *लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -* *इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* - *इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -* *शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -* *दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -* *यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -* *लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -* *लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -* *लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है* 🟡
🟡 *जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* - *लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -* *लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -* *इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* - *इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -* *शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -* *दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -* *यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -* *लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -* *लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -* *लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है* 🟡
مناظر اسلام، استاد محترم، شیخ رضاء اللہ عبد الکریم مدنی حفظہ اللہ اللہ تعالٰی شیخ محترم ودیگر علماء کرام کی عمردراز فرماۓ، دشمنوں کے شر اور حاسدوں کے حسد سے حفاظت فرمائے آمین۔ ھلال ریاضی سنبھلی
Ahle hadees ne Deen me قرآن o حدیث me khilwad ka Darwaza khol diya ,phir aur firqe paida honge, jaise ali mirza ,shakeeli aur bhi,,, apne hisab se matlab nikalte hai ,is liye Charo imam se kisi ek ki साथ me chalne me fayda है 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
امام احمد بن حنبل رحمت اللہ علیہ فرماتے ہیں کہ نہ میری تقلید کرو نہ مالک کی نہ نخعی کی نہ اورزاعی کی بلکہ دین وہاں سے لینا جہاں سے انہوں نے لیا ہے یعنی قرآن و حدیث سے تم بھی لو
لا تزال طائفۃ من امتی ظاہرین علی الحق لا یضرھم من خذلھم حتی یاتی اللہ با مراللہ صحیح مسلم تم میں سے ایک جماعت ہمیشہ حق پر قائم رہے گی مخالف اسے کوئ نقسان نہیں پہنچا سکتے یہاں تک کہ اللہ تعالی کا حکم آجائے گا یعنی قیامت آجائے گی اس حدیث کے مصداق اہلحدیث ہی ہیں گواہی موجود ہے محدثیین کی پچاس سے زائد محدثین کی گواہی موجود ہے
Ye kon hai isko bilkul b discipline nahi hai bat karne ki. Itne bade ulema shaikh razaullah kareem madani ko wo nam se address kar raha hai aise bande ko bilkul b entertain nahi karo. Meri aap se request hai brother zaid patel.
Kuch ahle hadees ho gaye Kuch ahle quran ho gaye Magar AHLE SUNNAT WAL JAMA'AT ke raste par hi jannat milegi, Wo ASLI AHLE SUNNAT WAL JAMA'AT, AHNAF DEOBAND , shahfai, maliki, hambali hi haq par hai iska siwa sab gumraah hi nazar arhe hai Ahle hadees aur ahle quran me sab maulana ki apni apni nayi nayi khoj hai, Allah Gumrahon se bachaye
Mera ek sawaal .jehri namaaz mae surah fatihah kab aur kahaan padhna hai.sakta karne sae pehle yaa sakta karne kae baadme.mera challenge puri ilhaadi[ahle hadees] jammat se tumhaari puri zuriyat me iska jawaab nahi de sakti
Shaikh Rizaullah Sahab is tarah baat nhi ki jati akhlaq ke daman ko lazim pakde aur achhe tarike se ikhtilaf o bahas kariye tabhi aap aapni baat logon ke dilon me pewast kar payenge
Hahhaha ..... Sare ahle hadees sunni ulama se behas karke bhagte aur koi sade insan ko behas me harakar apne aap ko haq batate,,,, aur sare khush hote.....
