धर्म, मूर्तिपूजा और इतिहास पर Saurabh Dwivedi को Amish Tripathi ने क्या बताया? Bhavna Roy| Kitabwala

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  • Опубликовано: 11 янв 2025
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    In Idols, a companion volume to the bestselling Dharma, your favourite fictional characters are back, along with some new ones, to explore the essence and true meaning of murti puja.
    In this insightful and thought-provoking book, Amish and Bhavna tackle burning questions about idol worship through simple, varied and astute interpretations of myths and religious texts. They unearth the symbolic essence of Ishta Devata, dive into the benefits of bhakti and tackle the importance of religion for people and society. In the process, they reveal the expansive philosophy behind the practice and how it can lead us to experience-intellectually, ideologically and, most importantly, in our hearts-the Oneness of God, through transformation, acceptance and love.
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    Edited By: Radhe

Комментарии • 659

  • @PramodSingh-br4iq
    @PramodSingh-br4iq 9 месяцев назад +8

    अग्रज सौरभ आज के अतिथि अद्भुत हैं ही पर आप अत्यंत अद्भुत चेतना हैं और आश्चर्य है कि आज से पहले मैं आपके व्यक्तित्व को देख क्यों नहीं पाया 🙏

    • @Dhanush-ww5lk
      @Dhanush-ww5lk 3 месяца назад

      Iske dikhawe pe matt jana bhai

  • @akashtiwari7276
    @akashtiwari7276 Год назад +9

    अमीश एक उम्दा इंसान और एक उत्कृष्ट लेखक है परंतु खेद के साथ कहना चाहता हूं कि बेहद साधारण वक्ता हैं इस कदर साधारण हैं कि शायद अपना मत भी ( जिसे प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जाना चाहिए ) अति सामान्य रूप से व्यक्त कर पाते हैं।

    • @rajeevgupta3904
      @rajeevgupta3904 9 месяцев назад +2

      Very true 👍

    • @meenajadhav717
      @meenajadhav717 9 месяцев назад +2

      मुझे भी ऐसा ही लगा

    • @nainitalteam
      @nainitalteam 9 месяцев назад

      ❤hiii by.
      P​@@rajeevgupta3904

    • @Dhanush-ww5lk
      @Dhanush-ww5lk 3 месяца назад

      Isme problem kya hai

  • @KirtiKumarKasat1
    @KirtiKumarKasat1 Год назад +33

    Best kitabwala episode so far. Always inspiring listening to Amish .

  • @ranjitdatta9454
    @ranjitdatta9454 Год назад +34

    I m glad you all agreed that there is not much difference between Nature worship and Idol worship. We transformed our worship practices to Idol worship so as to give some tangible existence to our beliefs to whom we ultimately want to rely upon. It’s human trait to have a confidante!

    • @atd3000
      @atd3000 Год назад +1

      There's nothing to be glad in this ,this is obvious and it has never created rift between sanatanis ever so why to be glad?

    • @Liam-yo5ex
      @Liam-yo5ex Год назад +9

      @@kamleshagrawal-uv5tn Babri प्रतीक थी नृशंस हत्याओं की ।।
      जुल्म ज्यादती बर्बरता एवं अन्याय की प्रकाष्ठा थी बाबरी
      हिंदुओ ने किसी और की पूजास्थली को ध्वंस नहीं किया लेकिन अपनी पावन जगहों को सहेजना उनका सम्मान रखना ये भी उतना ही आवश्यक है
      आप कब उमरा के लिए निकल रहे हैं
      अग्रवाल साहब उर्फ कमलुदीन खान

    • @Liam-yo5ex
      @Liam-yo5ex Год назад +1

      @@kamleshagrawal-uv5tn जाओ पहले मक्का जाओ वहां काबा में जाके पूछो की पहले यहां जो 360 बुत रखे थे उनको बाहर क्यों फैंका, उसके अनुयायियों का दमन क्यों किया
      फिर जब वो तुम्हे अल्लाह जिब्राइल के वाकया बताएं तो पूछना इसका क्या सबूत है
      पक्के सबूत लेकर लौटना भाई साहब
      हम भी सबूत दिखा देंगे
      बाकी रही दुनियावी इंसाफ की बात तो पहले वहां मंदिर था , ये तो बाबरी से निकले खंबे , और उसके नीचे से मिले मंदिर के अवशेष बताते हैं , मुगल तारीखी किताबें , अंग्रेजो के दस्तावेज , यहां तक कि मुस्लिम पुरातत्त्ववेत्ता के के मोहम्मद साहब भी इसकी पुष्टि करते हैं
      माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी पक्ष में फैसला दिया,
      फिर भी आप की इच्छा आप जैसे चाहे विचार रखें

    • @anupbal7780
      @anupbal7780 Год назад

      wah, beautifully, expressed and emphasized on this important issue

    • @ravindrakumarsingh6059
      @ravindrakumarsingh6059 Год назад

      ​@@atd3000nnnnnmmmnnmmn

  • @bypradeepsamantaray2600
    @bypradeepsamantaray2600 Год назад +11

    इस प्रकार की आलोचना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बेद काल के बाद जब मूर्ति पूजा की समय आई , तो विद्वान व्यक्तियों ने इसे साइंस के साथ जुड़ा दिया था । अब देखिए , हर गांव में ग्राम देवी प्रतिष्ठित हे ( Odisa में तो हे,अन्य राज्य की मुझे पता नहीं) । परंपरा हे की ग्राम देवी की अगुरु , चुआ,चंदन , जायफल , कर्पूर, सिंदूर आदि से माजना यानेकी , मूर्ति में एक लेप दिया जाता है । भक्त उसी मूर्ति से कुछ सिंदूर लाके अपनी घर की हर दरवाजे की ऊपरी हिस्सा में लगा देता है , ये सोच के --की मा की आसीरबाद मिलेगी । हर ग्राम देवी की मूर्ति एक बिसिस्ट पत्थर से निर्माण होता हे। जब इन सब चीजों को उस पत्थर की मूर्ति से घर्षण किया जाता है तो उसमें एक Chemical Reaction होता हे। जब व्यक्ति दिन भर अपनी घर की हर दरवाजे से बार बार आता जाता हे तो उस सिंदूर की गंध उस की शरीर की अंदर जाता है श्वास की प्रभाव से। जब कोई व्यक्ति मानसिक रूप से रोगी हो , तो उस गंध से उसे लाभ होता हे और दो चार महीनों में ओ ठीक हो जाता हे , एकाग्र भाव आ जाता हे ।
    हिंदी सिनेमा OMG में दर्शाया गया है कि हिंदू लोग बेकार में ही सीबलिंग पर दूध चढ़ाते है। मगर उस में भी साइंस हे। सिबलिंग एक बिशेस प्रकार की पत्थर से बनाया जाता हे। और सीब मंदिर की सैली भी अलग प्रकार की होता हे । दिन में सूर्य देव की प्रभाव से उस लिंग का प्रभाव कम हो जाता हे। उस प्रभाव को बनाए रखने के लिए लिंग में दूध, माखन , जायफल, कर्पूर , नारियल का पानी , बेल पत्र, इत्यादि का घर्षण किया जाता हे । संक्रांति की दिन सूर्य का प्रभाव पृथ्वी पर थोड़ा कम होता हे ।इसलिए उस दिन ये सब घर्षण ज्यादा करना पड़ता है । ये सब चीजों की लिंग से घर्षण की कारण उस रसायन एक औषधि में परिवर्तित हो जाता है। भक्त उसे भगवान की प्रसाद की रूप में खाता है , तो ये प्रसाद एंटी ऑक्सीडेंट की रूप में काम करता है । मनुष्य दिन भर जितना भी Poison ग्रहण करता है,--खाना पीना से , परिवेश से , वो सब body से निकल जाता है।
    बहुत साल पहले
    Reader 's Digest नाम का एक मैगजीन में एक आर्टिकल में लिखा था ,--की साउथ अफ्रीका में एक मिशनरी पादरी के पास एक पत्थर का टुकड़ा था ,अगर किसी व्यक्ति को जहरीला सांप काट देता था , तो उस पादरी ने इस पत्थर को उस दसें हुए स्थान पर लगा देने से , उस पत्थर ने शरीर से poision को खींच लेता था । बाद में उस पत्थर को गाय की दूध से डुबो देने से , उस पत्थर से poision निकल जाता था। हमारा ओडिशा का पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गत जानकी बल्लभ पटनायक के एक भाई थे , वो भी कभी राज्यपाल थे ( उनका नाम मुझे याद नहीं है) , उनके पास भी ऐसा एक पत्थर था । सच तो ये हे की कासी की किसी टूटे हुए सिबलिंग की एक एक टुकड़ा उन लोगों के पास था ।
    जिस से उन लोगों ने चमत्कार दिखाते थे। भारत की मूर्तियों के पीछे साइंस हे ।
    लोगों को ये सब पता लगेगा तो कहीं भगवान से भाव -भक्ति कम हो जाएगा ,-- इसलिए ये सब हमें छुपाया गया था। और इस भ्रम के कारण हमें OMG और PK वाले भ्रमित करते हे।
    हिंदी मेरा मातृभाषा नहीं है, कहीं भूल हो तो माफ कीजिएगा ।
    जय जगनाथ।

