#सुषमा

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  • Опубликовано: 18 дек 2024

Комментарии • 25

  • @meenasharma5817
    @meenasharma5817 Месяц назад +1

    Bahut marmic kahani hai

  • @ankitajaidka9875
    @ankitajaidka9875 Месяц назад +1

    Bahut sundar 🙏🙏

  • @prasidhnarain1673
    @prasidhnarain1673 25 дней назад

    Nice story.

  • @madhurishukla5871
    @madhurishukla5871 Месяц назад +1

    बहुत ही मर्म स्पर्शी कहानी 😢,

  • @shyamasharma6456
    @shyamasharma6456 28 дней назад +1

    सरल सारगर्भित तथा सच का सामने रखने वाली कहानी।
    निसंतान लोगों की संपत्ति पर लोलूप दृष्टि रखना यही एक समाज रिश्तेदारों की मानसिकता है।
    कहानी बहुत संवेदनशील और कुछ सोचने को मजबूर करती है।
    सभी भावों को व्यक्त करने वाली आप की प्रस्तुति।😢❤💕💔

  • @un940
    @un940 28 дней назад +1

    Very nice story ❤❤

  • @shyampaldhiman1945
    @shyampaldhiman1945 Месяц назад +1

    दिल छू लेने वाली कहानी 🙏

  • @amarpandey523
    @amarpandey523 25 дней назад

    Seema ji yah kahani meri ma se milti Hai bahut hi dil ko chune Wali Hai apke dwara sunane par aur man ko chu jati hai

  • @mayureshteachingmethod5616
    @mayureshteachingmethod5616 Месяц назад +2

    Very Nice story Mam 👌 👍 👏 ❤

  • @vidyasingh6056
    @vidyasingh6056 Месяц назад +2

    Bahut hi marmik kahani aur aapka vaachan utna hi bhavuk aur sanjeeda didi 🙏🏻🙏🏻

  • @sushmamunindra8481
    @sushmamunindra8481 29 дней назад +1

    शानदार पाठ। कहानियों का पुनर्पाठ संतोष देता है

    • @HindiSahityaSeemaSingh
      @HindiSahityaSeemaSingh  28 дней назад

      आपकी कहानियाँ श्रोताओं की पहली पसंद होती है क्योंकि आप आपने पात्रों के माध्यम से उनके दिलों को झकझोर देतीं हैं। ये कहानी पुनर्पाठ नहीं है,मैंने पहली बार ही पढ़ी है।

  • @preetijain6061
    @preetijain6061 28 дней назад +1

    निश्चित ही यदि बड़ी मां को भावनात्मक सहारा मिला होता तो वह थोड़े दिन और जी जाती इस उम्र में भावनात्मक सहारे की बहुत ज्यादा जरूरत होतीहै मैंने अपनी मां को भी इसी तरह भावनात्मक सहारे के अभाव में तिल तिल मरते हुए देखा है सीमा जी आपकी वाचन शैली तो बहुत अद्भुत है ही आप विषय भी बहुत अच्छे चुनते हैं

    • @HindiSahityaSeemaSingh
      @HindiSahityaSeemaSingh  28 дней назад

      🙏🏻🌹 स्नेहपूर्ण धन्यवाद आपको ❤️

  • @neerathapliyal3105
    @neerathapliyal3105 Месяц назад +1

    Very nice story

  • @prernaambastha242
    @prernaambastha242 Месяц назад +1

    Man dukhi ho gya, ,
    Per ye sacchai hai 🙏

  • @AnjuAgrawal-c8d
    @AnjuAgrawal-c8d Месяц назад +1

    Jaisay aapne kaha, marmsparshi kahani 💜 Aapne sahitya mein anginat kahaniyan sunaayi hain,jinmen har rang aur bhaav ki chavi samaai hai 🧡 Aapka vaachan aur sahitya ke prati prem hamaari sanskriti ka darpan hai ♥️Aapki mehnat aur lagan yeh darshaati hain ki sahitya keval padhaai ka vishay nahi, balki jeevan ka aadhaar hai 🌷 You are a unique expression of the universe’s love , your laughter is the music of the cosmos 🌹

  • @kalpanabhagwat8443
    @kalpanabhagwat8443 29 дней назад +4

    अगर स्त्री विधवा हो जाती है, तब रिश्तेदारोंका, आजूबाजूवाले लोगोंका नजरिया क्यो बदल जाता है ?मुझे घीन आती है, ऐसे लोगोंसे ! वह अपने लिये, अच्छी तरहसे जी नही सकती क्या ? उसने दूसरोंके भरोसे क्यो रहना ? उसने क्या करना है, कैसे रहना है, पैसा , गहने,प्राॅपर्टी किसे देना है, इसके बारेमे बाकी लोग सोचेंगे ?उसे निर्णय लेनेपर मजबूर करेंगे ? ये निर्णय केवल उसका है. लालची सगेवाले नजर गडाये क्यो बैठते है ? अकेली हो तो क्या ? डरना नही चाहिये, बहकावेमे आना नही चाहिये. निडरतासे कहना चाहिये : It's none of your business ! जो कुछ करना है, मै खुद करूंगी ! जैसा मुझे रहना है , मै रहूंगी !!