Main khud barailvi maqtab se tha Likin jab inko koi masla pocha jaata to ye be daleel baat karte hai. Iske barakas alhedees ko jo bi masla pocha jaata hai wo daleel ke sath baat karte hai
Jo fikj 1400 saal se hai ahele sunnat o galat aur Ahale hadees jise aye 229 year hua wahab Najdi is the founder o sahi 😂matlb sahaba sab galat the jab wahab najdi aye unhine islam bataya ki kya h 😂
Aap barelwi kehte he ke dikhao kaha mana he tumlogo ko allah ke nabi ki hadees per bhi goar karlena chahiye Aap s.a.h.s. ne ki peasant goi he ke bani israel me 72 fike the meri ummat me 73 firke ho jayenge to har fika udd ke kahega ke bata ye amal kaha mana farmaya he to bhaiyo ye Deen Deen nahi rasmo riwazo wala Deen ban jayega hisaab wale Deen koi nahi puche ga gyarwi manae ke nahi kunde manaye ki nahi eid milaad manae ke nahi sawal tumse itna pucha jayega nabi ne jo Deen tum tak phchaya tha uspe kitna amal kiya
لا الہ الا الله محمد رسول اللہ مختلف مقام سے دو ٹکڑوں کو جمع کر لیا گیا ہے۔ کیا اس طرح مختلف مقام سے دو یا دو سے زائد ٹکڑے جمع کرکے کسی بات کو طئے کیا جاسکتا ہے
Abe jhoote farebi jitne bhi salfi yaha waah waah kr rahe ho sab makkaro se mera sawal hai Saudi Arabia mein is waqt hukoomat salfi ki hai aur waha par cinema haal club dance baar tash ka khel aur rauzaye mubarak ke pass caar gadiya le gaye the yh sb kya hai bta do maaz allah kis hadees se yh sb sabit hai aur tum log kya munazra karoge
@@sadiqsiddiquikaranjotbajar8148 to is par koi salfi ahle khabees kuch nhi bola q kisi kam iml wale ko pakad ke us se munazra kr lo bs tum sahi ho gye waah pahle apni jad buniyaad dekho jo tumhari hai Saudi Arabia
Ahle Hadees Abdullah Bin Ubai ki trah Apni Masjiden alag bana lee. Rasululla saws nay Mana nahi kiya lakin Allah Tala nay Quran may Ayat nazil kar k Uski Munafeqat ki pol khol dee. Ye ahle hadees us k pairo kaar hain. Rasul nay Abdullah Bin Ubae par Fatwa nahi lagaya lekin Ahle Hadees badbakht musalmano par Shirk o Bidat k Fatway lagatay hain.
Barelviwood se kaisa munazara karte ho bhai yeah barelviwood quran aur Hades ko nahi mante hai phir kahe ka munazara yeah barelviwood apne pir fhakir ki kitab mante hai
बरेलवी भाई तुम्हारी शरियत तो बिलकुल इस्लाम से अलग है तुम्हारे alaa हज़रत ने अपना दीन अलग बना रख है तुम लोग तो अल्लाह की जगह अब्दुल क़ादिर् को अल्लाह मानते है
Abu jahel k Jahelo ki taqlid jayez nhin hai_ Taqleed To tm log bhi kr rahe hai jo Quran Hadith k qilaf jhot gad rahe ho_ "Taqleed"_ Rasool e akram sallallahu alaihi WaSallam ki mashhoor jayyad genuine Hadith hai: Ne Hazrat Ma'Az ibne jubal razi Allahu tala anhu ko yemen 🇾🇪 ka hakem bana kr bheja; ta k woh wahan k logoun ko deen k masail bataye' aur ummat k liye sahi aur faidemand faisle kre_ Hadith e pak ka tarjuma: Jab Rasool e akram sallallahu alaihi WaSallam ne Hazrat Ma'Az ibne jubal razi Allahu tala anhu ko yemen bhejne ka irada kiya' aur aun se Farmaya k tm kis tarah faisle kroge jab tmhare pas koi muqadama pesh ho jaye ? Aun hone Farmaya k Allah ki kitab se faisle krunga'_ phir Ap sallallahu alaihi WaSallam ne farmaya: Ager tm allah ki kitab may wo masail na pao To ? Aun hone Farmaya k Rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ki sunnat k mutabiq faisle krunga" phir rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ne farmaya: Ager sunnat e Rasool (Ahadith) May bhi na pao aur kitab ullah (Quran) May bhi na pao To ? Aun hone farmaya k apni khud ki rai se Ajtehad (sahi faisle faide) krunga aur aus May koi kami kotahi nahin krunga_ Rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ne Aun k sine ko thap tapaya aur farmaya k Allah he k Liye tamam tarifen hai jis ne Allah k Rasool k Rasool { Maa'Az } ko is cheez ki (taqleed) ki taufeeq di jis se Rasool allah Razi hain_ pas goya Ahle yemen ko Hazrat e Maa'az razi Allahu tala anhu Shaqsia Taqleed ka hukam diya gaya_ is Hadith May Hazrat ma'Az Razi Allahu tala anhu ko Rasool k Rasool farmaya gya hai_ [Sunn Abu Dawood:Volume III: Narrative of faislo ka bayan qazaa May apni ray se ijtehad krne ka bayan (Decisions)"_ (jama tarmidhi kitab e al hakem An Rasool allah he sallallahu alaihi WaSallam bab majah fi Al qazi kaifa yaqzi) Hadith: xxxx' Shamlah shamil, mawqie al'iislami] Narrative of making ijtihad with one's opinion in judgment; (United, book of Messenger of Allah (peace and blessings of Allah be upon him) يَقْضِي,Hadith No:xxxx, Shamla, Peace Be upon Him] Ager tm log padosi k mehnat ka natija hai To is Hadith ko inkar kro aur meri taqlid pr amal kro_😅 Al Ömrah' MA trpl phd, M.Phil Durvesh yezdani's University of psychologist in foreign languages analysis
Beshak Ahle hadees haq par hai...,
Allah ne mujhe hedayat di Aameen......
