यह मन जालीम जोर रे बरजे नही माने। यह मन कैसा है कबीर भजन MuniLalBaba

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  • Опубликовано: 14 окт 2024
  • यह मन जालीम जोर रे बरजे नही माने। यह मन कैसा है कबीर भजन MuniLalBaba

Комментарии • 5

  • @nepaljoytibaba9796
    @nepaljoytibaba9796 3 месяца назад

    जय गुरू महराज ❤❤❤❤

  • @bharatprasadsingh1872
    @bharatprasadsingh1872 3 месяца назад

    सन्त संग अपवर्ग कर कामी भव कर पंथ कहहिं सन्त कवि कोविद सुति पुरान सद्ग्रंथ 🌿🙏🌿

  • @DevnarayanDas-ps6ew
    @DevnarayanDas-ps6ew 3 месяца назад

    Jai guru pranam baba