भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
@@kailashgavai9005 और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Jiwan maran iswar ke hath me hai.. Agar inka jiwan bacha hoga to use kisi bhi tarh bacha sakta hai..baki jiwan vyatit karne ke liye.. Par tere jaiso ko kya taklif..
मनुस्मृति यदि सही थी तो हिंदुओं को उसे अपने अपने घरों में लागू करना चाहिए । साथ ही उसे अपनी महिलाओं पर लगी करना चाहिए । अगर असली हिंदू हो तो कृपया मनुस्मृति को आज से ही अपने घरों में लागू करो ।
मनु स्मृति,,,मनु स्मृति पढ़ी किसी ने नहीं कुछ मूर्ख जलाकर खुश कुछ मूर्ख जलने से दुखी 😂😂😂😂 जैसे गीता के नाम पर बहुत सी नकली किताबें बिकती हैं उसे पढ़कर बहुत से लोग भड़कते रहते हैं,,,,😂😂😂😂😂
@@ButaHoney-hr6br बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को कोई कैसे ऐसा कह सकता है भाई। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि बाबा साहेब ने पढ़कर जलाई,,,अब जिन्हें ये सही लगा,, उन्हें बाबासाहेब जी की इस बात का भी स्मरण होना चाहिए कि किसी के कहे सुने पर मत जाना, पहले जानो स्वयं परिक्षण करना, फिर करना। बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे महान लोग ही ऐसा कह लिख सकते हैं। वे न खुद अंधानुकरण किये न समाज को करने देना चाहते थे। आज जो लोग मनु स्मृति का विरोध करने आगे देखें जाते हैं, उन्होंने इसे पढ़ा हो,इस पर तर्क रखा हो,,,,ऐसा होता नहीं। अंधानुकरण ही अधिक है। क्योंकि मैंने मनु स्मृति की प्रामाणिक किताब बहुत ढूंढी पर मिली नहीं।
पुस्तकीय ज्ञान से कई गुना अधिक बडा वैदिक ज्ञान बडा होता है जो हमारी भारतीय ऋषि परंपरा में है इसे कोई झुटला नही सकता यह ससवत है और अनंत है यह हमारी धरोरर है।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है, अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें , भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
संत राजनीति मैं बहुत पहले से रहते आए हैं तुम्हे पता ही नही तो क्या करना, अयोध्या, मथुरा, जनकपुरी, जहा तक की मगध साम्राज्य के भी पुरोहित चडक्या हुए जो राजनीति से लेकर युद्ध कोसल मैं भी राजा को सहयोग प्रदान करते थे
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
@AGAG-pq7wk अम्बेडकर से देश चलता है, कदम कदम पर अम्बेडकर का कानून चलता है। जज बनने के लिए DM आदि बनने के अम्बेडकर जी को पढ़ने पड़ेंगे ambedkar साक्षात भगवान है।
@@happydon0808 🔔 .... सबसे ज्यादा भेदभाव तो copy paste wale संविधान में है .....अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
गुरु जी ने सही कहा बड़ा दिल दिखाने के वजह से ही मुसलमानो और अंग्रेजों ने शासन किया हम लोग गुलाम रहे हम अपने देश में ही सुरक्षित नहीं है सर धड़ से अलग कर दिया जाता है अपने त्योहार न मना पायें
मनुस्मृति ने देश को गुलाम बनाया। ऊंच नीच जात पात के कारण देश कमजोर हुआ। अकबर के दरबार में बीरबल, तानसेन, टोडरमल तुलसी क्या कर रहे थे? अकबर को भविष्य पुरान में ब्राह्मण बताया गया है। यदि ब्राह्मणवाद नही होता तो देश विश्वगुरु होता, जैसे सम्राट अशोक के समय था, अखंड भारत था
इन आदरणीय से कई गुना ज्यादा विद्वान थे डॉक्टर अंबेडकर यह सिर्फ एक धर्म के बारे में जानते हैं मगर वो दुनिया के लगभग सारे धर्मो के बारे में बारीकी से जानते थे
भाई बहुत जिज्ञासा है की 57डीग्रीया और वह भी पीएचडी,ऊस के नाम और स्वतंत्रता संग्राममे सहभाग,और यह जो संविधान लीखा वह अकेले ने लीखा क्या ऊसमे 3ब्रामहण भी प्रारुप सभा मे थे अयंगार बैनर्जी मुस्तफा मुस्लीम आंबेडकर और 300के ऊप्पर लोग रातदीन दो साल के ऊप्पर रातदीन लगे थे यह झुठ न्युज हैक्या ईतना बडा थोर पुरूष था जरा बताये
गुरु जी को बार बार प्रणाम मनु स्मृति के बारे में जो नहीं जानते मूर्ख वो ही जोमनु स्मृति की बुराई करते है मनु स्मृति को पड़ कर देखे उसमें केवल ज्ञान ही है किसी भी जाती या धर्म का बुराई नहीं है
Russia claimed to have cancer vaccine in 2024 China claimed to have diabetes cure in 2024 America claimed to have HIV vaccine...What Vishwaguru have ??😂😂😂
@sonu-patil05 तू ऑर तेरे खानदान को ही पढा तेरे कितने दीन काम आएगा ओ मेरे को बाद में बता... ओर तू भारतीय संविधान ऑर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अच्छा से पढ तब तेरे को संविधान की ताकत ऑर लढणेका होसला मिलेगा.