    • @sambeedpanigrahi7191
      @sambeedpanigrahi7191 Год назад +1

      Hindi ta apankara bahut bhala acchi bhaina, kintu ahuri bhala jau point apana highlight karile, with historical reference. Sabu jinsa re logic khojideba ete bhi sahaj ta nuhe,Jai Jagannath ❤

    • @AbigailRomero-o2u
      @AbigailRomero-o2u Год назад

      😂😂😂

    • @theorder1548
      @theorder1548 Год назад +1

      छोटी छोटी टिप्पणी कीजिये पढनेमे समजनेमे आसानी होती है/बाकी आपका प्रयास अच्छा 👍👍

    • @AbigailRomero-o2u
      @AbigailRomero-o2u Год назад

      Abe berojgar faltu insan koi kam dham hai nhi ...itne lambe lambe comments kar rha hai😂😂🤣🤣🤣🤣

    • @deepakpatil9986
      @deepakpatil9986 Год назад +1

      बहुत बढ़िया, भाई ❤

  • @gyanandknowledge2958
    @gyanandknowledge2958 Год назад

    श्रेष्ठतम सराहनीय सत्संग,,,,,, धन्यवाद चरेवेति चरेवेति 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳

  • @naveensharma2955
    @naveensharma2955 Год назад +10

    Saurabh Dwivedi- pls maintain the same purity in journalism going forward.

  • @SRC3088
    @SRC3088 Год назад +15

    Heartening to know about Amish and his family's association with Rourkela, Odisha.

  • @toniteeshrai
    @toniteeshrai Год назад +2

    One of the best Kitabwala interviews and more than the book it was good to know how to teach our kids to support each other during their difficult times... Also, the kind of Love Amis and Bhawana showed for each other was an amazing lifetime sibling bond :)

  • @sharmaauma
    @sharmaauma Год назад +5

    जिन्होंने भी सत्य को जाना उन सबने कहा "कि सत्य को शब्दों में कहते ही असत्य हो जाता है, ये सिर्फ अनुभव से जाना जा सकता है" और इस interview में इन तीनों में से किसी का भी सत्य का अनुभव नहीं है, ये पढ़ कर और दूसरों की लिखी हुई बातों को अपना अनुभव समझ रहें हैं

    • @nsofodjodhpur174
      @nsofodjodhpur174 Год назад +2

      सुरुवात यही से करनी पड़ती है auma मैम । आपकी बात सही है।

  • @jayatewari1272
    @jayatewari1272 Год назад +2

    देखिए आध्यात्म, ज्ञान,या स्वयं सम्बन्धित ज्ञान जानना है तो मूर्ति बनना ही होगा। देखिए मूर्ति एकान्त, एकाग्र, शान्त है। इत्यादि

  • @poojajani3531
    @poojajani3531 Год назад +8

    Adbut Saurabh Sir just feel like hearing to you , you are truly gifted
    Amazing interview!!

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад +3

      Inko thoda kahiye ki Quran,Hadit,GAZWA-E-HIND,Sar-tan-se-juda par video banaye.

  • @abhinavSeltzer
    @abhinavSeltzer Год назад +10

    I got emotional and cried a bit watching the relationship between a brother and sister. I hope I had a sister....Thanks to Saurabh Dwiwedi Ji for having such beautiful conversations with different kind of people that reflects people among us and we can easily connect with them. Good luck to your channel and its various shows.

    • @ravindrakumarsingh6059
      @ravindrakumarsingh6059 Год назад +1

      I think the idol puja might have been suggested by our predisessors just to concentrate our mind towards an idol ,which ultimately create a positivity of mind.By doing this and getting this positivity, we become successful in our life.

    • @anearthian625
      @anearthian625 Год назад

      If we become successful in life after deceiving ourselves then it's not healthy.

    • @gaurav85815
      @gaurav85815 Год назад +1

      you are correct@@ravindrakumarsingh6059 may be that way people are bound to do what they are supposed to do.

    • @beharelaldhar9204
      @beharelaldhar9204 Год назад +1

      Good & sanskaari families have good family members, including brothers and sisters!❤

  • @sampadawarang8098
    @sampadawarang8098 5 месяцев назад

    Wonderful interview
    .......ur way of questioning and deep way of thinking on the subjects keeps us to listen /watch the episode ...thanks 🙏

  • @jitendrayadavweb
    @jitendrayadavweb Год назад +11

    सौरभ जी just to correct your statement, मूर्ति को भगवान या देव-देवी हिन्दू भी नहीं मानते, लेकिन ईश्वर के निराकार रूप को बिना जाने अन्धकार में भक्ति करने का क्या मतलब ? अपने इस्ट-देव तक अपना भाव समर्पित करने के लिए एक संकेत, इशारा या स्वरुप का सहारा लेना ही पड़ता है । शब्द स्वयं आकर रहित है, आकाश तत्त्व है लेकिन फिर भी बालपन में A for Apple से ही हम शब्द समझते हैं, इसका मतलब ये नहीं की Apple ही A शब्द है। हिन्दू सगुन से निर्गुण के उपासक हैं, आकर से निराकार के सफर में विश्वास रखते हैं। Hence Sadguru Jaggi rightly says that this is the land of seekers (गुरसिखी/साधक) and not just believers....

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад +2

      Han ji ,inko thoda kahiye Quran,Hadit,GAZWA-E-HIND,Sar-tan-se-juda par video banakar Maulanao ka dhoti khole

    • @shrin210
      @shrin210 11 месяцев назад +1

      How will anyone know the formless form of God?
      Not everyone has the comfort of seeking while living in and for the material world.
      That's why idol worship and char dham yatra like concept exist to dedicate one's energy or feelings in right direction.

  • @me081company
    @me081company Год назад +11

    Message to Saurabh Sir.
    Many of these talks on Dharma have been from Adwaiti POV.
    Please hold a talk with a Bhakti POV to give a Dwaiti view which resonates with the Masses in India.

    • @Aiartpoint
      @Aiartpoint Год назад

      Actual Hinduism is advait sir

    • @Anomander5622
      @Anomander5622 11 месяцев назад

      @@Aiartpoint who told you sir?

    • @ranasingh4356
      @ranasingh4356 9 месяцев назад

      ​@@Aiartpoint
      Basis of your claim ???

    • @ranasingh4356
      @ranasingh4356 9 месяцев назад +1

      👍👍👍👍💯💯💯💯

  • @Liam-yo5ex
    @Liam-yo5ex Год назад +2

    प्रोग्राम की प्रस्तुति बहुत आत्मीय थी
    अच्छी अनुभूति हुई

  • @nirmalendumishra5688
    @nirmalendumishra5688 9 месяцев назад

    Amazing episode. Loved the conversation. Thank you so much

  • @prafulladas4891
    @prafulladas4891 Год назад +2

    Very nice talk.l am listening from Rourkela and the Maa Tarini mandir mentioned between Kansbahal is now a shaped a big one.

