हे रस के मर्मज्ञ भक्तजन ! स्मरण रहे कि श्रीमद्भागवत वेद रुप कल्प बृक्ष का पका हुआ फल है ,इसमें त्याज्य कुछ भी नहीं है , मूर्तिमान रस* है ।। इस महान पुराण में गीतात्मक, उपदेशात्मक ,घटनात्मक और स्तुति भाग से ओतप्रोत है और भगवान का साक्षात स्वरुप है ,इसके श्रवण मात्र से समस्त भक्तजन के संकट स्वत: मिट जाते हैं !!जय श्रीकृष्ण ,जय श्रीराम !!❤❤❤🎉🎉🎉दासानुदास सेवक मात्र बलराम नरियांव
राधे राधे 😊❤
हे रस के मर्मज्ञ भक्तजन ! स्मरण रहे कि श्रीमद्भागवत वेद रुप कल्प बृक्ष का पका हुआ फल है ,इसमें त्याज्य कुछ भी नहीं है , मूर्तिमान रस* है ।। इस महान पुराण में गीतात्मक, उपदेशात्मक ,घटनात्मक और स्तुति भाग से ओतप्रोत है और भगवान का साक्षात स्वरुप है ,इसके श्रवण मात्र से समस्त भक्तजन के संकट स्वत: मिट जाते हैं !!जय श्रीकृष्ण ,जय श्रीराम !!❤❤❤🎉🎉🎉दासानुदास सेवक मात्र बलराम नरियांव