गरीब, अंधे गूंगे गुरु घने, लंगड़े लोभी लाख साहिब हैं परचे नहीं, काव बनावें साख।। गरीब, ऐसा सतगुरू सेईये, शब्द समाना होय। भौ सागर में डूबतें, पार लंघावैं सोय।।
हां, हमें बचपन से ही भक्ति करनी होगी क्योंकि हम नहीं जानते कि हमारे पास इस दुनिया में रहने के लिए कितना समय है। इसलिए कृपया हमारे पवित्र ग्रंथों के अनुसार भक्ति करें 📿🙏🏻
गीता अध्याय 6 श्लोक 16 नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नतः । न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ।।16।। हे अर्जुन ! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न बिल्कुल न खाने वाले का, न बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है ।।16।। इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने योग अर्थात् सद्भक्ति करने वालों को अधिक खाने, व्रत करने, सदा जागने, अधिक शयन के लिए मना किया है। नियमित आहार और नियमित शयन करना चाहिए। जो निराहार रहते है/ व्रत करते है वे परमात्मा के विधान को खंड करते है और मोक्ष से वंचित रह जाते है।
गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष आलेख।। कबीर, झूंठे सुख को सुख कहे, मान रहा मन मोद। सकल चबीना काल का कछु मुख मे कछु गोद।। कबीर ,प्रेम पांवरी पहिन के,धीरज काजल देय। शील सिंदूर भराय के,जगत पती का सुख लेय।।गरीब, सेवक होकर उतरे, इस पृथ्वी के माही । जीव उधारण जगत गुरु, बार बार बलि जाहि ।।
गरीब , सतगुरु आये दया करि ऐसे दीन दयाल।
बन्दी छोड़ बिरद तास का जठराग्नि प्राति पाल।।
#सतभक्ति_से_सर्व_सुख
#सतभक्ति_करना_ज़रूरी_है
#सतभक्ति_का_सन्देश
#SaintRampaljiQuotes
बहुत सुंदर और अद्भुत मालिक जी का डिबेट चल रहा है जी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
सत साहेब जी 🙏
सत साहेब जी 🙏🏾🙏🏾
सत साहेब जी
Sat Sahib Ji
बहुत अच्छीडिबेट
Sat saheb ji bahoot din bad aaya ye video 😅😅❤❤
Sat Saheb 👏🏻
❤❤❤❤❤❤
सतगरू देव की जय
Sat sahebji
Purn Guru Sant Shiromani Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho Ho 🙏🌹
Sat Saheb 🙏🙏🙏
जय हो बंदी छोड़ 🙏🏾🙏🏾
वेदों में प्रमान है कबीर साहेब भगवान है
राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊं गली गली ले लो रे कोई राम का प्यारा शोर मचाऊं गली गली।
कबीर साहेब जी
संत मिलन को चालिए , तज माया अभिमान।
जो जो पग आगे धरे , सौ सौ यज्ञ समान।।
गरीब, अंधे गूंगे गुरु घने, लंगड़े लोभी लाख साहिब हैं परचे नहीं, काव बनावें साख।।
गरीब, ऐसा सतगुरू सेईये, शब्द समाना होय।
भौ सागर में डूबतें, पार लंघावैं सोय।।
Rajneesh❤❤❤
हां, हमें बचपन से ही भक्ति करनी होगी क्योंकि हम नहीं जानते कि हमारे पास इस दुनिया में रहने के लिए कितना समय है। इसलिए कृपया हमारे पवित्र ग्रंथों के अनुसार भक्ति करें 📿🙏🏻
जगत गुरु तत्व दरसी संत रामपाल जी महाराज जी पुरे विश्व में एकमात्र सचा संत हैं जी और इनके अलावा और कोई संत सद्ग्रंथ खोल नहीं बता रहे हैं।
गीता अध्याय 6 श्लोक 16
नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नतः । न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ।।16।।
हे अर्जुन ! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न बिल्कुल न खाने वाले का, न बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है ।।16।।
इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने योग अर्थात् सद्भक्ति करने वालों को अधिक खाने, व्रत करने, सदा जागने, अधिक शयन के लिए मना किया है। नियमित आहार और नियमित शयन करना चाहिए। जो निराहार रहते है/ व्रत करते है वे परमात्मा के विधान को खंड करते है और मोक्ष से वंचित रह जाते है।
गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष आलेख।।
कबीर, झूंठे सुख को सुख कहे, मान रहा मन मोद।
सकल चबीना काल का कछु मुख मे कछु गोद।।
कबीर ,प्रेम पांवरी पहिन के,धीरज काजल देय।
शील सिंदूर भराय के,जगत पती का सुख लेय।।गरीब, सेवक होकर उतरे, इस पृथ्वी के माही ।
जीव उधारण जगत गुरु, बार बार बलि जाहि ।।
चूडामणीदासहूजी।।
सहीग्यानबतारहीहै।।
संझनेवालासंझेतो।।
नहीसंनझेगा।।
कयौकीयीसबनरकबासीहै।।
इसीलीये।।नहीसंमझेगाजी।।
सतसाहेब।।कबीरकीदयाहो।।
6:21
सतसाहेब।।
भेड़ पुछ को पंडित पकड़ें, भादों नदी विहागां।
गरीबदास वो भवजल डुबे, नहीं साध सत्संगा।
Shastrau ko kitna mante ho
सत् साहेब जी 🙏🙏🌹🙏🙏
Sat saheb ji