  • @ashokbhalla4938
    @ashokbhalla4938 Год назад +1

    सौरभ भाई जान , आपकी वजह , आपके ज्ञान की वजह से ये धार्मिक कार्यक्रम देखा .
    बस यही कहूँगा कि ,
    हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
    दिल को बहलाने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है
    दुष्यंत जी के शब्दों में
    ख़ुदा सही न सही , आदमी का ख़वाब सही
    कोई सूरत तो है दिल को बहलाने के लिए .
    बस .

  • @jaiprakashyadav882
    @jaiprakashyadav882 5 месяцев назад

    Sir i am so impressed for your किताबवाला sessions. It’s a very good initiative.

  • @critical_thinker06
    @critical_thinker06 Год назад +10

    This episode is not about religion, it's about spirituality.

    • @varunkhugshal9049
      @varunkhugshal9049 Год назад

      Both are same in indian ethos

    • @SeekerWay
      @SeekerWay Год назад

      India is about that Hinduism is always about spirituality

  • @olah22
    @olah22 Год назад +1

    Bahut badhiya Interview 🎉🎉

  • @MAkInspirational
    @MAkInspirational Год назад

    1:04:10 jeete jee ye jiska satya ye baat ka matlab bahot gehraa hai or ye khud mai ek answer hai uss sawal ka jo log humesa krte aaye hai ke humare grantho mai ye kyu kaha gya haii ke ye jo srushti haii ye jo brahmaand hai ye jo kuch v Hume dikh rha hai ye ek bhram hai ye mayajaal hai ye sab Maaya haii mithya hai...
    Ye Maya ki baat isliye hai kyuki humare granth rachaitaon ne ye jaan liya tha ke jeete jee ye jiska satya jiski Jesi madad kare
    Matlab ek ek hi chiz ke prati alg alg logo mai alg alg drishtikon hai alg alg trh se judey hue hai or alg trh se vyavahaar kar rhe hai ek hi chiz ke prati... ek udaharan ke Taur pe dekhe Toh ek Murti jo mandir mai lagi ho ya puja Pandaal maii lagi ho wo pujniya ho jaati hai lekin ussi murti ko banane waley ke liye wo murti rojgaar haii vyavsaay haii or kharidne waale ke liye kuch aur toh ye jo visheshtaa hai hum manushyon mai ke ek hi chiz ko alg alg trh se alg alg prastithiyo mai alg alg vyavahaar mai or jgh mai badal jaati hai Yahi chiz ko dekh ke sayad humare Granth rachaitaon ne kaha hoga or likha hoga ke ye srushti ek MAYA hai Har ek chiz ek MAYA hai kyuki ye jo visheshta hai ke hai kuch par dikh kuch aur raha alg alg logo ko ye visheshtaa srf MAYA maii hota hai or yahi visheshtaa agr kisi v chiz mai dikhe toh wo MAYA hai
    😅
    Pata nhi mene sahi kaha ya galat par mere mann mai aaya toh maine likh diya

    • @Sankalp0302
      @Sankalp0302 Год назад

      98% सही ही है।

  • @rajkamal486
    @rajkamal486 Год назад

    Itna accha baate hui ki. Kya batya jaaye bahut accha. Thanx saurbah ji.

  • @swadeshtaneja3512
    @swadeshtaneja3512 Год назад +3

    I came across an impressive lecture on Hinduism from an orthodox Christian prospective public lecture by Father innocent and I found his lecture very honest well researched. We know less about our religion than these people. I strongly recommend it. H e talk about idol worship also.A must watch for all Hindus.

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад +8

      Please tell him to do some videos on Quran,Hadit,GAZWA-E-HIND,Sar-tan-se-juda. Because he only focusing one sect of Belief.

    • @swadeshtaneja3512
      @swadeshtaneja3512 Год назад +1

      @thezoldics7648 you are right.But most lectures by western scholars reveal that they hardly understand Hinduism. This one was for a change honest, positive and well researched. I also found from comments the views were similar. So I recommended it.

    • @Aiartpoint
      @Aiartpoint Год назад

      ​@@swadeshtaneja3512I have also listened that lecture and it is not good it is misinterpreted

    • @jkuyujgng
      @jkuyujgng Год назад

      Can you send link pls?

    • @swadeshtaneja3512
      @swadeshtaneja3512 Год назад

      @@jkuyujgng Hinduism from an Orthodox Christian Perspective | Public Lecture | Part 1 (Lecture)

  • @sagaramu1
    @sagaramu1 Год назад +1

    स्मृति की नैतिकता .... नैतिकता हमारे व्यवहार को आकार देती है और स्मृति की नैतिकता का मतलब है कोई ऐसी याद/स्मृति जो आपके व्यवहार को आज भी परिमार्जित करती है .... Just for my understanding

  • @kuhooduggu6215
    @kuhooduggu6215 Год назад +2

    Saurabh Bhai.....
    Aap kaise kar lete ho......
    "Brahman" hote huye itna rational thinking...... ❤Salute Bhau Tula...Lay Bhariiii❤

    • @bhupati_sharma
      @bhupati_sharma Год назад +3

      क्यों क्या ब्राह्मण चिंतक नहीं हो सकते क्या ,
      जो चिंतक नहीं वह ब्राह्मण नहीं है कर्म कंडी है चिंतक की ब्राह्मण हो सकता है

    • @Ashish-rf2eh
      @Ashish-rf2eh Год назад

      मैं ब्रह्मण नहीं पर rational ब्रह्मण ही होता है तभी उसका पद है।

  • @avdheshshukla3011
    @avdheshshukla3011 Год назад +2

    Saurabh sir aap Amish aur Devdutt Patnaik ka ek sath ek interview kijiye🙏🙏🙏

  • @navendubose
    @navendubose Год назад +6

    Such an interesting & amazing interview to listen. So much to learn, read & discover more. Hoping for many more...❤

  • @deepankgupta9820
    @deepankgupta9820 Год назад +3

    What a great line
    It is ❤️..... 1:08:51

  • @shivnaraintiwari59
    @shivnaraintiwari59 Год назад +1

    Such a beautiful conversation ❤

  • @qatarqatar4471
    @qatarqatar4471 Год назад +1

    Aap sabhi ko namaskaar aap dono bahut achchi baat kahi hai

  • @LotayConstructions
    @LotayConstructions Год назад +5

    मूर्ति पूजा इंसान को कपट और लालच कि दुनिया में ज्यादा धकेलते है.. बनिसप्त के अध्यात्मिकता की ओर... क्योंकि देवी देवताओं कि कहानियाँ भी आदमी को इंसानियत कि शिक्षा बिलकुल नहीं देती, सिर्फ स्वार्थ कि पूर्ति कैसे हो यही सुझाती हैं....

    • @LotayConstructions
      @LotayConstructions 10 месяцев назад

      🙏

    • @rockrajpandey
      @rockrajpandey 9 месяцев назад

      वह तो मूर्तिपूजा न करने वाले भी कपट और लालच नहीं छोड़ पा रहे । अपने आराधना में माँगते ही रहते है।
      बल्कि मूर्ति से व्यक्ति ईश्वर से बहुत सरल तरह से जुड़ पाता है। भले उस उच्च कोटि का अध्यात्म न हो फिर भी बहुतायत लोगों के अहंकार को नष्ट करने का सबसे अच्छा तरीक़ा मूर्तिपूजा ही है।

  • @bhupati_sharma
    @bhupati_sharma Год назад +3

    मेरा ऐसा बिल्कुल भी मनाना नहीं है कि कोई ऐसा है जिसने ब्रह्मांड को सोच समझ कर रचा है और लुक छिप कर हमें देखता रहता है,
    पर एक बार को हो भी सकता है कि किसी ने ब्रह्मांड को जानबूझकर रचा हो, पर वह वैसा बिलकुल नहीं होगा जैसा अरे यह सब पाखंडी भाई लोग मानते हैं और ना ही वह हमारे बारे में जानने में कोई रुचि लेता होगा ,कि हम क्या कर रहे हैं,
    हां अगर कोई इस ब्रह्मांड को ही भगवान माने तो कुछ समझ भी आता है ,बाकी अपने मन को दिलासा देने के लिए किन्ही लोगों ने मस्जिद बना लिया, किन्हीं लोगों ने मंदिर और चर्च बना डालें ,कोई जूता पहन के पूजा करता है कोई नंगे पैर पूजा करता है, कोई घुटने के बल बैठकर पूजा करता है ,कोई पलटी मार के पूजा करता है, कोई नहा कर पूजा करता है कोई बिना नहाए पूजा करता है,
    अगर भगवान एक है तो उसकी भावना अलग अलग कैसे महसूस हो सकती हैं या यू कहे कि अलग अलग भावनाओं ने अपना अलग अलग भगवान बना लिया और अपने ही अज्ञान को ,अपने अंधकार को पूजे जा रहे हैं

