मुशीबत में कौन साथ देता है? इसे जरूर सुनें रोने, बंद हो जाऐगा। कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी।
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- Опубликовано: 8 сен 2024
- मुशीबत में कौन साथ देता है? इसे जरूर सुनें रोने, बंद हो जाऐगा। कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी//साध्वी सुमेधा साहेब जी।
motivational speech// by Sadhvi Sumedha ji
कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी, सीधा प्रसारण/Kabir,कबीर बीजक पढ़ाई, कबीर आश्रम देवरी, सीधा प्रसारण/Kabirसदगुरु कबीर देव की वाणी, अध्यात्म संबंध सभी ग्रंथों का अध्ययन, साथियों द्वारा सीधा प्रसारण।
कबीर पारख साध्वी आश्रम देवरी नरसिंहपुर मध्य प्रदेश द्वारा लाइव प्रसारण
@ABHILASH SAHEB
सद्गुरु अभिलाष साहेब जी के प्रवचन इस लिंक पर आप सुन सकते हैं
हैंyoutube.com/@rushikeshgautam2086
मंदिर मस्जिद जाने से फायदा या नुकसान। मंदिर में जाने के बाद, पूजा - पाठ, व्रत, तप , जप, संध्या- कीर्तन करने के बाद भी इतने पाप क्यों हो रहे हैं ?भ्रष्टाचार क्यों हो रहा है? अत्याचार क्यों हो रहा है? भगवान से भी लोग क्यों नहीं डर रहे हैं? भगवान को भी धोखा दे रहे हैं? सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आप हमारे विचारों को जरूर सुने।
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Kabir Das was a 15th-century Indianemystic poet and saint. His writings influenced Hinduism's Bhakti movement, and his verses are found in Sikhism's scripture Guru Granth Sahib, the Satguru Granth Sahib of Saint Garib Das, and Kabir Sagar.
कबीरदास या कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमर्गी उपशाखा के महानतम कवि हैं। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएँ सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं।
सदगुरू अभिलाष साहेब जी
सद्गुरु अभिलाष दास भारत के एक महान संत थे जिन्होंने मानव कल्याण के लिए कार्य करके मनुष्य के जीवन को अंधकार से बाहर निकालकर प्रकाश में लाने का काम किया है। जिन्होंने भारत के महान कवि कबीर दास जी की शिक्षा और कबीर दास जी के संदेश को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया है जिस कार्य को कोई आम इंसान नहीं कर सकता है यह परम पूज्य सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी की सोच रही थी कि यदि कबीर साहिब जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाए तो मानव कल्याण में वह अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
आज हमारे भारत देश के ऐसे महान संत सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी इस दुनिया में नहीं रहे हैं आज हम सभी लोगों को भारत देश के महान संत सद्गुरु अभिलाष साहेब जी की कमी महसूस हो रही है अभिलाष साहेब जी कबीर पारख संस्थान के एक संत थे। जिनका निधन प्रीतम नगर में स्थित एक आश्रम में हो गया था। जब भारत के महान संत अभिलाष साहेब का निधन हुआ तब देश के दूर-दूर, कोने-कोने से महान संतों का जमावड़ा प्रीतम नगर स्थित आश्रम में लग गया था और सभी अभिलाष साहेब जी के मृत शरीर के दर्शन करने के लिए पधारे थे।
सभी संतो ने एक-एक करके सद्गुरु अभिलाष साहेब जी के चरणों को छुआ और भगवान से यही प्रार्थना की कि ऐसे महान संत का जन्म हमारे भारत देश में होता रहे और संत अभिलाष साहेब को शांति प्राप्त हो अभिलाष साहेब जी भारत के महान कवि कबीर के एक सच्चे अनुयाई माने जाते हैं उन्होंने कबीर की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है जब शैक्षणिक संस्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता था। तब उन कार्यक्रमों में अभिलाष साहेब जी के बारे में भी चर्चा की जाती है।
