अपनी परम्पराओ को बखुबी संरक्षित करना,जंगल व पहाड़ की जड़ी बूटियों का ज्ञान उनकी उपयोगिता सच मे मानव को प्रकृति से जोडती है इसलिए उनकी प्रकृती मे अगाध आस्था होती है। इस समृध्दि संस्कृति से रुबरु हो हम धन्य हुए।
बेटी आप सभी को नमस्ते हम आप के सारे वीडियो देखते हैं हमें बहुत पसंद आते हैं हिमाचल प्रदेश बहुत ही सुंदर है हम पंजाब में रहते हैं और हिमाचल प्रदेश को बहुत प्यार करते हैं
I am from Kullu, I know traditions well, after watching Kinnaur culture, I am much facinated towards Kinnaur. Had earlier seen Holy fair celebrations in kinnaur, fabulous. Kinnaur is materpiece of Himachal
इस कार्यक्रम मे शामिल सभी ग्राम वासियो को हार्दिक शुभकामनायें !वर्षों से चली आ रहीं परंपरा को आज भी सजीव संस्कारमय रखना आसान नहीं होता बहुत बहुत बधाई !
Anjali mam,don't bother negetive comments because it's your culture & customs & u knew about these very well & evryone's culture is different so don't feel bad on negetive comments. We should respect all religions cultures etc.Thanks for increasing time of video.As usually your video is sooooo informative. Keep it up.🌸🌺💐🌼⚘🌻🌿
Happy fulyetch Anjali God bless you Himachal ka ye culture bahut purana and pure he jis par hame Garv karna chahiye yahe asli Indian culture he aap to heaven me rahte ho jaha hamare Devi Devta rahte he you are so lucky Jo negative comments karte he wo shayad es ruhane culture Ko nahe samjhte don't worry aage baro Devta ji khush hoge love from Zirakpur✌️
मै दो साल पहले युल्ला गांव में रुका था और श्री कृष्ण मंदिर के दर्शन का सौभाग्य मिला था। महासू देवता और भीमकाली माता के मंदिर भी गया था। किन्नौर के लोग बहोत अच्छे है। आप सब को खूब खूब धन्यवाद।
Happy flower festival अपनी संस्कृती का पालन करना चाहिए और सबको उसका आदर करना चाहिए ये उत्सव बहुत सुन्दर है हर राज्य में अपने संस्कृती पालन करते हि पूजा पाठ कि जाती हैं और ऐसा ही करना चाहिए
Amazing culture.... people in kinnaur are the gifts of God in earth... people are just dancing day as well as night also...just amazing 😍 full of joy hole day...and for flowers ...they went to higher Mountains........I have no words to say ... about the hard work , culture...🥰but love kinnaur so much.... thanks Mountain fairy ji for this beautiful vlog....
The way that grandfather talked about flower collection and herbs is amazing in one word, he explained it in a very nice way which I liked very much.🤗🤗🤗🤗☺️☺️💐💐💐☺️💐
Sahi kaha aapne bilkul kismat wale hi wahan rehtey hai. B'coz 7.5 crores himachal pradesh ki total population hai. Usme se 1.20% Kinnaur me rehte hai. Life is very difficult there. Agar aap ko wahan tourist ban ke bhi jana hai to bahut courage and strong mental health ki zarurat hogi.thanks.
Thank you Anjali ji, you are doing a great job,, मैं भी हिमाचल से हूं मगर फुलेच के बारे में केवल किताबों में ही पढ़ा था । आज आपने इस वीडियो के माध्यम से सब कुछ आंखों के सामने ला दिया। यूं लगा जैसे मैं भी इन लोगों के साथ फूलेच मेले, उत्सव में शामिल हूं । इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए dhanywad । ♥️♥️♥️
Anjali what an informative vlog u made about the root culture of Him aval...Love ur place..So beautiful without any duplicacy..Keep it up don't care about the negative comments..Every body has their own culture and believes...
Sbko ye pta hona chaiye ki himachal ko DEVBHUMI hi isiliye kehte h jha dev niwas krte h..unpr dhyan mt diya kro jo bina kisi reason k commnt krte h...i like ur voice.very sweet...or uncle ji ne jo byaya wo bht interesting h...knowlegable...