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
मनुस्मृति एक समय के समाज गठन का चित्र परिकल्पना परिभाषित करता है.... जो एक प्राचीन युग भी था.... इसके बाद में क्रमोत्तर में कई और भी स्मृति ग्रंथों.... जिसमें अलग अलग समय में अलग अलग समाज व्यवस्था के वर्णन मिलता है.... और अभी आकर हमारा संविधान!! मनुस्मृति को श्रद्धा करने का एक ही कारण है.... कोई तो उस समय के समाज का परिप्रेक्ष में कोई उस समय के कोई नीतिगत तरीके को उनके समाजों का विश्लेषण किया..... या कहें शुरुआत किया!! बादमें अनेकों मनीषी आएं और तरह तरह का अलग अलग ग्रंथों भी मिलता है, जिससे परिवर्तन के साथ ... अलग अलग व्यवस्था को विश्लेषित किया!! अब उस जमाने या कहें एनसीएंट युगों में कौन क्या किया है.... क्यों किया था, उसे लेकर आंदोलन का काम मतलब बाज, आलसी और मूर्खो का ही एकमात्र काम है और सहारा है!! ऐसे झोलदार गप्पे की कहानी से यू ट्यूब ऐसे ही पटे पड़े है!! जिस दिन जनता इन झोल बाज नेताओं का मान मर्दन करके अपना अस्तित्व का प्रतिष्ठा करेगा, उस दिन से ही सारे सटीक होना शुरू हो जाएगा!!
ये कोई जगतगुरू नहीं है, भागवत के साथ हामी भरने वाला ये पहला व्यक्ति है। हम हिंदुओं के जगतगुरू शंकराचार्य है, इनके अलावा जो भी जगतगुरू लिखता है वह पाखंडी सत्ता मोह में व्यस्त व्यक्ति होता है।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
अंबेडकर क्या सच में इतना महान थे..?? जितना अम्बेडकर के बारे में बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है..?? 🤔 अम्बेडकर और उसका झूठा प्रचार बंद होना चाहिए। मैं कुछ मिथक रखता हूं अम्बेडकर से जुड़े हुए.. 1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे। सच्चाई -अंबेडकर पूरी जिंदगी में सदैव थर्ड डिग्री में पास हुए। 2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे। सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में। 3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया। सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे। 4-मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया। सच्चाई -उस जमाने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया। 5-मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया। सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 6- मिथक-अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। सच्चाई -अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजो को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया। 7-मिथक -अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे। सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी। 8- मिथक-अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया। सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमे कुल 389 लोग थे अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था। 9-मिथक-अंबेडकर बहुत विद्वान था। सच्चाई-अंबेडकर संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। स्थाई समीति के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे। 10-मिथक-अंबेडकर राष्ट्रवादी थे। सच्चाई-1931मे गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी से भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलिस्तान की मांग की थी। 11-मिथक-अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा। सच्चाई-जो संविधान अंग्रेजों के1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है , उसे आप मौलिक संविधान कैसें कह सकते है ? अभी भी सोसायटी एक्ट में 1860 लिखा जाता है। 12-मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे। सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे। सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी।इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा। 13-मिथक-अंबेडकर स्वेदशी थे। सच्चाई-देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था।गांधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी। यद्यपि कि नेहरू, गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे। अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नही है।अंबेडकर अंग्रेजिएत का हिमायती था। जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡 रिपोस्ट
ऐसा वैसा कुछ नहीं है इतने भी अंधभक्त ना बनो उनके पहले हुए नहीं क्या विद्वान भारत मे चाणक्य हुए आर्यभट हुए ये क्या थे फिर अब तुम एक को ही पकड़ कर बैठ जाओगे तो की भाई यही सही है कयुकि इसी ने हमे आरक्षण दिया है😅😅
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरुषार्थी कार्यकर्ताओं ने S.C S.T OBC हिन्दु समाज को हिन्दु संस्कृति और राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने में बहुत ही महत्वपूर्ण भुमिका लगातार निभा रहा है, S.C S.T OBC समाज की उत्थान हेतु आपने किस तरह से पुरुषार्थ करते हैं और आगे क्या करेंगे यह भी स्पस्ट करें !
मनोज जी सही कह रहे हैं ये दोनों पूजनीय है कुछ आततायियों की वजह से पहले से ही हिन्दू अलग हो गए हैं राम जी ने सबरी ,केवट, भील आदि में कभी नहीं भेद किया किसी भेद शास्त्र में भेद भाव नहीं लिखा है ।
सच तो यह है कि मनुस्मृति के कारण इन्होंने ही हिंदुओं को काटा और बांटा। संविधान ने सबको एकता का पाठ पढ़ाया और संविधान के कारण ही आज अयोध्या का राम मंदिर मुक्त हुआ है
हम भी आग्रह करते हैं अम्बेडकर को भी हम पर थोपा na jai. ..अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है, अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें , भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
आदरणीय गुरु जी, धर्म के ज्ञानी हैं, पूजनीय है। आदरणीय अम्बेडकर जी ने देश को संविधान देने मे महत्वपूर्ण मुख्य भूमिका निभाई। इन दोनों की तुलना करना गलत है। भाइयों ये दोनों ही हमारे देश, धर्म के लिए पूजनीय है। हमें आपस में बांटने के लिए ये सब हो रहा है। नहीं तो सच्चाई यही है पूजनीय बाबा साहब का कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं किया। कांग्रेस नेहरू के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया और बौद्ध धर्म अपनाया। उन्हें चुनाव हराया गया, ये सभी सत्य है। देशहित,सनातन धर्म के लिए आपस में मत बटो।यहां कुछ विधर्मी अपना नाम बदलकर गलत कमेंट करते हैं ,जिससे हमारे बीच फूट पड़ जाए। समझो 🙏 जय हिंद 🙏🙏
इसने ये बात सही कहा की धर्म के ठेकेदार हम है भागवत नही....दूसरा इन दोनो का ज्ञान सिर्फ धर्म तक सीमित है वो भी राजनीतिक धर्म का ज्ञान बस असली धर्म से इन दोनो को कोई मतलब नहीं है.....
