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भोश्री के पहले यह इंग्लिश लिखना छोड़ दे वोह भी वेस्ट का है, जींस पेंट, टीशर्ट, शर्ट, सूट, बूट, लाइट, एलोपेथी, हॉस्पिटल, रेल, 85% साइंस सोधे सब क्यों अपना रहा है, बे बीजेपी, आरएसएस, मनुवादी दल्ले.,। कभी आना rational वर्ल्ड चैनल कि लाइव मे सारा काला चिटठा खुलेगा तुम आर्यो का जिसमे बौद्ध धम्म का नाश एक पुष्यग मित्र श्रुग भड़वे ने किया था, बुद्ध कि मुर्तिया को देवी देवता बनाकर पुंजने वालों खुदको कुछ नहीं है, दुसरो कि चुराई हुई चीज को संस्कृत मे ट्रांसलेट करने से कोई चीज खुदकी नहीं होजाती। समजे बीजेपी आरएसएस के paid पीठु।
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@@HyperQuest यज्ञकर्म क्रियावेदः स्मृतिर्वेदो गृहाश्रमे ! स्मृतिर्वेदः क्रियावेदः पुराणेषु प्रतिष्ठितः !! पुराणपुरुषाजातं यथेदं जगद्द्भुतम् ! तथेदं वाङ्मयं जातं पुराणेभ्यो न संशयः !! न वेदे ग्रहसंचारो न शुद्धिः कालबोधिनी ! तिथिवृद्धिक्षयो वापि पर्वग्रहविनिर्णयः !! इतिहासपुराणैस्तु निश्चयो$म् कृतः पुरा ! यत्र दृष्टं हि वेदेषु तत्सर्वं लक्ष्यते स्मृतौ !! उभयोर्यन्न दृष्टं हि तत्पुराणैः प्रगीयते !!! ( नारद पुराण उ. अ. २४.) अर्थ:- यज्ञ एवं कर्मकाण्ड के लिए वेद प्रमाण हैं ! गृहस्थों के लिए स्मृतियाँ ही प्रमाण हैं ! किन्तु वेद और स्मृतिशास्त्र (धर्मशास्त्र) दोंनों ही सम्यक रूप से पुराणों में प्रतिष्ठित है ! जैसे परमपुरुष परमात्मा से ही यह अद्भुत जगत उत्पन्न हुआ है, वैसे ही सम्पूर्ण संसार का वाङ्मय - साहित्य पुराणों से ही उत्पन्न है, इसमें लेशमात्र भी कोई संसय नहीं है !! वेदों में तिथि, नक्षत्र आदि काल निर्णायक और ग्रह संचार की कोई युक्ति नहीं बताई गयी है ! तिथियों की वृद्धि, क्षय, पर्व, ग्रहण आदि का निर्णय भी उनमे कहीं नहीं है ! यह निर्णय सर्वप्रथम इतिहास पुराणों के द्वारा ही निश्चित किया गया है ! जो बातें वेदों में नहीं है, वे सब स्मृतियों में है, और जो बात इन दोंनों में नहीं मिलती, वो पुराणों के द्वारा ज्ञात होती है !! भारतीय वाङ्मय में पुराणों का एक विशिष्ट स्थान है ! इनमे वेदों के निगूढ़ अर्थों का स्पष्टीकरण तो है ही, साथ ही कर्मकाण्ड, उपासना कांड, और ज्ञानकाण्ड के सरलतम विस्तार के साथ-साथ कथावैचित्र के द्वारा साधारण जनता को भी गूढ़ से गूढ़तम तत्व (ज्ञान) को भी सहजता से हृदयंगम करा देने की अपूर्व विशेषता है !! इस युग में, धर्म की रक्षा और भक्ति के मनोरम विकास का जो यत्किंचित दर्शन हो रहा है, उसका समस्त श्रेय पुराण-साहित्य को ही है ! वस्तुतः भारतीय संस्कृति और साधना के क्षेत्र में कर्म, ज्ञान और भक्ति का मूल श्रोत वेद या श्रुतियों को ही माना गया है ! वेद अपौरुषेय, नित्य और स्वयं भगवान् की वाङ्मयी मूर्ति ही है ! स्वरूपतः वे भगवान के साथ अभिन्न हैं, परन्तु अर्थ की दृष्टि से वेद अत्यंत दुरूह भी है !! वैसे तो वेदों का अर्थ आज कोई भी अपने मनमाने ढंग से कर लेता है, लेकिन मूल रूप में वेदों का अर्थ, बिना तपस्या के कोई नहीं जान सकता ! व्यास, बाल्मीकि आदि महर्षियों ने कठिन तपस्या और इश्वर कि असीम अनुकम्पा से हि इन दुरूह वेदों के प्राकृत अर्थ को कुछ-कुछ जाना ! और इन वेदों को प्रचारित करने कि आवश्यकता समझी, और इसीलिए उन्होंने वेदों के गुढ़ अर्थ को रामायण, महाभारत और पुराणों के रूप में सरलीकरण करके हमारे लिए प्रस्तुत किया !! शास्त्रों में कहा गया है, कि वेदों के अर्थ को समझना है, तो रामायण, महाभारत और पुराणों के माध्यम से, इन्हीं के सहारे समझना चाहिए ! यथा - इतिहास-पुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत् !!!! पुराणों की बहुत ही महिमा है, जीतनी गाई जाय, उतनी ही कम लगती है ! इन पुराणों में हमारे पूर्वज आदर्श ऋषियों की समूची परिकल्पनाएं समायी हुई हैं ! सम्पूर्ण विश्व को संरक्षण देने वाला विज्ञान समाहित है ! और यहाँ तक की, सम्पूर्ण सृष्टि को स्थिर रखने का गूढ़ ज्ञान भी इन पुराणों में है, जरुरत है, शास्त्र पुराणों को समझने की, सुनने की, और इनके बताये मार्ग का अनुशरण करने की !!