Sitting at home far from main land India... get to see lovely culture and traditions.,it's majestic and mesmerizing wonderful culture of entire Asia,.I must say ., lovely peoples hardworking., peaceful place., love to see more blog from you Ma'am., happy flowers festival to you all.. stayed blessed., love from northeast region 🙏🙏🙏
@@sanjaynegi6686 sir.... but many of them didn't think of us as an indian..... now we get new name.... corona".... before that they use to call us chinky...momos....but no problem we love our country.... jaihind jai bharat 🇳🇪🇳🇪🇳🇪
@@sanjaynegi6686 it's sir....we tribal community are not like them right....so be happy always and live life as it's flows....do good be good and greatness be upon you 🙏
Hostory of फुलेच मेला(उख्यङ मेला) Festivals Of Flowers:- किन्नौर जिला में तरह-तरह के मेले होते हैं। उख्यङ (फुलेच ) उन मेलों में उख्यङ मेला प्रमुख तौर पे आता है । उख्यङ (फुलेच )का अर्थ होता है (ऊ-कायङ) फ़ूलो के साथ कायङ नृत्य करने का मेला .. इसे फ़ूलौ का मेला भी कहा जाता है। Uh (ऊ) का अर्थ होता है Flowers(फूल) & Kayang (कायङ) Dance Nati (नृत्य) इस मेले में देवालु हिमालय पर्वत (कंड़े )जा कर विभिन्न प्रकार के फूलों को लाते हैं जैसे Brahmkamal(रोन्गोर/ड़ौगौर ), Musk Larkspur (लोस्कारच) , Himalyan Knotweed ( शवीग-पाटीन्ग्च /शवीग सीलंग), Poa Alpina (जौल जी/लानू ऊ), Carex Nivalis ( रोक सीलंग) Paboo Uh, Saussurea gossypiphora (खास्बाल) फूलों को लाकर माला बनाकर देवताओं को अर्पण की जाती है देवालु स्वयं भी फूलों को अपनी टोपी पर लगाते हैं ओर देवताओं के समक्ष पारम्परिक नृत्य (नाटी) लगाते हैं । फुलेच मेला पौराणिक किन्नौरी लोक गीतों के अनुसार में सबसे पहले देवता साहब बौण्डानाग जी के मन्दिर प्रांगण (कलै) से शुरू होकर अधिकतर किन्नौर क्षेत्र में मनाया जाता है और अंतिम फुलैच गंधर्व देवता जी के याना और माहेश्वर जी के वांगपौ(किन्नौर) में मनाया जाता है। फुलेच एतिहासिक मेला लगभग दो महीने तक विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग देवी देवताओं के क्षेत्र में मनाया जाता है । इस मेले को मनाने का प्रमुख कारण प्राचीन काल में लोग विभिन्न प्रकार की बिमारीयों से मुक्ति के लिए देवी आज्ञा से इस समय कंड़े जाकर जड़ी बूटियों के साथ-साथ नये उत्पन्न फूलों का एकत्रित किया करते थे और ऊंचे पहाड़ों में अदृश्य देवी देवता ( नाग,नारायण, यक्ष,गन्धर्व) काली व सावणी देवीयों को प्रसन्न किया जाता था ओर ब्रह्मकलम आदि दिव्य फूलों को लाकर देवी-देवताओं को अर्पण करने के पश्चात इस पर्व का आगाज हुआ होगा । कुछ लोगों का मानना है वन के देवता,यक्ष,गन्धर्व काली व सावणी जिनका निवास स्थान जंगल ओर बर्फीली चोटियों होती है वे प्रायः बर्फ से ढकी रहती हैं। इसी कारण भादो के महीने में ये देवी देवता इन पुष्पों में समाहित होते हैं और फूलों के माध्यम से देवालुओं व आम लोगों से रुबरु होते हैं। देवालुओं के द्वारा पारम्परिक व्यंजन हलवा-पुरी के द्वारा वन देवी देवताओं की पूजा की जाती है व इसी क्रम में इन देवी-देवताओं की विदाई भी की जाती है। फूलेच मेला बौण्डा से ही प्रारंभ क्यों होता है इसका सटीक जवाब ढुंढ पाना मुश्किल है । फुलेच मेले का आगाज बुशैहर रियासत के राजाओं के समय हुआ था। बुशैहर रियासत में उस समय किस राजा का शासन था ये कह पाना संभव नहीं है।फुलेच के संदर्भ में #भगवान_श्री_बद्री_विशाल जी कामरु(किन्नौर) पहले बखान में इसके मनाने का कारण बताते थे की ये पर्व की शुरुआत निचले क्षेत्र से करनी थी इसलिए कहा गया कि सबसे पहले जिस भी कंड़े में पहली सूर्य की किरण लगेगी उस क्षेत्र में यह पर्व सर्व प्रथम मनाया जाएगा।