माताजी के जन्म का वर्णन इस दोहे में मिलता है आठे सो आठ संवत, मधु सुद नम शनिवार। महामाया मामड़ घरे, आवड लियो अवतार।। माताजी की सातों भगिनियों का उल्लेख इस दोहे में हुआ हैं: आवड़ गुल रूपा अछी, लांगी छाछी होल। गढ़वी मामडिया घरे , आवड़ लियो अवतार ।। मां का जन्म मामड़ जी चारण के यहां हुआ था। जैसलमेर के छीलक गांव में। माताजी ने बावन हुन राक्षसों का वध किया इस कारण मां के बावन मंदिर एवं बावन ओरण है। कुछ राक्षसों का नाम तेमड़ा, चालक इत्यादि है । चारण जाती में जन्मी नो लाख देवियों से एक मां अवाड भी है। दोहे में लोंगी नाम भी प्रयुक्त हुआ है जिन्हें खोडियार माता के नाम से भी जाना जाता है। वह भी मां अवाड की ही भगिनी थी। सातों बहनों का एक भाई भी है जिन्हें महिरक्ष या लोकभाषा में महिरखा नाम से जाना जाता है। मां आवड ने उदन सुमरा व उसके पुत्र नूरन सुमरा जो की पंवार राजपूत थे पर मुस्लिम में परिवर्तित हो गए थे , के शासन का अंत किया जब मूर्ख नूरन ने मां एवं उनके सातों बहनों को विवाह करने हेतु कहा एवं चारण क्षत्रिय भाई भगिनी संबंध एवं मां के आजीवन कोमार्य व्रत को समझाने पर भी नही माना । मां ने भाटियो को राज बगसा। मां ने जब उदन के राज्य नाननगढ़ को छोड़ा एवं समस्त ग्रामवासियों के साथ पुनः अपने गांव की ओर बढ़ रहे थे जो उन्होंने अकाल के कारण छोड़ा था तब पुनः लोटते समय बीच में हाकड़ा नामक सागर था। उसके मार्ग न देने पर महामाया आवड ने उसे अपने एक चलु में सोख लिया।मां के भाई महिरक्ष के प्राणों की रक्षा हेतु चारणी आवड ने अपनी लोवडी में सूर्य छुपा लिया था । ऐसे ही अन्य पर्चो से मां सदैव भक्त सहाई रही है। एवं चारण वंश में अवतरी इस महाशक्ति ने समस्त बहनों के साथ 191 वर्ष की आयु में एक शिला पर बैठ सूर्यास्त के समय सूर्य को देखते हुए शिला सहित हिंगलाज की ओर उड़ गए। जय मां करणी 🙏।।
चैलक गॉंव जैसलमेर जिले मे है वहॉं स्वॉंगिया जी मॉं आवड़ का जन्म हुआ था व उनका विचरण क्षैत्र बाड़मेर के शिव मे व सिँध में गायौं की सेवा मे अपने माता पिताजी के साथ रही।
Jai bhawani. Jai maaJeen bhawani. Jai 7 shakti maa Aavad ray ji ki. Bhai ji apne bahut sundar katha sunayi mata ki. Mera ek question hai ki shekhawati क्षेत्र mai saatu behna mahamaya jinko bolte hai jaise indergadh samod ki mata ye deviyan aur maa aavad 7 behne ek hain ya alag?
