सबकी मति एक समान नहीं होती है मित्र आप असार में सार खोज रहे हैं किंतु बहुतों को सार में भी असार ही समझ आता है।आपकी विवेक बुद्धि को हमारा कोटि-कोटि प्रणाम। 🌺🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏जय सतनाम🙏🌺
निज स्वरूप हमसे बिछुड़ा नहीं है उसे प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है वह तो स्वयं हम ही है। हमें केवल अपने दुर्व्यवहार को मिटाने की आवश्यकता है। आत्मा परमात्मा ही है। जैसे सोने को तपा करके आभूषण बनाया जाता है ठीक ऐसे ही अपने दुर्व्यवहारों को मिटा करके हम निज तत्व को समझ सकते हैं। इसे प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है ये तो प्राप्तव्य है अर्थात खुद ही है। बाहर की वस्तु को प्राप्त किया जाता है जो प्राप्त किया जाता है वो बिछुड़ भी जाता है किंतु हमारा निज स्वरूप हमसे बिछुडा़ नहीं है हम इसे भूल गए हैं हमें बाहर के बाहरी वासनाओं को छोड़ना होगा बस केवल इतना ही करना है। इसके लिए गहरी साधना की आवश्यकता होती है जो हमने कई बार वीडियो में बताया भी है और इसके बारे में आगे भी बताते रहेंगे।🌺🙏🌺
Aap सुबह जल्दी उठें और निश्चिंत होकर बैठें। कोशिश करें कोई भी संकल्प विकल्प आप को आकर्शित न करे याद रखें आप दृष्टा हैं आप सुख दुःख के जनक हैं ऐसा सोचकर अपने आप को संकल्प विकल्प से दूर करते रहें । ऐसा नित्य करें ध्यान रहे एक भी दिन अवकाश न हो । यही सरल रास्ता है कुछ ही दिन लगेगा । मन अगर ईमानदार है तो साधना पक जाएगी अन्यथा मन ही ये करने से रोकेगा। अभी कुछ दिनों में ही ध्यान साधना की वीडियो आने वाली है पिछली कई वीडियो में ध्यान साधना पर चर्चा की गई है किसी एक वीडियो पर जोर नहीं दिया जा सकता किंतु आने वाली वीडियो में ध्यान साधना को विधि सहित बताया जाएगा 🙏🌺🙏
Bhai Gyan to sahi par ek jagah tum chuk gayee.raam ka naam hi sab vasna se pare karta he .aur tum logo ko bhekaoo mat .jal ko jal nhi kahenge to kya nal kahenge.aur bat Kabir ji ki .vo to agyan hatana chate the lekin tumhare jai logg bhai Kabir ji ka bhi apmaan karte he .aur bat Rahi naam jap ki.aap se kabhi huaa nhi hoga to dusroo ko bhi yahi raai de rahe ho.naam jap karro aur Etna karoo ki rom rom me raam ho
सदगुरु कबीर ने कहा है बाहिर क्या दिखलाइये,अंतर जपिए राम। कहा महोला खलक सों,पर्यो धनी सो काम।। अर्थात बाहरी दिखावा तो मात्र आडंबर है इससे कुछ भी प्राप्त नहीं होता वास्तविकता तो आंतरिक होती है अतः हृदय से राम-राम का जाप कीजिए परमात्मा से मिलान भी तभी होगा जब सांसारिक मोह माया को त्याग कर मन को आत्मा में लगाएंगे अर्थात अपनी चेतना में लगाएंगे राम मुंह से नहीं मन से जपने के लिए कहा गया है। आप भी जानते हैं राम कहे जगत गति पावै, खांड कहे मुख मीठा। सदगुरु कबीर साहेब की बीजक मूल पुस्तक है उसी में यह लिखा है। अधिक जानकारी के लिए आपसे विनम्र विनती है बीजक जरुर पढ़ें दुनिया की सबसे कीमती और अनमोल पुस्तक है जिसमें सत्य को सत्य रूप से प्रदर्शित किया है। धन्यवाद साधुवाद 🌺🙏🌺
Mujj Kabir ji ki bate ya unki pustak nhi samjh ni menA Kabir ji ko samjaa he .pustak ki bate un logo k liyea jo ram naam par Saval karte he aur .aur ha bartan jaab Jamin pe girta he to uski aavajj bhitar Tak jatii he .par vo achi nhi lagti lekin raam jor jor se bolne par jab bhitar jata he to bhut aacha lagta he . isliye hari Hari jap lal din rah gaye thode