कहा जाता है कि बौण्डा क्षेत्र के ऊंचे पहाड़ वशल कंड़े में सूर्य की किरण लगी उसके बाद रुपी कंड़े में लगी तभी से यह पर्व मनाया जाता है। कुछ जनश्रुतियों में इसके संदर्भ में कहा जाता है कि एक बार सभी देवताओं के मध्य प्रतिस्पर्धा हुई ओर एक स्थान पर बीच में फुल रख दिया ओर कहा कि जो सबसे पहले इसे छुएगा वो सबसे पहले फुलेच मेला का आरंभ करेंगे । कहते हैं कि इसमें नाग साहब बौण्डा विजय हुए थे तभी से ये मेला सबसे पहले बौण्डा से मनाते हैं । कारण कुछ भी रहा हो ये शोध का विषय है। याना किन्नौर में आखिर मे फुलेच मेला होता है। ये मेला अन्तिम में इसलिए मनाया जाता है कियुकि कहते हैं कि एक समय क्षेत्रों में सारी की सारी जड़ी-बूटियां मुरझाईं गई थी। तब देवता साहब गंधर्व राज ने अपनी शक्ति से समस्त कंडो (पहाड़ौ) को हरा भरा कर दिया था। तब से लेकर याना में सबसे अंतिम फुलैच का त्योहार मनाया जाता है । प्राचीन काल में फुलेच मेला पारम्परिक नृत्य व आपसी मेलजोल का सबसे बड़ा केंद्र रहा होगा। मेरा सभी लोगों से विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने क्षेत्र में मनाये जाने वाले सभी पर्वों व त्योहारों को अत्यन्त ख़ुशी व आनंद के साथ मनाये कियुकि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है।
It's sure, your channel is just like a good book about Kinnaur and the videos are different chapters of the book... interesting and informative!!!👍😃 wish you a happy festival of flowers!!!🌺🌸🌻🥀🌷🌹🎉
मेरे विचार से यह जडी़ बूटियों के संग्रह से जुड़ा त्यौहार है, जैसा हमारे तरफ गोवर्धन पूजा में होता है जिसमें दीपावली के बाद अगले दिन क्वारी लडकियां जंगली जड़ी बूटियों की पूजा कर अपने भाइयों के दीर्घायु की कामना करतीं हैं ।
Happy festival of flowers, love your knowledge of your culture , beautiful place , you can have more subscribers if you can add English subtitles. Love from Canada.
It's really interesting festival ❤ but yeh lower himachal mai nhi mnaya jata hai didu 😊 I like really your today's blog 😘 love from himachal distt una (lower himachal)
Once I will come there, fairy deedi I really feel jealousy 😜 😂 but you are so lucky to live there Your biggg addicted fan frm kerela We even can't dream abt this place And also I really like to know about different cultures Thanks dear for such great information 😊
अंजलि जी बहुत ही अच्छे तरीके से आप ने हमारे फुलाएच त्योहार को दिखाया। विशेषकर मोमा जी ने जो फूलों के साथ जड़ी बूटियों के बारे में विस्तार से बताया। यूं तो पूरे किन्नौर में इस पर्व को मनाया जाता है लेकिन थोटुगपा उख्यङ जो आपके गांव पोवारी, पुरबानी, रिब्बा, रिस्पा ,ठंगी, कुन्नू चरांग मेरे गांव मूरंग और नेसंग का फुलएच जो एक साथ होता है, मशहूर होता है। 5 दिन पूरे आस्था और जोश के साथ हमने भी कल तक मनाया। हमारे गांव के मेले का fb live link send kr raha hu m.facebook.com/story.php?story_fbid=2001886736608834&id=100003625802843
Feel so proud that I am a native of a land where its people still conserve our rich customs and culture Really our Himachal is a land of GOD, special thanks to you... Who work hard to brings its culture in front of the world.. Big wala thanks...
Happy flowers day. Mam you are not less then a cute/ a beautiful flowers. When you speak ,you will showered a sweet flowers on publics who listen your show. Thanks
🙏Hum log fuliyari bote hai or bhrmkaml ke flower ko 🙏Maa Nanda Asthmi ke din 🙏Maa Nanda ko chrate hai, Or jo dhup(bil-mashi gokul) hai ush me ghee mixed kr k bhagwan ko dhup lagate hai 🙏 thanks aap hr chiz se humko yaad tazaa krate hai thanks lots mountain fairy 🙏🙏🙏🙏
नमस्ते अंजलि दी " आज का विडियो बेमिसाल है। आप लोग आज भी अपनी संस्कृति को संजोए हुए हो,ये देखकर आप सभी पे गर्व महसूस होता है।सच में आपका किन्नौर स्वर्ग है और आप उस स्वर्ग की "परी" हो जो हमे इतनी अच्छी अच्छी बाते बताते हो,समझाते हो।आप की वजह से अब हमे किन्नौर अनजाना नहीं पर अपना लगने लगा है।शुक्रिया दीदी❤️❤️।"
so wht if ur a muslim.i mean why u people alwaz bring ur faith ...hws tht evn linked to anything i mean m a muslim bt i like tht...i like this...is tht necessary for u peolple to specify tht....ur faith is ur persnnnel belief hw cme its realted wth liking n disliking sonething..
@@nehanegi5676I humbly say that yu misunderstood me.I being a Muslim liked the vlog of a pure Hindu festival . I mentioned myself Muslim to show that it is not for Hindus only?