श्लोक 12.13.15 copy सर्ववेदान्तसारं हि श्रीभागवतमिष्यते । तद्रसामृततृप्तस्य नान्यत्र स्याद्रति: क्वचित् ॥ १५ ॥ शब्दार्थ सर्व-वेदान्त-समस्त वेदान्त दर्शन का; सारम्-सार; हि-निस्सन्देह; श्री-भागवतम्-श्रीमद्भागवत; इष्यते-कहा जाता है कि; तत्-इसके; रस-अमृत-अमृतमय स्वाद से; तृप्तस्य-तृप्त होने वाले के लिए; न-नहीं; अन्यत्र-दूसरी जगह; स्यात्-है; रति:-आकर्षण; क्वचित्-कभी ।. अनुवाद play_arrowpause श्रीमद्भागवत को समस्त वैदिक दर्शन का सार कहा जाता है। जिसे इसके अमृतमय रस से तुष्टि हुई है, वह कभी अन्य किसी ग्रंथ के प्रति आकृष्ट नहीं होगा।
@@HyperQuestभागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3 श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
विशाल भाई, बहुत ही सुन्दर विश्लेषण किया है।This is purely a scientific explanation without creating controversy, maintaining objectivity,but at the same time keeping our identity with pride. 🙏🙏🙏
@@HyperQuestभागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3 श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
Saare Jahan se Achhaa Hindustan Humara🇮🇳🔱🕉️🚩 जम्बूद्वीपे, भारतवर्षे, भरतखण्डे, आर्यावर्ते, India, Hindustan.. 🇮🇳❤️🙏 Ye saare hi naam humari matrabhoomi ke gauravshali itishas ko darshate hain.. Aur muje meri matrabhoomi ke ye saare hi naam pyaare hain🥰 Jai Bharat🙏 Vande Matram🇮🇳 Jai Hind🚩🔱🕉️🌼
@@krishnaradhe3089aisa kisine naam rakha nahi hai. But kahane ke kiye sanatan ya aryan dharam kaha sakte hai. Mai strictly ayran dharam bolne ko prefer karta hu. But filhaal sanatani hi popular hai.
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3 श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
@@Epicurousdemos hum tumko nahi mante tum bhad me jao. Tumhare man ne ya na man ne se ghanta kuch farak nahi padta. Kiya kare kau o ko kachra khana hi pasand ha achi chise nahi. Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
It's a well researched video on Bharat vs. India. The name Bharath: is a syntax derived from the native Samskrut and the etymological meaning of Bharath: can be broken into two words, namely, Bha = light or knowledge and Rath: = relish. The word Rath can also mean a chariot to symbolize pursuit. Therefore, Bharath: means the people of the land who relish or pursue knowledge or wisdom. There is à cultural and literary connotation to the word Bharath given in Bharathari's Natyashastra, where Bha = Bhav, Ra = Ragam & Ta = Talam. As far as India or Hindustan is concerned, it can again be traced back to the word "Indu" in Samskrut which means the Moon or Som (ras) which is frequently referred to in the Vedas/Puranas.Therefore, over a period of time, people who came from the North-West started pronouncing Indu as Hindu phonetically which got further corrupted to Indos/India. In today's multi-polar world, the word Bharat & India can be used interchangeably with a small amendment to the Preamble to the Constitution to say: Bharat that is India and NOT " India that is Bharath".
जय गुरुदेव बाबा, जय हिंद, जय भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान, वंदे वेद मातरम, इंकलाब जिंदाबाद था है और रहेगा। भारत माता पिता गुरु की जय। भारतीय जनता पार्टी सरकार, सत्यमेव जयते।
बहुत अच्छा स्पष्टीकरण दिया आपने। किसी भी वस्तु व्यक्ति स्थान के कयी नाम होते हैं।अजनाभ बर्ष जंबूद्वीप आर्यावर्त भरतखण्ड भारत इंडिया हिंदू स्थान सब सही है। वर्तमान में हिंदी और भारतीय भाषाओं में भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी में इण्डिया कहे जाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। धन्यवाद
सबसे पहले तो इतने कड़े परिश्रम और शोध के लिए आपको धन्यवाद🙏 बात करे देश के नाम की तो वास्तव में मुझे भारत नाम अति प्रिय है किंतु ये भी परम् सत्य है कि अपने जीवन के इतने वर्षों तक इंडिया नाम सुनते सुनते हर जगह पढ़ते हर शार्ट फॉर्म में उसकी फूल फॉर्म याद करते करते और स्टेडियम में इंडिया ,इंडिया,,नाम सुनते सुनते मुझे इंडिया शब्द से भी गहरा लगाव हो गया है,,,इसलिए मैं तो दुविधा में हूँ😐🌳🌳
India and Bharat both are same. Foreigners find India easier to speak, hence we call India in English and Bharat in Hindi. It was a good analysis on historical facts. Bharat Mata ki jai 🙏 Proud to be Indian 🙏
WHY should we be so keen on making things easier for foreigners?? Therein lies the SLAVE MENTALITY! Ever heard of any European nation making things easy for African or Asian comprehension? Root cause is we are forever ready to become the doormat of westerners to wipe their shoes and walk over us. The more educated an Indian, the more servile he is to West! When on earth we begin to ENJOY CALLING THE SHOTS - that day we as a nation will be redeemed!
I am studying your yogdarshan''s session and you are a good presenter, Please also make a course on Vedant Darshan of Madhvacharya ji and Shankaracharya ji tooo
BHAI.....THE WAY YOU EXPLAIN IS OUTSTANDING...... ........I UNDERSTOOD THE SAMKHYA DARSHAN IN JUST 2 VIDEO.....BRILLIANT VIDEO.........THANK YOU.........
मेरा भारत महान! I love my India! हिंदुस्तान जिंदाबाद! और हमे ये भी नही भूलना की वासुदेव कुटुम्बकम! 🙏🙏 पूरी पृथ्वी हमारी मां है और यहा के सारे जीव जंतु हमारे खास। 🙏❤️
Mera sabhi se kahna hai ki India hi Bharat hai or Bharat naam se jo samman, vedik itihas, or sanskriti ka anubhav hota hai wo alag hi baat hai. Isliye ham sab ko jyada se jyada Bharat shabd ka upyog karna chahiye.
India name Is missed pronounced from Sindhu and Bharat is our history and culture but although india is symbolises our struggle of freedom and becoming powerful internationally, I love both but now we have to promote Bharat
The real truth is nothing. Every name, every word and every thought is somewhere and in some time corrupted and mispronounced. That is pure history. Our tendency and humans beings is to dig as far as we can in history to find what we believe we belong from, and call it ours. No one can never establish history. Why do you think there were so many changes in certain names? Some were because in very bad times the powerful ones literally had the power to change history, which put the future generations in trouble. And with this confusion, the future generations changed their names and connotations to get a hand on what they believed to be truly theirs. If we change our name to Bharat, we are certainly doing the same. If we don't, we won't have to worry because we know that a thousand years from now, no one will no where India, let alone bharat came from. They will only know about now the same way we know about the time 1000 years back.