आवड़ माता का जन्म जैसलमेर जिले के चेलक गांव में हुआ । इनका जन्म मोमड़ीया जी चारण के घर हुआ इनकी माता का नाम मोहवती जी था । इनके भाई का नाम मेहरख जी था । राव तणु का राज्य तनोट में था तथा वहा पर आवड़ जी ने तणु को जब स्वांगा या सिंहासन पर बैठ दर्शन दिये तब स्वांगिया जी कहलाए । तथा तैम्बड़े राक्षस का वध करने पर तैम्बड़ेराय कहलाए जैसलमेर के पास तैम्बड़ेराय का भव्य मंदिर है ।
आवड माता प्रथम दृष्टया चारणों की आराध्य देवी है। फिर अनेकों चमत्कारों के साथ विभिन्न नामों से विख्यात हुए और उन्हीं नामों से अलग अलग कुलों की कुल देवी बने. आवड माता की बहिन लांग बाईसा अपने भाई मेहरखजी के लिए आकाश मार्ग से अमृत लाते बखत पैर पर तीर लगने से खोड़े हुए जिससे उनका नाम खोडियार पड़ा और गुजरात में खोडियार मां की पूजा धोकना होती है।। जय आवड मां 🙏🏻 जय मां खोडियार 🙏🏻
राजस्थान में जैसलमेर जिले में माता जी के 52 मंदिर हैं 52 मंदिर में 52 नामों से मां जगदंबा आवड़जी को जाना जाता है माता जी ने अलग-अलग 52 पर 52 जगह असुरों का वध किया था आज उस जगह है 52 मंदिर विख्यात है और 52 जगह है भैरवनाथ साथ में है।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सही जानकारी दी है सर ने ईनका दूसरा नाम खोड़ियार जी है.......कहा जाता है कि जब ईनके भाई मेहरखजी को सर्प ने डस लिया था तब आवड़ जी ने इन्हे जड़ी बूटी लाने के लिए भेजा था उसी दोरान इनके पैर मे तीर या कोई अस्त्र लग गया था
@@jagdishdan3843 हुकुम आप बिल्कुल सही अरज करा रहे है। परंतु ऐतिहासिक दृष्टि से देखे तो मां लाँगी जो आवड मां की ही भगिनी थी , उन्होंने गुजरात शासक शिलादित्य सप्तम के शासन का अंत 767 ई . सन् के आस पास किया था तो इस दोहे को ऐतिहासिक दृष्टि से संतुष्टी प्रदायी माना जाता है आठे सो आठे संवत, मधु सुद नम शनिवार। महामाया मामड़ घरे आवड लियो अवतार।।🙏 एवं कुछ पुस्तकों के अनुसार मां का जन्म चालकना गांव में बताया जाता हैं तो कुछ संदर्भ जैसे The book Titled "चिरजा साहित्य में चारण देवियां" में मां का जन्म जैसलमेर के छीलक गांव में भी बताया गया है। Hope the reply would be clarifying as well satisfying. जय मां करणी।🙏🙏
Bhai shri me Ahmedabad ka rahanevala. MERI kuldevi he Khodiyar ( aavadmata ki bahan ) AAP ne jo BAAT AAVAD MATA KI DETAIL ME BATAYEE aap LO 100 salam * me DHANYA ho gaya
Hakada nad ke rasta n dene par mateshvary NE jo krodhit hokar jo roopdharan kiya vo aavad roop tha yahi roop se shera Bhati ki bhenso ke bich ghoom rahe asur ka vadh kar rakt pan kar hakada ke jal ko ek Chullu se apane pet me Sama liya yahi Se aap ka nam aavad huaa
माताजी के जन्म का वर्णन इस दोहे में मिलता है
आठे सो आठ संवत, मधु सुद नम शनिवार।
महामाया मामड़ घरे, आवड लियो अवतार।।
माताजी की सातों भगिनियों का उल्लेख इस दोहे में हुआ हैं:
आवड़ गुल रूपा अछी, लांगी छाछी होल।
गढ़वी मामडिया घरे , आवड़ लियो अवतार ।।
मां का जन्म मामड़ जी चारण के यहां हुआ था। जैसलमेर के छीलक गांव में। माताजी ने बावन हुन राक्षसों का वध किया इस कारण मां के बावन मंदिर एवं बावन ओरण है। कुछ राक्षसों का नाम तेमड़ा, चालक इत्यादि है । चारण जाती में जन्मी नो लाख देवियों से एक मां अवाड भी है। दोहे में लोंगी नाम भी प्रयुक्त हुआ है जिन्हें खोडियार माता के नाम से भी जाना जाता है। वह भी मां अवाड की ही भगिनी थी। सातों बहनों का एक भाई भी है जिन्हें महिरक्ष या लोकभाषा में महिरखा नाम से जाना जाता