@@sagheershah5409 thts wht i said.....hws liking n disliking cn b associated wth faith.,..i too wtch vlogs of people who arw muslims bt i nvr mention tht m buddhist or hindu i like it...is it evn necessary....definatelty a people wth muslim mjrty wl hv muslims as i watch mny vlogs of pakistan...same as in kinnaur we hv hindus n buddhists as local inhabitants...thn thts obvoius culture n traditions wd also b according to hindus n buddhists
@@nehanegi5676 please end this topic as I have already cleared my intentions. Being not a rigid I highly regards your views and hope you understand me.
Flower's àre supposed to be for women but no women in the flower dance... Innocent people innocent way of celebrating... Really a new experience for me... Thanks mountain fairy...
You are doing great service to preserve the traditional knowledge about herbs , traditional values, this video speak in which sequence flowers are being collected. These videos will make this knowledge eternal and scholars can investigate those parameters, why such value has been chosen by our Rishi Muni of this area. Please continue with your mission. A best use of technology to preserve the knowledge for today and tomorrow. Books and video lessons make the teacher and enternal. Bravo Vandematram. God may bless you with prosperity and happiness and joy.
This is so beautiful... a very beautiful and rich culture. Our culture will protect us if we follow all the traditions. The old man has such a great knowledge of all the medicinal ayurvedic herbs of the mountains... I love your videos.
अपनी परम्पराओ को बखुबी संरक्षित करना,जंगल व पहाड़ की जड़ी बूटियों का ज्ञान उनकी उपयोगिता सच मे मानव को प्रकृति से जोडती है इसलिए उनकी प्रकृती मे अगाध आस्था होती है। इस समृध्दि संस्कृति से रुबरु हो हम धन्य हुए।
Shukriya ji 😊
Bahut khub AAP ka sabhi video muje bahut pasand hai
Aapka bahut bahut shukriya ji 😊
बेटी आप सभी को नमस्ते हम आप के सारे वीडियो देखते हैं हमें बहुत पसंद आते हैं हिमाचल प्रदेश बहुत ही सुंदर है हम पंजाब में रहते हैं और हिमाचल प्रदेश को बहुत प्यार करते हैं
पुरे महाराष्ट्र राज्य की और से देवभूमि हिमाचल को शत प्रणाम आपकी श्रद्धा और लोक्नूत्य अदभुत है धन्यवाद
Ambassador of Himachali {kinauri}culture God bless you
Thank you so much ❤️❤️❤️
Good job Didi nice video
जो जड़ी बूटियां अंकल जी ने दिखाई है वह सभी जड़ी बूटियां हमारे यहां भी पाई जाती है और साथ में ब्रह्म कमल भी ... From harshil ( uttarkhashi)
I am from Kullu, I know traditions well, after watching Kinnaur culture, I am much facinated towards Kinnaur. Had earlier seen Holy fair celebrations in kinnaur, fabulous. Kinnaur is materpiece of Himachal
Your Vlog is superb. Keep it uo
BEST WISHES FOR THE FESTIVAL
इस कार्यक्रम मे शामिल सभी ग्राम वासियो को हार्दिक शुभकामनायें !वर्षों से चली आ रहीं परंपरा को आज भी सजीव संस्कारमय रखना आसान नहीं होता बहुत बहुत बधाई !
Shukriya ji 😊
Anjali mam,don't bother negetive comments because it's your culture & customs & u knew about these very well & evryone's culture is different so don't feel bad on negetive comments. We should respect all religions cultures etc.Thanks for increasing time of video.As usually your video is sooooo informative. Keep it up.🌸🌺💐🌼⚘🌻🌿
Thank you so much ma'am ❤️
Happy fulyetch Anjali God bless you Himachal ka ye culture bahut purana and pure he jis par hame Garv karna chahiye yahe asli Indian culture he aap to heaven me rahte ho jaha hamare Devi Devta rahte he you are so lucky Jo negative comments karte he wo shayad es ruhane culture Ko nahe samjhte don't worry aage baro Devta ji khush hoge love from Zirakpur✌️
Thank you so much ❤️❤️
"Brahma kamal"
Happy flowers festival
मै दो साल पहले युल्ला गांव में रुका था और श्री कृष्ण मंदिर के दर्शन का सौभाग्य मिला था। महासू देवता और भीमकाली माता के मंदिर भी गया था। किन्नौर के लोग बहोत अच्छे है। आप सब को खूब खूब धन्यवाद।
Anjali ji, your festivals & culture very rich. You explained this very well. Thank you.
Thank you so much ji ❤️
Aaj ka volg bahut he aacha hai
Happy Flowers Festival 🙏🙏🙏
Happy flower festival अपनी संस्कृती का पालन करना चाहिए और सबको उसका आदर करना चाहिए ये उत्सव बहुत सुन्दर है हर राज्य में अपने संस्कृती पालन करते हि पूजा पाठ कि जाती हैं और ऐसा ही करना चाहिए
Hanji
Amazing culture.... people in kinnaur are the gifts of God in earth... people are just dancing day as well as night also...just amazing 😍 full of joy hole day...and for flowers ...they went to higher Mountains........I have no words to say ... about the hard work , culture...🥰but love kinnaur so much.... thanks Mountain fairy ji for this beautiful vlog....