भारत ही सार्थक है दूसरा कोई भी नाम हमें मंजूर नहीं। विदेशियों ने पहले हमें हिंदू कह दिया तो हम सिंधु से हिन्दू हो गए। और फिर हमारे देश का नाम भी बदला गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम सबसे प्राचीन धर्म में विश्वास करते हैं जिसका नाम सनातन है और हमारी धरती आर्यावर्त है, हम भरत संचाललित राज्य होने के कारण भारत भी बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन इंडिया कभी नहीं क्युकी इससे अंग्रेजी सत्ता की बू आती है। ⚔️🙏🚩🙏⚔️भारत माता की जय 🙏🚩🙏⚔️
You are greatest teachers for us,who teach us important of Sanatana Dharma,value of our Dharama, Sanskar n Sanskriti My God,Sir you don't even know how much Important Lesson to give us,now we realized what mistakes Until we done for our motherland😔 Thankq soooo much sir,now we got to know Value n important of Bharat Bhoomi,I Love India,Bharat n Hindustan all,becasue all our beauty of Motherland🙏🕉️
एक महान व्यक्ति ने कहा था, भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है, एक जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। और उस व्यक्ति ने ये भी कहा था, भारत वंदन की धरती अभिनंदन की धरती है। ये अर्पण की भूमि है ये तर्पण की भूमि है। इसकी नदी हमारे लिए गंगा है, इसका कंकड़ कंकड़ हमारे लिए शंकर है। हम जियेंगे तो इस भारत के लिए, हम मरेंगे तो इस भारत के लिए। और मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हमारी अस्थियों को कोई कान लगाके सुनेगा तो एक ही आवाज आएगी भारत माता की जय।
हमारे ऋषियों ने देश को भारत बोला है, इसीलिए हमको भारत नाम से ही जानना चाहिए, विदेशी किस नाम से बुलाते हैं , इस से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमको अपनी पहचान अपने तरीके से ही देना चाहिए
France - The name France comes from the Latin word Francia, which means "realm of the Franks". The Franks were a Germanic tribe who invaded the Western Roman Empire in the 5th century. They established the most powerful Christian kingdom in early medieval Western Europe. The Franks' name may have come from the Proto-Germanic word frankon, which means "javelin, lance". It may also have come from another word meaning "free, bold, or without hindrance".
I am against in this bharat vs india controversy bcoz there is mention in consitution That - " india i,e,. Bharat" the both names are correct for our country and it represents our country'peoples. I love my india ❤ मेरा भारत महान 🇮🇳
अपने पूर्वजों द्वारा दिये नाम को जो पूर्वजों की ही कृपा है कि हज़ारों साल के आक्रमण अतिक्रमण अत्याचार, गुलामी और आजादी के बाद छल के बावजूद बचा हुआ है तो उसी को दृढ़ता से पकड़े रहना और बढ़ाना, गौरवान्वित करना चाहिए!
The Germans call themselves Alemania The name "Alemania" comes from the name of a Germanic tribe that lived in the area of present-day Switzerland and Alsace. The Alemanni were a confederation of tribes that ruled the Rhine River from the 3rd to the 6th centuries. The word "Alemania" is derived from the name of this tribe. The name "Alemania" is also used in French, Portuguese, and Turkish, with slight spelling differences. The Turkish name is likely a French loanword. The name "Deutschland" is thought to mean "neighbor" or "men of the forest". The names for Germany in other Germanic languages come from the same root: Duitsland: Afrikaans and Dutch Tyskland: Danish, Norwegian, and Swedish Þýskaland: Icelandic
Same with China Since China was considered by their people as the centre of whole earth or the country in the middle(politically and economically) thus 中華 central beauty
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3 श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
बहुत बहुत धन्यवाद मोती बहुत ही आजची तरह ज्ञान दिया परंतु मुझे लगता है कुछ भी हो जाये अपना देश का नाम भारत ही होना चाहिये इंडिया नही 👍👍👍👍🪷❤️💐🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🚩🚩🚩
विशाल भईया 🙏🙏 आज आपके और आपके ज्ञान के ऊपर पूरे भारत वर्ष को गर्व की अनुभूति हो रही है जल्द ही आपके यूट्यूब पर 1 मिलियन पूरे होने वाले है और आगे भी निरंतर बढ़ते रहेंगे भईया आपसे एक निवेदन है मुझे किताबे पढ़ने का बहुत शौक है और हमारे गांव में कोई लाइब्रेरी नही है और न ही किताबो की कोई दुकान जिससे हम खरीद सके और ऑनलाइन खरीदना हमारे अचकन से बाहर है अतः आपसे निवेदन यह है की आप कुछ हिंदी में लिखी हुई किताबे जो आपने पढ़ ली हो और आपके विशेष काम की न हो ऐसी किताबे मुझे उपहार स्वरूप दे सकते है क्या 🙏🙏 आपका उपकार रहेगा जीवन पर्यंत 🙏🙏
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3 श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
Japan The native name for Japan is 日本, which can be pronounced as either "Nihon" or "Nippon". The kanji characters for 日本 mean "sun" and "origin". The name "Nihon" means "origin of the sun", or "the land of the rising sun". The Chinese gave Japan this name in the 7th century. Before that, Japan was known as Yamato. The name "Japan" comes from the Japanese pronunciation of the word in the early 17th century. In most other languages, Japan is called something similar to "Japan". For example, in French it is called "Japon" and in Italian, it is called "Giappon".
किसी एक व्यक्ति के नाम से देश का नाम नही हो सकता। भारत का अर्थ है भा याने सुरज या तेज और रत याने उसकी आराधना में मग्न होना। तो हम सुरज की आराधना में मग्न होने वाले लोगों का समूह है । इसीलिए इस भूभाग का नाम भारत रखा गया हैं ।
भारत शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । भा और रत । भा अर्थात् ज्ञान रूपी प्रकाश और रत अर्थात् लगा हुआ । अत: भारत का अर्थ हुआ : वह भूमि जिसके निवासी ज्ञान की खोज में लगे हुए हों ।
I believe that HyperQuest is known for their knowledge of Vedas but their research on this issue has not been much. If anyone wants to know a little more easily and better about this controversy then read Nitish Rajput's article on this issue. I got a little better perspective by watching the video made on
Always being blessed and blissful to witness your devoted and dedicated efforts to uplift the spirit and essence of BHARAT... If Allowed, then humbly would like to draw your kind attention that in BHARAT, Jain, bauddh, swami narayan etc like MANY SAMPRADAY(a path to lead)... which If I am not wrong, one of your videos also clarified but we unconsciously evenly call them religion today in our daily talks(which lead to politically favouritism/attention).. The purpose was always to follow the path which leads one to supreme. Religion being much foreign word to this land. So, if Jain / bauddh Sampraday etc would be used, it may be appropriate instead of the term dharma... Apologies in case have conveyed anything inappropriately. Michhami Dukkdam... _/\_
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Bhaiya research kare Bina as a Kshatriya bata raha hu Chakravarti Samrat Bharat Chandravanshi Kshatriya the or Awadh par Suryavansh ka raaj tha 🙏
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अगर " स "को " ह " या" स " को" इ " बोलते है तो उनके यहा स नाम से शब्द नही होना चाहिए ?