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है.... और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी । अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
इसी स्मृति की वजह से समाज जाति में बंटकर नष्ट होता गया कुछ लोग अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु शोषण करते आए हैं इन लोगों को देश की चिंता नहीं है, बाबा साहब ही प्रासंगिक हैं और रहेंगे।
M Chitra ji se vinamrata se janna chahta hu ki aap kya chahte h? Kya hinduo ko apna hak nai mangna chahiye? Ya chitra ji ye kahna chahti h ki jesi isthiti h wese hi rahne de please apna rukh ishpesht kre!!!!! Mera pujye Gurudev ji ke charano me shat shat naman 🎉🎉🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏
ये भारत का दुर्भाग्य हैं की 15% वाले देश चला रहा है
15% v ni h
3.5%
To tumlog kya ukhar rahe ho itne years se reservation leke .kewal ek hi baat sikhi hai jai bhim.
Ha aur wo pattharbaazi krta rhta hai
15% lakar bhi naukari wale ?😂😂
मनुस्मृति का दहन किया बाबासाहेब जी ने फाड़ा नहीं गया था। और एक बात इस भारत देश में हर 25 दिसंबर को दहन होना चाहिए जयभीम
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Hm tmko dhn kr denge
@@kailashgavai9005 और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
@@balakramshukla4876tere purvaj bhi nhi rok paye teh Baba sahab ko manusmriti ko dehan karne se toh tu kiya rokega
ये वही है जब स्वर्ग मिलने को हुआ तब अस्पताल भाग गए थे।
Jiwan maran iswar ke hath me hai..
Agar inka jiwan bacha hoga to use kisi bhi tarh bacha sakta hai..baki jiwan vyatit karne ke liye..
Par tere jaiso ko kya taklif..
Kehne ko hai sab Veer je marne se sab ko dar lagta hai
Mout ko toh haste haste Guru Tagebhadar ji nae he Kabul kea vo hai real jagatguru
Kya re Srivastava tu bimar parega to tu kya karega Gyani baba ye Gyan muslim majhab ke baare de 😡
ओ श्रीवास्तव भाई जब श्री राम जी तीर लग गया था तो हनुमान जी संजीवनी बूटी (दवाई) लाए थे और हम तो इंसान हैं 🙏
तुम हिन्दू हो करके ऐसी बात करते हो शर्म करो 😂
मनुस्मृति यदि सही थी तो हिंदुओं को उसे अपने अपने घरों में लागू करना चाहिए । साथ ही उसे अपनी महिलाओं पर लगी करना चाहिए ।
अगर असली हिंदू हो तो कृपया मनुस्मृति को आज से ही अपने घरों में लागू करो ।
मैं मनुस्मृतिको मानता हूं मनुस्मृति में कोई भी गलत श्लोक नहीं है यह लोग जातिवाद करके हिंदू को बांटना चाहते हैं इसलिए ऐसा बोलते हैं
@@singeruditnarayan_मैं कहता हूं एक गांव में केवल मनुस्मृति लागू पता लग जायेगा क्या है मनुस्मृति
@sonu-patil05 मनुस्मृति में जो मिलावटी श्लोक है उसे हटाकर लागू करने से कुछ नहीं होगा
@@singeruditnarayan_ तो फिर लागू करलें अपने घर में
Manusmriti is correct......... Kam dimak Wale Log uska galat matlab nikalte hi.....
ये सही है कि अंबेडकर साहेब ने मनु-स्मृति को जलाया पर 20 वषों बाद उस पर अफसोस जताया। यह कटु सत्य है कि मनु-स्मृति की कॉपी है सविधान...😎
Aur tu kiski copy hai
जगद्गुरु रामभद्राचार्य को हमारा कोटी कोटी प्रणाम बहुत सही सही तरीके से लोगो को समझाते है वो हमारी जगद्गुरु है आचार्य प्रमाण है
मनुस्मृति जलाकर बहुत अच्छा काम किया
मनु स्मृति,,,मनु स्मृति पढ़ी किसी ने नहीं कुछ मूर्ख जलाकर खुश कुछ मूर्ख जलने से दुखी 😂😂😂😂
जैसे गीता के नाम पर बहुत सी नकली किताबें बिकती हैं उसे पढ़कर बहुत से लोग भड़कते रहते हैं,,,,😂😂😂😂😂
Tumne padhi hai manusmriti
Jab padhe hi nhi ho to aishi baten mat bolo...