🟡
*जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* -
*लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -*
*लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -*
*हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -*
*इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* -
*इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -*
*शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -*
*दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -*
*यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -*
*लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -*
*लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -*
*लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है*
🟡
Proud to be salafi ahlul hadees alhamdulillah ❤🎉🎉❤
Assalamualaikum Bhai
Please share video
Ahlu hadees kis ne kaha tha apne aap ko Nabi ne ya sahaba ne🤔🤔
Alhamdulillah…
🟡
*जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* -
*लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -*
*लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -*
*हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -*
*इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* -
*इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -*
*शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -*
*दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -*
*यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -*
*लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -*
*लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -*
*लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है*
🟡
Ahle hadees haq par hai
Ji bina hisab ke jannat mil jayegi
Kaise sabit kro daleel do
🟡
*जिन के नाम पर मसलक खडे कर लिए गए* *हैं* *उन को इमामों ने ख़ुद अपने हाथों * से established नहीं किया है* *बल्कि ये मसलक लोगों ने बनाया - इमामों* *के नाम पर* -
*लिहाजा जिन के नाम पर हनफी मसलक* *क़ायम किया गया है उसे इमाम अबु* *हनीफा रहमतुल्लाह अलैहे ने खुद अपने* *हाथों से established नहीं किया है* *बल्कि यह मसलक लोगों ने बनाया अबु* **हनीफा के नाम पर -*
*लिहाजा मसलक* *और फिरके* *आसमानी नहीं है ये सब** *पब्लिक products हैं - यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -*
*हनफी उलेमा ने कुरान व हदीस से बचने* *केलिए अपने कायदे कानून खुद से बना लिए हैं* - *और ये कायदे कानून जिस किताब* *में* *लिखे हुए हैं - उस किताब का नाम* *है - उसूल अल कुर्खी -*
*इस किताब के उसूल नंबर २८ पर यह कानून* *लिखा हुआ है कि - कुरान की वह* *आयात जो आईंमा अहनाफ यानी हनफी* *इमाम के कौल के खिलाफ हो तो* *कुरान की ऐसी आयतों को नही माना जाएगा* *बल्कि -उनकी फकत तावील की* *जाएगी* -
*इस किताब के उसूल नंबर - २९ पर यह कानून* *लिखा है कि - वह हदीस जो आईंमा* *अहनाफ यानी कि हनफी इमाम के* *कौल के खिलाफ हो तो ऐसी हदीसो को* *नही माना जाएगा बल्कि उन की फकत* *तावील की जाएगी -*