    • @Ashish-rf2eh
      @Ashish-rf2eh Год назад

      दिमाग तुम्हें बिल्कुल नहीं ऐसा लगता है

    • @bhupati_sharma
      @bhupati_sharma Год назад

      @@Ashish-rf2eh जो लोग कहते हैं कि भगवान एक है वही लोग तो यह कहते हैं कि तुम हिंदू हो हम मुस्लिम है हम अलग अलग हैं, अगर भगवान है तो उसकी बनाई रचनाएं अलग क्यों? अब यह तो भगवान कई सारे हैं ,यह तो कोई ना कोई अंधकार को पूज रहा है,
      मेरी मानो दोनों अंधकार को पूज रहे हैं अगर लोगों के मन से डर और लालच खत्म हो जाए तो मंदिर मस्जिद पर बड़े बड़े ताले लटक जाएंगे, क्योंकि लोग दो ही वजह से यहां जाते हैं या तो उन्हें कुछ मांगना होता है ,यह उनके मन में कुछ डर होता है जो पंडित या मौलवी बैठा देते हैं ,
      अगर मैं पागल हूं तो ठीक यह पागलपन हीं एक दिन पूरी दुनिया पर छा जाएगा और इन पाखंड वादियों, आडंबरकारियो, धार्मिक कायरो को भगाने का रास्ता नहीं मिलेगा, तब इनका अंत होगा वैसा अंत जैसा अंत कृष्ण ने अर्जुन के डर का किया था, अर्जुन की कमजोरी का किया था, अर्जुन के अंधकार का किया था ,अर्जुन के अज्ञान का किया था ,ज्ञान के प्रकाश से, तलवार से नहीं क्योंकि तलवार धार्मिक चुतियों का हथियार है ,
      कोई हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है कोई खालिस्तान ,कोई गजवा ए हिंद का सपना पाले है सबकी अपनी अपनी धार्मिक भावनाएं हैं और सब भावना मिलकर सबको मार देना चाहती हैं

  • @hrishabhsinghsnatan9
    @hrishabhsinghsnatan9 9 месяцев назад

    Lallan top ne amish ji sunane k liye bahut dhanya bad

  • @nishantnikam2996
    @nishantnikam2996 23 дня назад

    Good interview ❤

  • @vijaybahadursingh7445
    @vijaybahadursingh7445 Год назад

    रहस्य के अस्तित्व के परे यह मात्र इन लोंगो की व्यक्तिगत अस्था है जिसमे सत्यता का अभाव है।कोई भी ऐसी वार्ता मृत्यु पर बृहत् वार्ता के अभाव में अपूर्ण हैं।असुरक्षा ही ऐसी बातों को जन्म देती है।

  • @sumeetaggarwal2754
    @sumeetaggarwal2754 Год назад +1

    Aapka Rourkela connection sun kar bahut Achaa laga kyunki main bhi Rourkela se hoon aur sach main tarini mata k darshan main woh vibe hai jo aap apni Maata ji k baare bata rahin hain …. Jai Tarini Ma

  • @abhishekkandwal5753
    @abhishekkandwal5753 Год назад +2

    Such an enriching talk.

  • @virajbhardwaj349
    @virajbhardwaj349 Год назад +50

    कभी आतंकवादियों के धर्म गुरुओं को भी बुलाइए सौरभ जी देखें कौन सा ज्ञान देते हैं वे लोग

    • @rabikiranpati143
      @rabikiranpati143 Год назад

      RSS के बहुत से आतंकवादि आये हैं इस शो में।

    • @reactionmunda368
      @reactionmunda368 Год назад

      Aatanki ke hi dharm guru aasram sahi se dekh yah sab tere hi mutr aatanki hindu dharm ke guru 😂😂😂

    • @rajajiparmarrr
      @rajajiparmarrr Год назад +15

      JNU balo se ye ummed na rkho dost 😂

    • @HimanshuSinghchuphal
      @HimanshuSinghchuphal Год назад +10

      Saurabh pe dhyaan dena kabhi v left ki vichardhara wale logo ko counter question nhi krta jitne josh se rastravadi vichara ka krta h .. fir neutral hone ka dhong krta h😂😂😂

    • @RajeshKumar-jw5mn
      @RajeshKumar-jw5mn Год назад +3

      ​@@rajajiparmarrr😂 jnu ki ghaas bhi nhi choo payega tu

  • @manojmadhukar3778
    @manojmadhukar3778 Год назад +4

    सिन्धु घाटी सभ्यता में मुर्ति का चिन्ह मिला है।

  • @drswapnilchavan
    @drswapnilchavan Год назад +2

    Plz plz
    Plz
    Make more such episodes on understanding BHARAT+RELIGION+ CULTURE+ WORLD❤

  • @indalsahani9051
    @indalsahani9051 9 месяцев назад +1

    Jay Shri ram ❤❤❤❤❤

  • @HaiderImam-t5m
    @HaiderImam-t5m Год назад +1

    जो हमारे बाप दादा मानते थे वही सत्य है तो फिर मानव प्राणी भी जङ पदार्थ है

  • @Mystical3030
    @Mystical3030 9 месяцев назад

    Loved the episode....

  • @adityaverma2038
    @adityaverma2038 Год назад +18

    बिलकुल मंत्रमुग्ध करने वाला संवाद ❤

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад +2

      Inko bolie thoda Quran,Hadit,GAZWA-E-HIND,Sar-tan-se-juda pe bhi charcha kare

    • @adityaverma2038
      @adityaverma2038 Год назад +2

      @@SPanda9938 इनका ही सर तन से जुदा हो जाएगा इस तरफ़ चर्चा करी तो😅

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад

      Sahi bola

    • @theorder1548
      @theorder1548 Год назад

      आधा ज्ञान भयंकर वाले दोनो/कारण धर्म सम्बंधित पूरा अभ्यास नही/बायबल कुरान पढा नही/सत्यार्थप्रकाश पढ़ते तो ये द्वीधा मानसिकता से नही बोलते/ईसाई इस्लामी तत्वज्ञानका समजे न समजे उदात्तीकरण नही करते/ये हमारा कहना

    • @theorder1548
      @theorder1548 Год назад

      शंकर हुसेन काल्पनिक कथा बतानेवाले इस्लामका उदात्तीकरण करनेवाले सौरभ जी एंकर/तो उनसे क्या अपेक्षा धर्म अधर्म पर चर्चा निपक्षपात से /या कोईभी एक अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचना/दोनो विद्वान भी नही पहुंचे इतनी चर्चा कर 1अंतिम निष्कर्ष तक /सब काल्पनिक लग रहा

  • @chandrikasaha6301
    @chandrikasaha6301 Год назад +1

    Reminds me of 'The argumentative Indians'. So brilliantly written by Amartya Sen. A Nobel laureate Economist to have such well rounded wisdom. I was present in the book launch program with my dad. There Mr. Sen gave speech on his book. He can speak in Sanskrit over hours

    • @Aiartpoint
      @Aiartpoint Год назад

      He is leftist I am 100% sure he would have distorted the real things

    • @ahamasmiarinm
      @ahamasmiarinm Год назад +1

      I hope it doesn't hurt you but Amartya Sen is a modern day Jaichand.