क्या हमें राम नाम की जानकारी गर्भ में ही पता लग जाती है यह एक प्रश्न है यदि राम की जानकारी हमें जन्म से पहले हो जाती तो सिर्फ राम ही राम है अर्थात सभी मानव के लिए सिर्फ राम ही उत्तम होता किंतु महात्मा बुद्ध भगवान महावीर और विवेकानंद जैसे महापुरुषों ने राम शब्द का उच्चारण नहीं के बतौर किया है किंतु वे भी तो जीवन मुक्त हुए हैं। राम शब्द तो आधार है मुक्ति तो मन को होना है वह भी विषय वासनाओं से मुंह पर राम-राम जपने से मन की शुद्ध नहीं होती मन की शुद्धि तो मन के मंथन करने से होगी। केवल राम-राम जपने से उध्दार होता तो आप ही आज देख लो करोड़ करोड़ व्यक्ति संत बनकर घूम रहे हैं विषय वासनाओं में उनसे ज्यादा कोई नहीं डूबा। प्यारे मित्र राम बड़ा है या राम कहने वाला बड़ा है जरा इसका विचार करिए।
Dekho bhai jaki Rahi bhavna jaiisi prabhu Murat deki tin tesi. Ye line kisne likii Tulsi daas ji ne .thik he .iswar sab k he sab ka sath dete he aur dayalu bhi bhot he .ramji to bhut bade he .aur ram naam ko jo japte he bolte vo bhi bade he .raam ki mahima etni he ki vo me bhakt mere prati kis tarah saval ka Java dete he.par me utna layakk nhi .aur ha bhai ek bat aur tulsidas ji jab paida huA tab phela sabd raam bolee the .AP bhai Kabir ji ko mano ya ram ji ko ya Krishna ya Mahadev .par unke aadar pe chaloo bus musskil he is Maya se ladna par me to jaanta hu Prabhu mere Prabhu he
राम नाम आत्मा है कबीर साहेब जी राम नाम बोलते तो थे पर वह रामायण वाले राम को नहीं पुकारते थे केवल लोगों को गुमराह किया गया भटकाया गया असल मे राम नाम आत्मा आ नाम है
Are o murkho sahab khte hain kalyug kewal nam aadhara or tu bole kam aadhara..Vani change Mt kr warna gadha suwar bnna pkka..ha ye bhle sahab bole hain ki jo bhakt apni atma me chhipe parmatm ya asli swaroop se jud jata ho to uski hr ek kam bhi apne aap me Pooja hoti h... Sahab ki Vani is prakar h Jo jo kru sb hi pooja jha jha dolu sb parikarma.. Jag sko to jag buddhu or baki ko bhi jgao or sadguru nitin sahab ke channel "kahat Kabir suno Bhai sadho " se judo
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏
Saheb bandagi Saheb 🌹🙂🙏🙂🌹🙂🙏🙂🙂🌹🙂🙏🙏🙂🌹
वह बहुत सुंदर ज्ञान दिया साहेब जी आपको कोटि कोटि धन्यवाद साहेब बंदगी सतनाम
सबकी मति एक समान नहीं होती है मित्र आप असार में सार खोज रहे हैं किंतु बहुतों को सार में भी असार ही समझ आता है।आपकी विवेक बुद्धि को हमारा कोटि-कोटि प्रणाम।
🌺🙏 साहेब बंदगी साहेब 🙏जय सतनाम🙏🌺
धन्यवाद साहेब जी
❤❤❤जय सत् गुरु 🙏
साहेब बन्दगी
Sadguru Kabir Bhagwan koti koti pranam
❤ saheb bandagi saheb ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹👌👌🌷🌷♥️
🙏🌺🙏सप्रेम साहेब बंदगी 🙏🌺🙏
साहेब बंदगी सतनाम जी
🙏🌺🙏सप्रेम साहेब बंदगी 🙏🌺🙏
❤ saheb bandgi saheb ❤
Saheb bandagi 🙏🙏🙏👌👌👌
🌺🙏🌺 sahebji ko Bandagi 🌺🙏🌺
🌺🙏🌺Saheb Bandagi🌺🙏🌺
Very nice 👍👍👍
Saty vachan
सब मान्यता ओका खेल है l understanding is hole thing समज अपने आप मे पूर्ण है l
जय हिन्द जय हो
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 Jay Hind
Sadguru satyo kabir saheb bandagi ji
🙏🌺🙏सप्रेम साहेब बंदगी 🙏🌺🙏
🌸🌸🙏 Sat Sahib Ji 🌸🌸🙏
🌺🌺🙏 Saheb ko Sapram Bandagi 🙏🌺🌺
@@AaradhyaJivanfir hum kiska dhyan kare
साहिब बंदगी साहिब बंदगी
🙏🌺🙏 साहेब को सप्रेम बंदगी 🙏🌺🙏
Jai sadgurudeo bhagwan
.