*शाह वली उल्लाह दहलवी रहमतुल्लाह अलैहे* *ने* *अपनी किताब - हुज्जतुल्ला अल* *बालिग़ा - में चारों इमामों के अक़वाल* *नक्ल किए हैं - हमारे चारों इमामों* *ने ख़ुद उन की तकलीद करने से हमें* *मना फ़रमाया है -*
*दुसरी राज़ की बात यह है कि , बरेलवी उलेमा* *सिर्फ फिकीह मामलात में इमाम अबु* *हनीफा की तकलीद करते हैं - लेकिन* *अकीदे के मामलात में यह लोग इमाम* *अबुल हसन अशरी की तकलीद करते* *हैं* *और देवबंदी उलेमा अकाईद के* *मामले में इमाम अबु मंसूर मातुरिदि की* *तकलीद करते हैं -*
*यानी कि - अकाईद के मामले में यह लोग* *इमाम अबु हनीफा के खुद ( ग़ैर* *मुकल्लीद )- है -*
*लिहाजा तकलीद की यह ड्रामा बाजी लोगों* *को बताना चाहिए -*
*लफ्ज़ - तकलीद से मुकल्लिद बना और* *मुकल्लिद का हिंदी मराठी में तर्जुमा बनता है* - *अंध भक्त -*
*लिहाजा मसलक और फिरकों की यह सच्चाई* *लोगों को बताना चाहिए -* *जो* *आम लोगों को मालूम नहीं है*
🟡
islam haq pe hein
Alhamdulillah we are ahlul hadees ❤❤❤❤❤
Alhumdulillah I aehle hadish
Allah biddatiyo se aur mushriko se hame dur rakhe
Assalamualaikum Bhai
Please share video
Brelviyt sufiyat gumrahi hai Allah inse bachaye aamin ❤❤❤
Aameen
Alhamdulillah shahi ilm ahle hadees ke paas hi hai
Assalamualaikum
Please share video
@@julibegum4323 benefit ke hisab se change ho jata hai
السلام علیکم ماشاء اللہ الحدیث ❤❤❤❤❤❤قرآن اور حدیث 🎉🎉🎉🎉
Walaikum assalam Bhai
Please share video
Kurand
اہل حدیث حق پر ہے
Wah ahle hadees ulma ❤❤
Masha Allah ❤❤❤
इसलिए कहता हुं कबर पुजारियों से मुनाजरा क्यों नही करनी चाहिए।
😅
Well said bro ❤😂🎉😢😮
الحمدللہ اہل الحدیث حق پر ❤😊
جس کام کا حکم نبی صلی اللہ علیہ وسلم نے نہیں دیا اور نہ اس کام کو صحابہ کرام رضی اللہ عنہ نے نہیں کیا اس کا نہ کرنا سنت ہے ۔
Shaikh aap log aise jahil muqlid ko jawab mat do ye log manne wale nahi hai
Mashaallah bhai sab ne bade acche se dhoya hai is qabar parast ko mashallah bahot Khushi Hui dekh kar zabardast👍🏻☝🏻💯
@@ummeed5980 bhai khushi manane se accha unki hidayat ki dua kro
Phir bechara Syed Sehran toh paida hone se kayi saal pehle yateem hogaya, kyu k Abu Hanifa r.a. ka intekaal toh iske paida hone k kayi saal pehle hogaya tha?
مناظر اسلام، استاد محترم، شیخ رضاء اللہ عبد الکریم مدنی حفظہ اللہ
اللہ تعالٰی شیخ محترم ودیگر علماء کرام کی عمردراز فرماۓ، دشمنوں کے شر اور حاسدوں کے حسد سے حفاظت فرمائے آمین۔
ھلال ریاضی سنبھلی
Ahle hadees ne Deen me قرآن o حدیث me khilwad ka Darwaza khol diya ,phir aur firqe paida honge, jaise ali mirza ,shakeeli aur bhi,,, apne hisab se matlab nikalte hai ,is liye Charo imam se kisi ek ki साथ me chalne me fayda है 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Are kis pagal ke chakkar me fans gye😂😂😂😂
امام احمد بن حنبل رحمت اللہ علیہ فرماتے ہیں کہ نہ میری تقلید کرو نہ مالک کی نہ نخعی کی نہ اورزاعی کی بلکہ دین وہاں سے لینا جہاں سے انہوں نے لیا ہے یعنی قرآن و حدیث سے تم بھی لو
پورے ذخیرے احادیث وآثار دیکھ لو لفظ تقلید سے خالی ہے صحابہ کرام سو فی صد اتباع پر قائم تھے
اتبعوا ما انزل اليكم من ربكم ولا تتبعوا من دونه اولياء.
