अध्यात्मिक गुरू ! कौन होता है ? मनुष्य जीवन मै गुरू का क्या महत्व है ?दौ सन्तो का विचार ||

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  • Опубликовано: 28 янв 2025

Комментарии • 17

  • @PhoolKanwar-sv7lb
    @PhoolKanwar-sv7lb 2 месяца назад +2

    1 किलो हल्दी लपेट के बैठ गया कचरी बेचने वाले का जवाब देना राधे राधे राधे राधेराधे सत्यम शिवम सुंदरम❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉

  • @prashantmadavi2587
    @prashantmadavi2587 2 месяца назад +1

    गोबर खिलाने वाले कैसे भगवान बतायेंगे विश्व मे एकी गुरु है जगद्गुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

  • @khusbooraz
    @khusbooraz 2 месяца назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @hemnarayanmajhi
    @hemnarayanmajhi 2 месяца назад +1

    बर्तमानमा सच्चा सत् गुरु रामपालजी माहाराजजी हुनुहुन्छ ।

  • @gdsafviughog3280
    @gdsafviughog3280 2 месяца назад +1

    Supreme,godkabir,, Great sant,jagat,guru,tatvadarsi,sant,rampalji,marajji,ka,Gyan,great,Gyan,hai

  • @PhoolKanwar-sv7lb
    @PhoolKanwar-sv7lb 2 месяца назад

    गुरु भगवान से बड़े होते हैं गुरु ही तो बताते हैं कि भगवान है भगवान के विषय में कचरी बेचने वाले नहीं बता सकते राधे राधेराधे❤❤❤❤❤😂😂😂❤❤❤😂😂😂😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂

  • @m.mannatverma2653
    @m.mannatverma2653 2 месяца назад

    अनिरुद्ध जी महाराज दोहा लेते है चकबीर का, और मतलब बताते है रघुवीर का ।सन्त रामपाल जी महाराज की जय हो।

  • @chudamanigautam-uh9hq
    @chudamanigautam-uh9hq 2 месяца назад

    अनीरूद्धाककग्यान।।
    पाखनडीहै।।
    औरनरकबासीहै।।
    इसीलीयेझूटबोलतेरहतेहै।।
    त्ततदरसीरांमपलकाग्यानसहीहै।।
    सतलोकलेजानेवालाहैजी।।
    समझलीजीये।।
    जैजैबनदछोडकी।।
    कबीरकीदयाहो।।मदासहूजी।।
    सतलोकलेजाना।।
    मेरेमालीककीदयाहो।।
    13:30 13:31 13:32 13:34

  • @RamjitKori-ou6ln
    @RamjitKori-ou6ln 2 месяца назад

    😢रामपाल अंडा मांस खाने वाला साल खुद भगवान बन गया

  • @PhoolKanwar-sv7lb
    @PhoolKanwar-sv7lb 2 месяца назад

    त्रिकुटी तो ऐसे बता रहे हैं जैसे भी मैं की दुकान के बारे में हो

  • @BasnetBishnu-y2o
    @BasnetBishnu-y2o 2 месяца назад

    Sanatan dharmama ki mul rastase chhodkar jo kohi ghantal ke pas jata our o naya panta banata apni marjise dono hi narak jayega jis guru ka kohi bhagawat prapti nahi our o naya khudka rasta banate uski narak nischit hoti ! Ham jante jee kabir das jee ke naam se rotiya sekneki kaam horahi hai mul sanatan dharma se bhatakneke liye warning hai bhagawan ki abhi se sudhar jau maharaj jee kohi majak nahi hai ,shakshat bhagawanne warning kiya hai yamraj jee ki kassam !!

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 2 месяца назад

    ❤❤ वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद नहीं मिलते तो रामपाल वेदों से गीता से किसकी पहचान कर रहा है यह धोखा है और कबीर जी के विरुद्ध है देखो कबीर जी क्या कह रहे हैं।
    वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
    गीता को पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के परम धाम की अर्थात सतगुरु के देश की पहुंच नहीं है तो रामपाल गीता से किसकी पहुंच करा रहा है।

    • @AshokPatil-r8q
      @AshokPatil-r8q 2 месяца назад

      आप मूर्ख हो! वेद और गीता में परमात्मा का भेद यानि महिमा हैं परंतु प्राप्ति की विधि नहीं हैं। प्राप्ति की विधि सतगुरु रूप में परमात्मा स्वयं आते है वहीं परमात्मा प्राप्ति की विधि सही सही बताते हैं।

    • @PhoolKanwar-sv7lb
      @PhoolKanwar-sv7lb 2 месяца назад

      कलयुग में वेदों में भगवान नहीं होते कलयुग में कलयुग का राज होता है वेद की व्याख्या सतयुग में समझ मेंआती है अगर वेदों में भगवान होते कलयुग में बड़े बड़े व्यापारीघूम रहे हैं

    • @munnalal-ui6lb
      @munnalal-ui6lb 2 месяца назад

      @PhoolKanwar-sv7lb व्यास जी ने चार वेद छह शास्त्र 18 पुराण का अध्ययन किया लेकिन दिल को शांति नहीं मिली जब भागवत का निर्माण हुआ तब दिल को शांति मिली।
      लेकिन कलयुग में भागवत को पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक के अलावा दूसरा कोई भागवत को खोल नहीं सकता।
      कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने जागृत बुद्धि से भागवत को खोल कर एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद की पहचान कराई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।

  • @Sharma-h1e
    @Sharma-h1e 2 месяца назад

    Gobar khilane wale guru aur gobar khane wale chela logo ko sachai samjh nahi aati ki sach kya hai bhagwan kise kahte hai patahi nahi dusro ko murkh banate hai sache guru bhagwan se kam nahi hote sant rampal ji maharaj sach me bhagwan hai jo guru kabhi vedpadha hi na ho to chela kya padhege esiliye parsidh hai gobarwale baba