Bhgawat puran mai adbhut vigyan ruclips.net/video/gSxqfgHU-g8/видео.htmlfeature=shared
Ye admi ko Harare dharma ka sahi gyan hai esko salute hai mujhe kafi pata chala hai apne dharma ke bare mai esse
Ji sahi hai Jai shree ram
@@maxindia5380jai shree ram bhai😊
Aapki language bhai sahab 😮
[ Necrophilia sex with dead bodies in Hinduism vs Islam ] Video uploaded :- ruclips.net/video/aJISjUsXcm4/видео.htmlsi=xzTd_XlNYF6VhExH
ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए
मुझे बहुत खुशी है कि कोई हमारे देश और धर्मग्रंथों का ज्ञान दे रहा है हमे। सैल्यूट।
सबसे पहले तो इतने कड़े परिश्रम और शोध के लिए आपको धन्यवाद🙏
बात करे देश के नाम की तो वास्तव में
भारत नाम अति प्रिय है
भारत नाम से मशहूर होना चाहिए पूरे दुनिया में 🇮🇳।।भारत माता की जय।।🇮🇳
Here is someone who actually understands the greatness of bharat.
🙏😊
Don't you accept the greatness of India?
@@HyperQuest यज्ञकर्म क्रियावेदः स्मृतिर्वेदो गृहाश्रमे ! स्मृतिर्वेदः क्रियावेदः पुराणेषु प्रतिष्ठितः !!
पुराणपुरुषाजातं यथेदं जगद्द्भुतम् ! तथेदं वाङ्मयं जातं पुराणेभ्यो न संशयः !!
न वेदे ग्रहसंचारो न शुद्धिः कालबोधिनी ! तिथिवृद्धिक्षयो वापि पर्वग्रहविनिर्णयः !!
इतिहासपुराणैस्तु निश्चयो$म् कृतः पुरा ! यत्र दृष्टं हि वेदेषु तत्सर्वं लक्ष्यते स्मृतौ !!
उभयोर्यन्न दृष्टं हि तत्पुराणैः प्रगीयते !!!
( नारद पुराण उ. अ. २४.)
अर्थ:- यज्ञ एवं कर्मकाण्ड के लिए वेद प्रमाण हैं ! गृहस्थों के लिए स्मृतियाँ ही प्रमाण हैं ! किन्तु वेद और स्मृतिशास्त्र (धर्मशास्त्र) दोंनों ही सम्यक रूप से पुराणों में प्रतिष्ठित है ! जैसे परमपुरुष परमात्मा से ही यह अद्भुत जगत उत्पन्न हुआ है, वैसे ही सम्पूर्ण संसार का वाङ्मय - साहित्य पुराणों से ही उत्पन्न है, इसमें लेशमात्र भी कोई संसय नहीं है !!
वेदों में तिथि, नक्षत्र आदि काल निर्णायक और ग्रह संचार की कोई युक्ति नहीं बताई गयी है ! तिथियों की वृद्धि, क्षय, पर्व, ग्रहण आदि का निर्णय भी उनमे कहीं नहीं है ! यह निर्णय सर्वप्रथम इतिहास पुराणों के द्वारा ही निश्चित किया गया है ! जो बातें वेदों में नहीं है, वे सब स्मृतियों में है, और जो बात इन दोंनों में नहीं मिलती, वो पुराणों के द्वारा ज्ञात होती है !!
भारतीय वाङ्मय में पुराणों का एक विशिष्ट स्थान है ! इनमे वेदों के निगूढ़ अर्थों का स्पष्टीकरण तो है ही, साथ ही कर्मकाण्ड, उपासना कांड, और ज्ञानकाण्ड के सरलतम विस्तार के साथ-साथ कथावैचित्र के द्वारा साधारण जनता को भी गूढ़ से गूढ़तम तत्व (ज्ञान) को भी सहजता से हृदयंगम करा देने की अपूर्व विशेषता है !!
इस युग में, धर्म की रक्षा और भक्ति के मनोरम विकास का जो यत्किंचित दर्शन हो रहा है, उसका समस्त श्रेय पुराण-साहित्य को ही है ! वस्तुतः भारतीय संस्कृति और साधना के क्षेत्र में कर्म, ज्ञान और भक्ति का मूल श्रोत वेद या श्रुतियों को ही माना गया है ! वेद अपौरुषेय, नित्य और स्वयं भगवान् की वाङ्मयी मूर्ति ही है ! स्वरूपतः वे भगवान के साथ अभिन्न हैं, परन्तु अर्थ की दृष्टि से वेद अत्यंत दुरूह भी है !!
वैसे तो वेदों का अर्थ आज कोई भी अपने मनमाने ढंग से कर लेता है, लेकिन मूल रूप में वेदों का अर्थ, बिना तपस्या के कोई नहीं जान सकता ! व्यास, बाल्मीकि आदि महर्षियों ने कठिन तपस्या और इश्वर कि असीम अनुकम्पा से हि इन दुरूह वेदों के प्राकृत अर्थ को कुछ-कुछ जाना ! और इन वेदों को प्रचारित करने कि आवश्यकता समझी, और इसीलिए उन्होंने वेदों के गुढ़ अर्थ को रामायण, महाभारत और पुराणों के रूप में सरलीकरण करके हमारे लिए प्रस्तुत किया !!
शास्त्रों में कहा गया है, कि वेदों के अर्थ को समझना है, तो रामायण, महाभारत और पुराणों के माध्यम से, इन्हीं के सहारे समझना चाहिए ! यथा - इतिहास-पुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत् !!!!