    • @chandrikasaha6301
      @chandrikasaha6301 Год назад

      @@ahamasmiarinm 😁it doesn't hurt Sen or me. It hurts the country that is intolerant to critical logical argument from the intellectuals, tags them as jaichand or antinationals, sends them away for other countries' benefit, and trusts on babas, superstitions and oils a few capitalists

    • @ahamasmiarinm
      @ahamasmiarinm Год назад +1

      @@chandrikasaha6301 Trust me, mam, Bharat doesn't miss Sen, nor does it hurt Bharat one bit, and I will tell you why in a moment.
      Before that, I would like to point out the prejudiced and judgemental views you and your ilk carry about Bharat, something not expected from someone who is claiming to be brimming with logic and critical analysis. Let me give you an example.
      Bharat has had Panchang or Panjika since time immemorial. Its calculations are mostly based on Surya Siddhanta, and it used to have regular updates on planetary positions. The updates stopped since Bharat was occupied, but the Panchangs continued. However, ever since NASA started publishing planetary positions, Panchangs started referencing NASA bulletins and then applying those positional readings to the calculations and charts of Surya Siddhanta to come up with Panchangs.
      My point is that the strawmans argument you are trying to make about Bharat and its people, the reality is far from what you perceive, and by thinking what you think and by saying what you say, you are simply trying to pass on your own incompetence and incapability to grasp the reality as other people's fault.
      It's funny that while we consider continuity and longevity as the biggest proof of quality, certain people like you don't want to extend that same logic to civilizations. Even when we buy petty thing like a pair of slippers, we first look for the brand that lasted most, because it means quality, but we don't think or feel the same way when it comes to civilisations. Now, I can understand a non-Bharatiya doing so, because such considerations would burst their myth of civilisational superiority that they have been trying establish for centuries, but seeing some of our own people demeaning our civilization's cultures and norms by making strawmans arguments is really sad. And then you complain about why people are branded as anti-nationals, even though they humiliate Bharat's civilization and culture. Well, you can't have the cake and eat it too, isn't it?
      Regarding Sen, you said you attended his book launch. I don't know whether it makes you an authority on Sen or not, but I would like you to know that he sits on multiple trusts and think tanks funded and maintained by self-proclaimed haters of Bharat like Soros. You don't need to believe me on this, you can research it on your own.
      Are you saying that Soros is funding research groups and think tanks who are working for the betterment of Bharat? Nah! I'm not that naive, and I guess most Bhartiyas aren't either.

    • @chandrikasaha6301
      @chandrikasaha6301 Год назад

      @@ahamasmiarinm it hurts our argumentative culture, thereby expedites brain drain and promotes hasty decisionmaking by an one man army - that is how demonetisation happened, that is how agniveer happened, that is how farmer bill came. Listen to discussions on Raghuram Rajan's recent book. We don't even have top ranking universities and our talented students settle in the US because our arguments are not argumentatively fought or defended. We run Google, Microsoft, Bose but not in our country. Our legendary classical musicians get honour abroad, our atheletes harassed, because dissents are repressed for sake of power. Ashok Rudra, Ashok Gulati had arguments against Sen but those were on the merit of logic. They didn't brand Sen as Jaichand. That is called educated debate. Obviously Sen or any other person alone can't hurt a country. Please read some of his books instead of branding one intellectual in the name of an ideology -that would make you an wiser person. Form logic, acquire wisdom, form opinion.

  • @Shri10001
    @Shri10001 Год назад +1

    Amish ji se bolna chahunga ki ap desi clothes ko represent kre na ki western. Atleast temperature ke according to clothes select kre ab. Baki knowledge bahut deep tha. Infact saurabh ka knowledge hi interview ko nxt level kr deta h. #spiritual

    • @Anomander5622
      @Anomander5622 11 месяцев назад

      Bhai haan acchi bat hai indian kapde pehena par thik hai kapde ek insaan ko define nahi karte. One can love western clothes more and still be a patriot indian and amazing hindu. Politicians pehente to hai desi clothes. Kuansa bhut accha kaam karte hai

  • @rajeshtyagi2502
    @rajeshtyagi2502 Год назад

    वाह, बेहतरीन। तीन के तीन एक से बढ़कर एक बुद्धिजीवी। प्रतिभा की गंगा,जमना सरस्वती एक साथ बह रही है।

  • @Yuvraj_Singh_Universe
    @Yuvraj_Singh_Universe Год назад +1

    प्रणाम सर,
    मुझे किताबो से बहुत लगाव है।
    में निरंतर किताबे पढ़ता रहता हूं।
    आप किताबवाला बैठकी का संचालन करते है। आपको किसी किताब को पढ़ने में कितना समय लगता है और आप ये स्मरण केसे रखते हैं की किसी किताब में कोनसा तथ्य लेखकों से पूछना है। मेरा तात्पर्य है की किताबो को कम समय में पढ़ने और याद करने में आपका सुझाव दीजिए।

  • @statustechbr2472
    @statustechbr2472 9 месяцев назад +1

    जय सत्य सनातन धर्म की❤❤❤

  • @LalaramYadav-cq8rw
    @LalaramYadav-cq8rw Год назад +3

    2014 के बाद धर्म के नाम पर तानाशाही धमकाना नफरत मारपिट लिंचिंग बहुत हो रही है और सरकार जानपुछ कर मौन रहती है कट्टर धार्मिक लोग खुश हो रहें हैं

    • @meenajadhav717
      @meenajadhav717 9 месяцев назад

      कट्टरता खतरनाक होती है - मानवता और लोकतंत्र के लिए

  • @Mr_amann
    @Mr_amann Год назад +3

    I want to know what Saurabh sir thinks about religion.

  • @jaybhavani8416
    @jaybhavani8416 Год назад +1

    Dharma -
    Theoretical and practical
    Spiritual science and philosophy
    i.e.
    Aadhidaivic -Aadhyatmic
    gyaan -vigyaan - vidya
    To know the real meaning of Dharma
    To know the real goal of life
    To know the iternal spiritual awareness
    Mukti - Moksha
    Murti -
    Paramatma ka sthul rup aur
    Mantra sukshama rup .
    Pran -
    Pran tattva ki murti me pratishtha .
    ' pran tattva ' - book
    Swami Vishnu Tirth
    Narayan kuti sanyas aashram , Devas , M.P.

  • @Kalamkar2004
    @Kalamkar2004 Год назад +2

    I was waiting for kitaabwala's new episode...
    Thank you sir

  • @namitaupretitewari
    @namitaupretitewari Год назад

    Beautiful interview

  • @adarshpandey5096
    @adarshpandey5096 Год назад

    आपके मेहमान और उनके साथ हुई चर्चा बहुत ही ज्ञानात्मक होती है जिसको सुनते सुनते मग्न हो जाते है लेकिन बीच बीच में आपके प्रचार आकर मग्नता को भंग कर देते है। यदि संभव है तो कम से कम प्रचार को जोड़ा जाय।

  • @mrunalgadge9512
    @mrunalgadge9512 Год назад +1

    When he said Chanakaya niti... Means he is going for RSS mindset !!!... Good for him.. but not good for country.. We Ambedkarite are there ... to fullfill Buddha, Ashoka and Ambedkar thoughts with dignity and wisdom..

    • @manojjoshi-li6km
      @manojjoshi-li6km Год назад +1

      We are okay with RSS mind set .......we don't want fractured thought of liberals

    • @manojjoshi-li6km
      @manojjoshi-li6km Год назад +1

      Where is your wisdom when you eating animal

    • @supercrazydesi
      @supercrazydesi Год назад +1

      Looks like you assumed chanakya niti to be RSS. Even if it is, you should read it before deciding it is bad.

  • @prashantbameta1322
    @prashantbameta1322 Год назад +3

    Blind fan of AMEESH. saurab bhai thanks for calling him

    • @prashantbameta1322
      @prashantbameta1322 Год назад

      Thore mote ho gye Ameesh bhai but for me u r smartest man of our culture

  • @sandeepkumar-markov
    @sandeepkumar-markov Год назад +2

    Need more content on philosophy and spirituality! 🙌

    • @paulthomas281
      @paulthomas281 Год назад

      @sandeepkumar-markov
      India never had religions. It was the abode of the greatest philosophies. These philosophies were distilled to the masses so that ordinary people could cultivate wisdom and practice spirituality. Religion came with the Mohammedans. And following, Indian civilisation in the North and North-West was burned to the ground. Indians today have no idea what India used to look like, because what the Muslims wanted to do was to destroy our visual arts and architecture. North India had Rome, Vienna, Basel, Budapest, Dresden and Prague. But now there is no trace of it.

