कृप्या आप गीता अध्याय 6 श्लोक 16 को भी पढ़े जिसमें लिखा है कि हे अर्जुन यह योग (साधना) न तो अधिक खाने वाले का, न बिल्कुल न खाने (व्रत रखने) वाले का सिद्ध होता है। न अधिक जागने वाले का न अधिक श्यन करने (सोने) वाले का सिद्ध होता है न ही एक स्थान पर बैठकर साधना करने वाले का सिद्ध होता है। गीता अध्याय 6 श्लोक 10 से 15 तक वर्णित विधि का खण्डन गीता अध्याय 3 का श्लोक 5 से 9 में किया है कि जो मूर्ख व्यक्ति समस्त कर्म इन्द्रियों को हठपूर्वक रोक कर अर्थात् एक स्थान पर बैठकर चिन्तन करता है वह पाखण्डी कहलाता है। इसलिए कर्मयोगी (कार्य करते-2 साधना करने वाला साधक) ही श्रेष्ठ है। वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु (ब्रह्म) किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है
गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना से होने वाली गति (लाभ) को अति घटिया (अनुत्तमाम्) कहा है। इसी गीता अध्याय 18 श्लोक 62 तथा अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि हे अर्जुन ! तू परम शान्ति तथा सतलोक को प्राप्त होगा, फिर पुनर् जन्म नहीं होता, पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो जाता है। मैं (गीता ज्ञान दाता प्रभु) भी उसी आदि नारायण पुरुष परमेश्वर की शरण हूँ, इसलिए दृढ़ निश्चय करके उसी की साधना व पूजा करनी चाहिए।
गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे भारत, तू सर्व भाव से उस परमात्मा की शरण में जा, उसकी कृपा से ही तू परमशान्ति को तथा सनातन परम धाम अर्थात् सतलोक को प्राप्त होगा। गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि जब तुझे गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में वर्णित तत्वदर्शी संत मिल जाए उसके पश्चात उस परमपद परमेश्वर को भली भाँति खोजना चाहिए, जिसमें गए हुए साधक फिर लौट कर इस संसार में नहीं आते अर्थात् जन्म-मृत्यु से सदा के लिए मुक्त हो जाते हैं। जिस परमेश्वर ने संसार रूपी वृक्ष की रचना की है, मैं भी उसी आदि पुरुष परमेश्वर की शरण में हूँ। उसी की भक्ति करनी चाहिए।
Lekin yah baat bhi sahi hai ki jitna jyada aap vrat karte Ho. bhukhe rahte Ho.. to aapka man bahut hi jyada shant ho jata hai aur aap ek alag hi Jon mein chale jaate Ho
I don't know why I feel that Kareem ji seems very knowledgeable but he always try to twist his answer and in all his videos he just leave his answer unclear
Yes, i have also noticed. Sometimes he doesn't have proper answers to the queries which he ducks away with unrelated answers or descriptions. But, he really has achieved a lot spiritually. God truly has been kind to him and showered blessings. Overall, I have learnt a lot from his discourses.
.1 समाधि लगानेे के बारे में गीता जी में क्या बताया गया है? हठयोग करके ध्यान करना या समाधि लगाना गीता ज्ञान दाता का मत है कि 'व्यर्थ क्रिया है‘। गीता जी में एक जगह बैठकर साधना करने वाले व्यक्ति की साधना को व्यर्थ बताया गया है। इसीलिए समाधि नहीं लगानी चाहिए। गीता अध्याय 3 श्लोक 3 से 8 तक में कहा है कि जो एक स्थान पर बैठकर हठ करके इन्द्रियों को रोककर साधना करते हैं वे पाखण्डी हैं। गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में भी गीता ज्ञान दाता ने समाधि क्रिया को व्यर्थ बताया है।
Ye sidhi baat he ki aap kya sochte ho vo saf saf dikhe ga aap bhukhhe re rahe ho vrat kar rahe ho to kudart ko pahrke pata chdl jayega ki ye jiv kisi ko hani nahi pshochana chfhta isme chamtakar bhaghvaan miracle ye sab ki baat kaha aati ye sab dhandha he sach itna he ki dharm ke raste chalna kam ladana jyada he aap us raste pe chslo khudm khud aap khud bhaghvaan jese dev ban jaoge .didhi bata he fir socho ge ki bhaghvaan aap ko darshan de or chdmtkar kare esa nahi hota .vo sab befkufo ne felaya huva jaal he......