पुराणों की बहुत ही महिमा है, जीतनी गाई जाय, उतनी ही कम लगती है ! इन पुराणों में हमारे पूर्वज आदर्श ऋषियों की समूची परिकल्पनाएं समायी हुई हैं ! सम्पूर्ण विश्व को संरक्षण देने वाला विज्ञान समाहित है ! और यहाँ तक की, सम्पूर्ण सृष्टि को स्थिर रखने का गूढ़ ज्ञान भी इन पुराणों में है, जरुरत है, शास्त्र पुराणों को समझने की, सुनने की, और इनके बताये मार्ग का अनुशरण करने की !!
@@VivekKumar-db2yy भागवत पुराण » स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग » अध्याय 13: श्रीमद्भागवत की महिमा » श्लोक 15
श्लोक 12.13.15 copy
सर्ववेदान्तसारं हि श्रीभागवतमिष्यते ।
तद्रसामृततृप्तस्य नान्यत्र स्याद्रति: क्वचित् ॥ १५ ॥
शब्दार्थ
सर्व-वेदान्त-समस्त वेदान्त दर्शन का; सारम्-सार; हि-निस्सन्देह; श्री-भागवतम्-श्रीमद्भागवत; इष्यते-कहा जाता है कि; तत्-इसके; रस-अमृत-अमृतमय स्वाद से; तृप्तस्य-तृप्त होने वाले के लिए; न-नहीं; अन्यत्र-दूसरी जगह; स्यात्-है; रति:-आकर्षण; क्वचित्-कभी ।.
अनुवाद
play_arrowpause श्रीमद्भागवत को समस्त वैदिक दर्शन का सार कहा जाता है। जिसे इसके अमृतमय रस से तुष्टि हुई है, वह कभी अन्य किसी ग्रंथ के प्रति आकृष्ट नहीं होगा।
@@HyperQuestभागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3
श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
विशाल भाई, बहुत ही सुन्दर विश्लेषण किया है।This is purely a scientific explanation without creating controversy, maintaining objectivity,but at the same time keeping our identity with pride.
🙏🙏🙏
Dhol ki pol
ruclips.net/video/eBQoZig83AU/видео.htmlsi=b3SYUle8i-vcYEgw
Great research and presentation. Feeling proud of being a Bhartiya
🙏🇮🇳
Sir इस प्रकार कई विषयों reasearch कैसे किया जाता हैं कोई website बताए।
@@HyperQuestभागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3
श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
For the one who is born in the soil of this country, this country is *Bharat*
And for those who come here from outside to visit, there is *India*
😂😂😂😂😂😂
Saare Jahan se Achhaa Hindustan Humara🇮🇳🔱🕉️🚩
जम्बूद्वीपे, भारतवर्षे, भरतखण्डे, आर्यावर्ते, India, Hindustan.. 🇮🇳❤️🙏 Ye saare hi naam humari matrabhoomi ke gauravshali itishas ko darshate hain..
Aur muje meri matrabhoomi ke ye saare hi naam pyaare hain🥰
Jai Bharat🙏
Vande Matram🇮🇳
Jai Hind🚩🔱🕉️🌼
सही और सुंदर जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जय भारत 🇮🇳🙏🇮🇳🕉️
🙏 🇮🇳
Multi-source collection, deep research and powerful content 😊
Proud hindu 🚩
Sindhu ka apbharsh hai hamare dharm ka koi nam nahi
@@krishnaradhe3089aisa kisine naam rakha nahi hai. But kahane ke kiye sanatan ya aryan dharam kaha sakte hai.
Mai strictly ayran dharam bolne ko prefer karta hu. But filhaal sanatani hi popular hai.
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3
श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
@@harekrishna2291 ham purano ko nahi mante.
@@Epicurousdemos hum tumko nahi mante tum bhad me jao. Tumhare man ne ya na man ne se ghanta kuch farak nahi padta. Kiya kare kau o ko kachra khana hi pasand ha achi chise nahi. Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
It's a well researched video on Bharat vs. India. The name Bharath: is a syntax derived from the native Samskrut and the etymological meaning of Bharath: can be broken into two words, namely, Bha = light or knowledge and Rath: = relish. The word Rath can also mean a chariot to symbolize pursuit. Therefore, Bharath: means the people of the land who relish or pursue knowledge or wisdom. There is à cultural and literary connotation to the word Bharath given in Bharathari's Natyashastra, where Bha = Bhav, Ra = Ragam & Ta = Talam. As far as India or Hindustan is concerned, it can again be traced back to the word "Indu" in Samskrut which means the Moon or Som (ras) which is frequently referred to in the Vedas/Puranas.Therefore, over a period of time, people who came from the North-West started pronouncing Indu as Hindu phonetically which got further corrupted to Indos/India. In today's multi-polar world, the word Bharat & India can be used interchangeably with a small amendment to the Preamble to the Constitution to say: Bharat that is India and NOT " India that is Bharath".
Please also make the real importance of the symbol Om and Swastik in Hinduism.🚩🕉️
Tum gulam ho
Dhol ki pol
ruclips.net/video/eBQoZig83AU/видео.htmlsi=b3SYUle8i-vcYEgw
Sir, your opening comments are spot on . An excellent overview of our stupidly and lack of respect for our incredible history.
इंडिया माता की जय नहीं बल्कि भारत माता की जय होता है इसका मतलब हमारा देश भारत ही है।महाभारत की युद्ध में इस का उद्घोष हुआ है❤❤❤
Mother indus ki jai
@@kartikjain547भाई मदर इंडस नहीं है रिग वेद मे सप्त सैनधव है जो जेंद आवेस्ता मे हप्त हैंधव हुआ वंहा से बाद मे बाकि दुनिआ हमें हिन्दू कहने लगी
@@kartikjain547😂😂
I love my India ❤
Tum bhai akdam ghadhe ho kyuki tumko itna nahi pta ki bharat hindi bhasa hai aur india english bhasa ab bharat bolo ya india
जय गुरुदेव बाबा, जय हिंद, जय भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान, वंदे वेद मातरम, इंकलाब जिंदाबाद था है और रहेगा। भारत माता पिता गुरु की जय। भारतीय जनता पार्टी सरकार, सत्यमेव जयते।
Proud of you brother
Excellent job
You are doing a great work
May God bless you 👍👍
Thankyou so much 🙏😊
अद्भुत विश्लेषण आदरणीय ❤😊😊😊
🙏🏼हरि ॐ 🙏🏼
I aspire to be like you. Telling straight facts, having in-depth knowledge, consistency, and what not!