जय श्री सतगुरु देवाय नमः 🙏🌺🙏
Sahi baat he bhai sat saheb
🌺🙏sat saheb ji🙏🌺
🙏🙏
🌺🙏🌺
😢😢😢😢 sat Saheb
सत्य को बंदगी 🌺🙏🌺
Hamen kripya karo Bhagwan
👌👌👌🙏🌷🙏🌷👌🏼🌷
Thank you ❤
बिना समज के नाम सिमरन करने से भी मोक्ष नही है l
Nice
Thanks🙏🙏🌺🙏🙏
8:43 इस शब्द को सुन बाबा बागेश्वर सरकार की नहीं
निज स्वरूप को कैसे प्राप्त करें कृपा सार बताएं
निज स्वरूप हमसे बिछुड़ा नहीं है उसे प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है वह तो स्वयं हम ही है। हमें केवल अपने दुर्व्यवहार को मिटाने की आवश्यकता है। आत्मा परमात्मा ही है। जैसे सोने को तपा करके आभूषण बनाया जाता है ठीक ऐसे ही अपने दुर्व्यवहारों को मिटा करके हम निज तत्व को समझ सकते हैं। इसे प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है ये तो प्राप्तव्य है अर्थात खुद ही है। बाहर की वस्तु को प्राप्त किया जाता है जो प्राप्त किया जाता है वो बिछुड़ भी जाता है किंतु हमारा निज स्वरूप हमसे बिछुडा़ नहीं है हम इसे भूल गए हैं हमें बाहर के बाहरी वासनाओं को छोड़ना होगा बस केवल इतना ही करना है। इसके लिए गहरी साधना की आवश्यकता होती है जो हमने कई बार वीडियो में बताया भी है और इसके बारे में आगे भी बताते रहेंगे।🌺🙏🌺
क्या साधना करें, अगर आपने ऐसी कोई विडीयो बनाई है तो कृपया लिंक शेयर करें 🌹🌹🌹🌹
कृपा करके अपना कान्टैक्ट नंबर दे
Aap सुबह जल्दी उठें और निश्चिंत होकर बैठें। कोशिश करें कोई भी संकल्प विकल्प आप को आकर्शित न करे याद रखें आप दृष्टा हैं आप सुख दुःख के जनक हैं ऐसा सोचकर अपने आप को संकल्प विकल्प से दूर करते रहें । ऐसा नित्य करें ध्यान रहे एक भी दिन अवकाश न हो । यही सरल रास्ता है कुछ ही दिन लगेगा ।
मन अगर ईमानदार है तो साधना पक जाएगी अन्यथा मन ही ये करने से रोकेगा।
अभी कुछ दिनों में ही ध्यान साधना की वीडियो आने वाली है पिछली कई वीडियो में ध्यान साधना पर चर्चा की गई है किसी एक वीडियो पर जोर नहीं दिया जा सकता किंतु आने वाली वीडियो में ध्यान साधना को विधि सहित बताया जाएगा 🙏🌺🙏
Osho ko suno
Bhai Gyan to sahi par ek jagah tum chuk gayee.raam ka naam hi sab vasna se pare karta he .aur tum logo ko bhekaoo mat .jal ko jal nhi kahenge to kya nal kahenge.aur bat Kabir ji ki .vo to agyan hatana chate the lekin tumhare jai logg bhai Kabir ji ka bhi apmaan karte he .aur bat Rahi naam jap ki.aap se kabhi huaa nhi hoga to dusroo ko bhi yahi raai de rahe ho.naam jap karro aur Etna karoo ki rom rom me raam ho
सदगुरु कबीर ने कहा है
बाहिर क्या दिखलाइये,अंतर जपिए राम।
कहा महोला खलक सों,पर्यो धनी सो काम।।
अर्थात बाहरी दिखावा तो मात्र आडंबर है इससे कुछ भी प्राप्त नहीं होता वास्तविकता तो आंतरिक होती है अतः हृदय से राम-राम का जाप कीजिए परमात्मा से मिलान भी तभी होगा जब सांसारिक मोह माया को त्याग कर मन को आत्मा में लगाएंगे अर्थात अपनी चेतना में लगाएंगे राम मुंह से नहीं मन से जपने के लिए कहा गया है। आप भी जानते हैं
राम कहे जगत गति पावै, खांड कहे मुख मीठा।