Thank you so much ❤️❤️❤️❤️
Proud to be our rich culture and rituals....proud to be an himachali
जिसको भी फूल पसंद हैं वो Like करें 👇👇
Comment here 💬👇👇
Ati sunder ukhyang... Jai ho.. Shankras ji....
🤗
The way that grandfather talked about flower collection and herbs is amazing in one word, he explained it in a very nice way which I liked very much.🤗🤗🤗🤗☺️☺️💐💐💐☺️💐
Baba ji nai bhut ache say samjhaya bhut say log bhul chuke hai Baba ji ko parnam
Dada Ji ne Har ek Phool ke bareme bolthe Rahe to Masha Allah Anjali Ji good information .n super vlog. Kismath wale hi waha rahine wale.
Shukriya ji 😊
Sahi kaha aapne bilkul kismat wale hi wahan rehtey hai.
B'coz 7.5 crores himachal pradesh ki total population hai. Usme se 1.20% Kinnaur me rehte hai. Life is very difficult there. Agar aap ko wahan tourist ban ke bhi jana hai to bahut courage and strong mental health ki zarurat hogi.thanks.
Thank you Anjali ji, you are doing a great job,, मैं भी हिमाचल से हूं मगर फुलेच के बारे में केवल किताबों में ही पढ़ा था । आज आपने इस वीडियो के माध्यम से सब कुछ आंखों के सामने ला दिया। यूं लगा जैसे मैं भी इन लोगों के साथ फूलेच मेले, उत्सव में शामिल हूं । इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए dhanywad । ♥️♥️♥️
Shukriya ji 😊
Anjali what an informative vlog u made about the root culture of Him aval...Love ur place..So beautiful without any duplicacy..Keep it up don't care about the negative comments..Every body has their own culture and believes...
Thank you so much ❤️❤️
Sbko ye pta hona chaiye ki himachal ko DEVBHUMI hi isiliye kehte h jha dev niwas krte h..unpr dhyan mt diya kro jo bina kisi reason k commnt krte h...i like ur voice.very sweet...or uncle ji ne jo byaya wo bht interesting h...knowlegable...
Thank you so much ❤️
Sitting at home far from main land India... get to see lovely culture and traditions.,it's majestic and mesmerizing wonderful culture of entire Asia,.I must say
., lovely peoples hardworking., peaceful place., love to see more blog from you Ma'am., happy flowers festival to you all.. stayed blessed., love from northeast region 🙏🙏🙏
Thank you so much ❤️❤️❤️❤️
Please don't say mainland India, there is only one India and you are Integral part of it😊
@@sanjaynegi6686 sir.... but many of them didn't think of us as an indian..... now we get new name.... corona".... before that they use to call us chinky...momos....but no problem we love our country.... jaihind jai bharat 🇳🇪🇳🇪🇳🇪
@@prosenjitlangthasa566 Yes ,I agree with you and I say sorry to you on the behalf of those people..😥😥😥
@@sanjaynegi6686 it's sir....we tribal community are not like them right....so be happy always and live life as it's flows....do good be good and greatness be upon you 🙏
Beautiful fastivel I love all fastidious in kinnor nd all Himachal I love my Himachal 😘😘😘😘😘😘❤️❤️❤️❤️❤️ love you di
All flowers are beautiful...."brahmkamal" our state flower...love from Uttarakhand 🤩💓
Love from kinnaur HP
@@MountainFairy 🤩
Amezing very nice video and beautiful culture so nice 🙏🙏
Happy flower festival
Kinnaur culture is a Unique one. Great @ super.