  • @sandy_1619
    @sandy_1619 Год назад +1

    Mere village me ek aadmi Durga maa ke mandir me ro ro ke Mike me apni dukh batata hai sub pagal kahte hai aur ye padhe likhe hue bole ki rote the to log kahenge how cute.😂😂

  • @newstoday6894
    @newstoday6894 9 месяцев назад

    अमीश जी सनातन के गुण बताना चाहते है लेकिन सायद वो डर रहे है की 1 वर्ग उनसे नाराज न हो जाए ।🙏

  • @king.2223
    @king.2223 Год назад

    40:11
    Aap ne jo kaha ki god is male in abrahimic religion.
    Is ka source kya hai???

  • @ushadharni6009
    @ushadharni6009 Год назад

    Excellent discussion

  • @sanjaydwivedi4003
    @sanjaydwivedi4003 10 месяцев назад

    अमीष जी कि यह बात हमें भी खटकती है कि मंदिरों में आया दान सनातन संस्कृति के विकास के लिए उपयोग न होके सरकार अपने तरह से उपयोग करती है।
    वेदों ,उपनिषद , पुराण, आदि के प्रचार को समर्पित होना चाहिए। शंकराचार्य पद को महत्वपूर्ण बनाया जाए। आधुनिक गुरकुल को बनाया जाए। शास्त्रार्थ को आधुनिक बनाया जाए। आचार्य चाणक्य कि रचनाओं को जब अमेरिका अपने रक्षा संस्थान में उपयोग मे लाया जा रहा है तो हमारे यहाँ क्यों नहीं। उतर वेदिक काल मे भारत की उपलब्धियों को जन सामान्य मे प्रचार किया जाए।

  • @destination914
    @destination914 Год назад +2

    अदभुत❤❤

  • @hammadraza9255
    @hammadraza9255 Год назад +2

    Idol worshiping murkhta k siwa kuch bhi nahi, ab ise chahe kitne hi sabhya shabdo me piro lo, ya kitna hi 1 dusro ki raey ko samman deni ki baat kar lo,
    Ye aise hi hai, jaise samlengikta ko kitna hi natural dikha kar samaj par thop dene se satya nahi badal sakta k khuda ne mard ko aurat aur aurat ko mard se apni upasna ki pyas bujhane ka shodh banaya hai, waise hi patthar puja par kitna hi logic di jaey, wo koi maqool ya sahi nahi ho sakta.

    • @bhupati_sharma
      @bhupati_sharma Год назад

      आपके पिताजी की मृत्यु हो जाए और आप उनकी बातों को याद रखने के लिए, उन्हें याद रखने के लिए उनकी फोटो लगा ले घर में ,तो क्या यह मूर्खता होती है ,
      राम का चित्र, कृष्ण का चित्र मात्र चित्र नहीं है उनके पीछे वह विराट चरित्र है , जिसे राम और कृष्ण की पूरी जीवन लीला हमें एक क्षण में याद आ जाती है ,हमें याद आ जाती है उनकी बातें, हमें याद आ जाता है कि राम ने भी कई मुसीबतें झेली है पर वह मधुर मुस्कान को उनके होठों ने कभी नहीं छोड़ा, हनुमान जी की फोटो देखते हैं हमें प्रेरणा मिल जाती है कि चाहे जितने बल बुद्धि ज्ञान के सागर हो जाए पर रामत्व के चरणों में झुक कर ही रहना है रामत्व मतलब सत्य , या महात्मा गांधी के शब्दों में कहे तो 'निर्बल के बल राम' शिवा शंकर के फोटो देखते हैं में ध्यान आता है कि प्रकृति का महामौन,
      वैसे तो गांधी जी के फोटो भी नोट पर लगी है तो क्या वह भी मूर्खता है गांधी जी के फोटो लगी है गांधी जी के चरित्र की वजह से कोई शहीद हो जाता है उसकी मूर्ति लग जाती है क्या वह भी मूर्खता है क्या उसे शाहिद की मूर्ति से की जो लोगों को प्रेरणा नहीं मिलेगी

  • @ayushkumar2436
    @ayushkumar2436 Год назад +4

    Bring Anand ranganathan to this show please

  • @drnavranggautam2671
    @drnavranggautam2671 9 месяцев назад

    तर्क-वितर्क और कुतर्क ! मेरे विचार में ध्यान का प्रथम स्तर ही तर्क-वितर्क से आरम्भ होकर, दूसरे में लक्ष्य, तीसरे में चित्त की अनुपस्थिति और चतुर्थ में समाधि है ! प्रथम स्तर में साधक तर्क-वितर्क में स्वंय पूर्व एवं उत्तर पक्ष होता है ! ध्यान के दूसरे स्तर में लक्ष्य की स्थापना और तीसरे में चित्त की अनुपस्थिति कर चतुर्थ में समाधि में प्रवेश करना है। परन्तु यहां कुतर्क या असंगत प्रश्नों का न कोई औचित्य है और न ही उनके उत्तर खोजने की आवश्यकता।

  • @rahuls4924
    @rahuls4924 Год назад +2

    32:10 Hats off to Amish Tripathi, what a reply, what a humble man with wisdom,Saurabh Diwedi ko uski aukad dikhadi, sara ghamand tod diya, just see Saurabh's face after that #corruptLallantop #corruptSaurabhDiwedi

  • @UrVikasSrivastava
    @UrVikasSrivastava Год назад

    मूर्त्ति पूजन क्यों?
    हिंदू धर्म में मूर्ति पूजन का आरंभ का आधार ध्यान की कल्पना और प्रक्रिया में निहित है । जब आप ध्यान की प्रक्रिया में जाते है तो किसी निराकार के स्थान पर एक साकार पे ध्यान करना आसान हो जाता है । एक प्रकार से ध्यान की प्रक्रिया में मूर्ति पूजन इसे आसान बना देता है । इसे आप ध्यान की प्रक्रिया का आरंभ मान सकते है। क्योंकि निराकार पर ध्यान करना एक उच्च स्तर की ध्यान प्रक्रिया है इसलिए अधिकांश लोग मूर्ति पूजन तक ही सीमित रह जाते है।और हम हिन्दू धर्म को मूर्ति पूजन तक ही सीमित समझ लेते है ।

  • @vipulnath6046
    @vipulnath6046 Год назад +1

    Amish= respect, love your works, im a fan

  • @jayatewari1272
    @jayatewari1272 Год назад

    देखिए शिव शंकर क्या हैं,हम समय आने पर बतायेंगे, क्योंकि हम इस बात के दृषटा हैं हमें ध्यान में दृश्य साफ दिखाया गया हम यह दृश्य शरीर रहित देख रहे थे। इत्यादि इत्यादि।

  • @AmmakiKhojmati
    @AmmakiKhojmati 9 месяцев назад

    39:45 murti pooja kyu explanation

  • @sumitdas9691
    @sumitdas9691 Год назад +1

    Yeah podcast dekh mujhe Ramayan yaad a Gaya ..

  • @waqta-abadboy7175
    @waqta-abadboy7175 Год назад +2

    Murti pooja ki shuruaat baudh dharm ke mahayaan shakha se hi aaya.... Usase pahle murti kala hi bikishit nhi thi.... Pahli satabdi me jab kanishk ne gandhar aur mathura me murti kala kendr ki sthapana ki.... Usase pahle ki ek bhi hindu devi devtao ki murti nhi milti puratattav vibhag iski pushti karti hai

    • @ranasingh4356
      @ranasingh4356 9 месяцев назад +1

      Jab se shristi hai tab se murti puja hai.

