पूजा पाप नहीं होती है, परन्तु जो भक्त भगवान सम्बन्धी फल जैसे माया से मुक्ति या भगवत प्रेम चाहते है वो केवल भगवान की भक्ति करते है क्योकि जब सबकुछ भगवान के आधीन है और वो सब कुछ देने में समर्थ है तो उन्ही की पूजा करना श्रेष्ठ है। इसलिए वो भक्त लोग देवता का सम्मान करते है। परन्तु, भक्ति केवल भगवान की ही करते है। बृहदारण्यकोपनिषद् ३.७.२२ "य आत्मनि तिष्ठन्नात्मनोन्तरो" अर्थात भगवान आत्मा के अंदर बैठे है। यहाँ तक की माया में भी भगवान रहे है तभी यह माया अपना कार्य करती है। इसप्रकार भगवान सब जगह, सब आत्माओं में रहते है। अब वो आत्मा - मनुष्य, देवता, राक्षस, कुत्ता, पेड़ हाथी आदि के शरीर में हो सकती है। जो सिद्ध ज्ञानी होते है वो उन्ही भगवान का दर्शन करते है जो सब के आत्माओं में निवास करते है जो सब के अंदर है। ऐसे ज्ञानों को परमहंस कहा जाता है। श्री कृष्ण ने कहा - गीता 7.19 अर्थात - बहुत जन्मों के अन्त में (किसी एक जन्म विशेष में) ज्ञान को प्राप्त होकर कि यह सब वासुदेव है ज्ञानी भक्त मुझे प्राप्त होता है ऐसा महात्मा अति दुर्लभ है।। यानि बहुत जन्मों में ज्ञानी भक्त भगवान को प्राप्त करते है जो अति दुर्लभ है। श्री कृष्ण ने आगे कहा - गीता 7.20 अर्थात - भोगविशेष की कामना से जिनका ज्ञान हर लिया गया है ऐसे पुरुष अपने स्वभाव से प्रेरित हुए अन्य देवताओं को विशिष्ट नियम का पालन करते हुए भजते हैं।। यानि भोगविशेष (संसारी भोग) की कामना से जिनका ज्ञान हर लिया गया, ये ज्ञान रहित मनुष्य अपने स्वभाव (यानि पूर्व जन्म के कर्म-फल द्वारा निर्मित उसका स्वभाव) से प्रेरित होकर अन्य देवताओं की पूजा करते है।* * एक बार मनुष्य के मन में कोई कामना दृढ़ हो जाये तो वह यह विवेक खो देता है कि उस कामनापूर्ति से उसे नित्य शाश्वत सुख मिलेगा या नहीं। क्षणिक सुख की आसक्ति के कारण वह अन्यान्य देवताओं को सन्तुष्ट करने में व्यस्त रहता है।अब यह भी सर्वविदित तथ्य है कि प्रत्येक देवता को सन्तुष्ट करने के विशेष नियम होते हैं। इन्द्रादि देवताओं को यज्ञयागादि के द्वारा इन्द्रियों के शब्दादि विषयों के द्वारा तथा कार्यक्षेत्र की उत्पादन क्षमता को व्यक्त करने के लिए उचित उपकरणों और उनके योग्य उपयोग के द्वारा सन्तुष्ट करके इष्ट फल प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए यहाँ कहा गया है कि वे अन्यान्य देवताओं को विशिष्ट नियमों का पालन करके भजते हैं।एक वासुदेव को त्यागकर लोग अन्य देवताओं को क्यों भजते हैं इसका कारण श्लोक की दूसरी पंक्ति में बताया गया है कि प्रकृत्या नियत स्वया। प्रत्येक मनुष्य अपनी पूर्व संचित वासनाओं के अनुसार भिन्नभिन्न विषयों की ओर आकर्षित होकर तदनुसार कर्म करता है। यह धारणा कि स्वर्ग में बैठा कोई ईश्वर हमारे मन में इच्छाओं को उत्पन्न कराकर हमें पाप और पुण्य के कर्मों में प्रवृत्त करता है केवल निराशावादी निर्बल और आलसी लोगों की ही हो सकती है। बुद्धिमान साहसी और उत्साही पुरुष जानते हैं कि मनुष्य स्वयं ही अपने विचारों के अनुसार अपने वातावरण कार्यक्षेत्र आदि का निर्माण करता है।संक्षेप में एक मूढ़ पुरुष शाश्वत सुख की आशा में वैषयिक क्षणिक सुखों की मृगमरीचिका के पीछे दौड़ता रहता है जबकि विवेकी पुरुष उसकी व्यर्थता पहचान कर पारमार्थिक सत्य के मार्ग पर अग्रसर होता है। भगवान् आगे कहते हैं-
यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रद्धयार्चितुमिच्छति। तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम्।।7.21।। अर्थात - जोजो (सकामी) भक्त जिसजिस (देवता के) रूप को श्रद्धा से पूजना चाहता है उसउस (भक्त) की मैं उस ही देवता के प्रति श्रद्धा को स्थिर करता हूँ।। जगत् में देखा जाता है कि सभी भक्तजन एक ही रूप में ईश्वर की आराधना नहीं करते। प्रत्येक भक्त अपने इष्ट देवता की पूजा के द्वारा सत्य तक पहुँचने का प्रयत्न करता है। भगवान् श्रीकृष्ण स्पष्ट घोषणा करते हैं कि किसी भी रूप में जो पूजा श्रद्धा के साथ करता है उसकी उस श्रद्धा को उसके इष्ट देवता में मैं भगवान स्थिर करता हूँ। आध्यात्मदृष्टि से विचार करने पर इस श्लोक का और अधिक गम्भीर अर्थ भी स्पष्ट हो जाता है। मनुष्य जिस विषय का निरन्तर चिन्तन करता रहता है उसमें वह दृढ़ता से आसक्त और स्थित हो जाता है। अस्तु तो इतने जन्मों में जब जीव को ज्ञान हो जाता है भगवना के बारे में तो अन्तः (अंत में) वो ज्ञानी महात्मा भगवान की भक्ति कर उसे प्राप्त कर लेते है। अस्तु, इसका सार यही निकला की देवताओं की उपासना करना अज्ञानियो का काम है। जिसको ज्ञान हो जाता है वो ज्ञानी भक्त भगवान की ही उपासना करता है। और भी विस्तार से पढना है तो इस लेख को पढ़े - कर्म-धर्म का पालन करने का फल क्या है? - www.vedicaim.com/2017/12/karm-dharm-ka-phal.html
Adarniye mahasaye jee namashkar aap ne bahut acha gyan diye video aur apne lekh dwara..lekin fir vedh me devtaon ki astuti Kyu Di gai h jab vedh iswar ka diya gyan h koi manav likhit nahi h to fir iswar hamse Kyu devtaon ki astuti karwa Rahe h yani vedh apne aap me apni hi kahi bat ka virodh Kar Rahi h.kripya margdarsan zarur kariye.
Aap ne ved pade hay ky.. ved khate hay.. jo manushay.. prakaruti ki Upasana karata hay use narak milata hay.. our Jo vakti ishavar ki Upasana karata hay use ghor narak milata hay.. our Jo vakti ishavar our parakati in dono ki puja karata hay.. oh is punar jaman ke chhakar se Nikal kar moksha Ko pa leta hay...
Tushar Borke bharata jee prakirty ki paribhasa de. Mere gyan se to shiv aur Shakti me hi shristy samaye hue h Jo shiv iswar aur Shakti Prakrit me samaye hue h.
@@DJBABAJATADHARIBHILAI Prakrati ka matalab usaka yane ishavar ka dusara rup.. ishavar yane shiv.. prakaruti yane Shakti.. our shiv our Shakti.. yane ishavar our parkariti ki puja karane se hi Mary ksh milata hay
भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं मेरे को चाहने वाले मेरे को पूजने वाले अर्थ मेरे में मन लगाने वाले मेरे ही परमधाम शांति को प्राप्त कर लेते हैं जय श्री कृष्णा
Tum layak to MP MLA ke or Milne ke khan Dekh rahe ho PM SE ye Sahi Nahi hi Bina Madhayam ke pahuchna sambhave Nahi hi app to 1st class SE sidha PhD Karna chahate ho ye Sahi Nahi hi Bhai
स्वयम को जाने बिना कोई भी मानव परमात्मा के दरसन नही कर सकता ।यह सत्य है कि परमात्मा की भगती किसी प्रकार भी करे ।उसका परिणाम शुभ ही होगा ।अशुभ नही ।परन्तु आत्म ग्यान होने पर ही अनादि ओर अनन्त परमात्मा के दरसन होते है ।इसी अवस्था का नाम मुक्ति है । सत्य सनातन धर्म की जय! भारत माता की जय!