لا تزال طائفۃ من امتی ظاہرین علی الحق لا یضرھم من خذلھم حتی یاتی اللہ با مراللہ صحیح مسلم تم میں سے ایک جماعت ہمیشہ حق پر قائم رہے گی مخالف اسے کوئ نقسان نہیں پہنچا سکتے یہاں تک کہ اللہ تعالی کا حکم آجائے گا یعنی قیامت آجائے گی
اس حدیث کے مصداق اہلحدیث ہی ہیں گواہی موجود ہے محدثیین کی پچاس سے زائد محدثین کی گواہی موجود ہے
Masha allah Kiya khoob doya is khabees barelbi ko 😂😂😂😂😂
جس بات کا حکم نہیں دیا گیا ہے یہی دلیل ہے منا کی
Muqallid matalab JAHIL
Emam Abu Hanifa ne khud mana kiya
Assalamualaikum Bhai
Please share video
pahle ise bara wafat kaha jata tha apne qaed ki wafat pe khushi kese mana skte hi jabke wiladat ki date me iktelaaf ho koi jawab de plz
Ye kon hai isko bilkul b discipline nahi hai bat karne ki. Itne bade ulema shaikh razaullah kareem madani ko wo nam se address kar raha hai aise bande ko bilkul b entertain nahi karo. Meri aap se request hai brother zaid patel.
Bhagaw inko arshad saab
Alhamdu lillah ahle Hadis hak par he
Kaise sabit kro daleel do
Bhai sahab aap se guzarish hai ki jo sawal karta hai uska Bhi chahra dikhao
Assalamualaikum Bhai
Wo log apna camera close kar dete hai
Jyada tar Barelvi Ulema apne student ko yaha bhejte hai
Wo nahi aate hai
@@RayyanRafee kaun kaha? Aap Farooq Khan Rizvi se debate kijiye
Arshad saab inko bhagaw or agli bar moka nahi do
Ye kitna haq par hai ye to thamnel se hi pata chal raha hai 😂😂😂
Ahle hadees zindabad
Allah inko hidayat de
Kuch ahle hadees ho gaye
Kuch ahle quran ho gaye
Magar AHLE SUNNAT WAL JAMA'AT ke raste par hi jannat milegi,
Wo ASLI AHLE SUNNAT WAL JAMA'AT, AHNAF DEOBAND , shahfai, maliki, hambali hi haq par hai iska siwa sab gumraah hi nazar arhe hai
Ahle hadees aur ahle quran me sab maulana ki apni apni nayi nayi khoj hai, Allah Gumrahon se bachaye
Mera ek sawaal .jehri namaaz mae surah fatihah kab aur kahaan padhna hai.sakta karne sae pehle yaa sakta karne kae baadme.mera challenge puri ilhaadi[ahle hadees] jammat se tumhaari puri zuriyat me iska jawaab nahi de sakti
Shaikh Rizaullah Sahab is tarah baat nhi ki jati akhlaq ke daman ko lazim pakde aur achhe tarike se ikhtilaf o bahas kariye tabhi aap aapni baat logon ke dilon me pewast kar payenge
Assalamualikum v rahmatullahi v barkathu
Bhaiyo is Barelvi ka numbar milega mujhe
जब दींन मोकममल हुआ चारों इमाम थे
Bhai Shaab jab din mukkamal huwa Tab Shabaa the aur dalil yah hai Quran ke Aakhri Aayat
Zahil mukallid
Allah help you guys.. from where you all will get this wrong information(Islam completed after 4 imams?) 😅😅
जब दीन मुकम्मल हुआ तब इमाम बुखारी थे..
Tum sb aisa kro Mufti Waheed quraisi se munzra Karo tum sb ko Pani Pani kr denge wo taqlid pr tum log 15 minute to bat nhi kr paogi
Hahhaha ..... Sare ahle hadees sunni ulama se behas karke bhagte aur koi sade insan ko behas me harakar apne aap ko haq batate,,,, aur sare khush hote.....
Main khud barailvi maqtab se tha
Likin jab inko koi masla pocha jaata to ye be daleel baat karte hai. Iske barakas alhedees ko jo bi masla pocha jaata hai wo daleel ke sath baat karte hai
Sheikh sab ye nahi samjhege
Jo fikj 1400 saal se hai ahele sunnat o galat aur Ahale hadees jise aye 229 year hua wahab Najdi is the founder o sahi 😂matlb sahaba sab galat the jab wahab najdi aye unhine islam bataya ki kya h 😂
Jahil ka matlab na janne wala hota hai
मुक्लीद तक्लीद इस लिए करते हे वो की जहालीयत पर कायम रहना चाहते हे
Kam se kam insan ko ye to pata hona hi chahiye k apne se badon se baat kaise karni hai!
