हज़रत अहमद शाह बुखारी रहमतुल्लाह अलेह दरगाह आगरा :-2020

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  • Опубликовано: 7 фев 2025
  • आगरा. ताजमहल को आज भी भूत-जिन्न से खतरा है। यह सवाल लगातार उठता रहा है। ताजमहल के चारों तरफ मौजूद अरब के पीर हजरत अहमद बुखारी और उनके तीन भाइयों की दरगाह रक्षा करती हैं। दरगाह से जुड़े लोगों को यकीन है कि जब तक ये मजार यहां पर है, ताज को कुछ भी नहीं होगा। वर्ल्ड हेरिटेज डे पर dainikbhaskar.com आपको इसकी हिस्ट्री से रूबरू करा रहा है। भूत-जि‍न्न की वजह से रुकने को तैयार नहीं था कोई कारीगर - दरगाह अहमद बुखारी शाह के मो. निजाम के मुताबिक, जब शाहजहां ताजमहल की नींव रखवा रहे थे, तब भूत-जिन्‍न रात को ताज की नींव ध्‍वस्‍त कर देते थे। इसकी वजह से यहां कोई भी कारीगर रुकने को तैयार नहीं था। - इसके बाद शाहजहां को इमामों ने अरब स्थित बुखारा शहर के पीर हजरत अहमद बुखारी को बुलाने का सुझाव दिया।
    बादशाह के बुलावे पर पीर अपने साथ भाई सैय्यद जलाल बुखारी शाह, सैय्यद अमजद बुखारी शाह और सैय्यद लाल बुखारी शाह और सैंकड़ों सहायकों के साथ आगरा आए। चारों पीर बंधुओं ने कुरान-कलमों का पाठ करवाया - दरगाह कमेटी के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष मुईन बाबूजी के मुताबिक, चारों पीर बंधुओं ने ताजमहल के नींव परिसर पर पहुंचकर कुरान और कलमों का पाठ किया। इसके बाद शाहजहां के हाथों नींव रखवाकर ताजमहल को बनवाने का काम शुरू करवाया। इसके बाद, ताजमहल का निर्माणकार्य पूरा हो सका।
    हाजी मिर्जा सरदार बेग ने बताया, चारों पीर बाबाओं के इंतकाल के बाद उनके कहे अनुसार ताजमहल के चारों कोनों पर मजार बनाई गई।
    हजरत अहमद बुखारी की मजार पूर्वी गेट के पास बनी है। जलाल बुखारी की पश्चिमी, लाल बुखारी की थाना ताजगंज और लाल बुखारी की बिल्‍लोचपुरा में मजार बनाई गई थी। आज भी चारों भाई भूत-जि‍न्न से ताजमहल की कर रहे हैं रक्षा - मान्‍यता है कि आज भी चारों भाई भूत और जिन्‍न से ताजमहल की रक्षा कर रहे हैं। जब तक ताजमहल के चारों ओर इनकी दरगाह मौजूद है, तब तक ताज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
    दरगाह कमेटी के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष मुईन बाबूजी कहते हैं, आज भी शाहजहां के उर्स पर जियारत करने वाले श्रद्धालु को सबसे पहले अहमद बुखारी की दरगाह पर आना होगा। तभी उनकी जियारत पूरी होगी।

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