है। मां आवड ने उदन सुमरा व उसके पुत्र नूरन सुमरा जो की पंवार राजपूत थे पर मुस्लिम में परिवर्तित हो गए थे , के शासन का अंत किया जब मूर्ख नूरन ने मां एवं उनके सातों बहनों को विवाह करने हेतु कहा एवं चारण क्षत्रिय भाई भगिनी संबंध एवं मां के आजीवन कोमार्य व्रत को समझाने पर भी नही माना । मां ने भाटियो को राज बगसा। मां ने जब उदन के राज्य नाननगढ़ को छोड़ा एवं समस्त ग्रामवासियों के साथ पुनः अपने गांव की ओर बढ़ रहे थे जो उन्होंने अकाल के कारण छोड़ा था तब पुनः लोटते समय बीच में हाकड़ा नामक सागर था। उसके मार्ग न देने पर महामाया आवड ने उसे अपने एक चलु में सोख लिया।मां के भाई महिरक्ष के प्राणों की रक्षा हेतु चारणी आवड ने अपनी लोवडी में सूर्य छुपा लिया था । ऐसे ही अन्य पर्चो से मां सदैव भक्त सहाई रही है। एवं चारण वंश में अवतरी इस महाशक्ति ने समस्त बहनों के साथ 191 वर्ष की आयु में एक शिला पर बैठ सूर्यास्त के समय सूर्य को देखते हुए शिला सहित हिंगलाज की ओर उड़ गए।
जय मां करणी 🙏।।
चैलक गॉंव जैसलमेर जिले मे है वहॉं स्वॉंगिया जी मॉं आवड़ का जन्म हुआ था व उनका विचरण क्षैत्र बाड़मेर के शिव मे व सिँध में गायौं की सेवा मे अपने माता पिताजी के साथ रही।
Jai bhawani. Jai maaJeen bhawani. Jai 7 shakti maa Aavad ray ji ki. Bhai ji apne bahut sundar katha sunayi mata ki. Mera ek question hai ki shekhawati क्षेत्र mai saatu behna mahamaya jinko bolte hai jaise indergadh samod ki mata ye deviyan aur maa aavad 7 behne ek hain ya alag?
बहुत अच्छी व उपयोगी जानकारी दी गई वीड़ियो में 🌹👌🙏
जय माता दी 🌹🙏
बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की। मॉं स्वॉंगिया की कृपा आपको जरूर मिले।
जयश्रीरामजयशनिदेव❤ जयमाकरणीदेशनोक❤ जयमाजमवायमाता❤ शिवसिहशेखावत पुनदलसरश्रीडुगरगढबिकानेर
जय श्री नागणराय नमो जय आवड माता की जय वारमवार प्रणाम
सर , नागणेची माता, बिजासन माता, आशा माता, शाकम्बरी माता,भी आवड माता ही है
जयं हो मां जुनी जाळं रा धणीयोणी मां आवड़ स्वांगिया आईनाथं जी भादरिया राय मां
Jai Mata di
सर आपने माताजी के बारे में बहुत अच्छे से समझाया है धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Jai aavad Mata ki
जय मां भाटी वंश कुल धनियाणी आवड़ मां 🙏🚩 आईनाथ जय मां स्वांगिया 🙏
आवड़ माता का जन्म जैसलमेर जिले के चेलक गांव में हुआ । इनका जन्म मोमड़ीया जी चारण के घर हुआ इनकी माता का नाम मोहवती जी था । इनके भाई का नाम मेहरख जी था । राव तणु का राज्य तनोट में था तथा वहा पर आवड़ जी ने तणु को जब स्वांगा या सिंहासन पर बैठ दर्शन दिये तब स्वांगिया जी कहलाए । तथा तैम्बड़े राक्षस का वध करने पर तैम्बड़ेराय कहलाए जैसलमेर के पास तैम्बड़ेराय का भव्य मंदिर है ।
जय श्री आवड़ मां जय श्री हिगला जी
जय हो भाई साब आप को भगवती एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनाएगी
Jai shree aavad Mata ji 🙏🙏
जय मॉ आवङ आईनाथ जी कुलदेवी हैं
आवड माता प्रथम दृष्टया चारणों की आराध्य देवी है। फिर अनेकों चमत्कारों के साथ विभिन्न नामों से विख्यात हुए और उन्हीं नामों से अलग अलग कुलों की कुल देवी बने.
आवड माता की बहिन लांग बाईसा अपने भाई मेहरखजी के लिए आकाश मार्ग से अमृत लाते बखत पैर पर तीर लगने से खोड़े हुए जिससे उनका नाम खोडियार पड़ा और गुजरात में खोडियार मां की पूजा धोकना होती है।। जय आवड मां 🙏🏻 जय मां खोडियार 🙏🏻
Bahut log kehte hain ki mamad ji charan rohishala gaav mai rehte the phir chelak gaav kaise??