आपकी बात सही है, जब इन्सान अनेक देवी देवताओं की पुजा साधना करेगा तो व व्यक्ति भटक जायेगा या विचलित होने लग जायेगा । सिर्फ कृष्ण भगवान की पुजा करना चाहिए ।
Ek saadhe sab sadhe sab sadhe koi na sadhe.... Parantu Shree Krishna ke Eshwar Hone par Kuch Vidwaanjano mein Matbhed hai, parantu Vedon mein(Jo Geeta se Bhi Upar sthaan rakhte hain) Varnit Eshwar (Brahm) ke baare mein Koi Matbhed nahi hai..... *Eye cannot seize, speech cannot grasp Him, nor these other godheads; not by austerity can he be held nor by works: only when the inner being is purified by a glad serenity of knowledge, then indeed, meditating, one beholds the Spirit indivisible.* *यह सब कुछ अमृतस्वरूप 'ब्रह्म' ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं; 'ब्रह्म' ही हमारे सम्मुख है, 'ब्रह्म' ही पश्चात् है, हमारे दक्षिण में भी हमारे उत्तर में भी४, हमारे नीचे तथा हमारे ऊपर भी, यह सर्वत्र व्याप्त है। यह सम्पूर्ण अद्भुत विश्व केवल 'ब्रह्म' ही है।* *उसे' न चक्षु ग्रहण कर पाते हैं न वाणी, न अन्य देवता उसे ग्रहण कर पाते हैं; उसे न तपस्या से ग्रहण किया जा सकता है न कर्मों के द्वाराː जब अन्तर सत्ता ज्ञान के प्रसाद से विशुद्ध हो जाती है, केवल तभी ध्यान की अवस्था में उस अखण्ड 'परमात्म तत्त्व' को देखा जाता है।* *तदेजति तन्नेजति तद् दूरे तद्वन्तिके।तदन्तरस्यसर्वस्य तदु सर्वसयास्यबाहया:।।अर्थात वह ब्रह्म गति देता है परंतु स्वयं गति में नहीं आता,वह दूर है,समीप भी है,वह इस सबके अंदर और बाहर भी है।* 🚩🚩🙏
Tin gun ki bhagti me bhul padyo sansar kahe kabir nij naam bina keyse utro paar matlab ki tin gun brahma visnu mahesh ki bhagti Se moks sambhav nahi he ush parmatma ki bhagti karo jisse moks sambhav ho vo parmatma he khud kabir saheb jyada jankari ke liye harroj dekhe sadhna tv 7. 30 se 8. 30 tak harroj dekhenge tabhi samj me aayenga
धन्यवाद सर बहुत गजब बहुत जर्बदस्त बहुत प्यारा बहुत सुन्दर बहुत शानदार बहुत ज्ञानदार बहुत काबिलेतारिफ बहुत आध्यात्मिक बहुत जानदार बहुत मनमोहक बहुत परेरक बहुत उत्साहवर्धक बहुत रचनात्मक बहुत भावनात्मक बहुत दमदार बहुत ऊर्जावान बहुत नैतिकतापूर्ण बहुत सच्चाईपुर्ण बहुत आनन्ददायक बहुत गरिमापूर्ण
Shiva is the best No one is older than Shiva and also no one is worthy of worship other than Shiva Shiva is only ☝and they have many forms Shiva is also real and formless Shiva is omnipresent Shiva is permanent truth 💗you Shiva 😊 Jai Shiv shanker sambhu 🚩 Har Har Mahadev 🙏
@Diabolical Army na na bhai aapko pata nahi 4 sampradaya hai jo ek hi bagwan ke bare me sikhata hai..... Mahadev kehte hai Vishnu devsh wala kabhi muze PA nahi sakha or vaishnu bhakti kabhi mahadev ke bina na mil sakti unki marji hogi tab ki kisiko Vishnu aradhana milti hai........ 4 way hai jo aap aapne hisab se chun sakte hai usme koi galti nahi hai . Jab aap sanatn par adhyan karoge aapne ved puran Bagwat gita, Bagwatam padhoge tab hi aapko yah samjega sirf upar upar se ya janm se sanatani nahi karna se sanatani bano
🚩🚩हे परम शक्तिशाली, महा तेजस्वी, महा विष्णु, हे जगतके जगदीश्वर, हे जगतके जगन्नाथ, हे त्रिलोक के स्वामी, हे त्रिलोक के अधिपती, हे त्रिलोक के नाथ, हे त्रिगुणात्मक, हे त्रिगुणातीत, हे जगत के पालन हार, हे जगत के परम कारण, हे जगत के जगद्गुरू, हे जगत के परम परमेश्वर, हे जगत नियंत्ता. 🍁जय नारायण श्री नारायण जय नारायण, श्री नारायण 🍁 🚩 हे मधुसूदन, हे यदुनंदन, हे पद्मनाभ, हे माधवा, हे केशवा, हे गोविंदा, हे मुकुंदा,हे मुरारी, हे जगतके एकमात्र स्वामी, हे जनार्दन, हे योगेश्वर, हे लोकेश्वर, हे कमल नयन, हे कमलनाभ, हे कमलनाथ, हे पद्मनाभ, हे पद्मनाथ, हे अनाथनाथ, हे आदिनाथ, हे दीनानाथ, हे दिनबंधु, हे दिग्विजय 🥀 जय नारायण श्री नारायण जय नारायण, श्री नारायण 🥀 🌷हे लीलाधारी,गदाधारी चक्रधारी, चक्रपाणि, चक्रवर्ती, सच्चिदानंद स्वरूप,कुंती वंदित, देवकीनंदन, स्वयंप्रकाश, ब्रह्मस्वरूप, यदुवंशी शिरोमणि, गोपिका वल्लभ, माधवं, आदिपुरुषं, वासुदेव श्रीकृष्ण 🌾 🌺हे कुलपती, कुलश्रेष्ठ, रघुकुल नंदन, रघुकुल श्रेष्ठ, रघुकुल शिरोमणि, रघुकुल तिलक, रघुवंशी, रघुवीर, रघुनाथ, हे दशरथ नंदन, अयोध्यादिश, अयोध्यापती, सीता प्रिय, सीता नायक, जानकी नाथ, जानकी नायक, जानकी प्रिय, जानकी वल्लभ, भक्त शिरोमणि, अंजनेय, मारुति वंदन, कौशल्या नंदन, हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम हरी नारायण, जय राम, श्री राम, जय राम, श्री राम जय राम, श्री राम, जय राम, श्री राम 🌲 🌳 हे सर्वव्यापी परमेश्वर, हे स्तुति योग्य परमात्मा, हे भक्त वत्सल परब्रह्म, हे भगवत परायण परमेश्वर, हे शरणागत वत्सल परमात्मा, हे शरणागत वर दायी श्री हरी,हे मायापति, अंतर्यामी महा विष्णु, महा नृसिंह, महा प्रभु, हे प्रकृती एवं पुरुष के दातi. 🍀 जय नारायण श्री नारायण जय नारायण, श्री नारायण ☘️ 🎄 हे परम पुरुष, पुराण पुरुष, आदि पुरुष, विराट पुरुष, पूर्ण पुरुष, अनंत पुरुष,यज्ञ पुरुष, श्री हरि विष्णु, श्री हरि विठ्ठल, श्री हरि गुरुदेव दत्त, श्री हरी बालाजी, श्री हरी वामन देव, श्री हरी ऋषभदेव, श्री हरि व्यंकटेश, श्री हरि अय्यापा, श्री हरी कपिल भगवान. 🔔 जय नारायण श्री नारायण जय नारायण, श्री नारायण . 🔔 🔱हे शेष नारायण,शेषशायी नारायण, आदि नारायण, अनंत नारायण,अनादि नारायण, आदिदेव नारायण, आदिनाथ नारायण, अद्वितीय नारायण, अविनाशी नारायण, लक्ष्मीनारायण,लक्ष्मीपति नारायण, लक्ष्मीनाथ नारायण, लक्ष्मीकांत नारायण, लक्ष्मी प्रिय नारायण, लक्ष्मी वल्लभ नारायण, नव नारायण, नर नारायण, नरहरि नारायण, नित्य नारायण, कवी नारायण, कैवल्य नारायण, कृपाळू नारायण, कृपादृष्टी नारायण. कार्णोदक्षयी नारायण 🔱 ⚜️सूक्ष्म नारायण, परम नारायण, परात्मन नारायण, पद्म नारायण,परमानंद नारायण, परम हितेशी नारायण, परम प्रिय नारायण, परम पूज्य नारायण, परम सखा नारायण, परम हरि नारायण, परब्रह्म नारायण, परम ईश्वर नारायण, परम सत्य नारायण, परम तत्व नारायण, परम ज्योति नारायण, परब्रह्म नारायण, पुरुषोत्तम नारायण, भक्त प्रिय नारायण, कैलास पति प्रिय नारायण, ⚜️ 🔸विराट नारायण, विश्वरुप नारायण, विश्वेश्वर नारायण, विश्वत्मा नारायण, विश्वनाथ नारायण, विश्व नायक नारायण, विश्व स्वरूप नारायण, विश्व सम्राट नारायण, विश्व गुरु नारायण, विश्व दाता नारायण, विश्व स्वामी नारायण, विश्व विक्रम नारायण. सर्वत्र नारायण, सर्वदा नारायण,सर्वेश्वर नारायण, सर्वज्ञ नारायण, सत्य नारायण, सत्य स्वरूप नारायण, सर्वगुणसंपन्न नारायण, सब का कारण नारायण, सर्व नाथ नारायण, सत्य सनातन नारायण, सत्य परायण नारायण, सदा सर्वदा नारायण, सर्व विधाता नारायण, सर्व लोकगुरु नारायण, सर्व मल विनाशक नारायण, अज्ञान नाशक नारायण, पुण्यश्लोक शिरोमणि नारायण, सर्व स्वरूप नारायण,ज्ञान स्वरूप नारायण, दिव्य स्वरूप नारायण, ब्रह्म स्वरूप नारायण, आत्म स्वरूप नारायण, निराकार स्वरूप नारायण, निर्विकार स्वरूप नारायण, निर्गुणी स्वरूप नारायण, निर्वाण स्वामी नारायण, परमार्थ स्वरूप नारायण, पुरुषार्थ स्वरूप, अर्थ स्वरूप नारायण, मोक्ष स्वरूप नारायण, मोहिनी स्वरूप नारायण, धर्म स्वरूप नारायण, गर्भोदक्षयी नारायण, भय हारी नारायण, सर्वेश्वर नारायण, सर्वव्यापी नारायण, सर्वात्मा नारायण, दिव्य स्वरूप नारायण. 🚩🚩🚩 जय नारायण, श्री नारायण जय नारायण, श्री नारायण 🕉🕉🕉🕉
देवता भी भगवान की भक्ति करते हैं उनसे ही शक्ति पाकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं इसलिए सीधे भगवान की भक्ति करना चाहिए अन्य की नहीं जब भगवान अपनी माया समेटेगे यानि प्रलय होगी तव प्रक्रति के साथ देवता भी भगवान में लीन हो जायेंगे।
@@Brg369 vo to hame khud Tay karna hai ki hame kiski bhakti karni chahiye aur bhakti bhi hame hamare punya ke hisab se prapt Hoti hai uska Anubhav ujagar hota hai
देवताओं की कौन कहे?लोग मूर्खों तक की भक्ति करते रहे हैं।जैसे कि आशुमल,नारायण साई,साईं,सत्य साईं,निर्मल सिंह अहलुवालिया,सुखविंदर कौर,रामपाल,राम रहीम आदि।😄
जिस तरह भीङ भेङ बकरी यो की होती है ।उस तरह की भीङ शेरो की नही होती ।हजारो मनुशयो मे कोई एक सिधि करना चाहता है तो लाखो मनुशयो के झुंड मे 10 मनुशयो के ह्रदय मे अपने कल्याण की इच्छा पैदा हुई ।उनमे से छ मनुशय विचार करके ही रूक गये ।चार उस सिधि के रास्ते पर चलने लगे ।उन चलने वालो मे भी कोई कोई जान पाये ।कि मै कोन हु ।फिर इश्वर को जानने वालो की भीङ कैसे सम्भव हो सकती है ।नही हो सकती ।उसी प्रकार शेर की छाल पहनने से कोई गीदङ शेर नही बनता । यही बात आत्म ग्यानी सतगुरू की है। ।सतगुरू भी ईशवर की करपा से ही मिलते है बिना परमात्मा की करपा या अपने प्रारब्ध से या शुध्द भगति भाव वाले को ही मिलते है । सतगुरू कोई कोई होते है उनकी भीङ नही होती । सत्य सनातन धर्म की जय! भारत माता की जय!
@@NirajLimaye good knowledge but half knowledge lord Vishnu control brhma lord vishnu is the lord of 6th dimensions who control the 5th dimension ( lord brhma's ) that's why lord vishnu control brhma n allow him to make n create this universe in simple words lord vishnu is the creator , distroyer as well as maintainer
And first time I subscribe any vedic type channel ...your presentation and animation are amazing and most important that you give all the detail in discription!