  • @shubhdeepkhanna
    @shubhdeepkhanna 11 месяцев назад

    Good conversation

  • @doctorbrash5068
    @doctorbrash5068 Год назад +6

    Amish TRIPATHI with a Management degree and a record of writing fantasy-mythological novels says that modern Indian state should be run on Chanakya principles.
    I think he should be the next Prime Minister. Chetan Bhagat should be deputy PM.

  • @truebeliever5761
    @truebeliever5761 Год назад +5

    The Lallantop se vinti he ki islamic Scholars kobhi show me bulaya jaye jiise islam ka pksh bhi logoke samne khul jaye jaise Adv. Faiz syed, Zaid patel (Or Pak se Mufti tariq masood kobhi bula skte he agar koi problem naho)

    • @SPanda9938
      @SPanda9938 Год назад +1

      Bhai ye karne se Inka bhanda poot jayega

    • @AbigailRomero-o2u
      @AbigailRomero-o2u Год назад

      Ye kabhi nhi bulayenge aise scholars ko jo islam ka sahi paksh rakh saken.
      Ye bulayenge bhi to modern muslims ko aur unke dwara islam ka paksh rakhwayenge jinka concept khud clear nhi hota na wo practicing muslim hote hain. Aise logon ko bulakar ye log islam ka bigda hua roop samaj me failate hain jisme ayyashi fahashi bepardagi nach gana aur gair islami chizon ke liye jagha hoti hai. Jab aise muslim ko non muslims sunte hain to kahte hain ye sacha muslim hai aur is tarha practicing muslims ko log kattar manne lagte hain aur nafrat karte hain.
      Agar islam par hi bat karni hai to kisi ache islamic scholar ya mufti ko q nahi bulate show me...malum hai agar bulayenge to islam ka sahi concept pahunchega logon tak. jabki ek sacha musalma hi smjh skta hai ki tv wale muslim ke basics hi hile hue hain wo kya paksh rakhega islam ka.

  • @bitsbytes4454
    @bitsbytes4454 Год назад +1

    वेदों में सारे देवताओं की रुपों का वर्णन है । वेे मे सिर्फ निराकारवाद नहीं है ।

  • @LalaramYadav-cq8rw
    @LalaramYadav-cq8rw Год назад +1

    इस तरह के मुर्ख लोगों की किताब कोई ना खरिदे ना कोई पढ़े तो अच्छा रहेगा कभी तो ईशवर को नहीं मानता था तो तरक्की कैसेकी???????

  • @asifbhaivahora8102
    @asifbhaivahora8102 4 месяца назад

    All roads dont lead to same destination and so absolute truth means only one path is correct and rest will lead to unintended destination. LALLANTOP should invite Dr. MUFTI YASIR to discuss on why athiesm or idol worship is wrong as there is none so logically perfect in explaination.

  • @physics9540
    @physics9540 Год назад +1

    Connecting concept of resonance with murti puja sounds ill logical ....
    Every object is emitting some frequency which is its natural frequency ...
    How does natural frequency changes when a stone is cut in murti ...

  • @mindblowing007
    @mindblowing007 10 месяцев назад

    No one has a bed of roses 🌹 🙌

  • @sanjaydwivedi4003
    @sanjaydwivedi4003 10 месяцев назад

    जैसे जैसे समाज उन्नत होता गया नागरिक व्यस्त होते गये, और गूढ़ विषय जैसे उपनिषद छूटते लग गये और ब्रम्ह ऐवं चेतना के स्तर कि उपासना सर्व सुलभ नहीं रह गई थी। और संभवतः ईसी कारण से प्रतीक उपासना शुरू हुई होगी।

  • @LotusLoomsDesigns
    @LotusLoomsDesigns 9 месяцев назад

    Saurabh Dwivedi .... Dil Se ! ! !

  • @हटके
    @हटके Год назад +2

    Sati partha jaisi practise kaise band hoti ,agr minimal state follow krtey toh

    • @ranasingh4356
      @ranasingh4356 9 месяцев назад +1

      How prevalent was sati pratha ?
      Can you cite some examples as when and where it was practised ?
      Is it still prevalent?
      Please respond .....and we will discuss further.

    • @हटके
      @हटके 9 месяцев назад

      @@ranasingh4356 entire history of widows are full of stories like sati Pratha....

    • @ranasingh4356
      @ranasingh4356 9 месяцев назад +1

      @@हटके cite a few examples

    • @Dhanush-ww5lk
      @Dhanush-ww5lk 3 месяца назад

      ​@@हटकेbe specific don't generalize

  • @ranveerrana7953
    @ranveerrana7953 Год назад +1

    Only acharya Prashant ❤❤

  • @hariprasaddhakad9074
    @hariprasaddhakad9074 Год назад +1

    मूर्ति पूजा को विज्ञानीक दृष्टिकोण से देखना होगा
    ओशो रजनीश ने मूर्ति पूजा का रहस्य बखूबी समझाया है
    जो लोग मूर्ति पूजा के विरोधी है उनको मूर्ति पूजा पर ओशो रजनीश के विचारो को अंतर्दृष्टि को समझना होगा

    • @shrin210
      @shrin210 11 месяцев назад

      Why are you forcing everything to Scientific view?
      Are there any scientific benefits of winning in sports, music, dance, arts etc. What do they achieve by competing and winning?
      Doing idol worship just because it's scientifically accurate is Wrong.

    • @hariprasaddhakad9074
      @hariprasaddhakad9074 11 месяцев назад

      @@shrin210
      How idol worshipping is wrong ?
      Is it wrong because an illiterate oerson hate the idols of GODs of other people and he wanted others to worship his imaginary ALLAH ?

    • @shrin210
      @shrin210 11 месяцев назад

      @@hariprasaddhakad9074
      I'm saying do not do idol worship just because it's scientifically correct.
      Do not hate and force any kind of worship.

    • @hariprasaddhakad9074
      @hariprasaddhakad9074 11 месяцев назад

      @@shrin210
      I purchased a MOBILE because I know it is scientifically correct and I will talk to a person by dialling his number......
      Whatever is scientifically correct must be practiced otherwise no ody will purchase a MOBILE.

    • @shrin210
      @shrin210 11 месяцев назад

      @@hariprasaddhakad9074
      i worship 10 gods and it's idol. Which type of scientific benefits I'm getting from each God?

  • @vinodvajpayee1351
    @vinodvajpayee1351 9 месяцев назад

    सीखने की प्रक्रिया स्थूल से सूक्ष्म की ओर जाती है। इसलिए निराकार भगवान को जानने के लिए मूर्ति से शुरू करके अहम् ब्रह्मास्मि तक पहुँचता है।

  • @KrishnaKumar-wi6bb
    @KrishnaKumar-wi6bb Год назад

    Dhanyawad sir........

  • @lovelyangles7928
    @lovelyangles7928 9 месяцев назад

    Speechless

  • @rajeshdixit9364
    @rajeshdixit9364 Год назад +2

    हम सनातन किसी भी जाति-धर्म से कम तर नही।👍✅️

  • @saifshaikh8300
    @saifshaikh8300 Год назад

    Rocks Worshipped As 'Kuldevtas' In Madhya Pradesh Are Dinosaur Eggs.
    Quote-unQuote:
    "We used to offer coconuts to Bhilat Baba and performed the puja. Villagers also used to offer goats during rain," Vesta Mandaloi, a resident of the Padlya village, said
    "We have a dinosaur park that was built in 2011. Many times people in the villages around there find such fossils and start worshipping them," Divisional Forest Officer (DFO) AS Solanki said.
    The team of experts @ Dinosaur Fossil National Park Bagh should return eggs to villagers as we need to maintain respect and not hurt rocks worshipper.
    All this @ the cost of this concluding statement 1:03:58
    No wonder!

