काट रहा दिन जैसे तैसे,यह मत पूछो कैसे कैसे।

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  • Опубликовано: 25 янв 2025

Комментарии • 26

  • @anjuagrawal4958
    @anjuagrawal4958 2 месяца назад +2

    Bahut sundar kavita 🎉🎉

  • @AmanSharma-th5pj
    @AmanSharma-th5pj Месяц назад

    Bahut Shandaar 🔥

  • @Upendrayadav-q9o
    @Upendrayadav-q9o 3 месяца назад +3

    अत्यंत सराहनीय प्रियांशु गजेंद्र जी
    क्या काव्य सृजन है आपका ।।🙏🙏

  • @sushilkumarshukla6565
    @sushilkumarshukla6565 2 месяца назад +1

    आपका यह गीत टुटू हुए दिलों को जोड़ रहा है।

  • @ankitasingh2741
    @ankitasingh2741 3 месяца назад +3

    Sarahniy adhbhut alaukik

  • @sushalendrasingh7607
    @sushalendrasingh7607 3 месяца назад +1

    Bahut sundar panktiya ... Bahut dino bad suna aap ko maza aa gya

  • @MastiWithNeeleshNidar
    @MastiWithNeeleshNidar 3 месяца назад +1

    वाह दादा

  • @pramodkumar-cs3vi
    @pramodkumar-cs3vi 3 месяца назад +1

    सुन्दर प्रस्तुति

  • @mukeshpathak3868
    @mukeshpathak3868 3 месяца назад +1

    बेहतरीन सृजन

  • @jaiswaldevendra1917
    @jaiswaldevendra1917 2 месяца назад

    Very nice kavita ❤

  • @ShishirYadav
    @ShishirYadav 3 месяца назад +1

    वाह श्रीमान वाह बहुत खूब😊

  • @yogeshtiwari7758
    @yogeshtiwari7758 3 месяца назад +1

    अत्यंत प्रशंसनीय (रचना) वाचन👌👌

  • @satyammishrakatra08
    @satyammishrakatra08 3 месяца назад +1

    व्यक्ति के जीवन पर आधारित सबसे सुंदर लाइन

  • @thepreetycat2
    @thepreetycat2 3 месяца назад +1

    वाह क्या बात है।
    कभी समाने से जरूर सुनूंगा

  • @wishavtalwar1517
    @wishavtalwar1517 3 месяца назад +1

    Super

  • @ArjunSingh-b1p
    @ArjunSingh-b1p Месяц назад +1

    Ome

  • @AbhyudayaUnnaoLive
    @AbhyudayaUnnaoLive 3 месяца назад +3

    निश्चित रूप से सारंग का पूरा उत्सव आपके नाम रहा।

  • @SwarnlataShukla-bh5lf
    @SwarnlataShukla-bh5lf 3 месяца назад +2

    Gajender ji bilkul sach keh raheho lakin kalm pkad li main kalm pakde rahiye badhia likhte hain🎉🎉

  • @rajeevtripathi1509
    @rajeevtripathi1509 Месяц назад

    आप लोग किसी के हंसते खेलते जीवन में आग लगा रहे हैं। आपलोगों का जीवन सार्वजानिक है तो जितने लड़कों की आपके गाँव और आपके स्कूल की आपके हमवय लड़कियों से शादियाँ हुई होंगी वो सब तनाव में जी रहे होंगे महोदय। तो कृपया उस अध्याय को वहीं बंद कर दीजिए। उसको पैसा, प्रसिद्धि और ताली बटोरने का माध्यम न बनाएं। उत्कृष्ट प्रेम का इससे श्रेष्ठ उदाहरण नही होगा। प्रेम और त्याग दोनों में ही उतने ही अक्षर हैं। तो लगता है कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।