Dajjal & company
Ye ladka modi bhakt se kam nhi andhbhakt 🤣🤣🤣
Maine kai ahle hadees ko dekha jo paison ki khaatir apna dharam ko badaldiye.jab maal o daulat khatam tumhaara dharam bhi khatam
Kya yar Saeed, tumne to apne ulema ki aisi taisi Karwa di
😂. 12:03
غالیوں سے 😁😁😁😁😁
Hak zamat Ahle sunnat wa zamat zindabad maslake ala hajrat zindabad wahabiyo samjho or mano ye batakida firka he ❤❤❤❤❤
Haq jamat Ahle sunnat Ahle hadees zinda bad maslake Sahaba ilram r.a zindabad❤
Bhai ALLAH pe aur us ke rasul pe iman lane ke bad ager barelviwood hona hai to phir hindu aur tum ek hi ho
Aap barelwi kehte he ke dikhao kaha mana he tumlogo ko allah ke nabi ki hadees per bhi goar karlena chahiye
Aap s.a.h.s. ne ki peasant goi he ke bani israel me 72 fike the meri ummat me 73 firke ho jayenge to har fika udd ke kahega ke bata ye amal kaha mana farmaya he to bhaiyo ye Deen Deen nahi rasmo riwazo wala Deen ban jayega hisaab wale Deen koi nahi puche ga gyarwi manae ke nahi kunde manaye ki nahi eid milaad manae ke nahi sawal tumse itna pucha jayega nabi ne jo Deen tum tak phchaya tha uspe kitna amal kiya
Abe akele akela bak bak karke tees mar kha damjh raha hai😂😂
Kane ki dalil Nai Vahi Manaaki Dalil hai
Alhamdulillah
I m barelwee
Muqallid abu hanifa..
❤
Allah hidayat de fir Aap ko
@@mohammedmohsin3765
Tumhari dua ki zaroorat nahi hai..
Apne haal pe ghor kro..
@@mohammedmohsin3765
Allah hidayat de chuka
Ab hidayat pe qayam rakhe..bss
@@mohammedmohsin3765
Apki dua ki zaroorat nahi hai mujhe..
🥱🥱🥱🥱🥱.
Alhamdulillah hum quran aur hadees wale hai jise duniya ahle hadis ke naam se jaanti hai alhamdulillah
لا الہ الا الله محمد رسول اللہ
مختلف مقام سے دو ٹکڑوں کو جمع کر لیا گیا ہے۔ کیا اس طرح مختلف مقام سے دو یا دو سے زائد ٹکڑے جمع کرکے کسی بات کو طئے کیا جاسکتا ہے
taqleedi ko quran hadis se kya lena dena Q k Unko to sirf taqleed hi samaz aati hai.
Ary Bhai khud hi video bana rahe ho 🤣🤣🤣
Allah samajh de salfi bane
ये शैतान का गिरोह है
To Abu bakar omer ko khalifa kyon bana liya Rasool Allah sws ne NAHI banaya ye BHI to galat hai
Are mere bhai tukhe malum hi nahi nabi ne khud kaha hai mere baap abu bakr umar usman hajrate ali raji allahu anhuma ye log khalifa honge
Laanat ho jate haa rahe hen or tumko bahas ki sujh rahi he
Abe jhoote farebi jitne bhi salfi yaha waah waah kr rahe ho sab makkaro se mera sawal hai Saudi Arabia mein is waqt hukoomat salfi ki hai aur waha par cinema haal club dance baar tash ka khel aur rauzaye mubarak ke pass caar gadiya le gaye the yh sb kya hai bta do maaz allah kis hadees se yh sb sabit hai aur tum log kya munazra karoge
Ye sab galat hai kun kahta hai sahi hai jo cheez galat hai o galat hi rahega jahen saudi me ho ya india men
@@sadiqsiddiquikaranjotbajar8148 to is par koi salfi ahle khabees kuch nhi bola q kisi kam iml wale ko pakad ke us se munazra kr lo bs tum sahi ho gye waah pahle apni jad buniyaad dekho jo tumhari hai Saudi Arabia
Ahle Hadees Abdullah Bin Ubai ki trah Apni Masjiden alag bana lee. Rasululla saws nay Mana nahi kiya lakin Allah Tala nay Quran may Ayat nazil kar k Uski Munafeqat ki pol khol dee. Ye ahle hadees us k pairo kaar hain. Rasul nay Abdullah Bin Ubae par Fatwa nahi lagaya lekin Ahle Hadees badbakht musalmano par Shirk o Bidat k Fatway lagatay hain.