@@surajvishwakarma9216 hame sakarta sidhant ko mankar uska dhyan karna chahiye jo sagun bhi nahi aur nirgun bhi nahi hai lekin koi hai jise him karta kahte hai jo srusti ke karta hai jo kabhi srusti me ate hi nahi hai jeseki katputliyo ke khel mai dori pakdnewala kabhi stag pe nahi ata hai sabhi devta brahma vishnu aur mahadevji bhi unke adesh anusar karya karte hai
ब्रह्म के भक्ति भी अनु तम है गीता जी अध्याय नंबर. 7 श्लोक नंबर 18 मामे वानु तमाम गतिम् इसलिए अध्याय 18 की 62 66 वह अध्याय 15 के श्लोक 4 तथा 17 में किसी समर्थ परमेश्वर की शरण में जाने को कहा है जो ओम तत्सत नाम का जाप तीन मंत्र का है जिसमें जो ब्रह्म का मंत्र ओम है वह परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म है उनकी साधना तत्वदर्शी संत बताता है जिसका प्रमाण गीताजी के अध्याय 4 श्लोक 34 में भी लिखा है
are bewkuf ke damad radha joki ek stri matr hai or o krishn ke saath sirf prem prasang karati hai.or tum bewakuf kaise banate ho ki kahate ho ki radhe radhe kahane se krishna ji apane aap hi chale aayenge.are bewakuf jo aapke dard ko sunkar nahi balki radha ke prem vas aaye to o tumhare dard ka ilaaj karane bajay radha ko hi na khojega.jahilo pahale satya ka gyan kar lo.
bhagwan is power, devi devta are like appliances or part of maya swaroop of bhagwan nirgun nirakar bhagwan to sagun sakar devi devta.formless to form same
Please refer to Bhagvad Gita chapter 7 ,verse 23. Only Supreme Lord is worthy of worship without a second. Sirf bhagwan ki hi puja aur bhakti Karni chahiye. Dandawat pranam 🙏
Karma se bdda dev nhi h koi .. Sri krishna ne karma ko shresth mana h ....karma hi pooja hai.. Devi devta ki pooja kr ichhaye puri krvaate h aur ichhaye na puri hone pr devtao sath hi sath bhagwaan pe se bhi bharosa utha lete h
@@bhagmatichaudhary6384 also see the verse 21,22 ki jo bhi manushya jis bhi devta ki bhakti karta h vo unki bhakti ko un devtao me sthir kar dete h aur un devtao se us anusar fal prapt hota h.par agar moksha prapt karna h to sirf sachidanand parmeshwar ki hi bhakti karni chahiye.puja harek devta ki karni chahiye par bhakti sirf parabrahm ki .
karm hi puja hai aisa bhagwan ne kahi bhi nahi kaha. Karmyog kaha Hain jisme insan ko karm Krishna se jodkar karna hai. Karm hi puja hai, pramanit explaination nahi hai. Hare Krishna
जय श्री कृष्ण!! मुझे आपकी ये वीडियो बहुत अच्छी। आपने यह कहा कि हमें भगवान की ही पूजा करनी चाहिए। पर मेरा सवाल आपसे यह है कि देवी-देवताओं का हमारे जीवन में क्या भूमिका है??
आपने हमें बहुत ही अच्छे तरिके से समझाया है वेद, पुराण , शास्त्र के ज्ञानो को लेकिन भगवान कहने से सभी देवताओं का बोध होता है।अगर हम उसकी शक्ति के अनुसार जाने तो ईश, ईश्वर, परमेश्वर कबीर जी श्रेष्ठ हैं और ओ सबकुछ कर सकते हैं अन्य भगवान नहीं जैसा कि किसी का भाग्य बदलना,आयु बढ़ाना,तीन ताप के कष्ट हरना, ज़िंदा करना आदि इस लिए साहेब कबीर जी सबका मालिक एक परम पूज्य है उसी की सतभक्ति करनी चाहिए। बोलो बंदी छोड़ जी की जय। सत साहेब
सह ली कितनी यातना,पर कर्तव्य सर्वोपरि रखा त्याग, शील, संकल्प को जिस तरह जीवित रखा.. बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ? यदि राम सा संघर्ष हो.. कल मुकुट जिस पर साजना था अब उसे सबकुछ त्यागना था.. निर्णयों के द्वन्द से, एक बालपन का सामना था.. वचन भी था थामना, आदेश भी था मानना.. किस तरह सोचो स्वयं को धर्म पर तुम रख सकोगे ? कहाँ तक तुम टिक सकोगे ? यदि राम सा संघर्ष हो.. प्रजा तो बस राम की थी दुनिया उसे तो जप रही थी.. वचन ही था तोड़ देता धर्म ही था छोड़ देता.. पर पीढ़िया क्या सीख लेंगी.. राम की चिंता यही थी.. हो छन रहा एक क्षण में सबकु सोचो एक क्षण..क्या करोगे ? बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ? यदि राम सा संघर्ष हो.. केवट न जाने क्या किया था सौभाग्य जो उसको मिला राम से ही तारने को राम से ही लड़ गया था.. कुल वंश उसके तर रहे थे सब राम अर्पण कर रहे थे.. जब सबकुछ हो बिखरा हुआ इतने सरल कब तक रह सकोगे..? है याद वो घटना तुम्हे ? जब राम थे वनवास में.. सिया थी हर ली गई था कौन उनके साथ में.. कुटी जब सूनी पड़ी थी दो भाई और विपदा बड़ी थी.. बोलो ऐसे मोड़ पर, तुम धैर्य कब तक रख सकोगे...? बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो..!! वह तो स्वयं भगवान था पर कहाँ उसमे मान था .. किरदार भी ऐसा चुना, जिसमें निहित बलिदान था.. मर्यादा के प्राण थे रघुवंश के अभिमान थे .. श्री राम के अध्याय से एक पृष्ठ हासिल कर सकोगे..? बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो... व्यथा इतनी ही नही है कथा इतनी ही नही है.. कुछ शब्द उनको पूर्ण कर दे राम वो गाथा नही है... जब तपे संघर्ष में, तब हुए उत्कर्ष में.. क्या तुम भी ऐसी प्रेरणा पीढ़ियों के बन सकोगे..? बोलो कहाँ तक तुम टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो....
सबसे पहली बात भक्ति में मांगना छोड़ दो सिर्फ भगवान के लिए समर्पित हो जाओ और देवी देवता का सम्मान जरूरी है उनकी पूजा से भी आप भगवान तक पहुंच जाओगे पर उसमें समय लगेगा। हिन्दू के पांच प्रमुख देवी देवता है जिनके साकार और निराकार दोनों रूप है वो है शिव जी , गणेश, दुर्गा , नारायण,सूर्य इन में से आप किसी को भी आराध्य बना सकते हो या तो कृष्णम वन्दे जगतगुरू। भक्ति योग का मार्ग ज्ञान से कहीं ऊंचा है क्यूंकि ऊर्ध्व से भी गोपियों का प्रेम भक्ति भाव ही जीता था निर्णय आपका है कोंन सा मार्ग अपनाना है भक्ति, ज्ञान या कर्म।
sahi kaha apne durga se hi sab hue or durga jagat maa hai cos usey ishvar os Parm nirakar ne khud racha hai so durga Mata ko hi pta os nirakar ka pr Mata bhi kisi ke adheen hai woh bhi apni mrji nhi kr skti so yeh Devi shakitan os ishvar ki shaktiyan hain hum ishvr charn unme dekh k parnaam kr skte hai jisne itni sundr shaktiyan bnayi hain woh khud kitna sundr or mahan hoga kuchh nhin pta anat hai woh
श्रीकृष्ण, श्रीराम , श्रीविष्णु, श्रीमन्नारायण, नरसिम्ह, वराह आदि सभी एक ही है सभी श्रीमन्नारायण के ही अवतार है सो सिर्फ श्रीकृष्ण कहनेसे भी इन सभी को संबोधित करने के समान ही है । यह बस सुविधा के लिए है।
जैसे एक पति का वरण कर के उसी के प्रति प्रीति और मन वचन से निष्ठा रखने वाली नारी पतिव्रता कहलाती है और बहू पुरषों के प्रति आसक्त और संबंध रखने वाली कुलांक्षना और वेश्या वैसे ही एक ईश्वर का आधार करने वाला,और बहुदेव पूजने वाला भी होता है।
जय श्री राधे कृष्ण, भगवान के अनगिनत नाम है सब एक हे ईश्वर, अब किस भगवान कि पुजा कर ये आप बताओ ,,हमारे भारत में हिंदु धर्म में तैतिस करोड देवी देवता, है कोई कोटी कोटी बताते है, इस का सम्पूर्ण रहस्य बताये
गरीब, अनंत कोटी ब्रह्माण्ड का, एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर है, कुल के सिरजन हार।। गरीब, तीन लोक का राज है, ब्रह्मा विष्णु महेश। ऊंचा धाम कबीर का, वाणी बिरह विदेश।। कबीर, सुर नर मुनिजन देवता, ब्रह्मा विष्णु महेश। ऊंचा मेहल कबीर का, पार न पावे शेष।। कबीर, अरबों तो ब्रह्मा गए, उन्चास कोटी कन्हैया। सात कोटी तेरे शंभू मार गए, मेरी एक नहीं पलैया।।
ISKCON is trying to turn Hinduism into a Semitic monotheistic religion which Hinduism in essence may be but definitely not in practice. Similar movement is active in entire northern part of India called ‘Radhe Krishna’. They have changed the traditional greeting of ‘Ram Ram’ to ‘Radhe Radhe’. More than 50 % of my village got converted to this sect. Initially they even discarded popular festivals like ‘Lakshmi Ganesh Puja’ during Diwali and the most revered festival of Bihar ‘Chath Puja’. My parents didn’t fall for this and we still celebrate all our festival with equal reverence for all our god. we have a pro-hindutva gang in our village as we visit once a year during ‘Chath Puja’ which is six days after Diwali hence the name Chath. My friends parents who are ‘Radhey Radhey’ have given up all the traditional festivals and just celebrate ‘Janmashtami’ has strictly forbidden him not to come during this time as they don’t celebrate. They even leave the house when my friend and his wife does ‘Lakshmi Pooja’ during Diwali. But my friend never listens to them and has pledged to start celebrating our traditions after their parents are gone. Most of our village while keeping their allegiance to ‘Radhey Radhey’ have also reverted back to celebrating our diverse cultural and religious festivals. Our team of young turks have played quite a role in that, we have formed a cultural team with local boys to celebrate our tradition. So I think ISCKON is trying to take us down that path so that we can appear appealing/acceptable to the western world. I hate this from the core. Note: I have no problem in saying ‘Radhe Radhe’ But when you say ‘Har Har Mahadev’ in greeting the same guys won’t reply back in ‘Har Har Mahadev’. That offends me me.