Ha ye sach he ki vart se bhut kuch hota hai lekin aagr aap kgane ke bare me jo bol rhe ho vo shi nhi he bhukha aadmi aagr sukhi roti bhi khaayega na to bhi use 56 bhog ka aanand milega
@@spiritual.raja9 ohh please rehne do..ajkl har dusra banda gyan baat raha hai..khud ko SPRITUAL kehte hain ...aur jinki real mein kundalini shakti jagrit ho jati hai ..un logo ka aura bahut different hai ..aisa fake nhi
Ye muslim hai ye nonveg khata hoga hi..defend kaise karega...baat hindu muslim ki nahi...bhagwan sabko pyar karte hai vegitarian ko bhi aur non vegitarian ko bhi..insaan ka karm aur mann achha hona chahiye bas..
हा ये सच है व्रत से बहुत ज्यादा फायदा होता है
कृप्या आप गीता अध्याय 6 श्लोक 16 को भी पढ़े जिसमें लिखा है कि हे अर्जुन यह योग (साधना) न तो अधिक खाने वाले का, न बिल्कुल न खाने (व्रत रखने) वाले का सिद्ध होता है। न अधिक जागने वाले का न अधिक श्यन करने (सोने) वाले का सिद्ध होता है न ही एक स्थान पर बैठकर साधना करने वाले का सिद्ध होता है। गीता अध्याय 6 श्लोक 10 से 15 तक वर्णित विधि का खण्डन गीता अध्याय 3 का श्लोक 5 से 9 में किया है कि जो मूर्ख व्यक्ति समस्त कर्म इन्द्रियों को हठपूर्वक रोक कर अर्थात् एक स्थान पर बैठकर चिन्तन करता है वह पाखण्डी कहलाता है। इसलिए कर्मयोगी (कार्य करते-2 साधना करने वाला साधक) ही श्रेष्ठ है। वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु (ब्रह्म) किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है
गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना से होने वाली गति (लाभ) को अति घटिया (अनुत्तमाम्) कहा है। इसी गीता अध्याय 18 श्लोक 62 तथा अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि हे अर्जुन ! तू परम शान्ति तथा सतलोक को प्राप्त होगा, फिर पुनर् जन्म नहीं होता, पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो जाता है। मैं (गीता ज्ञान दाता प्रभु) भी उसी आदि नारायण पुरुष परमेश्वर की शरण हूँ, इसलिए दृढ़ निश्चय करके उसी की साधना व पूजा करनी चाहिए।
गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे भारत, तू सर्व भाव से उस परमात्मा की शरण में जा, उसकी कृपा से ही तू परमशान्ति को तथा सनातन परम धाम अर्थात् सतलोक को प्राप्त होगा। गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि जब तुझे गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में वर्णित तत्वदर्शी संत मिल जाए उसके पश्चात उस परमपद परमेश्वर को भली भाँति खोजना चाहिए, जिसमें गए हुए साधक फिर लौट कर इस संसार में नहीं आते अर्थात् जन्म-मृत्यु से सदा के लिए मुक्त हो जाते हैं। जिस परमेश्वर ने संसार रूपी वृक्ष की रचना की है, मैं भी उसी आदि पुरुष परमेश्वर की शरण में हूँ। उसी की भक्ति करनी चाहिए।
Lekin yah baat bhi sahi hai ki jitna jyada aap vrat karte Ho. bhukhe rahte Ho.. to aapka man bahut hi jyada shant ho jata hai aur aap ek alag hi Jon mein chale jaate Ho
❤❤great approach
Jay sanideve bhaiya ji
Khan bhaiya ne aapke podcast mein bhi samjha Diya chalo bahut badhiya. Ham a gaye hain ki sunane khatti meethi baten😊
भाई आप सही बात बता रहे हो
❤❤❤❤❤❤
I don't know why I feel that Kareem ji seems very knowledgeable but he always try to twist his answer and in all his videos he just leave his answer unclear
Yes, i have also noticed. Sometimes he doesn't have proper answers to the queries which he ducks away with unrelated answers or descriptions. But, he really has achieved a lot spiritually. God truly has been kind to him and showered blessings. Overall, I have learnt a lot from his discourses.