Yeah admi ka liya such mai dil mai bohot respect ha ❤🙇 keep growing sir
🙏❤️
बहुत अच्छा स्पष्टीकरण दिया आपने। किसी भी वस्तु व्यक्ति स्थान के कयी नाम होते हैं।अजनाभ बर्ष जंबूद्वीप आर्यावर्त भरतखण्ड भारत इंडिया हिंदू स्थान सब सही है। वर्तमान में हिंदी और भारतीय भाषाओं में भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी में इण्डिया कहे जाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। धन्यवाद
Hare Krishna prabhuji It was amazing and I think Bharat name is the best for us and our own culture
Thanks for this 😊
सबसे पहले तो इतने कड़े परिश्रम और शोध के लिए आपको धन्यवाद🙏
बात करे देश के नाम की तो वास्तव में मुझे भारत नाम अति प्रिय है किंतु ये भी परम् सत्य है कि अपने जीवन के इतने वर्षों तक इंडिया नाम सुनते सुनते हर जगह पढ़ते हर शार्ट फॉर्म में उसकी फूल फॉर्म याद करते करते और स्टेडियम में इंडिया ,इंडिया,,नाम सुनते सुनते मुझे इंडिया शब्द से भी गहरा लगाव हो गया है,,,इसलिए मैं तो दुविधा में हूँ😐🌳🌳
I love my India. I'm proud to be an Indian 🇮🇳
Proud to be a hindu 🕉🔱💕
Me Sanatani Hu🕉️🚩
@@JAI--SRI--RAMhum sanatani ♾️ h🕉️🕉️
@@JAI--SRI--RAMहम सब सनातनी हैं।
@@JAI--SRI--RAM 🕉🙏❣
@@ravibisht1111 🕉🙏❣
India and Bharat both are same. Foreigners find India easier to speak, hence we call India in English and Bharat in Hindi. It was a good analysis on historical facts. Bharat Mata ki jai 🙏 Proud to be Indian 🙏
WHY should we be so keen on making things easier for foreigners?? Therein lies the SLAVE MENTALITY! Ever heard of any European nation making things easy for African or Asian comprehension? Root cause is we are forever ready to become the doormat of westerners to wipe their shoes and walk over us. The more educated an Indian, the more servile he is to West! When on earth we begin to ENJOY CALLING THE SHOTS - that day we as a nation will be redeemed!
I am studying your yogdarshan''s session and you are a good presenter,
Please also make a course on Vedant Darshan of Madhvacharya ji and Shankaracharya ji tooo
jai shree ram 🚩🚩
has he already covered all 195 sutras?
Thank you so much for appreciating our efforts. We will launch that course soon. Stay tuned! 🙏❤️
@@HyperQuest aap kis gurukul se padh rahe hai
विशाल चौरसिया जी आपने बहुत ही अच्छा वीडियो बनाया देख कर अच्छा लगा अब आप मुझे यह भी समझा दीजिए कि पशु बलि के कितने साक्ष्य हैं इतिहास में 🙏♥️🔱🚩🌹🇮🇳।
As I Always Say This Chanel Is A Boon To Sanatan Dharama💯
Jai Shri Ram🙏🏻
Thankyou so much. Your words means a lot to us! Jai Shree Ram 🙏
BHAI.....THE WAY YOU EXPLAIN IS OUTSTANDING......
........I UNDERSTOOD THE SAMKHYA DARSHAN IN JUST 2 VIDEO.....BRILLIANT VIDEO.........THANK YOU.........
Thankyou so much for appreciating our efforts. It means a lot! 🙌😊
भारत माता की जय 🇮🇳👍
🙏
हमारे देश के नाम की जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद छोटी सी उम्र में तुमने इतना ज्ञान अर्जित किया है यह बहुत बड़ी बात है❤
Excellent enalysis ❤ . Joy Bharat . Bande Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Hello
Ye banda alag hai….kya sahi tarika hai yaar express karne ka …mind blowing thank you for such kind of channel..we love it…❤
जय हिन्द जय हिंदू
जय श्री राम जय राष्ट्र
भारत माता की जय 🧡⛳⛳⛳⛳🇮🇳
Jay Hind..🇮🇳 Jay Bharat..🇮🇳
छत्रपती शिवाजी महाराज की जय...🚩🚩🚩
जय सनातन हिंदू राष्ट्र ..🚩🚩🚩
भारत माता की जय..🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🙏🇮🇳
हम india नाम के विरोधी नहीं है पर हम भारत नाम को विश्व स्तर पर देखना चाहते हैं ❤
Bilkul sahi bat hai
जबरदस्त जिंदाबाद समसामयिक अभिनंदनीय मननीय अनुकरणीय व वितरणीय अभिव्यक्ति एवं प्रस्तुति हमेशा जैसी महत्वपूर्ण, सनातनी एवं राष्ट्रवादी!
Crystal clear and crisp explanation 👍
मेरा भारत महान!
I love my India!
हिंदुस्तान जिंदाबाद!
और हमे ये भी नही भूलना की वासुदेव कुटुम्बकम! 🙏🙏
पूरी पृथ्वी हमारी मां है और यहा के सारे जीव जंतु हमारे खास। 🙏❤️
हमें भारतीय होने पर गर्व है
भारतवर्ष से भारत है जो मूल शब्द है। भारत हमारे देश का नाम रखना हमारी संस्कृति और हमारी मान्यता के अनुरूप है।
I love my India. Proud to be an Indian.
You live according to foreigners. just like a dog or any pet animal who live by his masters given name.
Very Interesting and Knowledgeable Video
Jai Bharat
VandeMaataram
Jai Hind
Bharat Mata Ki Jai
🙏🇮🇳🌺🔱🚩🙏
विश्व का सबसे पुराना इतिहास भारत का ही है। भारत माता की जय 🚩🚩 पृथ्वी मां की जय 🚩🚩
I salute your work and research. Keep going🙏👍.
And In my opinion Bharat name is good for our country. It's show our history, culture and our roots.
Mera sabhi se kahna hai ki India hi Bharat hai or Bharat naam se jo samman, vedik itihas, or sanskriti ka anubhav hota hai wo alag hi baat hai. Isliye ham sab ko jyada se jyada Bharat shabd ka upyog karna chahiye.