Anurag Kishor Prabhuji Krishha ji khud bhagwaan hy.......aur baki sbb unke aansh hy........chahe toh aap bhagwaat geeta aur bhagwaat puraan pd sakte ho ..........bahut logo lgta hy ki Krishha ji vishu ji k avtaar hy lekin aisa nhi hy... ... Vishnu ji ke purn aansh....... Hare Krishha Radhe radhe🙏
Dhruv Bhardwaj Ha maine kaha ki Krishna bhagwaan tbb mera mtlb tha ki Krishna aur unke jitna bhi roop hy wo bhi jaise apne kaha ram bhagwaan visnu bhagwaan.... Hare Krishna
sir apne baat sahi kahi hai 100% sahi hai Devi devta humey mokhsh nhi. de skte kyon k woh khud ishvr k gulaam hain yeh shaktiyan hain uski par ek apne kaha shiri Krishna bhgvaan hain nhin woh bhi devta hai woh bhi apne krm krne k liye yug yug mei aye hai woh bhi ishvar k hukam mei hain brhma Vishnu mahesh yeh ishvr k sarvotam shaktiyan hai durga ishvr ki khud bnayi rachna hai bhgvaan ko kisi bhi NE nhi dekha Na brhma Na Vishnu Na mahesh sirf durga ko pta hai so hum sab os data ko bhoolkar uski daataon mei doob chuke hain sachayi yehi hai or os Parm parmeshvr ko kisi NE nhin dekha jisne dekha woh usi mei sma gya
निर्मल मन जान सो मोहे पावा, मोहे कपट छल छिद्र ना भावा ! जिस व्यक्ति का हृदय किसी भी स्वार्थ से युक्त नहीं है उसमे धन, स्त्री, ख्याति, पद आदि यहाँ तक की मोक्ष पाने का स्वार्थ भी है तब प्रभु को वह तनिक भी नहीं भाता! भगवान के सिर्फ प्रत्यक्ष दर्शन की कामना और उनके लिए समर्पित भाव ही प्राणी मात्र का उद्धार कर सकता है. उसके लिए एक सरल तरीका है की आप जिनको भी अपना ईस्ट मानते हैं उनसे एक सम्बन्ध अन्तर्मन में मान लीजिये जैसे भाई, बहन, पिता, पुत्र जो आप चाहें ईश्वर आपको उस रूप में ही मिलेंगे !! जय श्री सीताराम 🙏 जय श्री राधेश्याम 🙏 नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव 🙏
परमात्मा ओर आत्मा में कोही अंतर नहीं ! हम मनुष्य खुद ही चैतन्य हैं ! बाकी सब क्या..! हम ने माना तो भगवान..नही तो कूछ नहीं ! 1) ब्राह्मडं ही गर्भ हैं.. वहा सब ग्रह. बनते हैं. ऊसी में मील जाते है. प्राणी ओर मनुष्य का वंश तो गर्भ से पैदा होते. वही शक्ती हैं. वो अपने भीतर है..! परमात्मा तो .अव्यक्त निराकार हैं... वेद ही सच्ची घटना हैं... अठरा पुराण.. हरी को ईश्वर मानते. हैं.!
atma parmatma ka ansh hai lekin dono mai antar jarur hai atma ko srusti pe 84000 yoni mai bhatkna padta hai aur parmatma ki bhaki karne se atma parmatma mai lean hoti hai yani mox ki adhikari banti hai
Digambar Matale omker hi ishwar paramatma h Sabi dev puja Mai om k jab karna padta h aur om word Dil k ander se nikal ata h wo hi nirakar h inki jab khud bhagavan shiv karte h ye Veda Geeta Mai likha h inse bada koi nhi duniya Mai
Thank u very much.aapane kitani mahatvpurn baat bataayi hai.aapane thik hi kahaa sub kuch bhagawaan ke hi marji se hota hai.unake Bina patta BHI nahi hilataa hai.
U don't believe me but while doing meditation i have experienced some phenomena like a snake crawling beside my spine, I was chanting the name of god with devotion in a my sleep can u believe that . Many more thing happen to me. I don't believe that god exist I know that he exists. And I can also feel that i am soul not body.
यहां तो गुरु घंटाल ही अपनी भक्ति और पूजा कराने लगे है। आप तो देवताओं की पूजा करने से भी मना कर रहे हैं। यह भी तो गलत है। भक्ति या पूजा केवल ईश्वर की ही करनी चाहिए। ॐ विष्णवे नमः
पूजा पाप नहीं होती है, परन्तु जो भक्त भगवान सम्बन्धी फल जैसे माया से मुक्ति या भगवत प्रेम चाहते है वो केवल भगवान की भक्ति करते है क्योकि जब सबकुछ भगवान के आधीन है और वो सब कुछ देने में समर्थ है तो उन्ही की पूजा करना श्रेष्ठ है। इसलिए वो भक्त लोग देवता का सम्मान करते है। परन्तु, भक्ति केवल भगवान की ही करते है।
बृहदारण्यकोपनिषद् ३.७.२२ "य आत्मनि तिष्ठन्नात्मनोन्तरो" अर्थात भगवान आत्मा के अंदर बैठे है। यहाँ तक की माया में भी भगवान रहे है तभी यह माया अपना कार्य करती है। इसप्रकार भगवान सब जगह, सब आत्माओं में रहते है। अब वो आत्मा - मनुष्य, देवता, राक्षस, कुत्ता, पेड़ हाथी आदि के शरीर में हो सकती है। जो सिद्ध ज्ञानी होते है वो उन्ही भगवान का दर्शन करते है जो सब के आत्माओं में निवास करते है जो सब के अंदर है। ऐसे ज्ञानों को परमहंस कहा जाता है।
श्री कृष्ण ने कहा - गीता 7.19
अर्थात - बहुत जन्मों के अन्त में (किसी एक जन्म विशेष में) ज्ञान को प्राप्त होकर कि यह सब वासुदेव है ज्ञानी भक्त मुझे प्राप्त होता है ऐसा महात्मा अति दुर्लभ है।।
यानि बहुत जन्मों में ज्ञानी भक्त भगवान को प्राप्त करते है जो अति दुर्लभ है। श्री कृष्ण ने आगे कहा - गीता 7.20
अर्थात - भोगविशेष की कामना से जिनका ज्ञान हर लिया गया है ऐसे पुरुष अपने स्वभाव से प्रेरित हुए अन्य देवताओं को विशिष्ट नियम का पालन करते हुए भजते हैं।।
यानि भोगविशेष (संसारी भोग) की कामना से जिनका ज्ञान हर लिया गया, ये ज्ञान रहित मनुष्य अपने स्वभाव (यानि पूर्व जन्म के कर्म-फल द्वारा निर्मित उसका स्वभाव) से प्रेरित होकर अन्य देवताओं की पूजा करते है।*
* एक बार मनुष्य के मन में कोई कामना दृढ़ हो जाये तो वह यह विवेक खो देता है कि उस कामनापूर्ति से उसे नित्य शाश्वत सुख मिलेगा या नहीं। क्षणिक सुख की आसक्ति के कारण वह अन्यान्य देवताओं को सन्तुष्ट करने में व्यस्त रहता है।अब यह भी सर्वविदित तथ्य है कि प्रत्येक देवता को सन्तुष्ट करने के विशेष नियम होते हैं। इन्द्रादि देवताओं को यज्ञयागादि के द्वारा इन्द्रियों के शब्दादि विषयों के द्वारा तथा कार्यक्षेत्र की उत्पादन क्षमता को व्यक्त करने के लिए उचित उपकरणों और उनके योग्य उपयोग के द्वारा सन्तुष्ट करके इष्ट फल प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए यहाँ कहा गया है कि वे अन्यान्य देवताओं को विशिष्ट नियमों का पालन करके भजते हैं।एक वासुदेव को त्यागकर लोग अन्य देवताओं को क्यों भजते हैं इसका कारण श्लोक की दूसरी पंक्ति में बताया गया है कि प्रकृत्या नियत स्वया। प्रत्येक मनुष्य अपनी पूर्व संचित वासनाओं के अनुसार भिन्नभिन्न विषयों की ओर आकर्षित होकर तदनुसार कर्म करता है। यह धारणा कि स्वर्ग में बैठा कोई ईश्वर हमारे मन में इच्छाओं को उत्पन्न कराकर हमें पाप और पुण्य के कर्मों में प्रवृत्त करता है केवल निराशावादी निर्बल और आलसी लोगों की ही हो सकती है। बुद्धिमान साहसी और उत्साही पुरुष जानते हैं कि मनुष्य स्वयं ही अपने विचारों के अनुसार अपने वातावरण कार्यक्षेत्र आदि का निर्माण करता है।संक्षेप में एक मूढ़ पुरुष शाश्वत सुख की आशा में वैषयिक क्षणिक सुखों की मृगमरीचिका के पीछे दौड़ता रहता है जबकि विवेकी पुरुष उसकी व्यर्थता पहचान कर पारमार्थिक सत्य के मार्ग पर अग्रसर होता है। भगवान् आगे कहते हैं-
यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रद्धयार्चितुमिच्छति।
तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम्।।7.21।।
अर्थात - जोजो (सकामी) भक्त जिसजिस (देवता के) रूप को श्रद्धा से पूजना चाहता है उसउस (भक्त) की मैं उस ही देवता के प्रति श्रद्धा को स्थिर करता हूँ।।
जगत् में देखा जाता है कि सभी भक्तजन एक ही रूप में ईश्वर की आराधना नहीं करते। प्रत्येक भक्त अपने इष्ट देवता की पूजा के द्वारा सत्य तक पहुँचने का प्रयत्न करता है। भगवान् श्रीकृष्ण स्पष्ट घोषणा करते हैं कि किसी भी रूप में जो पूजा श्रद्धा के साथ करता है उसकी उस श्रद्धा को उसके इष्ट देवता में मैं भगवान स्थिर करता हूँ। आध्यात्मदृष्टि से विचार करने पर इस श्लोक का और अधिक गम्भीर अर्थ भी स्पष्ट हो जाता है। मनुष्य जिस विषय का निरन्तर चिन्तन करता रहता है उसमें वह दृढ़ता से आसक्त और स्थित हो जाता है।
अस्तु तो इतने जन्मों में जब जीव को ज्ञान हो जाता है भगवना के बारे में तो अन्तः (अंत में) वो ज्ञानी महात्मा भगवान की भक्ति कर उसे प्राप्त कर लेते है।
अस्तु, इसका सार यही निकला की देवताओं की उपासना करना अज्ञानियो का काम है। जिसको ज्ञान हो जाता है वो ज्ञानी भक्त भगवान की ही उपासना करता है।
और भी विस्तार से पढना है तो इस लेख को पढ़े - कर्म-धर्म का पालन करने का फल क्या है? - www.vedicaim.com/2017/12/karm-dharm-ka-phal.html
Adarniye mahasaye jee namashkar aap ne bahut acha gyan diye video aur apne lekh dwara..lekin fir vedh me devtaon ki astuti Kyu Di gai h jab vedh iswar ka diya gyan h koi manav likhit nahi h to fir iswar hamse Kyu devtaon ki astuti karwa Rahe h yani vedh apne aap me apni hi kahi bat ka virodh Kar Rahi h.kripya margdarsan zarur kariye.
Aap ne ved pade hay ky.. ved khate hay.. jo manushay.. prakaruti ki Upasana karata hay use narak milata hay.. our Jo vakti ishavar ki Upasana karata hay use ghor narak milata hay.. our Jo vakti ishavar our parakati in dono ki puja karata hay.. oh is punar jaman ke chhakar se Nikal kar moksha Ko pa leta hay...
Tushar Borke bharata jee prakirty ki paribhasa de. Mere gyan se to shiv aur Shakti me hi shristy samaye hue h Jo shiv iswar aur Shakti Prakrit me samaye hue h.
@@DJBABAJATADHARIBHILAI
Prakrati ka matalab usaka yane ishavar ka dusara rup.. ishavar yane shiv.. prakaruti yane Shakti.. our shiv our Shakti.. yane ishavar our parkariti ki puja karane se hi Mary ksh milata hay
भगवान कि शरण मे जिसका निवाश होगा
जग मे कभी न ऊसका चेहरा उदाश होगा
Aapka chehra kabhi udas nahi hota
Ye baat bilkul sahi hai.
Om
बिल्कुल सही कहा
Great bro
ओम नमः शिवाय. जय माता पार्वती. जय बाबा भोलेनाथ. हम तो माता पार्वती और बाबा भोलेनाथ की पूजा करते हैं..🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ohh Devataon me nahi aate ohh mahadev hai ..... "Param vaishanav yatha shambhu"
भाई पहली बार कोई सच कह रहा है यह Utube पर आया है !आप को धन्यवाद देतां हू !!