Hostory of फुलेच मेला(उख्यङ मेला) Festivals Of Flowers:- किन्नौर जिला में तरह-तरह के मेले होते हैं। उख्यङ (फुलेच ) उन मेलों में उख्यङ मेला प्रमुख तौर पे आता है । उख्यङ (फुलेच )का अर्थ होता है (ऊ-कायङ) फ़ूलो के साथ कायङ नृत्य करने का मेला .. इसे फ़ूलौ का मेला भी कहा जाता है।
Uh (ऊ) का अर्थ होता है Flowers(फूल) & Kayang (कायङ) Dance Nati (नृत्य)
इस मेले में देवालु हिमालय पर्वत (कंड़े )जा कर विभिन्न प्रकार के फूलों को लाते हैं जैसे Brahmkamal(रोन्गोर/ड़ौगौर ), Musk Larkspur (लोस्कारच) , Himalyan Knotweed ( शवीग-पाटीन्ग्च /शवीग सीलंग), Poa Alpina (जौल जी/लानू ऊ), Carex Nivalis ( रोक सीलंग) Paboo Uh, Saussurea gossypiphora (खास्बाल) फूलों को लाकर माला बनाकर देवताओं को अर्पण की जाती है देवालु स्वयं भी फूलों को अपनी टोपी पर लगाते हैं ओर देवताओं के समक्ष पारम्परिक नृत्य (नाटी) लगाते हैं । फुलेच मेला पौराणिक किन्नौरी लोक गीतों के अनुसार में सबसे पहले देवता साहब बौण्डानाग जी के मन्दिर प्रांगण (कलै) से शुरू होकर अधिकतर किन्नौर क्षेत्र में मनाया जाता है और अंतिम फुलैच गंधर्व देवता जी के याना और माहेश्वर जी के वांगपौ(किन्नौर) में मनाया जाता है। फुलेच एतिहासिक मेला लगभग दो महीने तक विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग देवी देवताओं के क्षेत्र में मनाया जाता है । इस मेले को मनाने का प्रमुख कारण प्राचीन काल में लोग विभिन्न प्रकार की बिमारीयों से मुक्ति के लिए देवी आज्ञा से इस समय कंड़े जाकर जड़ी बूटियों के साथ-साथ नये उत्पन्न फूलों का एकत्रित किया करते थे और ऊंचे पहाड़ों में अदृश्य देवी देवता ( नाग,नारायण, यक्ष,गन्धर्व) काली व सावणी देवीयों को प्रसन्न किया जाता था ओर ब्रह्मकलम आदि दिव्य फूलों को लाकर देवी-देवताओं को अर्पण करने के पश्चात इस पर्व का आगाज हुआ होगा । कुछ लोगों का मानना है वन के देवता,यक्ष,गन्धर्व काली व सावणी जिनका निवास स्थान जंगल ओर बर्फीली चोटियों होती है वे प्रायः बर्फ से ढकी रहती हैं। इसी कारण भादो के महीने में ये देवी देवता इन पुष्पों में समाहित होते हैं और फूलों के माध्यम से देवालुओं व आम लोगों से रुबरु होते हैं। देवालुओं के द्वारा पारम्परिक व्यंजन हलवा-पुरी के द्वारा वन देवी देवताओं की पूजा की जाती है व इसी क्रम में इन देवी-देवताओं की विदाई भी की जाती है।
फूलेच मेला बौण्डा से ही प्रारंभ क्यों होता है इसका सटीक जवाब ढुंढ पाना मुश्किल है । फुलेच मेले का आगाज बुशैहर रियासत के राजाओं के समय हुआ था। बुशैहर रियासत में उस समय किस राजा का शासन था ये कह पाना संभव नहीं है।फुलेच के संदर्भ में #भगवान_श्री_बद्री_विशाल जी कामरु(किन्नौर) पहले बखान में इसके मनाने का कारण बताते थे की ये पर्व की शुरुआत निचले क्षेत्र से करनी थी इसलिए कहा गया कि सबसे पहले जिस भी कंड़े में पहली सूर्य की किरण लगेगी उस क्षेत्र में यह पर्व सर्व प्रथम मनाया जाएगा।कहा जाता है कि बौण्डा क्षेत्र के ऊंचे पहाड़ वशल कंड़े में सूर्य की किरण लगी उसके बाद रुपी कंड़े में लगी तभी से यह पर्व मनाया जाता है।
कुछ जनश्रुतियों में इसके संदर्भ में कहा जाता है कि एक बार सभी देवताओं के मध्य प्रतिस्पर्धा हुई ओर एक स्थान पर बीच में फुल रख दिया ओर कहा कि जो सबसे पहले इसे छुएगा वो सबसे पहले फुलेच मेला का आरंभ करेंगे । कहते हैं कि इसमें नाग साहब बौण्डा विजय हुए थे तभी से ये मेला सबसे पहले बौण्डा से मनाते हैं । कारण कुछ भी रहा हो ये शोध का विषय है। याना किन्नौर में आखिर मे फुलेच मेला होता है। ये मेला अन्तिम में इसलिए मनाया जाता है कियुकि कहते हैं कि एक समय क्षेत्रों में सारी की सारी जड़ी-बूटियां मुरझाईं गई थी। तब देवता साहब गंधर्व राज ने अपनी शक्ति से समस्त कंडो (पहाड़ौ) को हरा भरा कर दिया था। तब से लेकर याना में सबसे अंतिम फुलैच का त्योहार मनाया जाता है । प्राचीन काल में फुलेच मेला पारम्परिक नृत्य व आपसी मेलजोल का सबसे बड़ा केंद्र रहा होगा। मेरा सभी लोगों से विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने क्षेत्र में मनाये जाने वाले सभी पर्वों व त्योहारों को अत्यन्त ख़ुशी व आनंद के साथ मनाये कियुकि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है।
Nice kewal ji 🤗
Words me bya nhi kar sakta kinnor and all guys .happy flower day thanks mountain fery ji
Thank you so much ❤️
Bohut beautiful flowers hai.❤️ from kolkata
🤗🤗
बहोत अच्छे फुले और जानकारी, बहोत बहोत धन्यवाद
🤗
Even we have a bit similarity in our culture love from uttrakhand ❣️
Yes Kavita jee hum himachal people and uttarakhand people are very close.😐😊☺😀❤💞
Pehalibar ese fhool dekhe bahut pasand aya
Happy festival of flowers 💐
Very nice knowledgeable video
Thank you so much ❤️
शानदार जी
बहुत अच्छा उत्सव है।
It's sure, your channel is just like a good book about Kinnaur and the videos are different chapters of the book... interesting and informative!!!👍😃 wish you a happy festival of flowers!!!🌺🌸🌻🥀🌷🌹🎉
Thank you so much ❤️❤️❤️
Very very nice video and religious information.