India name Is missed pronounced from Sindhu and Bharat is our history and culture but although india is symbolises our struggle of freedom and becoming powerful internationally, I love both but now we have to promote Bharat
The real truth is nothing. Every name, every word and every thought is somewhere and in some time corrupted and mispronounced. That is pure history. Our tendency and humans beings is to dig as far as we can in history to find what we believe we belong from, and call it ours. No one can never establish history. Why do you think there were so many changes in certain names? Some were because in very bad times the powerful ones literally had the power to change history, which put the future generations in trouble. And with this confusion, the future generations changed their names and connotations to get a hand on what they believed to be truly theirs. If we change our name to Bharat, we are certainly doing the same. If we don't, we won't have to worry because we know that a thousand years from now, no one will no where India, let alone bharat came from. They will only know about now the same way we know about the time 1000 years back.
And also radicalism? Am I right?
@@VivekKumar-db2yyya napunsak reservation product,baba saheb baba saheb😂
Jai bharat
@@VivekKumar-db2yy what radicalism please explain
*"Hyper quest "मेरे लिए यूट्यूब का सबसे बेहतरीन चैनल है।❤❤❤*
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏😊
भारत ही सार्थक है
दूसरा कोई भी नाम हमें मंजूर नहीं।
विदेशियों ने पहले हमें हिंदू कह दिया तो हम सिंधु से हिन्दू हो गए।
और फिर हमारे देश का नाम भी बदला गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
हम सबसे प्राचीन धर्म में विश्वास करते हैं जिसका नाम सनातन है और हमारी धरती आर्यावर्त है, हम भरत संचाललित राज्य होने के कारण भारत भी बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन इंडिया कभी नहीं क्युकी इससे अंग्रेजी सत्ता की बू आती है।
⚔️🙏🚩🙏⚔️भारत माता की जय 🙏🚩🙏⚔️
Sir i really wants from my bottom of heart that our country should be renamed as bharat
Bharat hona Chahiye🇮🇳
Jay Hind Jay Bharat🇮🇳😎🙏
Bhai sirf bharat ka itihash nai he ye hamara itihash he vagwan sab ka hota he love from Nepal
Nepal ko toh angrezon ne gulam nahi banaya… aapka aur hamara itihas alag hai aur jeevan bhi
जय हिन्द,,, वंदे मातरम्,,,
Only भारत माता ❣️❣️❣️
जय हिन्द जय भारत ❤️🔥🚩
You are greatest teachers for us,who teach us important of Sanatana Dharma,value of our Dharama, Sanskar n Sanskriti My God,Sir you don't even know how much Important Lesson to give us,now we realized what mistakes Until we done for our motherland😔 Thankq soooo much sir,now we got to know Value n important of Bharat Bhoomi,I Love India,Bharat n Hindustan all,becasue all our beauty of Motherland🙏🕉️
भारत ही सबसे सुंदर नाम है 🙏❤️🙏
एक महान व्यक्ति ने कहा था, भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है, एक जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। और उस व्यक्ति ने ये भी कहा था, भारत वंदन की धरती अभिनंदन की धरती है। ये अर्पण की भूमि है ये तर्पण की भूमि है। इसकी नदी हमारे लिए गंगा है, इसका कंकड़ कंकड़ हमारे लिए शंकर है। हम जियेंगे तो इस भारत के लिए, हम मरेंगे तो इस भारत के लिए। और मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हमारी अस्थियों को कोई कान लगाके सुनेगा तो एक ही आवाज आएगी भारत माता की जय।
What will happen when India officially adopt Bharat name...
And than Pakistan adopt India(seriously)😮😮😮
हमारे ऋषियों ने देश को भारत बोला है, इसीलिए हमको भारत नाम से ही जानना चाहिए, विदेशी किस नाम से बुलाते हैं , इस से कोई फर्क नहीं पड़ता।
हमको अपनी पहचान अपने तरीके से ही देना चाहिए
France -
The name France comes from the Latin word Francia, which means "realm of the Franks".
The Franks were a Germanic tribe who invaded the Western Roman Empire in the 5th century.
They established the most powerful Christian kingdom in early medieval Western Europe.
The Franks' name may have come from the Proto-Germanic word frankon, which means "javelin, lance".
It may also have come from another word meaning "free, bold, or without hindrance".
Aapne Total War Attila ka game khe Hai kya?
History tells us
we are भारतीय, we can't forget our history. That's why i supporters * * भारत **
हमें भारतीय होने पर गर्व है 🇮🇳🇮🇳
भारत माता की जय 🇮🇳 🇮🇳
जय श्री राम 🚩 🚩
जय श्री राम 🚩🕉️
भारत शब्द में जो अपनापन है वह बाकी शब्दों में नहीं इंडिया और हिंदुस्तान बोल तो हम सकते हैं लेकिन यह नाम बोलने में अकेलापन महसूस होता है
I am against in this bharat vs india controversy bcoz there is mention in consitution That - " india i,e,. Bharat" the both names are correct for our country and it represents our country'peoples.
I love my india ❤
मेरा भारत महान 🇮🇳
India is named because british named it. They couldn't spell sindh so made their own word. This is not acceptable
संविधान से हजारों लाखों वर्ष पहले भी भारत ही था...
संविधान तो अभी अभी लिखा गया है....
Jai hind
In Hindi language of constitution it is written Bharat i.e India.
अपने पूर्वजों द्वारा दिये नाम को जो पूर्वजों की ही कृपा है कि हज़ारों साल के आक्रमण अतिक्रमण अत्याचार, गुलामी और आजादी के बाद छल के बावजूद बचा हुआ है तो उसी को दृढ़ता से पकड़े रहना और बढ़ाना, गौरवान्वित करना चाहिए!
Finally you come with this topic 🙌
Yrr atleast iske 1 million subscribers toh karado
Kitna sahi h yrr
The Germans call themselves Alemania
The name "Alemania" comes from the name of a Germanic tribe that lived in the area of present-day Switzerland and Alsace. The Alemanni were a confederation of tribes that ruled the Rhine River from the 3rd to the 6th centuries. The word "Alemania" is derived from the name of this tribe.
The name "Alemania" is also used in French, Portuguese, and Turkish, with slight spelling differences. The Turkish name is likely a French loanword.
The name "Deutschland" is thought to mean "neighbor" or "men of the forest". The names for Germany in other Germanic languages come from the same root:
Duitsland: Afrikaans and Dutch
Tyskland: Danish, Norwegian, and Swedish
Þýskaland: Icelandic
Same with China
Since China was considered by their people as the centre of whole earth or the country in the middle(politically and economically) thus
中華 central beauty
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3
श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
Living close in the woods. Is German ancestors life.