भगवान ने कहा है कि,मै ही एक पूर्ण परमात्मा हूं ,मै ही अनंत ,अनादि ब्रह्म हूं,और जो जिसको पूजता है उसी को पाता है ,
Konse bhgvan ne kaha he ki me puran parmatma hu
Shree Krishna bhagwan ji ne
@@નિલેશભાઈ-શ5વ shri krishna
Gita nhi pdhi kya apne
So sad
@@નિલેશભાઈ-શ5વ bhagwan kirshan
@@agustdik3696 😂😂thug life
भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं मेरे को चाहने वाले मेरे को पूजने वाले अर्थ मेरे में मन लगाने वाले मेरे ही परमधाम शांति को प्राप्त कर लेते हैं जय श्री कृष्णा
Tum layak to MP MLA ke or Milne ke khan Dekh rahe ho PM SE ye Sahi Nahi hi Bina Madhayam ke pahuchna sambhave Nahi hi app to 1st class SE sidha PhD Karna chahate ho ye Sahi Nahi hi Bhai
स्वयम को जाने बिना कोई भी मानव परमात्मा के दरसन नही कर सकता ।यह सत्य है कि परमात्मा की भगती किसी प्रकार भी करे ।उसका परिणाम शुभ ही होगा ।अशुभ नही ।परन्तु आत्म ग्यान होने पर ही अनादि ओर अनन्त परमात्मा के दरसन होते है ।इसी अवस्था का नाम मुक्ति है ।
सत्य सनातन धर्म की जय!
भारत माता की जय!
@@bobbykumar3262 वाह 😊🙏
@@bobbykumar3262 atma gyan kya he? Vistar se bataye. 🙏
Krishnanne kha muje Pujo hey arjun mai jo bol rha hu wo iswar ne kha hai mai sirf bol rha hu muje pujne ka matlab iswar ko Pujo muje nhi
आपकी बात सही है, जब इन्सान अनेक देवी देवताओं की पुजा साधना करेगा तो व व्यक्ति
भटक जायेगा या विचलित होने लग जायेगा ।
सिर्फ कृष्ण भगवान की पुजा करना चाहिए ।
bilkul, kyuki Krishna bhagwan hai 🙏
Ek saadhe sab sadhe sab sadhe koi na sadhe....
Parantu Shree Krishna ke Eshwar Hone par Kuch Vidwaanjano mein Matbhed hai, parantu Vedon mein(Jo Geeta se Bhi Upar sthaan rakhte hain) Varnit Eshwar (Brahm) ke baare mein Koi Matbhed nahi hai.....
*Eye cannot seize, speech cannot grasp Him, nor these other godheads; not by austerity can he be held nor by works: only when the inner being is purified by a glad serenity of knowledge, then indeed, meditating, one beholds the Spirit indivisible.*
*यह सब कुछ अमृतस्वरूप 'ब्रह्म' ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं; 'ब्रह्म' ही हमारे सम्मुख है, 'ब्रह्म' ही पश्चात् है, हमारे दक्षिण में भी हमारे उत्तर में भी४, हमारे नीचे तथा हमारे ऊपर भी, यह सर्वत्र व्याप्त है। यह सम्पूर्ण अद्भुत विश्व केवल 'ब्रह्म' ही है।*
*उसे' न चक्षु ग्रहण कर पाते हैं न वाणी, न अन्य देवता उसे ग्रहण कर पाते हैं; उसे न तपस्या से ग्रहण किया जा सकता है न कर्मों के द्वाराː जब अन्तर सत्ता ज्ञान के प्रसाद से विशुद्ध हो जाती है, केवल तभी ध्यान की अवस्था में उस अखण्ड 'परमात्म तत्त्व' को देखा जाता है।*
*तदेजति तन्नेजति तद् दूरे तद्वन्तिके।तदन्तरस्यसर्वस्य तदु सर्वसयास्यबाहया:।।अर्थात वह ब्रह्म गति देता है परंतु स्वयं गति में नहीं आता,वह दूर है,समीप भी है,वह इस सबके अंदर और बाहर भी है।* 🚩🚩🙏
Tin gun ki bhagti me bhul padyo sansar kahe kabir nij naam bina keyse utro paar matlab ki tin gun brahma visnu mahesh ki bhagti Se moks sambhav nahi he ush parmatma ki bhagti karo jisse moks sambhav ho vo parmatma he khud kabir saheb jyada jankari ke liye harroj dekhe sadhna tv 7. 30 se 8. 30 tak harroj dekhenge tabhi samj me aayenga
@@નિલેશભાઈ-શ5વ Aap Kisi Ko Bhi Sune Bas Vedic Literature Swayam avashya padhen😊🙏🚩
Happy Mahashivratri🔱
Phoola Ram 👍Hare Krishna Hare Rama 🙏
आपका यह वीडियो बहुत ही ज्ञान वर्धक है ,सच है ईश्वर एक है उसी को सभी धर्म मानते है,कुछ अज्ञानता के कारण लोग भटक गए है,धन्यवाद
हे प्रभु कृष्ण हम पर कृपया करो
आप प्राकृति की नियम का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करें आप पर श्री ईश्वर कृष्ण की कृप्या अवश्य होगी । जय श्री सीताराम
कृष्ण की पूजा भी नहीं करनी चाहिए
जय श्रीहरि रामकृष्णा
सही बोला आपने, देवता माया से अभी तक नहीं निकले हैं । best example :- देवराज इंद्र
ये हिन्दू धर्म की बड़ी विडम्बना है कि जादू टोना दिखाने वाले मामूली बाबाओं को भी हिंदू अपने अंधविश्वास के कारण भगवान की तरह पूजने लगते हैं।
SitaRam SitaRam RadheShyam RadheShyam❤️Jai Sri UmaShankar Ji❤️
धन्यवाद सर बहुत गजब बहुत जर्बदस्त बहुत प्यारा बहुत सुन्दर बहुत शानदार बहुत ज्ञानदार बहुत काबिलेतारिफ बहुत आध्यात्मिक बहुत जानदार बहुत मनमोहक बहुत परेरक बहुत उत्साहवर्धक बहुत रचनात्मक बहुत भावनात्मक बहुत दमदार बहुत ऊर्जावान बहुत नैतिकतापूर्ण बहुत सच्चाईपुर्ण बहुत आनन्ददायक बहुत गरिमापूर्ण
Shiva is the best
No one is older than Shiva and also no one is worthy of worship other than Shiva
Shiva is only ☝and they have many forms
Shiva is also real and formless
Shiva is omnipresent
Shiva is permanent truth
💗you Shiva 😊
Jai Shiv shanker sambhu 🚩
Har Har Mahadev 🙏
Param vaishanav yatha shambhu.....madavesh vaishnu ke param bhakt hai ..... As par bagwatam
@@blacklover2892 Vice versa according to skand and ling puraan
Becaz Both are same
@@manmathgodre5360 Vishnu and Shiva is same ....🙏✨ Vishu bhakti mahadev ke bina na milti , or Vishnu la tiraskar karne wale ko mahadev na milte.
@Diabolical Army na na bhai aapko pata nahi 4 sampradaya hai jo ek hi bagwan ke bare me sikhata hai..... Mahadev kehte hai Vishnu devsh wala kabhi muze PA nahi sakha or vaishnu bhakti kabhi mahadev ke bina na mil sakti unki marji hogi tab ki kisiko Vishnu aradhana milti hai........ 4 way hai jo aap aapne hisab se chun sakte hai usme koi galti nahi hai . Jab aap sanatn par adhyan karoge aapne ved puran Bagwat gita, Bagwatam padhoge tab hi aapko yah samjega sirf upar upar se ya janm se sanatani nahi karna se sanatani bano
@Diabolical Army cutiye hai jo log yesa bolte hai 🤣
This one is the best one I've ever watched on RUclips ... I was very confused about Devi Devta aur Bhagwan but now I have a very clear idea. धन्यवाद्
Anshul Khare omker hi ishwar paramatma nirakar is liye om k jab sab inshan ko karna ye Ved Geeta Mai b likha h
🚩🚩हे परम शक्तिशाली, महा तेजस्वी, महा विष्णु, हे जगतके जगदीश्वर, हे जगतके जगन्नाथ, हे त्रिलोक के स्वामी, हे त्रिलोक के अधिपती, हे त्रिलोक के नाथ, हे त्रिगुणात्मक, हे त्रिगुणातीत, हे जगत के पालन हार, हे जगत के परम कारण, हे जगत के जगद्गुरू, हे जगत के परम परमेश्वर, हे जगत नियंत्ता.
🍁जय नारायण श्री नारायण
जय नारायण, श्री नारायण 🍁
🚩 हे मधुसूदन, हे यदुनंदन, हे पद्मनाभ, हे माधवा, हे केशवा, हे गोविंदा, हे मुकुंदा,हे मुरारी, हे जगतके एकमात्र स्वामी, हे जनार्दन, हे योगेश्वर, हे लोकेश्वर, हे कमल नयन, हे कमलनाभ, हे कमलनाथ, हे पद्मनाभ, हे पद्मनाथ, हे अनाथनाथ, हे आदिनाथ, हे दीनानाथ, हे दिनबंधु, हे दिग्विजय
🥀 जय नारायण श्री नारायण
जय नारायण, श्री नारायण 🥀
🌷हे लीलाधारी,गदाधारी चक्रधारी, चक्रपाणि, चक्रवर्ती, सच्चिदानंद स्वरूप,कुंती वंदित, देवकीनंदन, स्वयंप्रकाश, ब्रह्मस्वरूप, यदुवंशी शिरोमणि, गोपिका वल्लभ, माधवं, आदिपुरुषं, वासुदेव श्रीकृष्ण 🌾
🌺हे कुलपती, कुलश्रेष्ठ, रघुकुल नंदन, रघुकुल श्रेष्ठ, रघुकुल शिरोमणि, रघुकुल तिलक, रघुवंशी, रघुवीर, रघुनाथ, हे दशरथ नंदन, अयोध्यादिश, अयोध्यापती, सीता प्रिय, सीता नायक, जानकी नाथ, जानकी नायक, जानकी प्रिय, जानकी वल्लभ, भक्त शिरोमणि, अंजनेय, मारुति वंदन, कौशल्या नंदन, हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम हरी नारायण,
जय राम, श्री राम, जय राम, श्री राम
जय राम, श्री राम, जय राम, श्री राम 🌲
🌳 हे सर्वव्यापी परमेश्वर, हे स्तुति योग्य परमात्मा, हे भक्त वत्सल परब्रह्म, हे भगवत परायण परमेश्वर, हे शरणागत वत्सल परमात्मा, हे शरणागत वर दायी श्री हरी,हे मायापति, अंतर्यामी महा विष्णु, महा नृसिंह, महा प्रभु, हे प्रकृती एवं पुरुष के दातi.
🍀
जय नारायण श्री नारायण
जय नारायण, श्री नारायण
☘️
🎄 हे परम पुरुष, पुराण पुरुष, आदि पुरुष, विराट पुरुष, पूर्ण पुरुष, अनंत पुरुष,यज्ञ पुरुष, श्री हरि विष्णु, श्री हरि विठ्ठल, श्री हरि गुरुदेव दत्त, श्री हरी बालाजी, श्री हरी वामन देव, श्री हरी ऋषभदेव, श्री हरि व्यंकटेश, श्री हरि अय्यापा, श्री हरी कपिल भगवान.
