🪷है भक्ति का भंडारी तू.. भजन... 🪷
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- Опубликовано: 16 июн 2024
- साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय । सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय||
अर्थ :- इस संसार में ऐसे सज्जनों की जरूरत है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है. जो सार्थक को बचा लेंगे और निरर्थक
को उड़ा देंगे. Видеоклипы
🙏🙏jai sachdanandji 🙏 ❤❤