बहुत बहुत धन्यवाद मोती बहुत ही आजची तरह ज्ञान दिया परंतु मुझे लगता है कुछ भी हो जाये अपना देश का नाम भारत ही होना चाहिये इंडिया नही 👍👍👍👍🪷❤️💐🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🚩🚩🚩
Thanks for your explanation ❤
Most Welcome Alok Ji 🙏😊
विशाल भईया 🙏🙏
आज आपके और आपके ज्ञान के ऊपर पूरे भारत वर्ष को गर्व की अनुभूति हो रही है जल्द ही आपके यूट्यूब पर 1 मिलियन पूरे होने वाले है और आगे भी निरंतर बढ़ते रहेंगे
भईया आपसे एक निवेदन है मुझे किताबे पढ़ने का बहुत शौक है और हमारे गांव में कोई लाइब्रेरी नही है और न ही किताबो की कोई दुकान जिससे हम खरीद सके और ऑनलाइन खरीदना हमारे अचकन से बाहर है
अतः आपसे निवेदन यह है की आप कुछ हिंदी में लिखी हुई किताबे जो आपने पढ़ ली हो और आपके विशेष काम की न हो ऐसी किताबे मुझे उपहार स्वरूप दे सकते है क्या 🙏🙏
आपका उपकार रहेगा जीवन पर्यंत 🙏🙏
Bhaiya keep uploading your videos love to see it thanks bhaiya 💞 जय श्री राम 🚩
जय श्री राम 🙏😊
भागवत पुराण » स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा » अध्याय 7: राजा भरत कार्यकलाप » श्लोक 3
श्लोक 5.7.3 अजनाभं नामैतद्वर्षं भारतमिति यत आरभ्य व्यपदिशन्ति ॥ ३ ॥ शब्दार्थअजनाभम्-अजनाभ; नाम-नाम से; एतत्-यह; वर्षम्-द्वीप; भारतम्-भारत; इति-इस प्रकार; यत:-जिससे; आरभ्य-प्रारम्भ करके; व्यपदिशन्ति-कहते हैं, पुकारते हैं ।. अनुवाद play_arrowpause पहले इस देश का नाम अजनाभवर्ष था, किन्तु महाराज भरत के शासन काल से इसका नाम भारतवर्ष पड़ा। तात्पर्यplay_arrow यह देश पहले राजा नाभि के शासन के कारण अजनाभ कहलाता था। भरत महाराज के शासन काल के बाद यह भारतवर्ष कहलाया।
भारत माता की जय
🇮🇳🇮🇳❤️🙏❤️💐💐🌹🌹🎊🚩👆🏻✅
Bahut hi deep jankari ke sath Bharat or India ka details mila . Thanks 🙏🏻
Great and truthful analysis 🙏🙏🌹🌹🌹🙏
Thankyou so much 🙏😊
ज्ञानवर्धक प्रस्तुति..अति सुन्दर...
Japan
The native name for Japan is 日本, which can be pronounced as either "Nihon" or "Nippon".
The kanji characters for 日本 mean "sun" and "origin". The name "Nihon" means "origin of the sun", or "the land of the rising sun".
The Chinese gave Japan this name in the 7th century. Before that, Japan was known as Yamato.
The name "Japan" comes from the Japanese pronunciation of the word in the early 17th century. In most other languages, Japan is called something similar to "Japan". For example, in French it is called "Japon" and in Italian, it is called "Giappon".
खर्च चाहे जो आये लेकिन राष्ट्र का नाम भारत ही होना चाहिए.
Ham to aapse ak saal se jude hai 🙏
Bahut kuch sikhne ko milta hai 🙏🕉️🚩🇮🇳
Proud of you ..Bharat k har ladka / ladki ko apse sikhna chahiye .. aajkl k youth ko bharat k itihas aur hindu dharm ke bare me bilkul gyan nahi hai
Bharat desh Hamara❤
किसी एक व्यक्ति के नाम से देश का नाम नही हो सकता। भारत का अर्थ है भा याने सुरज या तेज और रत याने उसकी आराधना में मग्न होना। तो हम सुरज की आराधना में मग्न होने वाले लोगों का समूह है । इसीलिए इस भूभाग का नाम भारत रखा गया हैं ।
देश का नाम भारत ही होना चाहिए
भारत शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । भा और रत । भा अर्थात् ज्ञान रूपी प्रकाश और रत अर्थात् लगा हुआ । अत: भारत का अर्थ हुआ : वह भूमि जिसके निवासी ज्ञान की खोज में लगे हुए हों ।
BHARAT is only Name
🕉️🇮🇳❤️💪
Aap jaise longo ki bhot jrurt h is dekh ko 👍👍
I believe that HyperQuest is known for their knowledge of Vedas but their research on this issue has not been much. If anyone wants to know a little more easily and better about this controversy then read Nitish Rajput's article on this issue. I got a little better perspective by watching the video made on
haa sahi kaha . agar aapko sociopolitics angle se samjhana hai to nitish rajput is best. but not DHRUV RATHEE.
Muze Tino naam pyare Bharat i.e. India 🇮🇳
Hindustan Jindabad
Jai Hind 🇮🇳
Genuine content hat's off to you 🎉🎉
🙏❤️
🇮🇳 Republic of India ❤ भारत गणराज्य 🇮🇳
Thanku ...asi video banaker hum tak pahuchane ke liye 🙏🙏🙏🙏
Excellent analysis ✍✍✍✍👍👍👍👍
🙏
Aapka vishleshan hamen paryapt roop se santusht karta hai
आर्य समाज ये दावा करता है कि वेदों में कोई भी इतिहास नहीं है....👉इस बात में कितनी सच्चाई है,???
चाहें भारत कहो, आर्यावर्त कहो, हिंदुस्तान कहो या इंडिया. इस से ना हमारी पहचान बदलती हैं और ना ही हमारी संस्कृति.
Always being blessed and blissful to witness your devoted and dedicated efforts to uplift the spirit and essence of BHARAT... If Allowed, then humbly would like to draw your kind attention that in BHARAT, Jain, bauddh, swami narayan etc like MANY SAMPRADAY(a path to lead)... which If I am not wrong, one of your videos also clarified but we unconsciously evenly call them religion today in our daily talks(which lead to politically favouritism/attention).. The purpose was always to follow the path which leads one to supreme. Religion being much foreign word to this land. So, if Jain / bauddh Sampraday etc would be used, it may be appropriate instead of the term dharma...
Apologies in case have conveyed anything inappropriately. Michhami Dukkdam... _/\_
Well done bhai. Aise hi information share karte raho. Aapke videos dekh kar bahut nayi cheezein pata chalti hai.