मेरे विचार से यह जडी़ बूटियों के संग्रह से जुड़ा त्यौहार है, जैसा हमारे तरफ गोवर्धन पूजा में होता है जिसमें दीपावली के बाद अगले दिन क्वारी लडकियां जंगली जड़ी बूटियों की पूजा कर अपने भाइयों के दीर्घायु की कामना करतीं हैं ।
Happy festival of flowers, love your knowledge of your culture , beautiful place , you can have more subscribers if you can add English subtitles. Love from Canada.
Thank you so much ❤️❤️❤️❤️
पांडवों के बारे में उत्तराखंड और हिमाचल में एक जैसी कहानियां प्रचलित है।
It's really interesting festival ❤ but yeh lower himachal mai nhi mnaya jata hai didu 😊 I like really your today's blog 😘 love from himachal distt una (lower himachal)
Thank you so much dear ❤️❤️
Bahut Hi Sundar aapka culture 🙏🙏
The knowledge of local flowers , herbs and its usage benefits should be archived and documented. Otherwise it may lost some day
Yes
Bhut beautiful flower hi dekh kar Maja a Gaya😍 very nice
Once I will come there, fairy deedi I really feel jealousy 😜 😂 but you are so lucky to live there
Your biggg addicted fan frm kerela
We even can't dream abt this place
And also I really like to know about different cultures
Thanks dear for such great information 😊
Thank you so much ❤️
Mujhe aapka culture bhut achha lga.
अंजलि जी बहुत ही अच्छे तरीके से आप ने हमारे फुलाएच त्योहार को दिखाया। विशेषकर मोमा जी ने जो फूलों के साथ जड़ी बूटियों के बारे में विस्तार से बताया। यूं तो पूरे किन्नौर में इस पर्व को मनाया जाता है लेकिन थोटुगपा उख्यङ जो आपके गांव पोवारी, पुरबानी, रिब्बा, रिस्पा ,ठंगी, कुन्नू चरांग मेरे गांव मूरंग और नेसंग का फुलएच जो एक साथ होता है, मशहूर होता है। 5 दिन पूरे आस्था और जोश के साथ हमने भी कल तक मनाया। हमारे गांव के मेले का fb live link send kr raha hu m.facebook.com/story.php?story_fbid=2001886736608834&id=100003625802843
माहेश्वर जी आप भी इसी क्षेत्र से हो ।
Holase ji 🤗
Very beautiful video came to know the new culture
🤗❤️❤️
Hi dear ❤️
bhut hi sunder Mountain Fairy
Very nice. Happy flowers festival
Happy flower festival in 🤗🤗
ये ब्रह्मपुष्प है। बहुत ही पवित्र फूल।
Feel so proud that I am a native of a land where its people still conserve our rich customs and culture Really our Himachal is a land of GOD, special thanks to you... Who work hard to brings its culture in front of the world.. Big wala thanks...
Thank you so much ❤️❤️
आपका ये गाना बारबार सुनने का मन करता हैं
Happy flower festival mountain fairy ji so beautiful 👌👌👌👌💐💐💐💐🌷🌷🌹🌹
Varatborso boichitrye vora desh...tomader oikhan kar udsob valo laglo
Bahut dil krta h ye sab Kinnaur aa kr dekhney ko
I love my kinnaur 🥰
My india 🇮🇳
Aapki jitni bhi prashansha ki jaye kam hai . So so hard working girl .
Beautiful culture
Apka bahut bahut shukriya 🍁
Beautiful blog👌👌👌👌👍
Thank you 🌹🌹🌹🌹🌹🙂
Nice video happy flower of festive or flower or asadhi ka achhi information thi 👌👌👌👌💐💐💐💐💐
Thank you so much ❤️
Happy flowers day.
Mam you are not less then a cute/ a beautiful flowers.
When you speak ,you will showered a sweet flowers on publics who listen your show.
