मैं समस्त भु प्राणियों का ईश्वर हूँ | अधर्मी का विनाश ना करना भी अधर्म है |श्री कृष्ण महिमा

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  • Опубликовано: 10 фев 2025
  • "श्री कृष्ण अर्जुन को कर्म ज्ञान और यज्ञ से जुड़ी हार प्रकार की बातों के बारे में बताते हैं। श्री कृष्ण अर्जुन को अपने अब तक के अवतारों को लेने के बारे में भी बताते हैं और उन सभी अवतारों में जनम लेने के कारण के बारे में भी बताते हैं। श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की जब मैंने अपने सभी अवतार लिए उन सभी में मैंने जन कल्याण के लिए सभी अधर्मियों को समाप्त किया है। जो अधर्म करता है वह अधर्मी तो होता ही है लेकिन जो अधर्म को रोकने में समर्थ होने के बावजूद अधर्मी को नहीं रोकता तो वह भी अधर्मी ही होता है। जनम भी मैं ही देता हूँ और मृत्यु भी मैं ही देता हूँ। मृत्यु के बाद सभी मुझ में समा जाते हैं। जब कोई धर्म करके मेरी शरण में आता है तो वह मुझ में समा जाता है और यदि कोई अधर्म करने के बाद भी मेरी शर्म में आता है तो वह भी मुझमें ही समाहित हो जाता है। श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की एक ही कर्म अधर्म भी हो सकता है और धर्म भी तो अर्जुन पूछता है वह कैसे हो सकता है प्रभु, तो श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की कोई व्यक्ति यदि किसी का धन चुराने के लिए किसी की हत्या करे तो वह पापा है क्योंकि किसी को दुःख देना पाप है। लेकिन यदि कोई किसी स्त्री का बलात्कार करने की कोशिश करता है और उसे बचाने के लिए दूसरा इंसान उसकी हत्या कर दे तो वह पुण्य हो जाता है क्योंकि उसने अधर्मी को अधर्म करने से रोकने के लिए उसकी हत्या की है। श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की यह सारी सृष्टि मेरी ही माया का खेल है। श्री कृष्ण अर्जुन को अपनी माया के बारे में भी बताते हैं जिसमें श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की यह संसार एक वृक्ष की भाती हैं जिसमें रिश्ते नाते मोह माया सब मनुष्य को घेरे रहते हैं। जब वही मनुष्य उस मोह माया के वृक्ष को काट देते हो तो तो तुम मुझे पा सकते हो। श्री कृष्ण के उपदेश से अर्जुन के मन का भार ख़त्म हो रहा था और धृतराष्ट्र का मन भारी हो रहा था।
    श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की जब मैंने अपने सभी अवतार लिए उन सभी में मैंने जन कल्याण के लिए सभी अधर्मियों को समाप्त किया है। जो अधर्म करता है वह अधर्मी तो होता ही है लेकिन जो अधर्म को रोकने में समर्थ होने के बावजूद अधर्मी को नहीं रोकता तो वह भी अधर्मी ही होता है। जनम भी मैं ही देता हूँ और मृत्यु भी मैं ही देता हूँ। मृत्यु के बाद सभी मुझ में समा जाते हैं। जब कोई धर्म करके मेरी शरण में आता है तो वह मुझ में समा जाता है और यदि कोई अधर्म करने के बाद भी मेरी शर्म में आता है तो वह भी मुझमें ही समाहित हो जाता है। श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की एक ही कर्म अधर्म भी हो सकता है और धर्म भी तो अर्जुन पूछता है वह कैसे हो सकता है प्रभु, तो श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की कोई व्यक्ति यदि किसी का धन चुराने के लिए किसी की हत्या करे तो वह पापा है क्योंकि किसी को दुःख देना पाप है। लेकिन यदि कोई किसी स्त्री का बलात्कार करने की कोशिश करता है और उसे बचाने के लिए दूसरा इंसान उसकी हत्या कर दे तो वह पुण्य हो जाता है क्योंकि उसने अधर्मी को अधर्म करने से रोकने के लिए उसकी हत्या की है। श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की यह सारी सृष्टि मेरी ही माया का खेल है। श्री कृष्ण अर्जुन को अपनी माया के बारे में भी बताते हैं जिसमें श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं की यह संसार एक वृक्ष की भाती हैं जिसमें रिश्ते नाते मोह माया सब मनुष्य को घेरे रहते हैं। जब वही मनुष्य उस मोह माया के वृक्ष को काट देते हो तो तो तुम मुझे पा सकते हो। श्री कृष्ण के उपदेश से अर्जुन के मन का भार ख़त्म हो रहा था और धृतराष्ट्र का मन भारी हो रहा था।
    श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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