🔔
जय नारायण श्री नारायण
जय नारायण, श्री नारायण .
🔔
🔱हे शेष नारायण,शेषशायी नारायण, आदि नारायण, अनंत नारायण,अनादि नारायण, आदिदेव नारायण, आदिनाथ नारायण, अद्वितीय नारायण, अविनाशी नारायण, लक्ष्मीनारायण,लक्ष्मीपति नारायण, लक्ष्मीनाथ नारायण, लक्ष्मीकांत नारायण, लक्ष्मी प्रिय नारायण, लक्ष्मी वल्लभ नारायण, नव नारायण, नर नारायण, नरहरि नारायण, नित्य नारायण, कवी नारायण, कैवल्य नारायण, कृपाळू नारायण, कृपादृष्टी नारायण. कार्णोदक्षयी नारायण 🔱
⚜️सूक्ष्म नारायण, परम नारायण, परात्मन नारायण, पद्म नारायण,परमानंद नारायण, परम हितेशी नारायण, परम प्रिय नारायण, परम पूज्य नारायण, परम सखा नारायण, परम हरि नारायण, परब्रह्म नारायण, परम ईश्वर नारायण, परम सत्य नारायण, परम तत्व नारायण, परम ज्योति नारायण, परब्रह्म नारायण, पुरुषोत्तम नारायण, भक्त प्रिय नारायण, कैलास पति प्रिय नारायण, ⚜️
🔸विराट नारायण, विश्वरुप नारायण, विश्वेश्वर नारायण, विश्वत्मा नारायण, विश्वनाथ नारायण, विश्व नायक नारायण, विश्व स्वरूप नारायण, विश्व सम्राट नारायण, विश्व गुरु नारायण, विश्व दाता नारायण, विश्व स्वामी नारायण, विश्व विक्रम नारायण.
सर्वत्र नारायण, सर्वदा नारायण,सर्वेश्वर नारायण, सर्वज्ञ नारायण, सत्य नारायण, सत्य स्वरूप नारायण, सर्वगुणसंपन्न नारायण, सब का कारण नारायण, सर्व नाथ नारायण, सत्य सनातन नारायण, सत्य परायण नारायण, सदा सर्वदा नारायण, सर्व विधाता नारायण, सर्व लोकगुरु नारायण, सर्व मल विनाशक नारायण, अज्ञान नाशक नारायण, पुण्यश्लोक शिरोमणि नारायण, सर्व स्वरूप नारायण,ज्ञान स्वरूप नारायण, दिव्य स्वरूप नारायण, ब्रह्म स्वरूप नारायण, आत्म स्वरूप नारायण, निराकार स्वरूप नारायण, निर्विकार स्वरूप नारायण, निर्गुणी स्वरूप नारायण, निर्वाण स्वामी नारायण, परमार्थ स्वरूप नारायण, पुरुषार्थ स्वरूप, अर्थ स्वरूप नारायण, मोक्ष स्वरूप नारायण, मोहिनी स्वरूप नारायण, धर्म स्वरूप नारायण, गर्भोदक्षयी नारायण, भय हारी नारायण, सर्वेश्वर नारायण, सर्वव्यापी नारायण, सर्वात्मा नारायण, दिव्य स्वरूप नारायण.
🚩🚩🚩
जय नारायण, श्री नारायण
जय नारायण, श्री नारायण
🕉🕉🕉🕉
देवता भी भगवान की भक्ति करते हैं उनसे ही शक्ति पाकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं इसलिए सीधे भगवान की भक्ति करना चाहिए अन्य की नहीं जब भगवान अपनी माया समेटेगे यानि प्रलय होगी तव प्रक्रति के साथ देवता भी भगवान में लीन हो जायेंगे।
Haribol...
Konse bhgvan ki poonja karni chahiye
@@નિલેશભાઈ-શ5વ ishwer ek h only one is lord of lord Mahalord Shiva 🙏
@@નિલેશભાઈ-શ5વ श्री हरि भगवान विष्णु जी की
durga astmi ke hisab se to maata Ki Pooja karni chahiye
भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो मनुष्य जिसकी पूजा कर्ता है उसीके पास जाता है
Ri8
App ki bat sahi hai jo jisko bakti karte hai vo unhi ke pas Kate hai ESA hamare Sampraday ke grantho Mai bhi likha hai
Aap ne aage yeh nhi likha ki hey arjun iss liye tu sabi baktiya shodkar meri bakti kar.
@@Brg369 vo to hame khud Tay karna hai ki hame kiski bhakti karni chahiye aur bhakti bhi hame hamare punya ke hisab se prapt Hoti hai uska Anubhav ujagar hota hai
Mai to 3 ya 4 bagvan ki pooja karta hu 🤒
bahut bahut dhanyawad Mitra iss jankari ke liye
जी बिल्कुल सही और सारतम ज्ञान की बात कही है आपने।
इस तरह के वीडियो से लोगोंका भ्रम दूर होता है।
और सही ज्ञान प्राप्त होता है।
देवताओं की कौन कहे?लोग मूर्खों तक की भक्ति करते रहे हैं।जैसे कि आशुमल,नारायण साई,साईं,सत्य साईं,निर्मल सिंह अहलुवालिया,सुखविंदर कौर,रामपाल,राम रहीम आदि।😄
Right brother
Ha yah log bhatak gay h. Bahagvan ko chod KR insaan ko puj rahy h.
Right bro
जिस तरह भीङ भेङ बकरी यो की होती है ।उस तरह की भीङ शेरो की नही होती ।हजारो मनुशयो मे कोई एक सिधि करना चाहता है तो लाखो मनुशयो के झुंड मे 10 मनुशयो के ह्रदय मे अपने कल्याण की इच्छा पैदा हुई ।उनमे से छ मनुशय विचार करके ही रूक गये ।चार उस सिधि के रास्ते पर चलने लगे ।उन चलने वालो मे भी कोई कोई जान पाये ।कि मै कोन हु ।फिर इश्वर को जानने वालो की भीङ कैसे सम्भव हो सकती है ।नही हो सकती ।उसी प्रकार शेर की छाल पहनने से कोई गीदङ शेर नही बनता ।
यही बात आत्म ग्यानी सतगुरू की है। ।सतगुरू भी ईशवर की करपा से ही मिलते है बिना परमात्मा की करपा या अपने प्रारब्ध से या शुध्द भगति भाव वाले को ही मिलते है । सतगुरू कोई कोई होते है उनकी भीङ नही होती ।
सत्य सनातन धर्म की जय!
भारत माता की जय!
Sahi kaha bhai
JAISHREELAKSHMINARAYAN RADHERADHEJAISHREESHYAM JAISIYARAM Acchi Chaviyaan Prabhu Ki Madhur Arthpoorn Prem Mayi Bhakti Bhaav Bhai Dhnywaad Bhai
जय आमा श्री भवानी !!! ॐ नमो: शिवाय !!! ॐ नमो: नारायण !!! ॐ नमो: भगवते बासुदेवाय नम: !!!
जय नेपाल !!!
जय श्रीहरि रामकृष्णा
ਓਅੰਕਾਰ ਆਦਿ ਕਥਨੀ ਅਨਾਦਿ
ਓਅੰਕਾਰ ਆਦਿ ਮੈ ਜਾਨਾ ਲਿਖਿ ਅਰ ਮੇਟੈ ਤਾਹਿ ਨ ਮਾਨਾ ।।
Sri Guru Garanth Sahib jii
Guru granrh saheb ji
Wahaguru ji
Nanak Dev ji ke guru Kabir saheb
@@નિલેશભાઈ-શ5વ Nahi
Bhai bale vali pustak padho
Jai guru Dev and Jai shri Radhe krishn.
गीता. मे श्री कृष्ण कहे मैं ही महेश्वर हू, तब मैं parameshwar के महेश्वर रूप का पूजा कर सकता हूं l HARI HAR एक है I चाहे वह कोई भी रूप में हो।
unhone apni vibhutiyo ka vistar karte hue aisa kaha samjhe
Lord Vishnu he mere Bhagwaan hain 🙏❤
Haribol...
Jay Sri ram
Yes he is creator of world
@@ChandanKumar-vk7fp : No Shree Bramha is creator of world and Shree Vishnu maintains world.
@@NirajLimaye good knowledge but half knowledge lord Vishnu control brhma lord vishnu is the lord of 6th dimensions who control the 5th dimension ( lord brhma's )
that's why lord vishnu control brhma n allow him to make n create this universe
in simple words lord vishnu is the creator , distroyer as well as maintainer
राधे कृष्णा राधे राधे ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमो नमः जय श्री महाकाल की जय
सच है जी
ओम नमः शिवाय
Shi bat he radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
Jay bhagwaan
Main sirf vakti mere prabhu omkar parabrahm mahadev ki hi karta hoon ❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻har har mahadev 😍🔥
Parabhrahm to ek hi hain bhaisab .. anadir adi Govinda ❤
मै तो परमपिता विष्णु जी की पूजा कर्ता हू और एकादशी के दिन व्रत रखते हैं और गंगा जल की पूजा करते हैं और शिव जी की
गीता के अनुसार तो व्रत रहना भी गलत है
ॐ नमो भगवते बासुदेवाय नम: हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
I 100%agree with you Hare krishna 🙏
And first time I subscribe any vedic type channel ...your presentation and animation are amazing and most important that you give all the detail in discription!
🙏🙏🙏भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥ 🙏🙏
🙏🙏सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ रघुनाथहि माथा🙏🙏
🙏🙏श्री राम जय राम जय जय राम🙏🙏
बहुत सुन्दर सत्य वचन
एक ब्रम्ह को छोड़कर किसी और कि शरण नहीं लेनी चाहीए यही तो सत्यसनातन धर्म की
महीमा और आदीदर्शन हैं
Bramha nirgun hai to dyaan kiska kiya jaaye ,,,, koi to patra hona chahiye jiska dyaan kiya jaa ske
GB. Xv . Ch
@@surajvishwakarma9216 hame sakarta sidhant ko mankar uska dhyan karna chahiye jo sagun bhi nahi aur nirgun bhi nahi hai lekin koi hai jise him karta kahte hai jo srusti ke karta hai jo kabhi srusti me ate hi nahi hai jeseki katputliyo ke khel mai dori pakdnewala kabhi stag pe nahi ata hai sabhi devta brahma vishnu aur mahadevji bhi unke adesh anusar karya karte hai
@@surajvishwakarma9216 brahm sarjanhar ka prakash hai hame sarjanhar ka dhyan karna chahiye
ब्रह्म के भक्ति भी अनु तम है गीता जी अध्याय नंबर. 7 श्लोक नंबर 18 मामे वानु तमाम गतिम् इसलिए अध्याय 18 की 62 66 वह अध्याय 15 के श्लोक 4 तथा 17 में किसी समर्थ परमेश्वर की शरण में जाने को कहा है जो ओम तत्सत नाम का जाप तीन मंत्र का है जिसमें जो ब्रह्म का मंत्र ओम है वह परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म है उनकी साधना तत्वदर्शी संत बताता है जिसका प्रमाण गीताजी के अध्याय 4 श्लोक 34 में भी लिखा है
Thanks for leading
🙏बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
आप बाकेहि एक अनमोल ब्याख्यन किया है।
ये वीडियो एक अनमोल कृति है।
🙏🙏
Radhe radhe
What radhe
@@MuhammadsabirSabir-fq1xt are you want to know about radha really? question your mind.