Actually one way he is following hindu rituals and one the other hand he don't forget his muslim behaviour.
yes may be that is the reason he is not clear with his answers @@kartiknarayan7792
Sat zamin juo niche ke hai ous ke bare mea batay
Baglamukhi maa ko dhyan m dekhk batao kaise kre unka jaap
Egypt ke God or histere batay
Planit ke angel or days ka bare mea batay 🎉🎉🎉
Sidhi baat koi bhi chhij ko jio or jine do jo khata khane do nahi khata use bhi mat khilav ha bas kosis karo achhe rastebpar chdlne ki.
.1 समाधि लगानेे के बारे में गीता जी में क्या बताया गया है?
हठयोग करके ध्यान करना या समाधि लगाना गीता ज्ञान दाता का मत है कि 'व्यर्थ क्रिया है‘। गीता जी में एक जगह बैठकर साधना करने वाले व्यक्ति की साधना को व्यर्थ बताया गया है। इसीलिए समाधि नहीं लगानी चाहिए। गीता अध्याय 3 श्लोक 3 से 8 तक में कहा है कि जो एक स्थान पर बैठकर हठ करके इन्द्रियों को रोककर साधना करते हैं वे पाखण्डी हैं। गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में भी गीता ज्ञान दाता ने समाधि क्रिया को व्यर्थ बताया है।
Numerology ke bare mea batay ka itni dafa surah parni hai oun ke angels ka name 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Fast krna sa kushni hota, asha karm kro,
Isko jin dikhayi dete hain..kyu yeh maas machli khata hai...yeh baat yeh bol nahi paa Raha..is par jin ki kripa hai ..
Aaj ye fas gya, bewajah ka confuse krta hai
Sahi to bol raha
Kya fas gaya
Kya galat bola usne ? He is telling the facts , sabse sharm ki baat hai ki aaj ke 70% so called hindu bache iska 10% nahi jaante.
Ye sidhi baat he ki aap kya sochte ho vo saf saf dikhe ga aap bhukhhe re rahe ho vrat kar rahe ho to kudart ko pahrke pata chdl jayega ki ye jiv kisi ko hani nahi pshochana chfhta isme chamtakar bhaghvaan miracle ye sab ki baat kaha aati ye sab dhandha he sach itna he ki dharm ke raste chalna kam ladana jyada he aap us raste pe chslo khudm khud aap khud bhaghvaan jese dev ban jaoge .didhi bata he fir socho ge ki bhaghvaan aap ko darshan de or chdmtkar kare esa nahi hota .vo sab befkufo ne felaya huva jaal he......
Ha ye sach he ki vart se bhut kuch hota hai lekin aagr aap kgane ke bare me jo bol rhe ho vo shi nhi he bhukha aadmi aagr sukhi roti bhi khaayega na to bhi use 56 bhog ka aanand milega
Phas gaya 😂😂😂
Satwikta btane k liy satwik hona pdta h.
Fake hai yeah..Isliye kabhi yeah banda koi clear answer de hi nhi sakta..
Jiski kundalini shakti jagrit hui hai woh log aisa gyan dae sakte hai.
@@spiritual.raja9 ohh please rehne do..ajkl har dusra banda gyan baat raha hai..khud ko SPRITUAL kehte hain ...aur jinki real mein kundalini shakti jagrit ho jati hai ..un logo ka aura bahut different hai ..aisa fake nhi
Koi bhi kuch bhi bol dega.. Had hai.. Kuch bhi.. Apni hi defination har cheej ke.. Pta nhi kaise
Ye muslim hai ye nonveg khata hoga hi..defend kaise karega...baat hindu muslim ki nahi...bhagwan sabko pyar karte hai vegitarian ko bhi aur non vegitarian ko bhi..insaan ka karm aur mann achha hona chahiye bas..
जरूरी नहीं हैं पढ़कर आए हैं ये बड़ी बात हैं
Wrong koi papi admi paap ke baitha ha aur fasting kar raha ha toh koi fayda nahin ha
Jay shree ram jay shree Krishna