अभिलाष साहेब जी प्रवचन में हमेशा कहा करते थे कि इंसान भूल बस बंधन में है। कहने का तात्पर्य है कि इंसान भूलवश बंधनों में बंधा हुआ है इंसान के मोक्ष कि यदि सबसे बड़ी बाधा है तो वह बाधा बंधन है जो व्यक्ति बंधुओं से मुक्त हो जाता है वह व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
साहिब बंदगी साहिब बंदगी साहिब बंदगी साहिब जी
Saheb bandgi Saheb ji
उत्तम विचार
साहेब बंदगी साध्वी माते बहुत सुंदर प्रवचन 🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Thanks
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी 🙏🙏🙏 बहुत सुंदर 🙏
👌👌👌
35:58 😮😢🎉😂
Saheb bandagi saheb ji 🌹🌹🌹 🙏🙏🙏
Saheb bandgi sahab ji
Sunder vichar😊
Sahieb bandagi🙏🙏🙏💥💥💥💯
साहेब बंदगी साहेब जी🙏🙏🙏
।।अखण्ड सारशबद मार्ग दर्शन-संतो की वाणी।।विदेही परमात्माराम सबका एक है, देही नाम रटे निगुरा अनेक। नाम और नामी मे भेद है, आत्माराम सबका एक।।00।।परमात्माराम नाम अखण्ड संजीवनी, जान सुधा सतधाम, शबद गुरु दया निधान को सुमरो आठो याम।।00।।कहत साँई अरुण जी महाराज अपने सतसंग मे, तूने हीरा सा जनम गंवाया जी, शबद गुरु झनकार बिना नर निगुरे।।00।।कहे साँई अरुण जी महाराज सुन भाई सालिकराम मै भेद कहूं सतधाम का, संदेश है सुखारा परम राम नाम अखण्ड का। भव की दुविधा दूर नसाई, आवागमन पल मे मिट जाई।।काल सवार निगुरा नर मानत नाही, हजारो सतसंग सुनाऐ। मै खीचूं सतलोक की ओर, वो दौडा यमपुर जाऐ और विरथा मानुष जनम गंवाऐ।।01।।बडे भाग्य से नर तन पाया, सुर दुर्लभ सब संतन गाया। क्या कसमे खाकर नर आया जगत मे, क्या लेकर जाऐगा सोचले मन मे।।परम राम नाम अखण्ड चित्त मे पाये ना मुक्ती, अब भी करले मानुष नेक युक्ती। धरले संग आत्मा संग परमात्मा की गवाही, तेरा जनम मरण पल मे मिट जाई, अपने आप से ना कर रुसवाई।।02।।तेने वेद पुराण पढे बहु भारी, खंडन मंडन उमर गुजारी। विरथा लोक बडाई, निगुरा खूब करी चतुराई।।चार दिनो का इस जगत मे वासा, छोडदे निगुरा जगत की आशा। चाल विहंगम और सहज योग को जानले, अंत समय सतधाम को सीधा जाईले, भेदी गुरु साँई अरुण जी महाराज से परम भेद सीखले।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018-🙏🏻🌹
सालिकराम सोनी जी सतधामी भाई जी ।इस संसार के प्राणी यो के सत गुरु जी है ।और आगे भी सत गुरु जी रहेगे।मगर यह मानव जून में आकर के अपने-आपको भूल गये है इनका सत गुरु इनके अगं-संग है ।यह मन और माया दोनों दृश्य है जो जीवो को भटकाते है ।जीव दृशटा हैं ।जिस दिन जीव की दृष्टि दोनों पर पडती है । मन और माया दोनों गायब हो जाते है ।और जीव अपने निज घर पहुंच जाता है ।और उसी जीव का जीते जी जीवन सफल हो जाता है ।
।। सत नाम जी ।।
🙏
नमन
Mangal prwachan hriday sukha dayak. Sat saheb bandagi saheb bandagi
Very very
Saheb bandagi saheb ji ♥️❣️🤍🤲🌺🤲🌺🤲🌺
❤🙏🌹✨✨🌹
नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी
❤
Very nice 👌
Mujhe Santi de saheb bandagi
शांति तो सदैव आपके पास है।
अशांति का काम छोड़ दिया बस शांति ही शांति है।
जीव शांत स्वरूप ही है।
वर्तमान में वर्तो भाई ।
भूत भविष्य को देव उड़ाई।।
Kberjiparmatma
❤ saheb bandagi saheb ji sat Nam sadguru saheb bandagi saheb ji ❤
Bahut Sundar vichar Jay Bheem
Mujhe Santi de
अपने आप में लौटने का प्रयास करिए, शांति तो आपके पास ही है। मन से ऊपर उठिए देखिए मन में ही बंधन है मन में ही मोक्ष ,मन में ही दुख है मन में ही सुख, मन में ही अशांति है मन में ही अशांति।
बाहर तो प्रकृति में केवल घटनाएं घट रही हैं। वहां ना दुख है ना सुख है। ना शांति है ना अशांति है ।ना बंधन है ना मोक्ष है। इसलिए मन को समझिए।
आत्मा में भी यह सब नहीं है। बस मन को समझना है फिर शांति ही शांति है। सुख ही सुख है ।आनंद ही आनंद है। मन को बस में करने की कला हम सबको आनी चाहिए ।यह कला प्रत्येक मानव को बचपन से ही सीख लेनी चाहिए।
Jab man batakta h tab kea kae
नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी
Saheb Bandagi Saheb Ji ❤❤❤