Baba sahib ne v jalaya hai kea un ko v murkh bolo gar hadd hai besharmi ke@@vandematram-n2t
मनुष्य को मानवता से जोड़ने वाला ग्रंथ मनुस्मृति ।
शांत मन से बढ़कर फिर गलत बातों पर प्रकाश डालता आपकी बुद्धिमत्ता कहलाई gi।
@@ButaHoney-hr6br बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को कोई कैसे ऐसा कह सकता है भाई।
मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि बाबा साहेब ने पढ़कर जलाई,,,अब जिन्हें ये सही लगा,, उन्हें बाबासाहेब जी की इस बात का भी स्मरण होना चाहिए कि किसी के कहे सुने पर मत जाना, पहले जानो स्वयं परिक्षण करना, फिर करना।
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे महान लोग ही ऐसा कह लिख सकते हैं। वे न खुद अंधानुकरण किये न समाज को करने देना चाहते थे।
आज जो लोग मनु स्मृति का विरोध करने आगे देखें जाते हैं, उन्होंने इसे पढ़ा हो,इस पर तर्क रखा हो,,,,ऐसा होता नहीं। अंधानुकरण ही अधिक है।
क्योंकि मैंने मनु स्मृति की प्रामाणिक किताब बहुत ढूंढी पर मिली नहीं।
आचार्य व जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी को प्रणाम !
सनातन धर्म की जय !
वन्दे मातरम !
पुस्तकीय ज्ञान से कई गुना अधिक बडा वैदिक ज्ञान बडा होता है जो हमारी भारतीय ऋषि परंपरा में है इसे कोई झुटला नही सकता यह ससवत है और अनंत है यह हमारी धरोरर है।
LOL ja ke jangal me bina kapda ke kahe nahi rahta hai tumlog
Pelhar है।😂😂
😂😂😂
Pustakiya gyan se he log bade bade bane huye hai.
Pahle aap apna itihas janiye _Dr. Kiran
चित्रा जी, भारत का नुकसान हिंदुओं का अंस्तित्व समाप्त होने से होगा जब तक सनातनी अस्तित्व जीवित रहेगा हिंदुस्तान संपन्न समृद्ध और निर्विकार रहेगा।
पूजनीय स्वामी जी ने बिल्कुल सही बोले,
सहनशीलता ही करता है। ॐ क्रांति
Hajaron baudha mathon ko tumhi logon ne toda,,,wapas karoge
Poojniya nahi hain,,daya ke patra hain
Hahahahahahahahahahahahahahahahahahaha
100 sal pahle manusmriti jala di gayi par aag aaj tak bar k rar hai😅💙
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
हे गुरुवर हमारे भगवान समदर्शी है आप जगद्गुरु है इस जगत में सभी है
ये स्वयं घोषित धर्मगुरु होंगे और बाबा साहेब अपने ज्ञान के बल पर विश्व गुरू बने इसका प्रमाण विश्व के कई देशों में मिल जाएगा ।
Kun sa desh puchta ha ambedkar ko
@@amitkumarrai5962ambedkar ko samjhna anpdho ki baat nhi hai colambia university ja kr dekh kiska samman ho rha hai
Kis desh ne man h bhai ambedkar ko vishv guru
Jinke bare bol rhe h
बाबासाहबको विश्वरत्न पदवी कौनसे देशने दी जराबताये भारतमे भारतरत्न है फीर विश्वरत्न कौनसे देशने दीया
जगद्गूरू रामानंदाचार्य का कथन को हम सारे सनातनी पुर्णतया मानते हैं और माननिभी चाहिए।
Hahahaha
इनकी चेतना का स्तर अभी इतना नहीं है कि अम्बेकर की सोच को समझ पाए।
जागृति भाव: 🙌
अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है,
अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें ,
भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये
इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
बाबा साहब ब्रह्मांड गुरु है
तो भी ब्रह्माण्ड के लोग दुखी है।सडकके उपर हंगामा करनेवाले गुरू के चेलेतो नही हो सकते।
@@MadhukarShinde-k2t😂
ब्रामाणड गुरू के चेले 70 साल से गदहे से घोरे होने का प्रयास कर रहे है,पर फिर भि गदहे ही रह जाते है.😂
Kis bat ka guru
घंटा गुरू ,
पूज्य गुरुदेव जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
यह दुखद है कि हमारा संत अब राजनीति में दिलचस्पी रखने लगे हैं। शंकराचार्य कांग्रेसी और ये महराज भाजपाई
Rajniti ka gyan sant ko hi hota hai, sant hi gyan dete hai rajniti ka 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
संत राजनीति मैं बहुत पहले से रहते आए हैं तुम्हे पता ही नही तो क्या करना, अयोध्या, मथुरा, जनकपुरी, जहा तक की मगध साम्राज्य के भी पुरोहित चडक्या हुए जो राजनीति से लेकर युद्ध कोसल मैं भी राजा को सहयोग प्रदान करते थे
इस व्यक्ति को तुम जैसे लोग ही महाराज जी कहेंगे जो हमेशा देश में एक पक्ष के बारे में सोचता है दूसरे शोषित और वंचित पक्ष को दबाने का काम करता है
