कहानी का अंत बहुत ही वास्तविक और रोचक है l जोशी जी जैसे सज्जन लोगों को यह पता तो होता ही है कि उनकी सीधेपन का फायदा उठाया जा रहा है पर वे अपने सरल स्वभाव के कारण विवश होते हैं चूड़ामणि मिश्र जैसे लोगों की कुटिलता उन्हें खिन्न कर देती है l कहानी जिंदगी की वास्तविकताओं को परत दर परत खोलते हुए पाठक को झकझोरती है l
पाठ का अन्त कुछ और तरीके से होना चाहिए था। प्रायः देखा गया है कि जोशी जैसे लोगों की सादगी और विद्वता को जब मान्यता मिलती है तो वे संतुष्ट व प्रसन्न होते हैं।
कहानी अच्छी है यह सच्चाई है कि हर कोई धन चाहता है। वह विद्वान थे ,पंडित थे पर अपनी पत्नी के लिए यानी औरतों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी पत्नी अच्छा खाना और पहनना चाहती है। क्यों उस औरत को देवी का दर्जा दिया जाता है जो हर ज्यादात्यों को सहन करें और कुछ ना बोले,अपनी सारी इच्छाएं दबा दें शादी से पहले मायके वालों की और शादी के बाद ससुराल वालों की और पति की इच्छा अनुसार जीवन व्यतीत करें।
Jaisa ki puri kahani me hua ki log bura sun ke tilmila uthe or paisa pakar khush ho gye waise hi lekhak jisse pandit ji khud jalte the kyuki unme santosh tha ek tote se kuch shabd sun ke tilmila uthe apna sara gyan sara darshan bhool gye kul mila kar manav ke vyavhar ka vyakhan h ki kuch shabd hi kafi h kisi ko khush ya dukhi krne ke liye
कहानी का अंत बहुत ही वास्तविक और रोचक है l जोशी जी जैसे सज्जन लोगों को यह पता तो होता ही है कि उनकी सीधेपन का फायदा उठाया जा रहा है पर वे अपने सरल स्वभाव के कारण विवश होते हैं चूड़ामणि मिश्र जैसे लोगों की कुटिलता उन्हें खिन्न कर देती है l कहानी जिंदगी की वास्तविकताओं को परत दर परत खोलते हुए पाठक को झकझोरती है l
😊
Reality of today written many years ago What a great writer Verma ji
Very nice story and story telling thank you
दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक की कहानी , जो कि लगभग 45 वर्षो बाद सुनने में आई ।
thanks for listening
अति सुंदर प्रयास!
Bahuut suunder.
Many many thanks sir
अदभुद
ATI Sundar kahani hai
Bhagwati charan verma was a great writer. He showed how a learned teacher may be so castist what is use of his education when he can't love human.
यह ह्यूमन राइट का ज्ञान 1990 में जिन्होंने kasmirहिंदुओं का कटले आम किया था उन्हें भी दे भाई और अपना ज्ञान अपने पास रख
मनको भागई ,बहुत सुन्दर
Bahut hi 😂😂😂 funny kahani hai 😂😂😂😂😊😊😊
पाठ का अन्त कुछ और तरीके से होना चाहिए था। प्रायः देखा गया है कि जोशी जैसे लोगों की सादगी और विद्वता को जब मान्यता मिलती है तो वे संतुष्ट व प्रसन्न होते हैं।
❤👍
Aapki aavaj k Kiya kehne..vemishal h.. dhanyawad.
thanks
Good
App konsi ai website use krte ho voice ke liye
11labs premium
क्या मै इसका मराठी में अनुवाद कर स्काती हु? किससे अनुमति लेनी पडेगी?
koi anumati nahi chahiye
ye school syllabus me shamil hai
koi anumati nahi chahiye
ye school syllabus me shamil hai
कहानी अच्छी है यह सच्चाई है कि हर कोई धन चाहता है। वह विद्वान थे ,पंडित थे पर अपनी पत्नी के लिए यानी औरतों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी पत्नी अच्छा खाना और पहनना चाहती है। क्यों उस औरत को देवी का दर्जा दिया जाता है जो हर ज्यादात्यों को सहन करें और कुछ ना बोले,अपनी सारी इच्छाएं दबा दें शादी से पहले मायके वालों की और शादी के बाद ससुराल वालों की और पति की इच्छा अनुसार जीवन व्यतीत करें।
Last m smj nhi aaya😢
Jaisa ki puri kahani me hua ki log bura sun ke tilmila uthe or paisa pakar khush ho gye waise hi lekhak jisse pandit ji khud jalte the kyuki unme santosh tha ek tote se kuch shabd sun ke tilmila uthe apna sara gyan sara darshan bhool gye
kul mila kar manav ke vyavhar ka vyakhan h ki kuch shabd hi kafi h kisi ko khush ya dukhi krne ke liye
@@Shvyambhoo thank you 😊
Good
Thanks