सदगुरु कबीर साहेब की बीजक मूल पुस्तक है उसी में यह लिखा है।
अधिक जानकारी के लिए आपसे विनम्र विनती है बीजक जरुर पढ़ें दुनिया की सबसे कीमती और अनमोल पुस्तक है जिसमें सत्य को सत्य रूप से प्रदर्शित किया है।
धन्यवाद साधुवाद 🌺🙏🌺
Mujj Kabir ji ki bate ya unki pustak nhi samjh ni menA Kabir ji ko samjaa he .pustak ki bate un logo k liyea jo ram naam par Saval karte he aur .aur ha bartan jaab Jamin pe girta he to uski aavajj bhitar Tak jatii he .par vo achi nhi lagti lekin raam jor jor se bolne par jab bhitar jata he to bhut aacha lagta he . isliye hari Hari jap lal din rah gaye thode
क्या हमें राम नाम की जानकारी गर्भ में ही पता लग जाती है यह एक प्रश्न है यदि राम की जानकारी हमें जन्म से पहले हो जाती तो सिर्फ राम ही राम है अर्थात सभी मानव के लिए सिर्फ राम ही उत्तम होता किंतु महात्मा बुद्ध भगवान महावीर और विवेकानंद जैसे महापुरुषों ने राम शब्द का उच्चारण नहीं के बतौर किया है किंतु वे भी तो जीवन मुक्त हुए हैं। राम शब्द तो आधार है मुक्ति तो मन को होना है वह भी विषय वासनाओं से मुंह पर राम-राम जपने से मन की शुद्ध नहीं होती मन की शुद्धि तो मन के मंथन करने से होगी।
केवल राम-राम जपने से उध्दार होता तो आप ही आज देख लो करोड़ करोड़ व्यक्ति संत बनकर घूम रहे हैं विषय वासनाओं में उनसे ज्यादा कोई नहीं डूबा।
प्यारे मित्र राम बड़ा है या राम कहने वाला बड़ा है जरा इसका विचार करिए।
Dekho bhai jaki Rahi bhavna jaiisi prabhu Murat deki tin tesi. Ye line kisne likii Tulsi daas ji ne .thik he .iswar sab k he sab ka sath dete he aur dayalu bhi bhot he .ramji to bhut bade he .aur ram naam ko jo japte he bolte vo bhi bade he .raam ki mahima etni he ki vo me bhakt mere prati kis tarah saval ka Java dete he.par me utna layakk nhi .aur ha bhai ek bat aur tulsidas ji jab paida huA tab phela sabd raam bolee the .AP bhai Kabir ji ko mano ya ram ji ko ya Krishna ya Mahadev .par unke aadar pe chaloo bus musskil he is Maya se ladna par me to jaanta hu Prabhu mere Prabhu he
राम नाम आत्मा है कबीर साहेब जी राम नाम बोलते तो थे पर वह रामायण वाले राम को नहीं पुकारते थे केवल लोगों को गुमराह किया गया भटकाया गया असल मे राम नाम आत्मा आ नाम है
Are o murkho sahab khte hain kalyug kewal nam aadhara or tu bole kam aadhara..Vani change Mt kr warna gadha suwar bnna pkka..ha ye bhle sahab bole hain ki jo bhakt apni atma me chhipe parmatm ya asli swaroop se jud jata ho to uski hr ek kam bhi apne aap me Pooja hoti h...
Sahab ki Vani is prakar h
Jo jo kru sb hi pooja jha jha dolu sb parikarma..
Jag sko to jag buddhu or baki ko bhi jgao or sadguru nitin sahab ke channel "kahat Kabir suno Bhai sadho " se judo
👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Aap k vicharo ko hmara koti koti Bandagi🙏🌺🙏
Saheb satnam 🤍
🌺🙏🌺 sahebji ko Bandagi 🌺🙏🌺
🌺🙏🌺Saheb Bandagi🌺🙏🌺