सर, वहाँ पर दुकान नहीं होती है| सभी लोग मैदान में फर्श पर दरी बिछा कर पुस्तकें बेचते हैं, जैसा कि आपको वीडियो देखने से ही पता चल गया होगा | आपको जो भी उपन्यास चाहिए, वहाँ जाकर ढूंढना पड़ेगा |
यह बाजार रविवार के दिन ही लगता है | मैं वहां अक्सर जाता हूँ | अब यह बाजार महिला हाट ग्राउंड में लगता है | पहले यह बाजार दरियागंज से लाल किले की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे लगता था |
Surender mohan pathak ke nowel kon si shop per milenge sir
सर, वहाँ पर दुकान नहीं होती है| सभी लोग मैदान में फर्श पर दरी बिछा कर पुस्तकें बेचते हैं, जैसा कि आपको वीडियो देखने से ही पता चल गया होगा | आपको जो भी उपन्यास चाहिए, वहाँ जाकर ढूंढना पड़ेगा |
Sunday off rahta
यह बाजार रविवार के दिन ही लगता है | मैं वहां अक्सर जाता हूँ | अब यह बाजार महिला हाट ग्राउंड में लगता है | पहले यह बाजार दरियागंज से लाल किले की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे लगता था |