Very good 👍 dear sir
Jay Mara vala somnath dada Jay Mari Vali Khodiyar maa 🙏🙏🙏🙏🏽🙏🙏🏽🙏
जय श्री आवड़ मां
सर आवड़ माता एक आसन पर विराजमान हुई थी जिसे सहगा कहा जाता था इसीलिए उनका नाम स्वांगिया है
जय माँ आवड़
Kya bat h very nice 👍 dear sir ❤️
Nice guru
सर, गुजरात में खोडियार माता की पूजा होती है, मां खोडियार भी आवड माता की छोटी बहन है,
Ha Bhai maa khodiyar ke bare me video banana
भादरिया वाली माता जी यही है
Jay ho swangiya mataji ki 🙏🙏
Jai mataji 🙏🙏🙏
Super class sir 👌👌👌
Very good 👍 dear sir ❤️
Very nice 👌 👍 and the
संज्ञा माता जी
Adbhut Divya charitra itihash sunaya ji aap ne satik h Jay aavad mata Jay khodray mata Jay karni mata
राजस्थान में जैसलमेर जिले में माता जी के 52 मंदिर हैं 52 मंदिर में 52 नामों से मां जगदंबा आवड़जी को जाना जाता है माता जी ने अलग-अलग 52 पर 52 जगह असुरों का वध किया था आज उस जगह है 52 मंदिर विख्यात है और 52 जगह है भैरवनाथ साथ में है।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
52 nam kon kon se he
Very nice 👌👌
जय श्री नागणेच्या माता की जय श्री जय आवड माता की जय वरमवार प्रणाम🎉🎊❤
जय माताजी की🙇🏻❣️💐🙏🏻
इतनी जानकारी आपको कहां से मिली सर...बहुत ही शानदार
आवड़ माता जी चारण समाज में जन्म लेने वाले भगवती है... ❤
good bhai ji
Very good 👍
Very helpful 👍
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay mata di🙏🙏🙏
🚩🚩🚩👏👏👏🚩🚩🚩
मेरी कुलदेवी भादरिया राय माता है जो आवड माता का ही रूप है
Jai mata ji
Nice sir ji
जय मां माया आदि पराशक्ति आपकी उत्पत्ति तो ब्रह्मा विष्णु महेश भी नहीं पता लगा सके हमारा क्या सास जय मां चामुंडा
मां आवड माता दी जी
Jai maa
🚩🔱 Godavari biosa Sattu Behna🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jayaavad jaynagnechi jayrajputana jaycharan
Maa ashapura and maa nagnenchya are her roop
Jai swangiya maharani 🌹🌹🚩🚩
Nice video sir
Bhadriyama
Hansraj ji aap ka video bhut acha lga
Thanks
Jai Aavad Mata
तेमडिया नही तेमडाराय माता
👌👌👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏
Aavad ma. Ka janma rohishala gujrat me padta hee meri est devi hee aavad maa 🙏
bikul sa chalkna me to chalka rakshak mara tha
Jai Jaisalmer marudhara 🙏🚩🙏👌
Thanks
🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice....👍👍👍
Super sir
आपका विडीओ बौत असा लगा मे
अजून
Achhi baat h
Karpa kray karpa kray
Jai kuldevi aavad ma
Jay SHREE ram 🕉🙏🚩⚔️🕉
🙏
Jay ma sonal
लांगबाई नाम था और वह महाशक्ति अपंग नहीं थे 🙏🙏 बाकी आपका अध्यापन काफी प्रभावशाली और अच्छा है
जो पढ़ रखा है वही बताया और दोबारा कोशिश करेंगे ऐसी गलती नहीं होगी
👍🏻👍🏻 आप रीट फर्स्ट लेवल से संबंधित विषय वस्तु का अध्यापन भी करवाते हैं क्या सर
नहीं अभी सब कुछ बंद कर रखा है 4 महीने बाद शुरू करूंगा जो भी नया मैटर करना है
@@hansrajsarangk6315 🙏🙏🤗🤗 keep it up धन्यवाद आपका श्रीमान
सही जानकारी दी है सर ने ईनका दूसरा नाम खोड़ियार जी है.......कहा जाता है कि जब ईनके भाई मेहरखजी को सर्प ने डस लिया था तब आवड़ जी ने इन्हे जड़ी बूटी लाने के लिए भेजा था उसी दोरान इनके पैर मे तीर या कोई अस्त्र लग गया था
🎉🎉🎉🎉
कुलदेवी श्री साखियां मां ताभाटी वंस कुलदेवी
आवड़ माता जी का जन्म जैसलमेर जिले के चेलक गाँव से है 🙏🙏
Ha
Chalakna gav Barmer h not chelak jaisalmer nahi h
Awad ma ka janam chalakna gav Barmer me 838 me mamdiya ji mada jati k charan k ghar huva tha
Bilkul sahi
@@jagdishdan3843 हुकुम आप बिल्कुल सही अरज करा रहे है। परंतु ऐतिहासिक दृष्टि से देखे तो मां लाँगी जो आवड मां की ही भगिनी थी , उन्होंने गुजरात शासक शिलादित्य सप्तम के शासन का अंत 767 ई . सन् के आस पास किया था तो इस दोहे को ऐतिहासिक दृष्टि से संतुष्टी प्रदायी माना जाता है
आठे सो आठे संवत, मधु सुद नम शनिवार।
महामाया मामड़ घरे आवड लियो अवतार।।🙏
एवं कुछ पुस्तकों के अनुसार मां का जन्म चालकना गांव में बताया जाता हैं तो कुछ संदर्भ जैसे The book Titled "चिरजा साहित्य में चारण देवियां" में मां का जन्म जैसलमेर के छीलक गांव में भी बताया गया है।
Hope the reply would be clarifying as well satisfying.