किस को दबा दिया तेरे पापा से पूछ इन महाराज जी ने दबाया था क्या तेरे पापा मम्मी तुझे या तेरी बहन को 😂😂😂
Tera bhi guru sirf ek paksh ka hi bat karte hai
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
जो खुद अपने मुँह से कहें हम गुरु हैं वो दुनिया में सबसे बड़ा दो कौरी का इंसान हैं
Sach hai bahi
फिर तो अम्बेडकर भी 2 कोड़ी का हुआ .....wo bhi to apne ap ko so called copy paste wala संविधान nirmata bolta tha
ये संत कभी भी sc st OBC समाज को ना तो मठाधीश ना तो शंकराचार्य बनाएगा।
@AGAG-pq7wk अम्बेडकर से देश चलता है, कदम कदम पर अम्बेडकर का कानून चलता है। जज बनने के लिए DM आदि बनने के अम्बेडकर जी को पढ़ने पड़ेंगे ambedkar साक्षात भगवान है।
@@happydon0808 🔔 .... सबसे ज्यादा भेदभाव तो copy paste wale संविधान में है .....अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
एक भी ऐसा स्थान नहीं छोड़ा जाएगा जहाँ मंदिर था
कुछ नही कर होगा।
Har ek mandir leke rahenge jay shree ram
मनुस्मृति सनातन भारत का प्राचीन तम सविंधान है।
Sc st aur obc ke shoshan ka aadhar ,,,kuchh padh likh le
जिसको पसंद है अपने घर मे लागु करले ।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
Sahi kaha guru ji ne
संत की वाणी समाज को जोड़ने के लिए होती है तोड़ने के लिए नहीं मीडिया इस समय उन्हें को तवज्जो दे रही है इंसान से टीआरपी बढ़ रही है
संत को भी तुमसे सीखना पड़ेगा क्या बोलना चाहिए
क्या दुसरे समाज के संत मीडिया पर आकर अपनी वाणी से कितना समाज जोडने का काम करते है दिखाई नहीं देता या सुनाई नहीं देता।
बिल्कुल सही किया था बाबा साहब ने मनुस्मृति जैसी किताबें समाज के लिए बिल्कुल सही नहीं थी ऐसी किताबें ने ही मनुष्य को मनुष्य नहीं समझा
Manusmriti kya hai ?
Kabhi padha bhi hai manusmriti 😁😁😁😁😁
Na tune padi manusmriti na tere baba Ambedkar ne padi hogi....
@@Aastha.12345 sahi kaha 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
पहले एक पढ़ना भाई उसके बाद बोलना 😂
Great ❤❤
पूज्य महाराज जी को प्रणाम।जय श्री राम।
पूज्य महाराज जी की सदा जय हो- जय श्री राम
Hindu EKTA ZINDA BAAD AB TO JAGO HINDU WO JAI SHRE RAM BHARAT MATA KI JAI VANDE MATARAM
गुरु जी ने सही कहा बड़ा दिल दिखाने के वजह से ही मुसलमानो और अंग्रेजों ने शासन किया हम लोग गुलाम रहे हम अपने देश में ही सुरक्षित नहीं है सर धड़ से अलग कर दिया जाता है अपने त्योहार न मना पायें
मनुस्मृति ने देश को गुलाम बनाया। ऊंच नीच जात पात के कारण देश कमजोर हुआ। अकबर के दरबार में बीरबल, तानसेन, टोडरमल तुलसी क्या कर रहे थे? अकबर को भविष्य पुरान में ब्राह्मण बताया गया है। यदि ब्राह्मणवाद नही होता तो देश विश्वगुरु होता, जैसे सम्राट अशोक के समय था, अखंड भारत था
कम से कम एक सप्ताह तक प्रतिदिन लगातार 2-3 घंटे का प्रोग्राम कीजिए मनुस्मृति पर। बहुत बड़ा विषय है।
इन आदरणीय से कई गुना ज्यादा विद्वान थे डॉक्टर अंबेडकर
यह सिर्फ एक धर्म के बारे में जानते हैं मगर वो दुनिया के लगभग सारे धर्मो के बारे में बारीकी से जानते थे
हां बिल्कुलसही अंबेडकर साहब ने बताया था पृथ्वी गोल है धरती से सूरज की दूरी भी अंबेडकर ने बताया था वरना हमारे ऋषि मुनि ने धरती चपटी बताई थी 😅😅😂😂😂😂😂😂🤣😂😂
Ha to ambedkar ki puja kijiye jarur स्वर्ग mil jayega
@singeruditnarayan_ तर्क करने की इसी तरीके को अंधभक्ती कहा जाता है, अगर इस महाशय की तुलना आप ऋषि मुनियों से कर रहे हैं तो ये आपकी नासमझी है मेरी नहीं
भाई बहुत जिज्ञासा है की 57डीग्रीया और वह भी पीएचडी,ऊस के नाम और स्वतंत्रता संग्राममे सहभाग,और यह जो संविधान लीखा वह अकेले ने लीखा क्या ऊसमे 3ब्रामहण भी प्रारुप सभा मे थे अयंगार बैनर्जी मुस्तफा मुस्लीम आंबेडकर और 300के ऊप्पर लोग रातदीन दो साल के ऊप्पर रातदीन लगे थे यह झुठ न्युज हैक्या ईतना बडा थोर पुरूष था जरा बताये
@@WaytoPolytechnic पहले अपने धर्म के बारे में ही ठीक से जानकारी हासिल कर लो अभी तक स्वर्ग नरक के जाल में उलझे पड़े हो,
मुझे अगर बाबा साहेब और रामभद्राचार्य जी में से एक को चुनना है तो मैं बिना सोचे १०० % बाबा साहेब जी को चुनूंगा। 🙏
