आजमगढ़ जिले का 08-प्रसिद्ध मंदिर। Azamgarh jile ka famous temple 🔥🔥🔥

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  • Опубликовано: 18 сен 2024
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    आजमगढ़ जिले का 8-प्रसिद्ध मंदिर। Azamgarh jile ka famous temple
    आजमगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल आजमगढ़ का प्रमुख तीर्थ स्थान आजमगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थान।
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    इस वीडियो में दी गई जानकारी का मुख्य स्रोत विकिपीडिया,गूगल और यूट्यूब है।
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    भैरव बाबा महाराजगंज
    आजमगढ़ जनपद में महराजगंज के बाजार में स्थित भैरव बाबा का विशाल एवं अति प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि भगवान शिव के आदेश पर दक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंस करने के बाद काल भैरव दक्षिणमुखी होकर यहां विराजते हैं। हरिशंकर राढ़ी प्रशासनिक स्तर पर महराजगंज ब्लॉक में स्थित है। भैरव मंदिर की महत्ता और लोकप्रियता दूर-दूर तक फैली है। श्रद्धा और आस्था की दृष्टि से महराजगंज भैरव बाबा के अस्तित्व के कारण जाना जाता है। यह मंदिर पचास किलोमीटर की परिधि से श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खींचा करता है। विशेष मेलों और मनौतियों की दृष्टि से यह आसपास के कई जिलों में रहनेवालों के लिए यह आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र है।
    भंवर नाथ मंदिर
    आजमगढ़ शहर के पश्चिमी छोर पर स्थित बाबा भवंर नाथ मंदिर के बारे में यह माना जाता है कि बाबा भवंर नाथ अपने भक्तों को दर्शन-पूजन करके राहत देते हैं। शायद यही कारण है कि शहर और आसपास के क्षेत्रों में शिव पूजा का कोई भी त्योहार मनाया जाता है। महाशिवरात्रि हो या सावन का महीना यहां लोग एक बार बाबा के दर्शन करना नहीं भूलते। शिवालयों में दर्शन-पूजन करने के बाद यहां आए बिना भगवान शिव की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। लोगों का मानना ​​है कि यहां नाम के कारण किसी भी संकट से मुक्ति मिलती है और बाबा भवंर नाथ अपने भक्तों की साल भर रक्षा करते हैं।
    दुर्वासा धाम
    भगवान शिव के अंश और रूद्रावतार चारों युगों के द्रष्टा महर्षि दुर्वाषा ने निजामाबाद तहसील में तमसा किनारे अपनी तपोस्थली त्रेता युग में बनाया था जो आज भी जन आस्था का प्रमुख केंद्र है। तीन तहसील क्षेत्रों फूलपुर निजामाबाद और अम्बेकर नगर के त्रिकोण पर तमसा नदी किनारे स्थापित दुर्वासा धाम पर भगवान शिव का पौराणिक काल का मंदिर स्थित है। यहां देश के कोने कोने से भक्त सावन मास में आते हैं और भगवान शिव और दुर्वाषा ऋषि का दर्शन पूजन कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। आजमगढ़ से दुर्वासा ऋषि आश्रम या दुर्वासा धाम की दूरी लगभग 37 किलोमीटर है।
    दत्तात्रेय
    यह स्थान तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित है 3 किमी निजामबाद तहसील से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में है। दत्तात्रेय ऋषि का एक आश्रम है जहाँ पिछले समय मे लोग ज्ञान और शांति प्राप्त करने के लिए आते थे। शिवरात्रि के दिन यहां मेले का आयोजन किया जाता है।
    अवंतिकापुरी धाम
    अवंतिकापुरी धाम आजमगढ़ जिले के निकट रानी की सराय मेें स्थित है। । कहा जाता है कि राजा जन्मेजी ने पृथ्वी पर से सभी साँपों को मारने के लिए इस जगह पर एक यज्ञ का आयोजन किया था। यहाँ स्थित मंदिर और सरोवर भी काफी प्रसिद्ध है। काफी संख्या में लोग इस पवित्र सरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं।
    चंद्रमा ऋषि आश्रम
    चंद्रमा ऋषि आश्रम जनपद मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर पश्चिम तमसा एवं सिलानी नदी के संगम पर चंद्रमा ऋषि का आश्रम है। यह स्थान भंवरनाथ से तहबरपुर जाने वाले रास्ते पर पड़ता है रामनवमी तथा कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगता है ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल घूमने का स्थान है यह स्थान सती अनसूया के कहानी से संबंधित है
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