@@murmurdxkora7496 yes hindi coment
are bewkuf ke damad radha joki ek stri matr hai or o krishn ke saath sirf prem prasang karati hai.or tum bewakuf kaise banate ho ki kahate ho ki radhe radhe kahane se krishna ji apane aap hi chale aayenge.are bewakuf jo aapke dard ko sunkar nahi balki radha ke prem vas aaye to o tumhare dard ka ilaaj karane bajay radha ko hi na khojega.jahilo pahale satya ka gyan kar lo.
Parmatma Kabir Allah Kabir God Kabir
Radhe radhe jay Sri krishna hare krishna hare ram 🙏🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏🙏
बहुत सुंदर सर धन्यवाद धन्यवाद आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Narayan Narayan Narayan
App naradmuni hai kya?
bhagwan is power, devi devta are like appliances or part of maya swaroop of bhagwan nirgun nirakar bhagwan to sagun sakar devi devta.formless to form same
Devtao ki puja zarur karni chahiye ye Bhagwan ki hi aagya hai. Lekin Bhakti sirf Narayan ki karni chahiye ye baat bilkul sach hai.
Please refer to Bhagvad Gita chapter 7 ,verse 23.
Only Supreme Lord is worthy of worship without a second. Sirf bhagwan ki hi puja aur bhakti Karni chahiye.
Dandawat pranam 🙏
Karma se bdda dev nhi h koi .. Sri krishna ne karma ko shresth mana h ....karma hi pooja hai.. Devi devta ki pooja kr ichhaye puri krvaate h aur ichhaye na puri hone pr devtao sath hi sath bhagwaan pe se bhi bharosa utha lete h
@@bhagmatichaudhary6384 also see the verse 21,22 ki jo bhi manushya jis bhi devta ki bhakti karta h vo unki bhakti ko un devtao me sthir kar dete h aur un devtao se us anusar fal prapt hota h.par agar moksha prapt karna h to sirf sachidanand parmeshwar ki hi bhakti karni chahiye.puja harek devta ki karni chahiye par bhakti sirf parabrahm ki .
karm hi puja hai aisa bhagwan ne kahi bhi nahi kaha.
Karmyog kaha Hain jisme insan ko karm Krishna se jodkar karna hai.
Karm hi puja hai, pramanit explaination nahi hai.
Hare Krishna
Ravi Kumar लेकिन यह तो बता दीजिए कि भगवान कौन है और देवी देवता कौन है
Hare Krishna 🙏❤️😊
That is terrific! Most beautiful video!
🙏
तो फिर भगवान् कौन कौन है, देवता कौन कौन है?
कृपया बिस्तार से बस्ताए 🙏
bhagwan ek hi hai lekin devta anek hai ,shri krishna bhagwan hai
@@smitsutariya6699 धन्यबाद🙏
@@chandrapratapmohanty4974 🙏🙏
@@chandrapratapmohanty4974 vedo ko parhiye ,unme devtao ke baare me aur brahman ke baare me bohoy gyan hai
Bhagvan keval Vishnu shiv aur Shakti Hain jinhe purush prakriti aur kal Kaha gya hai yeh viraat purush parambrahm k teen mukhya rup Hain.
bahut achha laga GOD BLESS YOU 🙏 JAY SHREE RAM 🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️
🙏🙏Jai shree Ram Lord 🐦🐦
🐚🐚Jai shree Radhe shyam 👏👏
Jai Shri HARI
Har har mei hai har base
Har mei base har koi Jo har ko na Jaan sake vo bhee har ka hi hoye
Bilkul karni chahiye ....kyuki kisiki bhi bhakti bhagwaan ko hi prapt hoti h ....
Jai Shree Krishna Jai Jai Shree Radhe
Apki jai ho mere pyare kahna Krishna ji
Hare Krishna
ऎसा कुछ नहीं है देवी देवता ही भगवान की शरण मे लेके जाते हैं पूजा किसी की भी करो भगवान सब कुछ जानता है बस मन शाप हो जय श्रीकृष्ण
Ekdam sahi..
ek dam juth
Sahi h
galat kaha agar aisa hai bhagvat geeta me aisa kyo kaha arjun tune jo mera roop dekha vi devta bhi nahi dekh pate
shatpath brahman ka kehna hai ki jo us parbrahm parmatma ko chodkar kisi aur ki bhakti karega vo bebakuf hai
जय श्री कृष्ण!! मुझे आपकी ये वीडियो बहुत अच्छी। आपने यह कहा कि हमें भगवान की ही पूजा करनी चाहिए। पर मेरा सवाल आपसे यह है कि देवी-देवताओं का हमारे जीवन में क्या भूमिका है??
आपने हमें बहुत ही अच्छे तरिके से समझाया है वेद, पुराण , शास्त्र के ज्ञानो को लेकिन भगवान कहने से सभी देवताओं का बोध होता है।अगर हम उसकी शक्ति के अनुसार जाने तो ईश, ईश्वर, परमेश्वर कबीर जी श्रेष्ठ हैं और ओ सबकुछ कर सकते हैं अन्य भगवान नहीं जैसा कि किसी का भाग्य बदलना,आयु बढ़ाना,तीन ताप के कष्ट हरना, ज़िंदा करना आदि इस लिए साहेब कबीर जी सबका मालिक एक परम पूज्य है उसी की सतभक्ति करनी चाहिए। बोलो बंदी छोड़ जी की जय। सत साहेब
Mai bas itna kehna chahunga 4 samprayadayon me se kisi 1 ko chun kr uske Devon ko apna aaradhya bana kr sacchi sradha k sath bhakti kren HARE KRISHNA!
सह ली कितनी यातना,पर
कर्तव्य सर्वोपरि रखा
त्याग, शील, संकल्प को
जिस तरह जीवित रखा..
बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?
यदि राम सा संघर्ष हो..
कल मुकुट जिस पर साजना था
अब उसे सबकुछ त्यागना था..
निर्णयों के द्वन्द से,
एक बालपन का सामना था..
वचन भी था थामना,
आदेश भी था मानना..
किस तरह सोचो स्वयं को
धर्म पर तुम रख सकोगे ?
कहाँ तक तुम टिक सकोगे ?
यदि राम सा संघर्ष हो..
प्रजा तो बस राम की थी
दुनिया उसे तो जप रही थी..
वचन ही था तोड़ देता
धर्म ही था छोड़ देता..
पर पीढ़िया क्या सीख लेंगी..
राम की चिंता यही थी..
हो छन रहा एक क्षण में सबकु
सोचो एक क्षण..क्या करोगे ?
बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?
यदि राम सा संघर्ष हो..
केवट न जाने क्या किया था
सौभाग्य जो उसको मिला
राम से ही तारने को
राम से ही लड़ गया था..
कुल वंश उसके तर रहे थे
सब राम अर्पण कर रहे थे..
जब सबकुछ हो बिखरा हुआ
इतने सरल कब तक रह सकोगे..?
है याद वो घटना तुम्हे ?
जब राम थे वनवास में..
सिया थी हर ली गई
था कौन उनके साथ में..
कुटी जब सूनी पड़ी थी
दो भाई और विपदा बड़ी थी..
बोलो ऐसे मोड़ पर,
तुम धैर्य कब तक रख सकोगे...?
बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो..!!
वह तो स्वयं भगवान था
पर कहाँ उसमे मान था ..
किरदार भी ऐसा चुना,
जिसमें निहित बलिदान था..
मर्यादा के प्राण थे
रघुवंश के अभिमान थे ..
श्री राम के अध्याय से
एक पृष्ठ हासिल कर सकोगे..?
बोलो कहाँ तक टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो...
व्यथा इतनी ही नही है
कथा इतनी ही नही है..
कुछ शब्द उनको पूर्ण कर दे
राम वो गाथा नही है...
जब तपे संघर्ष में,
तब हुए उत्कर्ष में..
क्या तुम भी ऐसी प्रेरणा
पीढ़ियों के बन सकोगे..?
बोलो कहाँ तक तुम टिक सकोगे ?यदि राम सा संघर्ष हो....
joi Moha Narayana, Joi Moha Vishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moha Ram 😇😇😇😇😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕💖💗💘💝💞💟🏵🏵🏵🏵joi Moha Narayana, Joi Moha Brishnu, Joi Moha Sree Krishna and Joi Moh
Very nice video👌👌👌👌👌👌💟💞💟👍👍👈
सबसे पहली बात भक्ति में मांगना छोड़ दो सिर्फ भगवान के लिए समर्पित हो जाओ और देवी देवता का सम्मान जरूरी है उनकी पूजा से भी आप भगवान तक पहुंच जाओगे पर उसमें समय लगेगा। हिन्दू के पांच प्रमुख देवी देवता है जिनके साकार और निराकार दोनों रूप है वो है शिव जी , गणेश, दुर्गा , नारायण,सूर्य इन में से आप किसी को भी आराध्य बना सकते हो या तो कृष्णम वन्दे जगतगुरू। भक्ति योग का मार्ग ज्ञान से कहीं ऊंचा है क्यूंकि ऊर्ध्व से भी गोपियों का प्रेम भक्ति भाव ही जीता था निर्णय आपका है कोंन सा मार्ग अपनाना है भक्ति, ज्ञान या कर्म।
Ganesh is not supreme god
Woh Shiv ji ka Putra hai
Kritika Sharma omkar hi ishwar h ye Geeta Mai likha h om nirakar paramatma h parmeishwar h
kalyan kumar omker hi ishwar paramatma h parmeishwar h wo nirakar b Sabi puja omker k jab karna padta h
Jai Shri HARI
Har har mei hai har base
Har mei base har koi Jo har ko na Jaan sake vo bhee toh har ka hi hoye
Bahut achha batya apne bhai sahab...apka ye prayash adbhut hai...Jai Shri Narayan
HAR HAR MAHADEV
Jai Shiv Shambhu..
maa durga hi sarvshaktimaan hai vo devi devtao ki bhi maa hai wo mahamaaya hai is liye wahi bhagwan hai maa hi sab kuch hai .......jai mata di
Sunil chouhan sahi bola bhai.
sahi kaha apne durga se hi sab hue or durga jagat maa hai cos usey ishvar os Parm nirakar ne khud racha hai so durga Mata ko hi pta os nirakar ka pr Mata bhi kisi ke adheen hai woh bhi apni mrji nhi kr skti so yeh Devi shakitan os ishvar ki shaktiyan hain hum ishvr charn unme dekh k parnaam kr skte hai jisne itni sundr shaktiyan bnayi hain woh khud kitna sundr or mahan hoga kuchh nhin pta anat hai woh
@@shabadshabadd2290 purush se prakruti ka Norman hua hai vo purush jyoti svarup niranjandev hai aur niranjandev ko srusti ke sarjanhar ne banaya hai
+Kalpana Patel bilkul sahi kaha aapne Mam kya baat kahi hai lekin yeh sachayi boht km log jante hain
@@shabadshabadd2290 is bare mai app kya jante hai
अनंत नमस्कारम! जय़ भगवान श्रीकृष्ण, कृष्ण राम नारायण गोविन्द जय़ जय़, अनंत नमस्कारम।
ओम नमो:भगवते वासुदेवाय
Bhagwan shree krishna or sheee ram dono ek h isliye dono ka name lena chahiye tha.. hare ram Hare Krishna
श्रीकृष्ण, श्रीराम , श्रीविष्णु, श्रीमन्नारायण, नरसिम्ह, वराह आदि सभी एक ही है सभी श्रीमन्नारायण के ही अवतार है सो सिर्फ श्रीकृष्ण कहनेसे भी इन सभी को संबोधित करने के समान ही है । यह बस सुविधा के लिए है।
Aapko sadar pranam
Bolo Ram Ram Ram...Bolo Shyam Shyam Shyam.