जय मां करणी।🙏🙏
Please search avad khodal birth place
Search aap hi krlo history of aavad mata
Jay biosa Maharadi🙏🙏🙏🙏🙏
Maha maya mata ka mandir udaipur me hai
हरियाणा में मावली माता के नाम से पूजा की जा ती है।मा
Aap se gujarish hai avad mata ka pata kaise bhara jata hai vaisa Maharaj ka yah video jarur banana Jay avad Mata Di 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Gadi khamma ji🙏🙏🙏🙏🙏
Bhai shri me Ahmedabad ka rahanevala. MERI kuldevi he
Khodiyar ( aavadmata ki bahan )
AAP ne jo BAAT AAVAD MATA KI DETAIL ME BATAYEE aap LO 100 salam * me DHANYA ho gaya
Nice information Happy to say u share deep msg to us.
I need to know who is kuldevi for kumawat samaj
Thanks
@@hansrajsarangk6315 pls can u tell who is kuldevi for kumawat caste
मुख्यतः लोक देवी हैं शीतला माता हालांकि अपनी अपनी शाखाओं के अनुसार अलग-अलग कुलदेवी हो सकती है
@@hansrajsarangk6315 Thank you 🌹
આવડ માતા નો જન્મ ગુજરાત ના
રોહીસાળા માં થયો હતો સાત બહેનો
ના નામ આવડ જોગડ તોગડ સાસાઇ બિજબાઇ હોલ ખોડીયાર છે
જય ખોડીયાર 🙏🏻
Langde
Paldiya suthar ki kuldevi konsi bataye sir
तैमडेराय सही नाम है। तैमडिया माता का।
आवड माता के भाई के बारे में कुछ बताओ
Temadiya Mata nahi balki Temadaray h
Shanga..bhale ko nhi khte h lkri ka sinhasan bna hota h usi so singasn khte h
Kya aawad mata hi saharan gotra ki kuldevi h?
माता का नाम आवङ कैसे पड़ा किसी भाई को पता हो तो कृपा करके जरूर बताएं🙏🙏
Hakada nad ke rasta n dene par mateshvary NE jo krodhit hokar jo roopdharan kiya vo aavad roop tha yahi roop se shera Bhati ki bhenso ke bich ghoom rahe asur ka vadh kar rakt pan kar hakada ke jal ko ek Chullu se apane pet me Sama liya yahi Se aap ka nam aavad huaa
आवड माँ का नाम ऊभट नाम है
Pl read vdo on 52 name of AAVAD mata desplayed by mahavir PRASAD (open You tube write 52 name of AAVAD Mata vdo will open )
श्रीमान जी महामाया माता के कुल राजस्थान में कितने मिन्दिर है
52
Avad maa or khodiyar maa kya ek hai?
Ji bataiye muje kripya
Aavd Mata ki bhan thi
बायोसा माता भी इन्हीं कहते हैं ना???
हा
Sir charano ki kul me janm haha tha avad mata Ka janam
तनोट मे मन्दिर है
Maha maya and Mavla Mata Alag ha and Abar Mata Alag hs
Sundha mata chamunda mata h.
Sundhamata ko chamundamata kaha jata he