गूरूदेव की जय स्वागत योग्य वक्तव्य।
Gurudev ko Pronam🙏🙏
Charan sparsh guru ji
जगद्गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम।
हिंदू समाज को ऐसे ही गुरुओं के मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
Acharya hiiii ka dhanyabad
Desh chalega Sirf samvidhan se ❤
जगत गुरु का अनुसरण करना होगा
पहले बापू जी को गलत बोलता था अब बाबा अंबेडकर जी को। उसे राजतंत्र व्यवस्था चाहते है
मोहन भागवत अब बूढ़े हो गये हैं उनका विकल्प भी तलाशना चाहिए
Or aa jo tera jagadguru hai e taa nojawan hai
Jaggat Guru ji
You are extremely Right . 🙏🙏🙏
Gurudev pranam
गुरु जी को बार बार प्रणाम मनु स्मृति के बारे में जो नहीं जानते मूर्ख वो ही जोमनु स्मृति की बुराई करते है मनु स्मृति को पड़ कर देखे उसमें केवल ज्ञान ही है किसी भी जाती या धर्म का बुराई नहीं है
Russia claimed to have cancer vaccine in 2024
China claimed to have diabetes cure in 2024
America claimed to have HIV vaccine...What Vishwaguru have ??😂😂😂
अब ये सिखाएंगे कि अम्बेडकर ने सही किया या गलत
😂😂
अंबेडकर ने मनुस्मृति की जगह कुरान की आयत पढ़ ली होगी 😂😂😂😂😂😂😂
@@PremchandMaurya-ht6tj जय भीम जय संविधान भाई 💙
पढ़ तो ले पहले मनुस्मृति यहां पर बात कर
@sonu-patil05 तू ऑर तेरे खानदान को ही पढा तेरे कितने दीन काम आएगा ओ मेरे को बाद में बता... ओर तू भारतीय संविधान ऑर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अच्छा से पढ तब तेरे को संविधान की ताकत ऑर लढणेका होसला मिलेगा.
Ambedkar ne sahi kiya tha ❤
मनुस्मृति जला कर बाबा साहेब जी सही किए l❤
मनुस्मृति पहले खुद पढ़ो सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए
कुंठित मानसिकता से बाहर निकलो और उसे पड़ो, साथ ही अंबेडकर को भी पड़ो, ये नहीं की किसी ने बोल दिया बस वही गाते रहो
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
मनुस्मृति एक समय के समाज गठन का चित्र परिकल्पना परिभाषित करता है.... जो एक प्राचीन युग भी था.... इसके बाद में क्रमोत्तर में कई और भी स्मृति ग्रंथों.... जिसमें अलग अलग समय में अलग अलग समाज व्यवस्था के वर्णन मिलता है.... और अभी आकर हमारा संविधान!! मनुस्मृति को श्रद्धा करने का एक ही कारण है.... कोई तो उस समय के समाज का परिप्रेक्ष में कोई उस समय के कोई नीतिगत तरीके को उनके समाजों का विश्लेषण किया..... या कहें शुरुआत किया!! बादमें अनेकों मनीषी आएं और तरह तरह का अलग अलग ग्रंथों भी मिलता है, जिससे परिवर्तन के साथ ... अलग अलग व्यवस्था को विश्लेषित किया!! अब उस जमाने या कहें एनसीएंट युगों में कौन क्या किया है.... क्यों किया था, उसे लेकर आंदोलन का काम मतलब बाज, आलसी और मूर्खो का ही एकमात्र काम है और सहारा है!! ऐसे झोलदार गप्पे की कहानी से यू ट्यूब ऐसे ही पटे पड़े है!! जिस दिन जनता इन झोल बाज नेताओं का मान मर्दन करके अपना अस्तित्व का प्रतिष्ठा करेगा, उस दिन से ही सारे सटीक होना शुरू हो जाएगा!!
Rambhadracharya ji ko naman 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 main unke saath hu 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
Tumhare saath hone se kuch nahi hota 😂😂
Is desh mai rehna hai to ambedkar ambedkar karna hoga
बहुत सही बात कही है 🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩
ये कोई जगतगुरू नहीं है, भागवत के साथ हामी भरने वाला ये पहला व्यक्ति है।
हम हिंदुओं के जगतगुरू शंकराचार्य है, इनके अलावा जो भी जगतगुरू लिखता है वह पाखंडी सत्ता मोह में व्यस्त व्यक्ति होता है।
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
बाबा साहब अमर रहे।
Jai Shree Ram 🙏🏻🙂
पूज्य आचार्य जी के चरण स्पर्श
मनुस्मृति केवल ब्राह्मण के लिए होनी चाहिए
बाबासाहेब आंबेडकर समस्त विश्व के गुरु है ऐसा विद्वान शायद ही दुनिया में पैदा होगा
अंबेडकर क्या सच में इतना महान थे..??
जितना अम्बेडकर के बारे में बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है..??
🤔
अम्बेडकर और उसका झूठा प्रचार बंद होना चाहिए।
मैं कुछ मिथक रखता हूं अम्बेडकर से जुड़े हुए..
