सरल सारगर्भित तथा सच का सामने रखने वाली कहानी। निसंतान लोगों की संपत्ति पर लोलूप दृष्टि रखना यही एक समाज रिश्तेदारों की मानसिकता है। कहानी बहुत संवेदनशील और कुछ सोचने को मजबूर करती है। सभी भावों को व्यक्त करने वाली आप की प्रस्तुति।😢❤💕💔
आपकी कहानियाँ श्रोताओं की पहली पसंद होती है क्योंकि आप आपने पात्रों के माध्यम से उनके दिलों को झकझोर देतीं हैं। ये कहानी पुनर्पाठ नहीं है,मैंने पहली बार ही पढ़ी है।
निश्चित ही यदि बड़ी मां को भावनात्मक सहारा मिला होता तो वह थोड़े दिन और जी जाती इस उम्र में भावनात्मक सहारे की बहुत ज्यादा जरूरत होतीहै मैंने अपनी मां को भी इसी तरह भावनात्मक सहारे के अभाव में तिल तिल मरते हुए देखा है सीमा जी आपकी वाचन शैली तो बहुत अद्भुत है ही आप विषय भी बहुत अच्छे चुनते हैं
Jaisay aapne kaha, marmsparshi kahani 💜 Aapne sahitya mein anginat kahaniyan sunaayi hain,jinmen har rang aur bhaav ki chavi samaai hai 🧡 Aapka vaachan aur sahitya ke prati prem hamaari sanskriti ka darpan hai ♥️Aapki mehnat aur lagan yeh darshaati hain ki sahitya keval padhaai ka vishay nahi, balki jeevan ka aadhaar hai 🌷 You are a unique expression of the universe’s love , your laughter is the music of the cosmos 🌹
अगर स्त्री विधवा हो जाती है, तब रिश्तेदारोंका, आजूबाजूवाले लोगोंका नजरिया क्यो बदल जाता है ?मुझे घीन आती है, ऐसे लोगोंसे ! वह अपने लिये, अच्छी तरहसे जी नही सकती क्या ? उसने दूसरोंके भरोसे क्यो रहना ? उसने क्या करना है, कैसे रहना है, पैसा , गहने,प्राॅपर्टी किसे देना है, इसके बारेमे बाकी लोग सोचेंगे ?उसे निर्णय लेनेपर मजबूर करेंगे ? ये निर्णय केवल उसका है. लालची सगेवाले नजर गडाये क्यो बैठते है ? अकेली हो तो क्या ? डरना नही चाहिये, बहकावेमे आना नही चाहिये. निडरतासे कहना चाहिये : It's none of your business ! जो कुछ करना है, मै खुद करूंगी ! जैसा मुझे रहना है , मै रहूंगी !!
Bahut marmic kahani hai
Bahut sundar 🙏🙏
Nice story.
बहुत ही मर्म स्पर्शी कहानी 😢,
सरल सारगर्भित तथा सच का सामने रखने वाली कहानी।
निसंतान लोगों की संपत्ति पर लोलूप दृष्टि रखना यही एक समाज रिश्तेदारों की मानसिकता है।
कहानी बहुत संवेदनशील और कुछ सोचने को मजबूर करती है।
सभी भावों को व्यक्त करने वाली आप की प्रस्तुति।😢❤💕💔
🙏🏻🌹❤️⚘️
Very nice story ❤❤
Thank you! 🙂
दिल छू लेने वाली कहानी 🙏
Seema ji yah kahani meri ma se milti Hai bahut hi dil ko chune Wali Hai apke dwara sunane par aur man ko chu jati hai
Very Nice story Mam 👌 👍 👏 ❤
Thank you so much Mayur
@@HindiSahityaSeemaSingh🙏🙏🙏
Nice story
Bahut hi marmik kahani aur aapka vaachan utna hi bhavuk aur sanjeeda didi 🙏🏻🙏🏻
Thank you Bahen 🌹❤️😘
शानदार पाठ। कहानियों का पुनर्पाठ संतोष देता है
आपकी कहानियाँ श्रोताओं की पहली पसंद होती है क्योंकि आप आपने पात्रों के माध्यम से उनके दिलों को झकझोर देतीं हैं। ये कहानी पुनर्पाठ नहीं है,मैंने पहली बार ही पढ़ी है।
निश्चित ही यदि बड़ी मां को भावनात्मक सहारा मिला होता तो वह थोड़े दिन और जी जाती इस उम्र में भावनात्मक सहारे की बहुत ज्यादा जरूरत होतीहै मैंने अपनी मां को भी इसी तरह भावनात्मक सहारे के अभाव में तिल तिल मरते हुए देखा है सीमा जी आपकी वाचन शैली तो बहुत अद्भुत है ही आप विषय भी बहुत अच्छे चुनते हैं
🙏🏻🌹 स्नेहपूर्ण धन्यवाद आपको ❤️
Very nice story
Man dukhi ho gya, ,
Per ye sacchai hai 🙏
Jaisay aapne kaha, marmsparshi kahani 💜 Aapne sahitya mein anginat kahaniyan sunaayi hain,jinmen har rang aur bhaav ki chavi samaai hai 🧡 Aapka vaachan aur sahitya ke prati prem hamaari sanskriti ka darpan hai ♥️Aapki mehnat aur lagan yeh darshaati hain ki sahitya keval padhaai ka vishay nahi, balki jeevan ka aadhaar hai 🌷 You are a unique expression of the universe’s love , your laughter is the music of the cosmos 🌹
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अगर स्त्री विधवा हो जाती है, तब रिश्तेदारोंका, आजूबाजूवाले लोगोंका नजरिया क्यो बदल जाता है ?मुझे घीन आती है, ऐसे लोगोंसे ! वह अपने लिये, अच्छी तरहसे जी नही सकती क्या ? उसने दूसरोंके भरोसे क्यो रहना ? उसने क्या करना है, कैसे रहना है, पैसा , गहने,प्राॅपर्टी किसे देना है, इसके बारेमे बाकी लोग सोचेंगे ?उसे निर्णय लेनेपर मजबूर करेंगे ? ये निर्णय केवल उसका है. लालची सगेवाले नजर गडाये क्यो बैठते है ? अकेली हो तो क्या ? डरना नही चाहिये, बहकावेमे आना नही चाहिये. निडरतासे कहना चाहिये : It's none of your business ! जो कुछ करना है, मै खुद करूंगी ! जैसा मुझे रहना है , मै रहूंगी !!