Thanks
आप का फेस्टिवल बहुत सुंदर
Congratulation for the festival of God or flower fulayach। precious medicine found in किन्नौर हिल्स
Shukriya ji 😊🍁
Happy flowers festival
So informative video thanks for you dear
Thank you so much ❤️❤️
@@MountainFairy GBU dear ❤❤
Ye sb cheejain sirf khaniyon me suna tha, aapki videos ki wjha se ye sb dekhne ko mila, tnq di...god bless you...🙏
🙏Hum log fuliyari bote hai or bhrmkaml ke flower ko 🙏Maa Nanda Asthmi ke din 🙏Maa Nanda ko chrate hai, Or jo dhup(bil-mashi gokul) hai ush me ghee mixed kr k bhagwan ko dhup lagate hai 🙏 thanks aap hr chiz se humko yaad tazaa krate hai thanks lots mountain fairy 🙏🙏🙏🙏
Nice 🍁
जय हो बहुत बहुत अच्छा यह भारत की बहुत अच्छी संस्कृति है मैं भी होता तो मैं शामिल होता
Beautiful culture and happy flower festival .
Very fascinating. Never heard of such festival. Thanks for introducing
Very beautiful ukhyang
Nice vedio.....👍👍👍👍👍
Happy flowers day fairy muje apko cap bohot achhi lg rahi he
didi aap hamesha khushiya batati raho, beutiful kinnuar, om namah shivay.
🤗🤗❤️
सुंदर जानकारी.अच्छा लगा.
aapko aur aapke parivaar ko bhi fulaich ki bahut bahut shubhkamnaye 💐💐💐
नमस्ते अंजलि दी
" आज का विडियो बेमिसाल है। आप लोग आज भी अपनी संस्कृति को संजोए हुए हो,ये देखकर आप सभी पे गर्व महसूस होता है।सच में आपका किन्नौर स्वर्ग है और आप उस स्वर्ग की "परी" हो जो हमे इतनी अच्छी अच्छी बाते बताते हो,समझाते हो।आप की वजह से अब हमे किन्नौर अनजाना नहीं पर अपना लगने लगा है।शुक्रिया दीदी❤️❤️।"
Apka bahut bahut shukriya 🍁
Keep ur culture intact ...wet culture with innocent habitats.....God bless u & ur village & familt .
🤗❤️
Very beautiful and mesmerizing
Bahut acha👌👍aap apni parmparao ko bahut ache se nibhate ho🙏
Very nice festival mountain ferry ji
tete g ne bhaut Acha explain Kiya😊😊😊🙏🙏
I am a Muslim but liked your area and your siimple culture.
so wht if ur a muslim.i mean why u people alwaz bring ur faith ...hws tht evn linked to anything i mean m a muslim bt i like tht...i like this...is tht necessary for u peolple to specify tht....ur faith is ur persnnnel belief hw cme its realted wth liking n disliking sonething..
Human only is sufficient
@@nehanegi5676I humbly say that yu misunderstood me.I being a Muslim liked the vlog of a pure Hindu festival . I mentioned myself Muslim to show that it is not for Hindus only?
@@sagheershah5409 thts wht i said.....hws liking n disliking cn b associated wth faith.,..i too wtch vlogs of people who arw muslims bt i nvr mention tht m buddhist or hindu i like it...is it evn necessary....definatelty a people wth muslim mjrty wl hv muslims as i watch mny vlogs of pakistan...same as in kinnaur we hv hindus n buddhists as local inhabitants...thn thts obvoius culture n traditions wd also b according to hindus n buddhists
@@nehanegi5676 please end this topic as I have already cleared my intentions. Being not a rigid I highly
regards your views and hope you understand me.
Happy flowwrs day
Flower's àre supposed to be for women but no women in the flower dance... Innocent people innocent way of celebrating... Really a new experience for me... Thanks mountain fairy...
You are doing great service to preserve the traditional knowledge about herbs , traditional values, this video speak in which sequence flowers are being collected. These videos will make this knowledge eternal and scholars can investigate those parameters, why such value has been chosen by our Rishi Muni of this area. Please continue with your mission. A best use of technology to preserve the knowledge for today and tomorrow. Books and video lessons make the teacher and enternal. Bravo Vandematram. God may bless you with prosperity and happiness and joy.
Outstanding Kinnaur rich culture and tradition .
Thank you so much ❤️❤️
My village ki fastyval sister very nice i proud i am Indian love you all 🙏🙏🙏🙏
फुलोत्सव की शुभकामनाये
This is so beautiful... a very beautiful and rich culture. Our culture will protect us if we follow all the traditions. The old man has such a great knowledge of all the medicinal ayurvedic herbs of the mountains... I love your videos.
Thank you so much ❤️❤️
Kitna Achcha information diya hai aapane ,bahut badhiya hai. Thank you so much . Bahut bahut dhanyvad🙏🙏
Shukriya ji 😊