@@syedilyasahmed8664
Kia bralvi bidti or mushrik ni hn???
Molvi nhi sare madari hai. Chahe brelvi ho ya. Ahle hagees. 😂😂😂😂. Bechare ijtehad. Aur taqleed tak nhi jante.
Moulana ki fati padi hai
Barelviwood se kaisa munazara karte ho bhai yeah barelviwood quran aur Hades ko nahi mante hai phir kahe ka munazara yeah barelviwood apne pir fhakir ki kitab mante hai
बरेलवी भाई तुम्हारी शरियत तो बिलकुल इस्लाम से अलग है तुम्हारे alaa हज़रत ने अपना दीन अलग बना रख है तुम लोग तो अल्लाह की जगह अब्दुल क़ादिर् को अल्लाह मानते है
Ahlusunna ahlul حدیث ہمیشہ dalail ke maidam me فاتح rahenge
سلام ہے بھائی آپ کوآپ ایک جاہل سے بحث کر رہے ہیں۔
Are joker beta to Jokar Ke Rang acting karne ke liye
Abu jahel k Jahelo ki taqlid jayez nhin hai_ Taqleed To tm log bhi kr rahe hai jo Quran Hadith k qilaf jhot gad rahe ho_
"Taqleed"_ Rasool e akram sallallahu alaihi WaSallam ki mashhoor jayyad genuine Hadith hai: Ne Hazrat Ma'Az ibne jubal razi Allahu tala anhu ko yemen 🇾🇪 ka hakem bana kr bheja; ta k woh wahan k logoun ko deen k masail bataye' aur ummat k liye sahi aur faidemand faisle kre_
Hadith e pak ka tarjuma:
Jab Rasool e akram sallallahu alaihi WaSallam ne Hazrat Ma'Az ibne jubal razi Allahu tala anhu ko yemen bhejne ka irada kiya' aur aun se Farmaya k tm kis tarah faisle kroge jab tmhare pas koi muqadama pesh ho jaye ? Aun hone Farmaya k Allah ki kitab se faisle krunga'_ phir Ap sallallahu alaihi WaSallam ne farmaya: Ager tm allah ki kitab may wo masail na pao To ? Aun hone Farmaya k Rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ki sunnat k mutabiq faisle krunga" phir rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ne farmaya: Ager sunnat e Rasool (Ahadith) May bhi na pao aur kitab ullah (Quran) May bhi na pao To ? Aun hone farmaya k apni khud ki rai se Ajtehad (sahi faisle faide) krunga aur aus May koi kami kotahi nahin krunga_ Rasool allah sallallahu alaihi WaSallam ne Aun k sine ko thap tapaya aur farmaya k Allah he k Liye tamam tarifen hai jis ne Allah k Rasool k Rasool { Maa'Az } ko is cheez ki (taqleed) ki taufeeq di jis se Rasool allah Razi hain_ pas goya Ahle yemen ko Hazrat e Maa'az razi Allahu tala anhu Shaqsia Taqleed ka hukam diya gaya_ is Hadith May Hazrat ma'Az Razi Allahu tala anhu ko Rasool k Rasool farmaya gya hai_
[Sunn Abu Dawood:Volume III: Narrative of faislo ka bayan qazaa May apni ray se ijtehad krne ka bayan
(Decisions)"_ (jama tarmidhi kitab e al hakem An Rasool allah he sallallahu alaihi WaSallam bab majah fi Al qazi kaifa yaqzi) Hadith: xxxx' Shamlah shamil, mawqie al'iislami]
Narrative of making ijtihad with one's opinion in judgment; (United, book of Messenger of Allah (peace and blessings of Allah be upon him) يَقْضِي,Hadith No:xxxx, Shamla, Peace Be upon Him]
Ager tm log padosi k mehnat ka natija hai To is Hadith ko inkar kro aur meri taqlid pr amal kro_😅
Al Ömrah' MA trpl phd, M.Phil Durvesh yezdani's University of psychologist in foreign languages analysis