क्या खुब समझाए खुब कहे जैसा जो है वैसा बजता बज रहे । ओशो ने कहा खुब खुब भूमिका दिये तरह तरह के विधि झंकृत संगीत लिए । शब्दों से शब्द काटते कुछ दान दिये परम प्रकाश आलोकित मंगल दीप जलें । नववधू सा उनका शब्द श्रृंगार श्रवण संगीत ऋषियों कि इस धरा को पुनः नये छंद गीत । वाह रे वाह तेरा लाख लाख शुक्रगुजार रहमो रहमान धरा पर आएं और और आते रहें बारंबार मेहमानें शान। नजर नजर को है तेरी तलाश ए तिस्नगी पुनः कोई गीत शहरों का बसे और हो बंदगी। धन्यवाद प्रणाम प्रिया मां ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
क्या खुब समझाए खुब कहे
जैसा जो है वैसा बजता बज रहे ।
ओशो ने कहा खुब खुब भूमिका दिये
तरह तरह के विधि झंकृत संगीत लिए ।
शब्दों से शब्द काटते कुछ दान दिये
परम प्रकाश आलोकित मंगल दीप जलें ।
नववधू सा उनका शब्द श्रृंगार श्रवण संगीत
ऋषियों कि इस धरा को पुनः नये छंद गीत ।
वाह रे वाह तेरा लाख लाख शुक्रगुजार
रहमो रहमान
धरा पर आएं और और आते रहें बारंबार
मेहमानें शान।
नजर नजर को है तेरी तलाश ए तिस्नगी
पुनः कोई गीत शहरों का बसे और हो बंदगी। धन्यवाद प्रणाम प्रिया मां
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🌹🙏🌹 सद्गुरु 🌹 मां 🌹को कोटि कोटि प्रणाम 🙏 नमन 🙏🌹🙏
प्रणाम सद्द्गुरु
Parnam maa 🙏🥰
Vandan Ma❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤
Pranaam, guru ma, thanks❤🌹🙏.
Naman guru ma 🙏💐
Prem naman
❤🙏🙏 jai osho 🌹🌹
Bahut vadia 🙏🙏
❤⚘️⚘️⚘️🙏
🙏💓🕉
❤❤🥰💐💐🙏🙏🌹🌹
मैं नाम स्मरण तो नहीं करता पर ओशो के ही बताये अनुसार अपना कुछ ध्यान हर समय फिलहाल बिना किसी भाव के सिर के उपर रखता हूँ। क्या ये कम महत्व का है?!!