    • @varunkhugshal9049
      @varunkhugshal9049 Год назад

      Toh hamare liye toh har chiz Parmatma ka hi ansh hai,.momin k bas main hota toh maar kaat macha dete, aag laga dete sare gaon ko..
      Momin 😂😂 dusre ko andh bhakt bolte hain , jb ki unka nabi unth ka muut pine ko kehta, or momins ka paedophile nabi kehta kalonji khao, sari bimari thik ho jengi... Jake dekho adam seeker ko , ex muslim sahil ko, sajid imam ko 😂😂 kya kya bakwas likhi hai, dinosaurs ki ande toh phir bhi choti si baat hai 😂

  • @dkyadav83
    @dkyadav83 Год назад

    मूर्ति पूजा का सही जवाब नहीं दिया । मूर्ति पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि हर किसी की दूरदृष्टि नहीं होती ।जो आदमी आंख बंद करके ध्यान नहीं लग सकता उसको ध्यान केंद्रित करने के लिए सामने प्रतिमा दी गई है ताकि उन्हें वह वह जाने जिसे वहआंख बंद करके नहीं देख सकते ।

    • @journeyofsouls1729
      @journeyofsouls1729 Год назад

      समस्या तब खडी होती हे जब वह बल्ब को भी भगवान मान ले या एक डस्टबिन को अपना साकार मान ले या रोड पर बेरीकेट को निराकार मान ले।
      पर जरुरत क्या हे मूर्ती पुजने की ? क्या इसका समाधान वेद पुराण मे नही अगर नही तो क्यो नही?

  • @ArshadKhan-dp5yw
    @ArshadKhan-dp5yw Год назад +2

    *SWAMI DAYANAND on idol worship* :
    *1.* “ *VIRTUOUS ACTS* , the worship of one true God and correct knowledge lead to Emancipation, *WHILST AN IMMORAL LIFE* , the *WORSHIP of IDOLS* (or other things or persons in place of God), and false knowledge are the cause of the *Bondage of the soul.* ” ~ [English SATYARTH PRAKASH, Light of Truth Page 274]
    *Thus, Swami calls Idol worship IMMORAL.*
    *2.* " If you resort to *PRACTICES like IDOL WORSHIP* which have been interdicted by the Vedas *WHY THEN ARE YOU NOT A SINNER* ? " [English SATYARTH PRAKASH, Light of Truth Page 377]
    *Implying that idolaters are SINNERS.*

    • @sandeepbhatt8454
      @sandeepbhatt8454 Год назад

      That was his view but he didn't say to destroy the idols

    • @anonymousdoctor8369
      @anonymousdoctor8369 Год назад +1

      jyada neta na bano apke alla ke bhi murti hai jo quran mai described hai so its better to focus on your religion

    • @anonymousdoctor8369
      @anonymousdoctor8369 Год назад +1

      during his pan-India wanderings, Swamiji arrived at Alwar in Rajputana, sometime in the year 1891 and met the Prince, Maharaja Mangal Singh.The Maharaja was very Westernized, and although a Hindu, had absolutely no faith in image worship. He made mention of his utter disbelief to Swamiji in a scoffing and sarcastic tone, adding that to his vision, they were mere clay or stone figurines. Swamiji tried to explain to him in many ways but to no avail. At last, Swamiji chanced upon a picture of the Maharaja adorning the wall and requested that it be handed over to him. He then commanded the prime minister and others to spit on it. Everyone was flabbergasted and refused to do his bidding. Even the Maharaja seemed to be shaken. Swamiji then said to the onlookers : “ The Maharaja is not bodily present in the picture. This is only a piece of paper. It does not contain his bones, flesh and blood. It does not speak or move or behave as the Maharaja does; yet all of you refuse to spit on it, because you see in this picture the shadow of your Maharaja. By spitting on it, you feel that you are insulting the Maharaja himself.”
      Then turning to the Maharaja he continued, “See, Your Highness, though this is not you in one sense, in another sense it is you. That was why your devoted servants were so perplexed when I asked them to spit upon it. It has a shadow of you; it brings you into their minds. Therefore they look upon it with as much respect as they do upon your own person.”
      “ Likewise it is with the devotees who worship stone and metal images of Gods and Goddesses. It is because an image brings to their minds their Ishta (chosen deity), or some special form and attributes of the Divinity, and helps them to concentrate, that the devotees worship God in an image. They do not worship the stone or metal as such. Everyone is worshipping the same one God who is the Supreme Spirit, the Soul of Pure Knowledge.”
      Needless to say, Maharaja Mangal Singh, now completely convinced stood with folded hands before Swamiji and thanked him from the bottom of his heart for having opened his eyes and dispelled his long-standing doubts, once and for all.

    • @ArshadKhan-dp5yw
      @ArshadKhan-dp5yw Год назад

      @@sandeepbhatt8454 *THIS ONE IS FOR YOU* !👇👇
      *Swami DAYANAND SARASWATI founder of the ARYA SAMAJ on Idol Worship* : A few evils of idol worship [English Satyarth Prakash, Light of Truth Pages 380-381]
      *1.* " If some *one were to say to another person that he would put a stone in his name or place* , he will feel angry and will most likely abuse him or hit him back.In like manner the IGNORANT PEOPLE who take a STONE to be the SYMBOL OF THE DEITY and WORSHIP IDOLS in PLACE OF GOD will surely have the *DIVINE WRATH VISITED UPON THEM.* "
      *2.* " *It is evil practices like idol worship* that are responsible for the existence of millions of idle, lazy, indolent, and beggarly PRIESTS IN INDIA, who are mainly answerable for this wide-spread ignorance, fraud and mendacity in the country." [English Satyarth Prakash, Light of Truth Page 384] 🙏🙏
      Dear Sir... I commented on this Video not to insult any faith. I fully respect the faith and the feeling of every individual on this planet.. Kindly tell me where God (the Almighty) talks about it's Idols or Images in Quran.. Please i need to know.. Thank you brother.. *Without prejudice of course.*

    • @AbigailRomero-o2u
      @AbigailRomero-o2u Год назад +1

      Ye kabhi nhi bulayenge aise scholars ko jo islam ka sahi paksh rakh saken.
      Ye bulayenge bhi to modern muslims ko aur unke dwara islam ka paksh rakhwayenge jinka concept khud clear nhi hota na wo practicing muslim hote hain. Aise logon ko bulakar ye log islam ka bigda hua roop samaj me failate hain jisme ayyashi fahashi bepardagi nach gana aur gair islami chizon ke liye jagha hoti hai. Jab aise muslim ko non muslims sunte hain to kahte hain ye sacha muslim hai aur is tarha practicing muslims ko log kattar manne lagte hain aur nafrat karte hain.
      Agar islam par hi bat karni hai to kisi ache islamic scholar ya mufti ko q nahi bulate show me...malum hai agar bulayenge to islam ka sahi concept pahunchega logon tak. jabki ek sacha musalma hi smjh skta hai ki tv wale muslim ke basics hi hile hue hain wo kya paksh rakhega islam ka.

  • @aditya.office
    @aditya.office Год назад +1

    विग्रह और मूर्ति क्या दोनो एक ही शब्द है ।
    Dear saurabh ji

    • @sarozkumar3939
      @sarozkumar3939 Год назад

      क्या आत्मा, परमात्मा और ब्रह्म एक ही अवस्था के विग्रह नाम हैं ?

    • @adeshshukla5247
      @adeshshukla5247 Год назад

      आत्मा परमात्मा पर आचार्य प्रशांत जी से प्रश्न करो बहुत अच्छे से समझाएंगे

    • @MstomarTomar-zh5bm
      @MstomarTomar-zh5bm 8 месяцев назад

      ​@@sarozkumar3939परमात्मा को सागर की तरह मानो और आत्मा तरंग चूंकि तरंग कुछ समय बाद उठकर दोबारा सागर में ही लीन हो जायेगी परन्तु सागर पर इसका कोई असर नहीं होगा इससे ये पता चलता है कि तरंग का अस्तित्व सागर पर निर्भर है परन्तु सागर का अस्तित्व इतना बड़ा है कि जब तक तरंग सागर में विलीन होकर उसका हिस्सा नहीं बन जाती उसको पता नहीं चलेगा
      ऊं नमो भगवते वासुदेवाय।

  • @VivekSingh-si1ut
    @VivekSingh-si1ut Год назад +2

    गनीमत जानिए की फिल्म वाले ज्यादा किताबें नहीं लिखते हैं। नहीं तो यहाँ भी वही छाए रहते।

  • @ayushkumar2436
    @ayushkumar2436 Год назад +1

    Please invite Anand Ranganathan to this show