1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे।
सच्चाई -अंबेडकर पूरी जिंदगी में सदैव थर्ड डिग्री में पास हुए।
2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे।
सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में।
3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया।
सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे।
4-मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया।
सच्चाई -उस जमाने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया।
5-मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया।
सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
6- मिथक-अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
सच्चाई -अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजो को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया।
7-मिथक -अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे।
सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी।
8- मिथक-अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया।
सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमे कुल 389 लोग थे अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था।
9-मिथक-अंबेडकर बहुत विद्वान था।
सच्चाई-अंबेडकर संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
स्थाई समीति के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे।
10-मिथक-अंबेडकर राष्ट्रवादी थे।
सच्चाई-1931मे गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी से भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलिस्तान की मांग की थी।
11-मिथक-अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा।
सच्चाई-जो संविधान अंग्रेजों के1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है ,
उसे आप मौलिक संविधान कैसें कह सकते है ?
अभी भी सोसायटी एक्ट में 1860 लिखा जाता है।
12-मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे।
सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे।
सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी।इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा।
13-मिथक-अंबेडकर स्वेदशी थे।
सच्चाई-देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था।गांधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी।
यद्यपि कि नेहरू, गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे।
अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नही है।अंबेडकर अंग्रेजिएत का हिमायती था।
जय हिंद जय भारत 🇮🇳🫡
रिपोस्ट
ऐसा वैसा कुछ नहीं है इतने भी अंधभक्त ना बनो उनके पहले हुए नहीं क्या विद्वान भारत मे चाणक्य हुए आर्यभट हुए ये क्या थे फिर अब तुम एक को ही पकड़ कर बैठ जाओगे तो की भाई यही सही है कयुकि इसी ने हमे आरक्षण दिया है😅😅
❤❤
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
विश्व का मतलब भी पता है..? 😅😅😅
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर अमर रहे।
Mai mere guru se 101% sehmat hu.
जगत गूरू जय श्रीराम
जगतगुरु कि जय,चरनवंदना,आप का एक एक वचन हि सत्य है
भागवत जी का बयान बहुत ही सटीक और बहुत ही गहराई युक्त है , अब महौल को ठंडा होते ही कराना मथुरा-काशी मुक्त है , हर हर महादेव, जय जय श्री कृष्णा ।
भारतीय संविधान जिंदाबाद।
जय हो स्वामी जी आपसे निवेदन है कि 25 dec को पेरियार की लिखी पाप गाथा सच्ची रामायण जलाने का शुभारंभ करें
Jai jai gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jagadguru jai ho ❤❤❤🙏🙏
Rambhadracharya ji ko pranam ❤❤❤❤❤
Jay Bhim
गैर जिम्मेदार पत्रकार
Jai Bhim
सत्य सनातन धर्म की सदा जय हो 🚩🚩🚩
Maharaj ji 100% sahi hai
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरुषार्थी कार्यकर्ताओं ने S.C S.T OBC हिन्दु समाज को हिन्दु संस्कृति और राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने में बहुत ही महत्वपूर्ण भुमिका लगातार निभा रहा है, S.C S.T OBC समाज की उत्थान हेतु आपने किस तरह से पुरुषार्थ करते हैं और आगे क्या करेंगे यह भी स्पस्ट करें !
Babri masjid ka dawa muslim ke sath tha supreme court ne kilyar kiya tha ki Babri masjid muslim ka hi hai aur koi mandir nahi toda gaya
अम्बेडकर जी कि आड़ मे नफ़रत फैला रहे हैँ हिन्दू विरोध कर रहे हैँ ये जय भीम जय मीम वाले अम्बेडकर जी महान व्यक्तित्व थे उनको नमन 🙏
मनोज जी सही कह रहे हैं ये दोनों पूजनीय है कुछ आततायियों की वजह से पहले से ही हिन्दू अलग हो गए हैं राम जी ने सबरी ,केवट, भील आदि में कभी नहीं भेद किया किसी भेद शास्त्र में भेद भाव नहीं लिखा है ।
हम अपने धर्मगुरुओं के मार्गदर्शन से चलेंगे न कि किसी और के विचार से।
सही बोल रहे है जगद्गुरु जी
Manusamrti dahan jari rahe ga🎉
हिंदू कौन है कोई ब्राह्मण है कोई क्षत्रिय है कोई शुद्र है अगर हर कोई हिंदू है तो हर जात का पुजारी बनना चाहिए
सच तो यह है कि मनुस्मृति के कारण इन्होंने ही हिंदुओं को काटा और बांटा। संविधान ने सबको एकता का पाठ पढ़ाया और संविधान के कारण ही आज अयोध्या का राम मंदिर मुक्त हुआ है
मै सब हिन्दुओ से आग्रह करता अगर आपको मनुस्मृती चाहिये तो आप अपने घरमे लागू करें उसका पालन करें अन्य धर्मियो पर नहीं.
