सायन-निरयण में भेद, ऋतु, अयन,गोल में परिवर्तन कब, निरयण पंचांग ही क्यों, क्या ऋतु का विचलन हुआ है

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  • Опубликовано: 5 фев 2025

Комментарии • 8

  • @niranjantiwari-m4c
    @niranjantiwari-m4c 3 дня назад +1

    जो संस्कृत वाक्य आपने बोला वह किस ग्रंथ है कृपया स्थलनिर्देश करिये

  • @vijaygarva6788
    @vijaygarva6788 15 дней назад +1

    हर हर महादेव। प्रणाम आचार्य जी आपकी लग्न सारिणी पुस्तक से भी लग्न साधन बना सकते है तो उसमें और इस नई पुस्तक में क्या जल्दी लग्न निकल सकते है?

    • @bhagirathjoshi
      @bhagirathjoshi  15 дней назад +1

      इससे लग्न प्रवेश प्राप्त होगा जी

  • @dhaker95229
    @dhaker95229 15 дней назад +1

    Guru ji apka aapp kb tak aayega

  • @sarpanandpandey9525
    @sarpanandpandey9525 15 дней назад +1

    गुरु जी pr

  • @sarpanandpandey9525
    @sarpanandpandey9525 15 дней назад +1

    प्रणाम गुरु जी!!! पिपल को किस दिन नही छु सकते है? रविवार मङ्गल वा सुक्रबार को.

    • @bhagirathjoshi
      @bhagirathjoshi  15 дней назад +1

      छूने का दोष नहीं है शनिवार को दोपहर पश्चात पूजा नहीं करनी