Prabhu Ram aap ko bhala kare.
+GS1008GS
bro shri krishna prabhu se
3 vishnu prkt hote h
shri md Bhagwat ke anusar
+GS1008GS
bro shri krishna prabhu se
3 vishnu prkt hote h
shri md Bhagwat ke anusar
Parbhu tumari leela aprampaar h Ji..
Jai shree ram
Perfect advice
Hare Krishna 🙏🌺🌸🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌸🌺🌺🌺🌸🌺🙏🌸🌺🙏🌸🌸🌺🌺🌺
Carry on please.JAY SANATAN DHARMA.
Param shanti
Jai Shree Krishan
Om namah shivay
जैसे एक पति का वरण कर के उसी के प्रति प्रीति और मन वचन से निष्ठा रखने वाली नारी पतिव्रता कहलाती है और बहू पुरषों के प्रति आसक्त और संबंध रखने वाली कुलांक्षना और वेश्या वैसे ही एक ईश्वर का आधार करने वाला,और बहुदेव पूजने वाला भी होता है।
Bohot Sundar👍🥰
जय श्री राधे कृष्ण, भगवान के अनगिनत नाम है सब एक हे ईश्वर, अब किस भगवान कि पुजा कर ये आप बताओ ,,हमारे भारत में हिंदु धर्म में तैतिस करोड देवी देवता, है कोई कोटी कोटी बताते है, इस का सम्पूर्ण रहस्य बताये
33 koti ka matlab hai 33 uch koti (highly elevated soul) devi devta.
Anant koti brhmand ka ek rati nahi bhar sat guru kul Kabir he kul ke sarjan har sab ka racheta parmatma Kabir he
कृष्ण कहो या राम एक ही है और 33 करोड़ नहीं होते 33 कोटी है कोटि का मतलब प्रकार होता है अर्थ 33 प्रकार के देवी देवता है जय कृष्णा जय सियाराम
गरीब, अनंत कोटी ब्रह्माण्ड का, एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है, कुल के सिरजन हार।।
गरीब, तीन लोक का राज है, ब्रह्मा विष्णु महेश।
ऊंचा धाम कबीर का, वाणी बिरह विदेश।।
कबीर, सुर नर मुनिजन देवता, ब्रह्मा विष्णु महेश।
ऊंचा मेहल कबीर का, पार न पावे शेष।।
कबीर, अरबों तो ब्रह्मा गए, उन्चास कोटी कन्हैया।
सात कोटी तेरे शंभू मार गए, मेरी एक नहीं पलैया।।
Hare Krishna. OM NAMO BHAGVATE WASUDEVAI
HARE KRISHNA🙏🌹🙏
Jay Shri Krishna
Jai Parbhu Param parmeswor hirdaya ma basnuhune satchrkar Iswor parbu hajurlai mero hirday dekhnai koti koti naman gardaxu mera sampurna pujniya mata pita Tatha gurubarga haruma hirday bhitra dekhnai sastanga parnam gardaxu sada sarbada hajurkai dilma rahera Parbhukai bhakti margama lagne Jun prenna dinu bhayo tesaile guruharuma hirday dekhnai sastanga parnam gardaxu jai Parbhu shree Radhe krishna krishna krishna Radhe Radhe ji
ISKCON is trying to turn Hinduism into a Semitic monotheistic religion which Hinduism in essence may be but definitely not in practice. Similar movement is active in entire northern part of India called ‘Radhe Krishna’. They have changed the traditional greeting of ‘Ram Ram’ to ‘Radhe Radhe’.
More than 50 % of my village got converted to this sect. Initially they even discarded popular festivals like ‘Lakshmi Ganesh Puja’ during Diwali and the most revered festival of Bihar ‘Chath Puja’.
My parents didn’t fall for this and we still celebrate all our festival with equal reverence for all our god.
we have a pro-hindutva gang in our village as we visit once a year during ‘Chath Puja’ which is six days after Diwali hence the name Chath. My friends parents who are ‘Radhey Radhey’ have given up all the traditional festivals and just celebrate ‘Janmashtami’ has strictly forbidden him not to come during this time as they don’t celebrate. They even leave the house when my friend and his wife does ‘Lakshmi Pooja’ during Diwali. But my friend never listens to them and has pledged to start celebrating our traditions after their parents are gone. Most of our village while keeping their allegiance to ‘Radhey Radhey’ have also reverted back to celebrating our diverse cultural and religious festivals.
Our team of young turks have played quite a role in that, we have formed a cultural team with local boys to celebrate our tradition. So I think ISCKON is trying to take us down that path so that we can appear appealing/acceptable to the western world. I hate this from the core.
Note: I have no problem in saying ‘Radhe Radhe’ But when you say ‘Har Har Mahadev’ in greeting the same guys won’t reply back in ‘Har Har Mahadev’. That offends me me.
Read geeta first then raise question
You are an idiot
You know nothing about dharma
Religion is nothing
Read Gita
Bro you are wrong. Sorry
Aap bhi krishna bhakt ho hare krishna
कृष्ण भी भगवन का अवतार माने गए है।
Anurag Kishor
Prabhuji Krishha ji khud bhagwaan hy.......aur baki sbb unke aansh hy........chahe toh aap bhagwaat geeta aur bhagwaat puraan pd sakte ho ..........bahut logo lgta hy ki Krishha ji vishu ji k avtaar hy lekin aisa nhi hy... ... Vishnu ji ke purn aansh....... Hare Krishha Radhe radhe🙏
@@rahulkumar-mp2zo bilkul sahi
@@raghavmalhotra3482 RAHDA
Dhruv Bhardwaj
Ha maine kaha ki Krishna bhagwaan tbb mera mtlb tha ki Krishna aur unke jitna bhi roop hy wo bhi jaise apne kaha ram bhagwaan visnu bhagwaan.... Hare Krishna
sir apne baat sahi kahi hai 100% sahi hai Devi devta humey mokhsh nhi. de skte kyon k woh khud ishvr k gulaam hain yeh shaktiyan hain uski par ek apne kaha shiri Krishna bhgvaan hain nhin woh bhi devta hai woh bhi apne krm krne k liye yug yug mei aye hai woh bhi ishvar k hukam mei hain brhma Vishnu mahesh yeh ishvr k sarvotam shaktiyan hai durga ishvr ki khud bnayi rachna hai bhgvaan ko kisi bhi NE nhi dekha Na brhma Na Vishnu Na mahesh sirf durga ko pta hai so hum sab os data ko bhoolkar uski daataon mei doob chuke hain sachayi yehi hai or os Parm parmeshvr ko kisi NE nhin dekha jisne dekha woh usi mei sma gya
Radhe Krishna
Nice video brother . Appreciate your effort .
May God bless you.
Dhanyabad guruji🙏
हमारे आराध्य देव आनंद प्रदायक भगवान् कृष्ण चंद्र है
jai shri krishna
Shahi bat hai. jay shree krishnabhagvan.
निर्मल मन जान सो मोहे पावा, मोहे कपट छल छिद्र ना भावा !
जिस व्यक्ति का हृदय किसी भी स्वार्थ से युक्त नहीं है उसमे धन, स्त्री, ख्याति, पद आदि यहाँ तक की मोक्ष पाने का स्वार्थ भी है तब प्रभु को वह तनिक भी नहीं भाता!
भगवान के सिर्फ प्रत्यक्ष दर्शन की कामना और उनके लिए समर्पित भाव ही प्राणी मात्र का उद्धार कर सकता है. उसके लिए एक सरल तरीका है की आप जिनको भी अपना ईस्ट मानते हैं उनसे एक सम्बन्ध अन्तर्मन में मान लीजिये जैसे भाई, बहन, पिता, पुत्र जो आप चाहें ईश्वर आपको उस रूप में ही मिलेंगे !!
जय श्री सीताराम 🙏
जय श्री राधेश्याम 🙏
नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव 🙏
परमात्मा ओर आत्मा में कोही अंतर नहीं !
हम मनुष्य खुद ही चैतन्य हैं !
बाकी सब क्या..!
हम ने माना तो भगवान..नही तो कूछ नहीं !
1) ब्राह्मडं ही गर्भ हैं..
वहा सब ग्रह. बनते हैं. ऊसी में मील जाते है.
प्राणी ओर मनुष्य का वंश तो गर्भ से पैदा होते.
वही शक्ती हैं. वो अपने भीतर है..!
परमात्मा तो .अव्यक्त निराकार हैं...
वेद ही सच्ची घटना हैं...
अठरा पुराण.. हरी को ईश्वर मानते. हैं.!
Ek no video sir great
न । गलत ।
आत्मा केवल एक अंश है परमात्मा का । विस्तार से जानने के लिए भगवत गीता पढ़े ।
Hahaha mayavadi krishna apradhi
atma parmatma ka ansh hai lekin dono mai antar jarur hai atma ko srusti pe 84000 yoni mai bhatkna padta hai aur parmatma ki bhaki karne se atma parmatma mai lean hoti hai yani mox ki adhikari banti hai
Digambar Matale omker hi ishwar paramatma h Sabi dev puja Mai om k jab karna padta h aur om word Dil k ander se nikal ata h wo hi nirakar h inki jab khud bhagavan shiv karte h ye Veda Geeta Mai likha h inse bada koi nhi duniya Mai
Thank u very much.aapane kitani mahatvpurn baat bataayi hai.aapane thik hi kahaa sub kuch bhagawaan ke hi marji se hota hai.unake Bina patta BHI nahi hilataa hai.
जय श्री राम
U don't believe me but while doing meditation i have experienced some phenomena like a snake crawling beside my spine, I was chanting the name of god with devotion in a my sleep can u believe that . Many more thing happen to me. I don't believe that god exist I know that he exists. And I can also feel that i am soul not body.
Bahot marunga bakwash ki to
Sab nhi samjhenge
Chakra jagrati k lakshan
@@Manuvadi_Brahman majak hai Kya logo ko salo saal lagte hai chakras ko jagrit karne main
@@अहिंसापरमोधर्मःधर्महिंसात-द4ज bhai kya pata wo bhi salo se kr rhe ho
Aur ho sakta hai pichhle janm se try kr rhe ho
Kalyug keval name adhara Hari sumiran Hari kirtan sara
Devtao ki santushti ke bina Jeev ka kalyan sambhav nhi hai.Devatao ko santushti Bhagwan ke bhajan se hi purna roop se hota hai
Jai Shree Krishna Jai Shree radhe radhe Jai Shree Ram 🚩🙏🙏bhut gajab baat ek dum Sahi hai ji Guru ji
यहां तो गुरु घंटाल ही अपनी भक्ति और पूजा कराने लगे है। आप तो देवताओं की पूजा करने से भी मना कर रहे हैं। यह भी तो गलत है। भक्ति या पूजा केवल ईश्वर की ही करनी चाहिए।
ॐ विष्णवे नमः
नमस्ते . एकदम सही है भैय्या
very nice🙏