हम भी आग्रह करते हैं अम्बेडकर को भी हम पर थोपा na jai. ..अंबेडकर कोई आजादी के आंदोलनकारी नहीं थे। वो ब्रिटिशर्स के कोनियल सस्ता के रहनुमा थे जो उनकी फेलोशिप पर उनके एजंडे को पूरा करने के लिए रिसर्च का काम करते थे ,झूठ बोलकर आप सिर्फ इसलिए अंबेडकर का बचाव नहीं कर सकते क्योंकि भारत में एक जाति विशेष का व्यक्ति उनको अपनी जाति का नेता मानता है,
अंबेडकर कोई वास्तविक संविधान निर्माता भी नहीं थे न ही उन्होंने आजादी के आंदोलन में एक दिन भी हिस्सा लिया। वो तो आखिर आखिर तक भारत की आजादी का विरोध ही करते रहे। हां, गांधी और नेहरु जरूर उनको साथ रखे हुए थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि एक साथ दो फ्रंट खुल जाए। एक ओर मुसलमान जिन्ना को लेकर अलग देश मांग ही रहे थे, दूसरी ओर दलितों को लेकर अंबेडकर भी अलग देश की मांग कर दें ,
भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाये रखने में उनका इतना ही योगदान था कि उन्होंने अलग दलित देश की मुहिम नहीं चलाई बस। दलितों के लिए सुरक्षित सीटों के फार्मूले पर मान गये
इसलिए अंबेडकर को व्यर्थ का पैगंबर या मसीहा मत बनाइये वरना एक दिन अंबेडकर के नाम पर लगातार गढा जा रहा झूठ इतना बड़ा संकट बन जाएगा कि फिर इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा। अंबेडकर जो थे, सच सच उतना ही बताइये,
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
आदरणीय गुरु जी, धर्म के ज्ञानी हैं, पूजनीय है। आदरणीय अम्बेडकर जी ने देश को संविधान देने मे महत्वपूर्ण मुख्य भूमिका निभाई। इन दोनों की तुलना करना गलत है। भाइयों ये दोनों ही हमारे देश, धर्म के लिए पूजनीय है। हमें आपस में बांटने के लिए ये सब हो रहा है। नहीं तो सच्चाई यही है पूजनीय बाबा साहब का कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं किया। कांग्रेस नेहरू के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया और बौद्ध धर्म अपनाया।
उन्हें चुनाव हराया गया, ये सभी सत्य है।
देशहित,सनातन धर्म के लिए आपस में मत बटो।यहां कुछ विधर्मी अपना नाम बदलकर गलत कमेंट करते हैं ,जिससे हमारे बीच फूट पड़ जाए। समझो 🙏
जय हिंद 🙏🙏
Jai bhim jai samvidhan
बाबा साहब ने सही किया
👑Jay sanvidhan 💪
नमो राघवाय
Jai gurudev 🚩🚩
ये जगत गुरु है कैसे कैसे लोगो को tv पर लाते हो बाबा बनके लोगो को गुमराह कर रहे हैं
मोहम्मद का तो चित्र भी नहीं बताते? 😂😂
इसने ये बात सही कहा की धर्म के ठेकेदार हम है भागवत नही....दूसरा इन दोनो का ज्ञान सिर्फ धर्म तक सीमित है वो भी राजनीतिक धर्म का ज्ञान बस असली धर्म से इन दोनो को कोई मतलब नहीं है.....
SC-ST OBC जिंदाबाद
चित्रा का परनाला वहीं जगद्गुरू चाहे कुछ कहें
बाबा साहब ने मनु स्मृति जला कर सही किया ऐसे धर्म गुरु एक जाति विशेष के धर्म गुरु हैं नकी पूरे देश के हैं
भेदभाव तो संविधान में भी है और बौद्ध ग्रंथ त्रिपीटक में भी जलने योग्य तो यह भी है....
और रही बात अम्बेडकर की तो अंबेडकर को हम पर थोपना बंद करो जिसने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे
अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी ।
अम्बेडकर को हम पर थोपना बंद करो
और और अंबेडकर को तुम जैसे लोग महान मानते होंगे हमारे लिए तो वह देश का गद्दार था है और रहेगा अंग्रेजों का एजेंट , अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के खिलाफ घटिया संविधान लिख दिया जिसकी वजह से लोग आज आपस में लड़ रहे हैं, राजगुरु ,भगत सिंह ,सुखदेव , नागभट्ट का केस लड़ने से भी मना कर दिया था , और लाला लाजपत राय के हत्यारे साइमन कमीशन के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवा रहा था, पर इस देश का दुर्भाग्य गद्दारों को महान बना दिया।।
Jai shree Gurudev ji maharaj ki
इसी स्मृति की वजह से समाज जाति में बंटकर नष्ट होता गया कुछ लोग अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु शोषण करते आए हैं इन लोगों को देश की चिंता नहीं है, बाबा साहब ही प्रासंगिक हैं और रहेंगे।
पहले मनुस्मृति खुद से पढ़ लो रेल वाला गेम मत दो जय मनुस्मृति जयभारत
गलत मत बोलो जाति मे बाटने का काम सविधान मे है जाति के हिसाब से आरक्षण सविधान मे है जाति के हिसाब से भेद भाव सविधान मे है जाके फड़ तो लो सविधान 😂😂😂😂
M Chitra ji se vinamrata se janna chahta hu ki aap kya chahte h? Kya hinduo ko apna hak nai mangna chahiye? Ya chitra ji ye kahna chahti h ki jesi isthiti h wese hi rahne de please apna rukh ishpesht kre!!!!!
Mera pujye Gurudev ji ke charano me shat shat naman 🎉🎉🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏
आज चित्र जी अच्छा सवाल कर रहे हैं जितने धर्म गुजरे हैं उसमें से कौन धर्म को माना जाए कौन कौन नहीं माना जाएगा
बहुत महान बाबा है